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समाज कार्य

सूची समाज कार्य

वियतनाम में सामाजिक कार्यकर्ता दाँत एवं मसूड़ों के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी देते हुए समाज-कार्य (social work) या समाजसेवा एक शैक्षिक एवं व्यावसायिक विधा है जो सामुदायिक सगठन एवं अन्य विधियों द्वारा लोगों एवं समूहों के जीवन-स्तर को उन्नत बनाने का प्रयत्न करता है। सामाजिक कार्य का अर्थ है सकारात्मक, और सक्रिय हस्तक्षेप के माध्यम से लोगों और उनके सामाजिक माहौल के बीच अन्तःक्रिया प्रोत्साहित करके व्यक्तियों की क्षमताओं को बेहतर करना ताकि वे अपनी ज़िंदगी की ज़रूरतें पूरी करते हुए अपनी तकलीफ़ों को कम कर सकें। इस प्रक्रिया में समाज-कार्य लोगों की आकांक्षाओं की पूर्ति करने और उन्हें अपने ही मूल्यों की कसौटी पर खरे उतरने में सहायक होता है। 'समाजसेवा'वैयक्तिक आधार पर, समूह अथवा समुदाय में व्यक्तियों की सहायता करने की एक प्रक्रिया है, जिससे व्यक्ति अपनी सहायता स्वयं कर सके। इसके माध्यम से सेवार्थी वर्तमान सामाजिक परिस्थितियों में उत्पन्न अपनी समस्याओं को स्वयं सुलझाने में सक्षम होता है। समाजसेवा अन्य सभी व्यवसायों से सर्वथा भिन्न होती है, क्योंकि समाज सेवा उन सभी सामाजिक, आर्थिक एवं मनोवैज्ञानिक कारकों का निरूपण कर उसके परिप्रेक्ष्य में क्रियान्वित होती है, जो व्यक्ति एवं उसके पर्यावरण-परिवार, समुदाय तथा समाज को प्रभावित करते हैं। सामाजिक कार्यकर्ता पर्यावरण की सामाजिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक शक्तियों के बाद व्यक्तिगत जैविकीय, भावात्मक तथा मनोवैज्ञानिक तत्वों को गतिशील अंत:क्रिया को दृष्टिगत कर ही सेवार्थी की सेवा प्रदान करता है। वह सेवार्थी के जीवन के प्रत्येक पहलू तथा उसके पर्यावरण में क्रियाशील, प्रत्येक सामाजिक स्थिति से अवगत रहता है क्योंकि सेवा प्रदान करने की योजना बताते समय वह इनकी उपेक्षा नहीं कर सकता। समाज-कार्य का अधिकांश ज्ञान समाजशास्त्रीय सिद्धांतों से लिया गया है, लेकिन समाजशास्त्र जहाँ मानव-समाज और मानव-संबंधों के सैद्धांतिक पक्ष का अध्ययन करता है, वहीं समाज-कार्य इन संबंधों में आने वाले अंतरों एवं सामाजिक परिवर्तन के कारणों की खोज क्षेत्रीय स्तर पर करने के साथ-साथ व्यक्ति के मनोसामाजिक पक्ष का भी अध्ययन करता है। समाज-कार्य करने वाले कर्त्ता का आचरण विद्वान की तरह न होकर समस्याओं में हस्तक्षेप के ज़रिये व्यक्तियों, परिवारों, छोटे समूहों या समुदायों के साथ संबंध स्थापित करने की तरफ़ उन्मुख होता है। इसके लिए समाज-कार्य का अनुशासन पूर्ण रूप से प्रशिक्षित और पेशेवर कार्यकर्ताओं पर भरोसा करता है। .

18 संबंधों: प्रशांत भूषण, बाबा आमटे, भारतीय समाजसुधारक, महात्मा गांधी, मेनका गांधी, शान्ति भूषण, समाज मनोविज्ञान, समाजशास्त्र, समाजसेवी, सामाजिक नवाचार, सामाजिक विज्ञान, सामाजिक अनुसंधान, संतोष हेगडे, सुन्दरलाल बहुगुणा, विनोबा भावे, किरण बेदी, अन्ना हजारे, अरुणा राय

प्रशांत भूषण

प्रशांत भूषण (जन्म: १९५६) भारत के उच्चतम न्यायालय में एक वरिष्ठ अधिवक्ता हैं। उन्हे भ्रष्टाचार, विशेष रूप से न्यायपालिका के भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ आंदोलन के लिए जाना जाता हैं। अन्ना हजारे द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ किए गए संघर्ष में वे उनकी टीम के प्रमुख सहयोगी रहे हैं। अरविंद केजरीवाल और किरण बेदी के साथ उन्होंने सरकार से हुई वार्ताओं में नागरिक समाज का पक्ष रखा था। 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला सुप्रीम कोर्ट मे सुब्रह्मण्यम स्वामी और सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन (सीपीआईएल) की ओर से वकील प्रशांत भूषण दोनो मिलकर लड़ रहे है। १५ साल की वकालत के दौरान वे ५०० से अधिक जनहित याचिकाओं पर जनता की तरफ से केस लड़ चुके हैं। प्रशांत भूषण कानून व्यवस्था में निष्पक्ष और पारदर्शी व्यवस्था की पैरवी करते हैं। उनका मानना है कि देश की कानूनी संरचना को भ्रष्टाचार मुक्त और पारदर्शी होना चाहिए। .

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बाबा आमटे

डॉ॰ मुरलीधर देवीदास आमटे (26 दिसंबर, 1914 - 9 फरवरी, 2008), जो कि बाबा आमटे के नाम से ख्यात हैं, भारत के प्रमुख व सम्मानित समाजसेवी थे। समाज से परित्यक्त लोगों और कुष्ठ रोगियों के लिये उन्होंने अनेक आश्रमों और समुदायों की स्थापना की। इनमें चन्द्रपुर, महाराष्ट्र स्थित आनंदवन का नाम प्रसिद्ध है। इसके अतिरिक्त आमटे ने अनेक अन्य सामाजिक कार्यों, जिनमें वन्य जीवन संरक्षण तथा नर्मदा बचाओ आंदोलन प्रमुख हैं, के लिये अपना जीवन समर्पित कर दिया। 9 फ़रवरी 2008 को बाबा का 94 साल की आयु में चन्द्रपुर जिले के वड़ोरा स्थित अपने निवास में निधन हो गया। .

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भारतीय समाजसुधारक

भारतीय समाज सुधारक, जिन्होंने आधुनिक भारत की नींव स्थापित करने में मदद की है एक समृद्ध इतिहास के कुछ मामलों में, राजनीतिक कार्रवाई और दार्शनिक शिक्षाओं के माध्यम से दुनिया भर में अपने प्रभाव से प्रभावित किया है, यह एक साथ समाज सुधारकों जो उम्र के माध्यम से रहता है की एक विस्तृत सूची डाल करने के लिए लगभग असंभव है। नीचे उनमें से कुछ कर रहे हैं।.

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महात्मा गांधी

मोहनदास करमचन्द गांधी (२ अक्टूबर १८६९ - ३० जनवरी १९४८) भारत एवं भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के एक प्रमुख राजनैतिक एवं आध्यात्मिक नेता थे। वे सत्याग्रह (व्यापक सविनय अवज्ञा) के माध्यम से अत्याचार के प्रतिकार के अग्रणी नेता थे, उनकी इस अवधारणा की नींव सम्पूर्ण अहिंसा के सिद्धान्त पर रखी गयी थी जिसने भारत को आजादी दिलाकर पूरी दुनिया में जनता के नागरिक अधिकारों एवं स्वतन्त्रता के प्रति आन्दोलन के लिये प्रेरित किया। उन्हें दुनिया में आम जनता महात्मा गांधी के नाम से जानती है। संस्कृत भाषा में महात्मा अथवा महान आत्मा एक सम्मान सूचक शब्द है। गांधी को महात्मा के नाम से सबसे पहले १९१५ में राजवैद्य जीवराम कालिदास ने संबोधित किया था।। उन्हें बापू (गुजराती भाषा में બાપુ बापू यानी पिता) के नाम से भी याद किया जाता है। सुभाष चन्द्र बोस ने ६ जुलाई १९४४ को रंगून रेडियो से गांधी जी के नाम जारी प्रसारण में उन्हें राष्ट्रपिता कहकर सम्बोधित करते हुए आज़ाद हिन्द फौज़ के सैनिकों के लिये उनका आशीर्वाद और शुभकामनाएँ माँगीं थीं। प्रति वर्ष २ अक्टूबर को उनका जन्म दिन भारत में गांधी जयंती के रूप में और पूरे विश्व में अन्तर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के नाम से मनाया जाता है। सबसे पहले गान्धी ने प्रवासी वकील के रूप में दक्षिण अफ्रीका में भारतीय समुदाय के लोगों के नागरिक अधिकारों के लिये संघर्ष हेतु सत्याग्रह करना शुरू किया। १९१५ में उनकी भारत वापसी हुई। उसके बाद उन्होंने यहाँ के किसानों, मजदूरों और शहरी श्रमिकों को अत्यधिक भूमि कर और भेदभाव के विरुद्ध आवाज उठाने के लिये एकजुट किया। १९२१ में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की बागडोर संभालने के बाद उन्होंने देशभर में गरीबी से राहत दिलाने, महिलाओं के अधिकारों का विस्तार, धार्मिक एवं जातीय एकता का निर्माण व आत्मनिर्भरता के लिये अस्पृश्‍यता के विरोध में अनेकों कार्यक्रम चलाये। इन सबमें विदेशी राज से मुक्ति दिलाने वाला स्वराज की प्राप्ति वाला कार्यक्रम ही प्रमुख था। गाँधी जी ने ब्रिटिश सरकार द्वारा भारतीयों पर लगाये गये नमक कर के विरोध में १९३० में नमक सत्याग्रह और इसके बाद १९४२ में अंग्रेजो भारत छोड़ो आन्दोलन से खासी प्रसिद्धि प्राप्त की। दक्षिण अफ्रीका और भारत में विभिन्न अवसरों पर कई वर्षों तक उन्हें जेल में भी रहना पड़ा। गांधी जी ने सभी परिस्थितियों में अहिंसा और सत्य का पालन किया और सभी को इनका पालन करने के लिये वकालत भी की। उन्होंने साबरमती आश्रम में अपना जीवन गुजारा और परम्परागत भारतीय पोशाक धोती व सूत से बनी शाल पहनी जिसे वे स्वयं चरखे पर सूत कातकर हाथ से बनाते थे। उन्होंने सादा शाकाहारी भोजन खाया और आत्मशुद्धि के लिये लम्बे-लम्बे उपवास रखे। .

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मेनका गांधी

मेनका गांधी (२६ अगस्त १९५६ --) भारत की प्रसिद्ध राजनेत्री एवं पशु-अधिकारवादी हैं। पूर्व में वे पत्रकार भी रह चुकी हैं। किन्तु भारत की महिला प्रधान मंत्री इन्दिरा गांधी के छोटे पुत्र स्व॰ संजय गांधी की पत्नी के रूप में वे अधिक विख्यात हैं। उन्होने अनेकों पुस्तकों की रचना की है तथा उनके लेख विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रायः आते रहते हैं। वे वर्तमान में भारत की महिला एवं बाल विकास मंत्री हैं। .

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शान्ति भूषण

शान्ति भूषण (जन्म ११ नवम्बर १९२५ इलाहाबाद) भारत के भूतपूर्व विधिमन्त्री एवं सर्वोच्च न्यायालय में वरिष्ठ अधिवक्ता हैं। वे मोरारजी देसाई सरकार में विधि, न्याय एवं कम्पनी कार्य मन्त्री थे। सन् २००९ में इंडियन एक्सप्रेस द्वारा उन्हें विश्व के सबसे शक्तिशाली भारतीय लोगों की सूची में ७४वें स्थान पर रखा गया था। वे भारत में भ्रष्टाचार के विरुद्ध संघर्ष करने वालों में अग्रणी हैं। .

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समाज मनोविज्ञान

सामाजिक मनोविज्ञान (Social Psychology) मनोविज्ञान की वह शाखा है, जिसके अन्तर्गत इस तथ्य का वैज्ञानिक अध्ययन किया जाता है कि किसी दूसरे व्यक्ति की वास्तविक, काल्पनिक, अथवा प्रच्छन्न उपस्थिति हमारे विचार, संवेग, अथवा व्यवहार को किस प्रकार से प्रभावित करती है।। यहाँ 'वैज्ञानिक' का अर्थ है 'अनुभवजन्य विधि'। इस सन्दर्भ मे विचार, भावना तथा व्यवहार मनोविज्ञान के उन चरों (वैरिएबल्स) से सम्बन्ध रखते हैं जो नापने योग्य हैं। .

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समाजशास्त्र

समाजशास्त्र मानव समाज का अध्ययन है। यह सामाजिक विज्ञान की एक शाखा है, जो मानवीय सामाजिक संरचना और गतिविधियों से संबंधित जानकारी को परिष्कृत करने और उनका विकास करने के लिए, अनुभवजन्य विवेचनगिडेंस, एंथोनी, डनेर, मिशेल, एप्पल बाम, रिचर्ड.

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समाजसेवी

समाज सेवा (Social Service) एक ऐसा कार्य जो सामाजिक भलाई केलिए करता है। समाजसेवी एक ऐसा व्यक्ति जो निस्वार्थ भाव से समाज की सेवा करता है। ये सामाजिक-कार्य (Social Work) से अलग है। सामाजिक-कार्य एक पेशेवर काम है। मामूली तौर से समाज सेवा राजनीतिज्ञों, धार्मिक समूहों और सेवा उन्मुख लोगों (डॉक्टरों, धंधेवाला, संघों) करता हे। समाज सेविकोम जो अत्यन्त योगदान करता हे उसको राष्ट्र पुरस्कार के माध्यम से पहचानता है। .

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सामाजिक नवाचार

सामाजिक नवाचार (Social innovation) का अर्थ नये विचार, उपाय, नीतियाँ, प्रक्रमों और संगठनों से है जो समाज के किसी आवश्यकता की पूर्ति करते हों। इसमें कार्य करने की स्थितियों, शिक्षा, सामुदायिक विकास और स्वास्थ्य आदि की श्रेष्ठतर बनाने के लिये किया गये सभी नवाचार आ जाते हैं। .

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सामाजिक विज्ञान

सामाजिक विज्ञान (Social science) मानव समाज का अध्ययन करने वाली शैक्षिक विधा है। प्राकृतिक विज्ञानों के अतिरिक्त अन्य विषयों का एक सामूहिक नाम है 'सामाजिक विज्ञान'। इसमें नृविज्ञान, पुरातत्व, अर्थशास्त्र, भूगोल, इतिहास, विधि, भाषाविज्ञान, राजनीति शास्त्र, समाजशास्त्र, अंतरराष्ट्रीय अध्ययन और संचार आदि विषय सम्मिलित हैं। कभी-कभी मनोविज्ञान को भी इसमें शामिल कर लिया जाता है। .

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सामाजिक अनुसंधान

बहुत दिनों तक मनुष्य ने सामाजिक घटनाओं की व्याख्या, पारलौकिक शक्तियों, कोरी कल्पनाओं और तर्क-वाक्यों के श्कारगत सत्यों के आधार पर की है। सामाजिक अनुसंधान का बीजारोपण वहीं से होता है जहाँ वह अपनी व्याख्या के संबंध में संदेह प्रकट करना प्रारंभ करता है। अनुसंधान की जो विधियाँ प्राकृतिक विज्ञानों में सफल हुई है, उन्हीं के प्रयोग द्वारा सामाजिक घटनाओं की समझ उत्पन्न करना, घटनाओं में कारणता स्थापित करना और वैज्ञानिक तटस्थता बनाए रखना, सामाजिक अनुसंधान की मुख्य लक्षण हैं। ऐसी व्याख्या नहीं प्रस्तुत करनी है जो केवल अनुसंधानकर्ता को संतुष्ट करे, बल्कि ऐसी व्याख्या प्रस्तुत करनी होती है जो आलोचनात्मक दृष्टि वालों या विरोधियों का संदेह दूर कर सके। इसके लिए निरीक्षण की व्यवस्थित करना, तथ्य संकलन और तथ्य-निर्वचन के लिए विशिष्ट उपकरणों का प्रयोग करना और प्रयोग में आने वाले प्रत्ययों (Variables) को स्पष्ट करना आवश्यक है। .

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संतोष हेगडे

एन. संतोष हेगडे एन.

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सुन्दरलाल बहुगुणा

चिपको आन्दोलन के प्रणेता सुन्दरलाल बहुगुणा का जन्म ९ जनवरी सन १९२७ को देवों की भूमि उत्तराखंड के सिलयारा नामक स्थान पर हुआ। प्राथमिक शिक्षा के बाद वे लाहौर चले गए और वहीं से बी.ए. किए। सन १९४९ में मीराबेन व ठक्कर बाप्पा के सम्पर्क में आने के बाद ये दलित वर्ग के विद्यार्थियों के उत्थान के लिए प्रयासरत हो गए तथा उनके लिए टिहरी में ठक्कर बाप्पा होस्टल की स्थापना भी किए। दलितों को मंदिर प्रवेश का अधिकार दिलाने के लिए उन्होंने आन्दोलन छेड़ दिया। अपनी पत्नी श्रीमती विमला नौटियाल के सहयोग से इन्होंने सिलयारा में ही 'पर्वतीय नवजीवन मण्डल' की स्थापना भी की। सन १९७१ में शराब की दुकानों को खोलने से रोकने के लिए सुन्दरलाल बहुगुणा ने सोलह दिन तक अनशन किया। चिपको आन्दोलन के कारण वे विश्वभर में वृक्षमित्र के नाम से प्रसिद्ध हो गए। बहुगुणा के 'चिपको आन्दोलन' का घोषवाक्य है- सुन्दरलाल बहुगुणा के अनुसार पेड़ों को काटने की अपेक्षा उन्हें लगाना अति महत्वपूर्ण है। बहुगुणा के कार्यों से प्रभावित होकर अमेरिका की फ्रेंड ऑफ नेचर नामक संस्था ने १९८० में इनको पुरस्कृत भी किया। इसके अलावा उन्हें कई सारे पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। पर्यावरण को स्थाई सम्पति माननेवाला यह महापुरुष आज 'पर्यावरण गाँधी' बन गया है। .

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विनोबा भावे

आचार्य विनोबा भावे (11 सितम्बर 1895 - 15 नवम्बर 1982) भारत के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, सामाजिक कार्यकर्ता तथा प्रसिद्ध गांधीवादी नेता थे। उनका मूल नाम विनायक नरहरी भावे था। उन्हे भारत का राष्ट्रीय आध्यापक और महात्मा गांधी का आध्यातमिक उत्तराधीकारी समझा जाता है। उन्होने अपने जीवन के आखरी वर्ष पोनार, महाराष्ट्र के आश्रम में गुजारे। उन्होंने भूदान आन्दोलन चलाया। इंदिरा गांधी द्वारा घोषित आपातकाल को 'अनुशासन पर्व' कहने के कारण वे विवाद में भी थे। .

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किरण बेदी

डॉ॰ किरण बेदी (जन्म: ९ जून १९४९) भारतीय पुलिस सेवा की सेवानिवृत्त अधिकारी, सामाजिक कार्यकर्ता, भूतपूर्व टेनिस खिलाड़ी एवं राजनेता हैं। सम्प्रति वे पुदुचेरी की उपराज्यपाल हैं। सन १९७२ में भारतीय पुलिस सेवा में सम्मिलित होने वाली वे प्रथम महिला अधिकारी हैं। ३५ वर्ष तक सेवा में रहने के बाद सन २००७ में उन्होने स्वैच्छिक सेवानिवृति ले ली। उन्होंने विभिन्न पदों पर कार्य किया है। वे संयुक्त आयुक्त पुलिस प्रशिक्षण तथा दिल्ली पुलिस स्पेशल आयुक्त (खुफिया) के पद पर कार्य कर चुकी हैं। .

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अन्ना हजारे

किसन बाबूराव हजारे (जन्म: १५ जून १९३७) एक भारतीय समाजसेवी हैं। अधिकांश लोग उन्हें अन्ना हजारे के नाम से जानते हैं। सन् १९९२ में भारत सरकार द्वारा उन्हें पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था। सूचना के अधिकार के लिये कार्य करने वालों में वे प्रमुख थे। जन लोकपाल विधेयक को पारित कराने के लिये अन्ना ने १६ अगस्त २०११ से आमरण अनशन आरम्भ किया था। .

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अरुणा राय

अरुणा राय भारत की एक राजनैतिक एवं सामाजिक कार्यकर्ता हैं। उन्होने सन् १९६८ से १९७५ तक भारतीय प्रशासनिक सेवा में कार्य किया। उनके योगदान के लिये उन्हें मैगससे पुरस्कार एवं मेवाड़ सेवाश्री आदि पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। वे राजस्थान के निर्धन लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिये किये गये प्रयास के लिये विशेष रूप से जानी जातीं हैं। भारत में सूचना का अधिकार लागू करने के लिये उनके प्रयत्न एवं योगदान उल्लेखनीय हैं। वे मेवाड़ के राजसमन्द जिले में स्थित देवडूंगरी गांव से सम्पूर्ण देश में संचालित मजदूर किसान शक्ति संगठन की संस्थापिका एवं अध्यक्ष भी हैं। .

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