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समुद्रीय एलेक्ट्रानिकी

सूची समुद्रीय एलेक्ट्रानिकी

समुद्रीय एलेक्ट्रॉनिकी (Marine electronics) एलेक्ट्रानिकी की वह शाखा है जिसमें समुद्री वातावरण के अनुरूप काम करने वाली एलेक्ट्रानिक प्रणालियों के डिजाइन एवं विकास का अध्ययन किया जाता है। चूँकि नमकीन जल की एक छोटी बूँद भी किसी सामान्य एलेक्ट्रानिक परिपथ को भ्रष्ट कर सकती है, इसलिये समुद्री माहौल में काम करने के लिये डिजाइन की जाने वाली प्रणालियाँ या तो जल-रोधी (water resistant) होतीं हैं या जलरक्षित (waterproof.)। समुद्री चार्टप्लॉटर, कृत्रिम-पाइलॉट (आटोपाइलॉट), वीएचएफ रेडियो, मीनान्वेषी (फिश-फाइण्डर) आदि समुद्री एलेक्ट्रानिक प्रणालियों के कुछ उदाहरण हैं। श्रेणी:इलेक्ट्रॉनिक्स.

1 संबंध: रेडियो

रेडियो

कुछ पुराने रेडियो (रिसिवर) 24 दिसम्बर 1906 की शाम कनाडाई वैज्ञानिक रेगिनाल्ड फेसेंडेन ने जब अपना वॉयलिन बजाया और अटलांटिक महासागर में तैर रहे तमाम जहाजों के रेडियो ऑपरेटरों ने उस संगीत को अपने रेडियो सेट पर सुना, वह दुनिया में रेडियो प्रसारण की शुरुआत थी। इससे पहले जगदीश चन्द्र बसु ने भारत में तथा गुल्येल्मो मार्कोनी ने सन 1900 में इंग्लैंड से अमरीका बेतार संदेश भेजकर व्यक्तिगत रेडियो संदेश भेजने की शुरुआत कर दी थी, पर एक से अधिक व्यक्तियों को एक साथ संदेश भेजने या ब्रॉडकास्टिंग की शुरुआत 1906 में फेसेंडेन के साथ हुई। ली द फोरेस्ट और चार्ल्स हेरॉल्ड जैसे लोगों ने इसके बाद रेडियो प्रसारण के प्रयोग करने शुरु किए। तब तक रेडियो का प्रयोग सिर्फ नौसेना तक ही सीमित था। 1917 में प्रथम विश्व युद्ध की शुरुआत के बाद किसी भी गैर फौज़ी के लिये रेडियो का प्रयोग निषिद्ध कर दिया गया। .

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समुद्रीय एलेक्ट्रॉनिकी

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