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सार्वत्रिक वितरण

सूची सार्वत्रिक वितरण

जीव-भूगोल में, किसी वर्गक (टैक्सोन) के वितरण को, सार्वत्रिक वितरण तब कहा जाता है यदि, इसका जीव-भौगोलिक क्षेत्र विश्वव्यापी या विश्व के अधिकतर हिस्सों के उपयुक्त पर्यावासों में हो। उदाहरण के लिए, व्हेल का वितरण, सार्वत्रिक वितरण है, क्योंकि यह दुनिया के लगभग सभी महासागरों में पाई जाती है। अन्य उदाहरणों में मनुष्य, लाइकेन प्रजाति पार्मेलिया सुलकाटा और मोलस्क वंश माइटिलस शामिल हैं। सार्वत्रिक वितरण का कारण पर्यावरण सह्य-सीमाओं का व्यापक क्षेत्र, या विकास के लिए आवश्यक समय से अधिक तेजी से हुआ फैलाव हो सकता है। .

5 संबंधों: लाइकेन, ह्वेल, होमो सेपियन्स, जैव भूगोल, वंश (जीवविज्ञान)

लाइकेन

लाइकेन से आच्छादित वृक्ष लाइकेन (Lichen) निम्न श्रेणी की ऐसी छोटी वनस्पतियों का एक समूह है, जो विभिन्न प्रकार के आधारों पर उगे हुए पाए जाते हैं। इन आधारों में वृक्षों की पत्तियाँ एवं छाल, प्राचीन दीवारें, भूतल, चट्टान और शिलाएँ मुख्य हैं। यद्यपि ये अधिकतर धवल रंग के होते हैं, तथापि लाल, नारंगी, बैंगनी, नीले एवं भूरे तथा अन्य चित्ताकर्षक रंगों के लाइकेन भी पाए जाते हैं। इनकी वृद्धि की गति मंद होती है एंव इनके आकार और बनावट में भी पर्याप्त भिन्नता रहती है। .

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ह्वेल

एक ह्वेल और उसका बच्चा तिमि या ह्वेल (Whale) समुद्रों में रहने वाला एक स्तनधारी प्राणी है जिसे जीव-वैज्ञानिक वर्गीकरण के नज़रिए से सीटेशया के गण में शामिल किया जाता है। ह्वेल अक्सर भीमकाय आकार के होते हैं और सभी स्तनधारियों की तरह वे सांस केवल वायु में ले सकते हैं (यानि पानी में रहकर नहीं ले सकते)। व्हेलों के सिरों पर एक सांस लेने का छेद होता है और वह समय-समय पर पानी की सतह पर आकर इस से सांस खींचते हैं। नीली तिमि विश्व का सबसे बड़ा ज्ञात जानवर है और यह हाथियों और प्राचीन डाइनोसौरों से कई गुना बड़ा आकार रखता है। नीली तिमि ३० मीटर (९८ फ़ुट) लम्बी और १८० टन का वज़न रख सकती है जबकि पिग्मी स्पर्म तिमि जैसी तिमि की छोटी प्रजातियाँ केवल ३.५ मीटर (११ फ़ुट) की ही होती है।, How Stuff Works, Accessed 2007-05-29 व्हेलें दुनिया भर के समुद्रों और महासागरों में बस्ती हैं और इनकी संख्या लाखों में अनुमानित है लेकिन २०वीं सदी में इनका औद्योगिक पैमाने पर शिकार होने से इनकी बहुत सी जातियों पर हमेशा के लिए विलुप्त होने का संकट मंडराने लगा था। उसके बाद बहुत से देशों में व्हेलों के शिकार पर पाबंदी लगाई जिस से इस ख़तरे से उभरने में कुछ मदद मिली है। .

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होमो सेपियन्स

होमो सेपियन्स/आधुनिक मानव स्तनपायी सर्वाहारी प्रधान जंतुओं की एक जाति, जो बात करने, अमूर्त्त सोचने, ऊर्ध्व चलने तथा परिश्रम के साधन बनाने योग्य है। मनुष्य की तात्विक प्रवीणताएँ हैं: तापीय संसाधन के द्वारा खाना बनाना और कपडों का उपयोग। मनुष्य प्राणी जगत का सर्वाधिक विकसित जीव है। जैव विवर्तन के फलस्वरूप मनुष्य ने जीव के सर्वोत्तम गुणों को पाया है। मनुष्य अपने साथ-साथ प्राकृतिक परिवेश को भी अपने अनुकूल बनाने की क्षमता रखता है। अपने इसी गुण के कारण हम मनुष्यों नें प्रकृति के साथ काफी खिलवाड़ किया है। आधुनिक मानव अफ़्रीका में 2 लाख साल पहले, सबके पूर्वज अफ़्रीकी थे। होमो इरेक्टस के बाद विकास दो शाखाओं में विभक्त हो गया। पहली शाखा का निएंडरथल मानव में अंत हो गया और दूसरी शाखा क्रोमैग्नॉन मानव अवस्था से गुजरकर वर्तमान मनुष्य तक पहुंच पाई है। संपूर्ण मानव विकास मस्तिष्क की वृद्धि पर ही केंद्रित है। यद्यपि मस्तिष्क की वृद्धि स्तनी वर्ग के अन्य बहुत से जंतुसमूहों में भी हुई, तथापि कुछ अज्ञात कारणों से यह वृद्धि प्राइमेटों में सबसे अधिक हुई। संभवत: उनका वृक्षीय जीवन मस्तिष्क की वृद्धि के अन्य कारणों में से एक हो सकता है। .

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जैव भूगोल

जैव भूगोल, विभिन्न जीवधारियों और प्रजातियों के भूस्थानिक वितरण, स्थानिक वितरण के कारण और वितरण के प्रतिरूपों और उनमें समय के सापेक्ष होने वाले बदलावों का अध्ययन करता है। जैव भूगोल का उद्देश्य किसी जीव के आवास का प्रकटन, किसी प्रजाति की जनसंख्या का आकलन और यह पता लगाना है कि अमुक जीव किसी निश्चित भौगोलिक क्षेत्र में ही "क्यों या क्यों नहीं पाया जाता?" है। .

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वंश (जीवविज्ञान)

एक कूबड़ वाला ड्रोमेडरी ऊँट और दो कूबड़ो वाला बैक्ट्रियाई ऊँट दो बिलकुल अलग जातियाँ (स्पीशीज़) हैं लेकिन दोनों कैमेलस​ (Camelus) वंश में आती हैं जातियाँ आती हैं वंश (लैटिन: genus, जीनस; बहुवाची: genera, जेनेरा) जीववैज्ञानिक वर्गीकरण में जीवों के वर्गीकरण की एक श्रेणी होती है। एक वंश में एक-दूसरे से समानताएँ रखने वाले कई सारे जीवों की जातियाँ आती हैं। ध्यान दें कि वंश वर्गीकरण के लिए मानकों को सख्ती से संहिताबद्ध नहीं किया गया है और इसलिए अलग अलग वर्गीकरण कर्ता वंशानुसार विभिन्न वर्गीकरण प्रस्तुत करते हैं।, David E. Fastovsky, David B. Weishampel, pp.

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