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समाचार चन्द्रिका

सूची समाचार चन्द्रिका

समाचार चन्द्रिका भवानीचरण बन्द्योपाध्याय द्वारा सम्पादित तथा कोलकाता से प्रकाशित एक साप्ताहिक पत्रिका थी। यह पत्रिका १८२२ में पहली बार प्रकाशित हुई थी। समाचार चन्द्रिका के सम्पादक भवानीचरण बन्द्योपाध्याय पहले सम्वाद कौमुदी के सम्पादक थे। वहाँ जब उनका राजा राममोहन राय के विचारों से मतभेद हो गया तो उन्होने समाचार चन्द्रिका पत्रिका आरम्भ की। समाचार पत्रिका के सम्पादक भवानीचरण उस समय के प्रभावशाली ब्यक्ति तथा गद्यसाहित्य के प्रणेताओं में से एक थे। इसका परिणाम यह हुआ कि धीरे-धीरे पत्रिका की प्रसार संख्या में वृद्धि हुई और १८२९ ई के अप्रैल माह से यह सप्ताह में दो दिन प्रकाशित होना आरम्भ हो गयी। श्रेणी:बंगाली पत्र.

4 संबंधों: भवानीचरण बन्द्योपाध्याय, राजा राममोहन राय, सम्वाद कौमुदी, कोलकाता

भवानीचरण बन्द्योपाध्याय

भवानीचरण बन्द्योपाध्याय (बंगला: ভবানীচরণ বন্দ্যোপাধ্যায়; 1787 – 20 फ़रवरी 1848) भारत के ख्यातलब्ध पत्रकार, लेखक एवं वक्ता थे। भाषणकला में गहराई के लिये उनकी प्रशंसा की जाती थी। वे परम्परावादी हिन्दू थे जिन्होने राजा राममोहन राय द्वारा सती प्रथा की समाप्ति के लिये किये गये प्रयासों का डटकर विरोध किया। उन्होने धर्मसभा नामक संस्था की स्थापना की। उनके देहान्त के पश्चात १८४९ में उनके पुत्र राजकृष्ण बन्द्योपाध्याय के देखरेख में उनका जीवनचरित प्रकाशित किया गया। .

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राजा राममोहन राय

राजा राममोहन राय राजा राममोहन राय (রাজা রামমোহন রায়) (२२ मई १७७2 - २७ सितंबर १८३३) को भारतीय पुनर्जागरण का अग्रदूत और आधुनिक भारत का जनक कहा जाता है। भारतीय सामाजिक और धार्मिक पुनर्जागरण के क्षेत्र में उनका विशिष्ट स्थान है। वे ब्रह्म समाज के संस्थापक, भारतीय भाषायी प्रेस के प्रवर्तक, जनजागरण और सामाजिक सुधार आंदोलन के प्रणेता तथा बंगाल में नव-जागरण युग के पितामह थे। उन्होंने भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम और पत्रकारिता के कुशल संयोग से दोनों क्षेत्रों को गति प्रदान की। उनके आन्दोलनों ने जहाँ पत्रकारिता को चमक दी, वहीं उनकी पत्रकारिता ने आन्दोलनों को सही दिशा दिखाने का कार्य किया। राजा राममोहन राय की दूर‍दर्शिता और वैचारिकता के सैकड़ों उदाहरण इतिहास में दर्ज हैं। हिन्दी के प्रति उनका अगाध स्नेह था। वे रू‍ढ़िवाद और कुरीतियों के विरोधी थे लेकिन संस्कार, परंपरा और राष्ट्र गौरव उनके दिल के करीब थे। वे स्वतंत्रता चाहते थे लेकिन चाहते थे कि इस देश के नागरिक उसकी कीमत पहचानें। .

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सम्वाद कौमुदी

सम्वाद कौमुदी (बंगला: সম্বাদ কৌমুদী) १९वीं शताब्दी के पूर्वार्ध में राजा राममोहन राय द्वारा कोलकाता से प्रकाशित एक बंगाली साप्ताहिक समाचार पत्र था। यह एक सुधारवादी पत्र था जिसमें सती प्रथा की समाप्ति के लिये अभियान चलाया गया। श्रेणी:बंगाली समाचार पत्र.

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कोलकाता

बंगाल की खाड़ी के शीर्ष तट से १८० किलोमीटर दूर हुगली नदी के बायें किनारे पर स्थित कोलकाता (बंगाली: কলকাতা, पूर्व नाम: कलकत्ता) पश्चिम बंगाल की राजधानी है। यह भारत का दूसरा सबसे बड़ा महानगर तथा पाँचवा सबसे बड़ा बन्दरगाह है। यहाँ की जनसंख्या २ करोड २९ लाख है। इस शहर का इतिहास अत्यंत प्राचीन है। इसके आधुनिक स्वरूप का विकास अंग्रेजो एवं फ्रांस के उपनिवेशवाद के इतिहास से जुड़ा है। आज का कोलकाता आधुनिक भारत के इतिहास की कई गाथाएँ अपने आप में समेटे हुए है। शहर को जहाँ भारत के शैक्षिक एवं सांस्कृतिक परिवर्तनों के प्रारम्भिक केन्द्र बिन्दु के रूप में पहचान मिली है वहीं दूसरी ओर इसे भारत में साम्यवाद आंदोलन के गढ़ के रूप में भी मान्यता प्राप्त है। महलों के इस शहर को 'सिटी ऑफ़ जॉय' के नाम से भी जाना जाता है। अपनी उत्तम अवस्थिति के कारण कोलकाता को 'पूर्वी भारत का प्रवेश द्वार' भी कहा जाता है। यह रेलमार्गों, वायुमार्गों तथा सड़क मार्गों द्वारा देश के विभिन्न भागों से जुड़ा हुआ है। यह प्रमुख यातायात का केन्द्र, विस्तृत बाजार वितरण केन्द्र, शिक्षा केन्द्र, औद्योगिक केन्द्र तथा व्यापार का केन्द्र है। अजायबघर, चिड़ियाखाना, बिरला तारमंडल, हावड़ा पुल, कालीघाट, फोर्ट विलियम, विक्टोरिया मेमोरियल, विज्ञान नगरी आदि मुख्य दर्शनीय स्थान हैं। कोलकाता के निकट हुगली नदी के दोनों किनारों पर भारतवर्ष के प्रायः अधिकांश जूट के कारखाने अवस्थित हैं। इसके अलावा मोटरगाड़ी तैयार करने का कारखाना, सूती-वस्त्र उद्योग, कागज-उद्योग, विभिन्न प्रकार के इंजीनियरिंग उद्योग, जूता तैयार करने का कारखाना, होजरी उद्योग एवं चाय विक्रय केन्द्र आदि अवस्थित हैं। पूर्वांचल एवं सम्पूर्ण भारतवर्ष का प्रमुख वाणिज्यिक केन्द्र के रूप में कोलकाता का महत्त्व अधिक है। .

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