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सम्पादन

सूची सम्पादन

संपादन का अर्थ है किसी लेख, पुस्तक, दैनिक, साप्ताहिक मासिक या सावधिक पत्र या कविता के पाठ, भाषा, भाव या क्रम को व्यवस्थित करके तथा आवश्यकतानुसार उसमें संशोधन, परिवर्तन या परिवर्धन करके उसे सार्वजनिक प्रयोग अथवा प्रकाशन के योग्य बना देना। लेख और पुस्तक के संपादन में भाषा, भाव तथा क्रम के साथ साथ उसमें आए हुए तथ्य एवं पाठ का भी संशोधन और परिष्कार किया जाता है। इस परिष्करण की क्रिया में उचित शीर्षक या उपशीर्षक, देकर, अध्याय का क्रम ठीक करके, व्याकरण की दृष्टि से भाषा सुधार कर, शैली और प्रभाव का सामंजस्य स्थापित करके, नाम, घटना, तिथि और प्रसंग का उचित योग देकर, आवश्यकतानुसार विषय, शब्द, वाक्य या उदाहरण बढ़ाकर, उद्धरण जोड़कर, नीचे पादटिप्पणी देकर सुबोध व्याख्या भी जोड़ दी जा सकती है। सामयिक घटना या विषय पर अग्रलेख तथा संपादकीय लिखना, विभिन्न प्रकार के समाचारों पर उनकी तुलनात्मक महत्ता के अनुसार उनपर विभिन्न आकार प्रकार के शीर्षक (हेडलाइन, फ़्लैश, बैनर) देना, अश्लील, अपमानजनक तथा आपत्तिजनक बातें न लिखते हुए सत्यता, ओज, स्पष्टवादिता, निर्भीकता तथा निष्पक्षता के साथ अन्याय का विरोध करना, जनता की भावनाओं का प्रतिनिधित्व करना, जनता का पथप्रदर्शन करना और लोकमत निर्माण करना दैनिक पत्र के संपादन के अंतर्गत आता है। साप्ताहिक पत्रों में अन्य सब बातें तो दैनिक पत्र जैसी ही होती हैं किंतु उसमें विचारपूर्ण निबंध, कहानियाँ, विवरण, विवेचन आदि सूचनात्मक, पठनीय और मननीय सामग्री भी रहती है। अत: उसके लेखों, साप्ताहिक समाचारों, अन्य मनोरंजक सामग्रियों तथा बालक, महिला आदि विशेष वर्गो के लिए संकलित सामग्री भी रहती है। अत: उसके लेखों, साप्ताहिक समाचारों, अन्य मनोरंजक सामग्रियों तथा बालक, महिला आदि विशेष वर्गों के लिए संकलित सामग्री का चुनाव और संपादन उन विशेष वर्गों की योग्यता और अवस्था का ध्यान रखते हुए लोकशील की दृष्टि से करना पड़ता है। इसी प्रकार वाचकों द्वारा प्रेषित प्रश्नों के उत्तर भी लोकशील तथा तथ्य की दृष्टि से परीक्षित करके समाविष्ट करना आवश्यक होता है। मासिक या सावधिक पत्र मुख्यत: विचारपत्र होते हैं जिनमें गंभीर तथा शोधपूर्ण लेखों की अधिकता होती है। इनमें आए लेखों का संपादन लेख या पुस्तक के समान होता है। विवादग्रस्त विषयों पर विभिन्न पक्षों से प्राप्त लेखों का इस प्रकार परीक्षण कर लिया जाता है कि उनमें न तो किसी भी प्रकार किसी व्यक्ति, समुदाय, समाज अथवा ग्रंथ पर किसी प्रकार का व्यंग्यात्मक का आक्रोशपूर्ण आक्षेप हो और न कहीं अपशब्दों या अश्लील (अमंगल, ब्रीडाजनक तथा ग्राम्य) शब्दों का प्रयोग हो। ऐसे पत्रों में विभिन्न शैलियों में आकर्षक रचनाकौशलों के साथ लिखे हुए पठनीय, मननीय, मनोरंजक, ज्ञानविस्तारक, विचारोत्तेजक और प्रेरणाशील लेखों का संग्रह करना, उसके साथ आवश्यक संपादकीय टिप्पणी देना, स्पष्टीकरण के लिए पादटिप्पणी, परिचय अथवा व्याख्या आदि जोड़ना और आए हुए लेखों को बोधगम्य तथा स्पष्ट करने के लिए अनावश्यक अंश निकाल देना, आवश्यक अंश जोड़ना, आदि से अंत तक शैली के निर्वाह के लिए भाषा ठीक करना, जिस विशेष कौशल से लेखक ने लिखा हो उस कौशल की प्रकृति के अनुसार भाषा और शैली को व्यवस्थित करना, यदि लेखक ने उचित कौशल का प्रयोग न किया हो तो उचित कौशल के अनुसार लेख को बदल देना, भाषा में प्रयुक्त किए हुए शब्दों और वाक्यों का रूप शुद्ध करना या लेख का प्रभाव बनाए रखने अथवा उसे अधिक प्रभावशील बनाने के लिए शब्दों और वाक्यों का संयोजन करना आदि क्रियाएँ संपादन के अंतर्गत आती हैं। कविता या काव्य के संपादन में छंद, यति, गति, प्रभाव, मात्रा, शब्दों के उचित योजना, अलंकारों का उचित और प्रभावकारी योग, भाव के अनुसार शब्दों का संयोजन, प्रभाव तथा शैली का निर्वाह, तथा रूढ़ोक्तियों के उचित प्रयोग आदि बातों का विशेष ध्यान रखा जाता है। तात्पर्य यह है कि संपादन के द्वारा किसी भी लेख, पुस्तक या पत्र की सामग्री को उचित अनुपात, रूप, शैली और भाषा में इस प्रकार ढाल दिया जाता है कि वह जिस प्रकार के पाठकों के लिए उद्दिष्ट हो उन्हें वह प्रभावित कर सके, उनकी समझ में आ सके और उनके भावों, विचारों तथा भाषाबोध को परिमार्जित, सशक्त, प्रेरित और प्रबुद्ध कर सके तथा लेखकों का भी पथप्रदर्शन कर सके। .

5 संबंधों: पुस्तक, लेख, श्रव्य सम्पादन, संपादन, विडियो सम्पादन

पुस्तक

तमिल बाल विश्वकोश पुस्तक या किताब लिखित या मुद्रित पन्नो के संग्रह को कहते हैं। डिजिटल पुस्तकों को ई-पुस्तक (ई-बुक) कहते हैं। पुस्तकों की लिस्ट के लिए:श्रेणी:पुस्तक देखें हस्तलिखित पुस्तकोँ को पांडुलिपियां कहते हैँ। .

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लेख

लेख साहित्य की एक मूलभूत विधा है। जिसमें हम किसी भी विषय को विस्तार से लिखते हैं। इसका आदि अंत और मध्य होता है। अनेक अनुच्छेदों में विषय को विभाजित किया जाता है और विषय से संबंधित जानकारी को रोचक तरीके से समझाने का प्रयत्न किया जाता है। लेख केवल रचनात्मक साहित्य भी हो सकता है और सूचनात्मक साहित्य भी। विज्ञान, तकनीक और कला के विषयों पर भी लेख लिखे जा सकते हैं। ये सूचनात्मक होते हैं अर्थात इनमें विषयों से संबंधित जानकारी होती है। रचनात्मक साहित्य के अंतर्गत अनेक प्रकार के निबंध आते हैं जिनमें मौलिकता, रोचकता, जानकारी और रचनात्मक सौष्ठव का मिलाजुला प्रभाव होता है। ऐसे लेख साहित्य की श्रेणी में आते हैं। कभी कभी लेख शब्द का प्रयोग किसी दूसरे शब्द के साथ किया जाता है तब इसका अर्थ बदल भी सकता है जैसे शीर्ष लेख या पाद लेख। इन शब्दों का प्रयोग किसी पन्ने पर ऊपर या नीचे टिप्पणी, पृष्ठ संख्या या अन्य जानकारी लिखने के लिए होता है। सुलेख शब्द का प्रयोग हाथ से लिखे गए सुंदर अक्षरों के लिए होता है। इसी प्रकार आलेख शब्द का प्रयोग पत्र या छोटे लेख के लिए होता है और श्रुतिलेख का प्रयोग सुनकर लिखे गए लेख या इमला के लिए किया जाता है। .

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श्रव्य सम्पादन

श्रव्य संपादन का अर्थ है कि जिस तरह से समाचार पत्र में समाचार को सही रूप देने के लिए संपादन करना आवश्यक है ठीक उसी प्रकार से आवाज़ को असली रूप देने के लिए श्रव्य संपादन करना भी जरूरी है। कयोंकि ऐसा करने से अवांछनीय ध्वनि हटाई जाती है। जब भी हम किसी प्रसारण के लिए आवाज़ रिकोर्ड करते हैं तो उस समय तीन बातों का ध्यान रखा जाता है 1 शब्द 2 ध्वनि 3 मौन किसी भी तरह की आॅडियो आवाज़ क्यों न रिकोर्ड की जाए उसके लिए आवश्यक है इन तीनों बातों का ध्यान रखना । इसलिए श्रव्य संपादन करना भी जरूरी है। श्रेणी:मास मीडिया.

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संपादन

संपादन संशोधन, संक्षेप, संरचना और संगठन द्बारा किसी भाषा, चित्र या ध्वनि को प्रदर्शन के लिए बेहतर बनाने की प्रक्रिया हैं। संपादन करने वाले व्यक्ति को संपादक कहा जाता है। श्रेणी:फ़िल्म श्रेणी:फ़िल्म निर्माण श्रेणी:संपादन श्रेणी:साहित्य श्रेणी:कला श्रेणी:पत्रकारिता fr:Édition (document) no:Redaktør zh:編輯.

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विडियो सम्पादन

विडीयो संपादन विडीयो संपाद्न वह प्रक्रिया है जिसमें हम एक आम कैमरे से ली गई सामान्य सी लगने वाली विडीयो को भी रंग़ रूप आकार आदि के प्रभाव डाल कर आकर्षक बनाते हैं। आज कल ये कार्य कम्पुटर कि सहायता से किया जाता है। सामग्री सामान्यत एक क्म्प्युटर, कैमकोर्डर, एक डेटा केबल और एडिटिंग साफ़्टिअयर कि सहाय्ता से ये किया जा सकता है। पिनाकल, केनोपस एडियस, वेगास, आदि प्रोफ़ेश्नल सौफ़्ट्वेयर की सहाय्ता से एडिटिंग आसान हो जाती है।.

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