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समुद्रीय मानचित्र

सूची समुद्रीय मानचित्र

समुद्रीय मानचित्र (Naval Chart) वह मानचित्र है, जो विशेषतया नाविकों के उपयोग के लिए तैयार किया जाता है। यह समुद्रतल के स्वरूप एवं उसकी विषमताओं को अभिव्यक्त करता है और नाविकों के लिए अधिकतम उपयोगी सूचना देता है। यह नाविकों को सागर और महासागर में नौचालन एवं एक बंदरगाह से दूसरे बंदरगाह तक जल पर यात्रा करने में सहायता करता है। इसकी सहायता से नाविकों को जहाज की भूमि से सापेक्ष स्थिति, स्टियरिंग की दिशा, जलयात्रा की दूरी और संकटक्षेत्र का ज्ञान होता है। मानचित्र में जलक्षेत्र छोटे छोटे अंकों से अंकित रहता है। ये अंक, जो फ़ैदम अथवा फुट, अथवा दोनों में किसी विशेष स्थिति में औसत ज्वार भाटा के जल की गहराई को अभिव्यक्त करते हैं। स्थल का सर्वेक्षण कितनी ही सावधानी से क्यों न किया गया हो, परंतु यदि चार्ट में गहराई की माप न दिखाई जाए, तो चार्ट व्यर्थ रहता है। समुद्र की गहराई गहराई-मापी-डोर, तार अथवा ध्वानिक विधि से ज्ञात की जाती है। गहराई की माप को ज्ञात करने में प्रतिध्वनिक विधि का अनुप्रयोग निरंतर बढ़ता जा रहा है। इस विधि में पोतजल से एक विद्युत्‌ आवेग संचारित किया जाता है, जो समुद्रतल पर आघात कर प्रतिध्वनिक के रूप में परावर्तित होता है और जलफोन (hydrophone) से प्राप्त कर लिया जाता है। यदि समयांतर को ठीक प्रकार से माप लिया जाए, जल में ध्वनिवेग की जानकारी की सहायता से समुद्र की गहराई का मापन किया जा सकता है। अक्षांश के प्रेक्षण के लिए अंगीकृत विधियों में से एक, कृत्रिम क्षितिज में सेक्सटैंट द्वारा प्रेक्षित नक्षत्रों का परियाम्योत्तर (circum meridian) उन्नतांश ज्ञात करना है। कालमापी (chronometer) त्रुटि प्राप्त करने के लिए सेक्सटैट और कृत्रिम क्षितिज द्वारा सूर्य अथवा नक्षत्रों की समान ऊँचाई का उपयोग करते हैं। असर्वेक्षित, अथवा सर्वेक्षित, क्षेत्रों के चार्ट को प्राय: बारीक रेखा में खींचते हैं, जिसको केवल देखने मात्र से अनुभवी नाविक समझ जाते हैं कि सावधानी की आवश्यकता है। समुद्रीय तथा सामान्य चार्ट जलसर्वेक्षण विभाग द्वारा संकलित किए जाते और खींचे जाते हैं तथा प्रकाशन के समय शुद्धता का ध्यान रखते हैं। एक समुद्रीय मानचित्र .

6 संबंधों: दिक्चालन, बन्दरगाह, महासागर, मानचित्र, सागर, जलयान

दिक्चालन

साय्क्लोपीडिया''. दिक्चालन किसी वाहन की एक स्थान से दूसरे स्थान पर गति की योजना, अध्ययन एवं उस पर नियंत्रण को कहते हैं।Bowditch, 2003:799.

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बन्दरगाह

जापान का कोबे बन्दरगाह भारत के विशाखापत्तनम का बन्दरगाह एक प्राकृतिक बन्दरगाह है। बन्दरगाह (हार्बर) समुद्री जहाजों के ठहरने की जगह हैं। विश्व में कई विशाल व छोटे बंदरगाह हैं। .

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महासागर

महासागर जलमंडल का प्रमुख भाग है। यह खारे पानी का विशाल क्षेत्र है। यह पृथ्वी का ७१% भाग अपने आप से ढांके रहता है (लगभग ३६.१ करोड वर्ग b किलोमीटर)| जिसका आधा भाग ३००० मीटर गहरा है। प्रमुख महासागर निम्नलिखित हैं: १ प्रशान्त महासागर (en:Pacific Ocean) २ अन्ध महासागर (en:Atlantic Ocean) ३ उत्तरध्रुवीय महासागर (en:Arctic Ocean) ४ हिन्द महासागर (en:Indian Ocean) ५ दक्षिणध्रुवीय महासागर(en:Antarctic Ocean) महासागर श्रेणी:जलसमूह.

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मानचित्र

विश्व का मानचित्र (२००४, सीआईए वर्ल्ड फैक्टबुक) पृथ्वी के सतह के किसी भाग के स्थानों, नगरों, देशों, पर्वत, नदी आदि की स्थिति को पैमाने की सहायता से कागज पर लघु रूप में बनाना मानचित्रण कहलाता हैं। मानचित्र दो शब्दों मान और चित्र से मिल कर बना है जिसका अर्थ किसी माप या मूल्य को चित्र द्वारा प्रदर्शित करना है। जिस प्रकार एक सूक्ष्मदर्शी किसी छोटी वस्तु को बड़ा करके दिखाता है, उसके विपरीत मानचित्र किसी बड़े भूभाग को छोटे रूप में प्रस्तुत करते हैं जिससे एक नजर में भौगोलिक जानकारी और उनके अन्तर्सम्बन्धों की जानकारी मिल सके। मानचित्र को नक्शा भी कहा जाता है। आजकल मानचित्र केवल धरती, या धरती की सतह, या किसी वास्तविक वस्तु तक ही सीमित नहीं हैं। उदाहरण के लिये चन्द्रमा या मंगल ग्रह की सतह का मानचित्र बनाया जा सकता है; किसी विचार या अवधारणा का मानचित्र बनाया जा सकता है; मस्तिष्क का मानचित्रण (जैसे एम आर आई की सहायता से) किया जा रहा है। .

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सागर

कोई विवरण नहीं।

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जलयान

न्यूयॉर्क पत्तन पर इटली का जलयान ''' अमेरिगो वेस्पुक्की''' (१९७६) जलयान या पानी का जहाज (ship), पानी पर तैरते हुए गति करने में सक्षम एक बहुत बडा डिब्बा होता है। जलयान, नाव (बोट) से इस मामले में भिन्न भिन्न है कि जलयान, नाव की तुलना में बहुत बडे होते हैं। जलयान झीलों, समुद्रों एवं नदियों में चलते हैं। इन्हें अनेक प्रकार से उपयोग में लाया जाता है; जैसे - लोगों को लाने-लेजाने के लिये, सामान ढोने के लिये, मछली पकडने के लिये, मनोरंजन के लिये, तटों की देखरेख एवं सुरक्षा के लिये तथा युद्ध के लिये। जहाज समुद्र के आवागमन तथा दूर देशों की यात्रा के लिये जिन बृहद् नौकाओं का उपयोग प्राचीनकाल से होता आया है उन्हें जहाज कहते है। पहले जहाज अपेक्षाकृत छोटे होते थे तथा लकड़ी के बनते थे। प्राविधिक तथा वैज्ञानिक उन्नति के आधुनिक काल में बहुत बड़े, मुख्यत: लोहे से बने तथा इंजनों से चलनेवाले जहाज बनते हैं। .

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