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सामयिक पवन

सूची सामयिक पवन

मौसम या समय के साथ जिन पवनों की दिशा में परिवर्तन पाया जाता हैं, उन्हे सामरिक या कालिक पवन कहा जाता हैं। .

3 संबंधों: पर्वत एवं घाटी समीर, मानसून, स्थलीय एंव सागरीय समीर

पर्वत एवं घाटी समीर

अधिकांश पर्वतीय क्षेत्रों में दो प्रकार की दैनिक पवनें चलती हैं। दिन के समय पर्वतीय ढाल वाला क्षेत्र उसकी घाटियों की अपेक्षा अधिक गएम हो जाता हैं, जिसके कारण पवन का संचरण घाटी से ऊपर की ओर होने लगता हैं। इसी को घाटी समीर कहतें हैं। इसके विपरीत सूर्यास्त के बाद रात्री के समय यह व्यवस्था पलट जाती हैं। पर्वतीय ढालों पर पार्थिव विकीरण द्वारा तेजी से उष्मा का विसर्जन हो जाने से वहां उच्च वायुदाब का क्षेत्र बन जाता हैं तथा ऊचाई वाले भागों से ठंडी एवं घनी हवा नीचे बैठने लगती हैं, इस पवन को पर्वत समीर कहतें हैं। श्रेणी:सामयिक पवन.

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मानसून

जब ITCZ(उष्ण कटिबंधीय संरक्षित क्षेत्र)से जब व्यापारिक एवं समाॅगी हवाये ऊपर की ओर कोरियोलिस बल के कारण भारत के राज्य केरल मे 2महिना 10दिन मे मानसून पहुंचता है जो कि यहां सबसे पहले सबसे बाद मे भी मानसून यही होता है लेकिन भारत मे सबसे ज्यादा मानसून मासिनराम(मेघालय) मे होती है जो कि वहा पर औषतन बरसात 11873मिमी॰ की होती है । तमिलनाडु के नागरकायल (कन्याकुमारी के पास) में मानसून के बादल मानसून मूलतः हिन्द महासागर एवं अरब सागर की ओर से भारत के दक्षिण-पश्चिम तट पर आनी वाली हवाओं को कहते हैं जो भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश आदि में भारी वर्षा करातीं हैं। ये ऐसी मौसमी पवन होती हैं, जो दक्षिणी एशिया क्षेत्र में जून से सितंबर तक, प्रायः चार माह सक्रिय रहती है। इस शब्द का प्रथम प्रयोग ब्रिटिश भारत में (वर्तमान भारत, पाकिस्तान एवं बांग्लादेश) एवं पड़ोसी देशों के संदर्भ में किया गया था। ये बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से चलने वाली बड़ी मौसमी हवाओं के लिये प्रयोग हुआ था, जो दक्षिण-पश्चिम से चलकर इस क्षेत्र में भारी वर्षाएं लाती थीं। हाइड्रोलोजी में मानसून का व्यापक अर्थ है- कोई भी ऐसी पवन जो किसी क्षेत्र में किसी ऋतु-विशेष में ही अधिकांश वर्षा कराती है। यहां ये उल्लेखनीय है, कि मॉनसून हवाओं का अर्थ अधिकांश समय वर्षा कराने से नहीं लिया जाना चाहिये। इस परिभाषा की दृष्टि से संसार के अन्य क्षेत्र, जैसे- उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका, उप-सहारा अफ़्रीका, आस्ट्रेलिया एवं पूर्वी एशिया को भी मानसून क्षेत्र की श्रेणी में रखा जा सकता है। ये शब्द हिन्दी व उर्दु के मौसम शब्द का अपभ्रंश है। मॉनसून पूरी तरह से हवाओं के बहाव पर निर्भर करता है। आम हवाएं जब अपनी दिशा बदल लेती हैं तब मॉनसून आता है।.

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स्थलीय एंव सागरीय समीर

A: सागरीय समीर, B: स्थलीय समीर श्रेणी:सामयिक पवन de:Seewind.

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