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सत्यता सारणी

सूची सत्यता सारणी

सत्य सारणी (Truth table) तर्कशास्त्र में उपयोग होने वाली एक गणितीय सारणी है जो विशेषतः बूलीय बीजगणित, बूलीय फलन और प्रतिज्ञप्तिक कलन में सम्बंध स्थापित करता है जिससे प्रत्येक फलनीय तर्क के लिए तार्किक व्यंजकों के फलनीय मान प्राप्त किये जा सकें। सामान्यतः सत्य सारणी का उपयोग यह बताने के लिए किया जाता है कि प्रतिज्ञप्तिक व्यंजक सभी वैध निविष्ट मानों के लिए सत्य है जिसे तार्किक वैधता कहते हैं। .

8 संबंधों: तत्समक फलन, तर्कशास्त्र, निषेध (तर्क), प्रतिज्ञप्तिक कलन, बूलीय बीजगणित (तर्कशास्त्र), यदि और केवल यदि, वेन आरेख, गणितीय सारणी

तत्समक फलन

तत्समक फलन का एक ज्यामितिय निरूपणhttp://ocw.mit.edu/ans7870/18/18.013a/textbook/HTML/chapter01/section04.html आधार फलन गणित में तत्समक फलन जिसे तत्समक सम्बंध, तत्समक प्रतिचित्र या तत्समक रूपांतरण भी कहते हैं वह फलन है जो निविष्ट मान को वैसा ही निर्गम करता है जैसा तर्क में काम में लिया गया है। समीकरण के रूप में यह फलन f(x) .

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तर्कशास्त्र

तर्कशास्त्र शब्द अंग्रेजी 'लॉजिक' का अनुवाद है। प्राचीन भारतीय दर्शन में इस प्रकार के नामवाला कोई शास्त्र प्रसिद्ध नहीं है। भारतीय दर्शन में तर्कशास्त्र का जन्म स्वतंत्र शास्त्र के रूप में नहीं हुआ। अक्षपाद! गौतम या गौतम (३०० ई०) का न्यायसूत्र पहला ग्रंथ है, जिसमें तथाकथित तर्कशास्त्र की समस्याओं पर व्यवस्थित ढंग से विचार किया गया है। उक्त सूत्रों का एक बड़ा भाग इन समस्याओं पर विचार करता है, फिर भी उक्त ग्रंथ में यह विषय दर्शनपद्धति के अंग के रूप में निरूपित हुआ है। न्यायदर्शन में सोलह परीक्षणीय पदार्थों का उल्लेख है। इनमें सर्वप्रथम प्रमाण नाम का विषय या पदार्थ है। वस्तुतः भारतीय दर्शन में आज के तर्कशास्त्र का स्थानापन्न 'प्रमाणशास्त्र' कहा जा सकता है। किंतु प्रमाणशास्त्र की विषयवस्तु तर्कशास्त्र की अपेक्षा अधिक विस्तृत है। .

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निषेध (तर्क)

तर्क के रूप में निषेध (Negation) जिसे पूरक भी कहा जाता है एक संक्रिया है जो कथन को इसके विपरित अर्थ वाला बना देता है अर्थात मूल कथन p है तो निषेध p का अर्थ कथन p का नहीं होना होता है, अर्थात जब p सत्य है तब निषेध p असत्य होगा और जब कथन p असत्य है तब निषेध p सत्य होगा। अतः निषेध एकधारी (एकल-तर्क) तर्क संयोजक है। श्रेणी:व्याकरण श्रेणी:शब्दार्थविज्ञान श्रेणी:तर्क संयोजक.

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प्रतिज्ञप्तिक कलन

प्रतिज्ञप्तिक कलन (Propositional calculus या propositional logic या sentential calculus या sentential logic) गणितीय तर्कशास्त्र की एक शाखा है जिसमें प्रतिज्ञप्तियों (propositions) का अध्ययन किया जाता है। .

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बूलीय बीजगणित (तर्कशास्त्र)

बूलीय बीजगणित (बूलीयन अल्जब्रा) या बूली का तर्कशास्त्र, तार्किक ऑपरेशन का एक सम्पूर्ण तन्त्र है। इसे सबसे पहले जॉर्ज बूल ने उन्नीसवीं शदी के मध्य में बीजगणितीय तर्क के रूप में प्रस्तुत किया। बहुत दिनो तक इस पर लोगों का ध्यान नहीं गया और इसे महत्व नहीं दिया गया। इसके बहुत दिनों के बाद सन १९३८ में क्लॉड शैनन ने प्रदर्शित किया कि रिले-युक्त परिपथ का कार्य बूली के तर्क पर आधारित हैं। एक बार जब इसका प्रयोग डिजिटल एलेक्ट्रानिक परिपथों के डिजाइन एवं सरलीकरण में होने लगा तो क्रान्ति ही आ गयी। आज बूली का बीजगणित आंकिक एलेक्ट्रानिकी का आधार बन गया है तथा एलेक्ट्रानिकी, संगणक का हार्डवेयर तथा साफ्टवेयर, डेटाबेस, खोजी-यंत्र (सर्च-इंजन) एवं अन्य तार्किक डिजाइनों में अत्यन्त उपयोगी है। .

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यदि और केवल यदि

↔ ⇔ ≡ प्रतीक चिह्न जोयदिदि को निरूपित करते हैं। तर्कशास्त्र और सम्बन्धित क्षेत्रों जैसे गणित और दर्शनशास्त्र में यदि और केवल यदि (संक्षिप्त यदिदि) कथनों के मध्य द्वि-प्रतिबंध तार्किक संयोजक है। .

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वेन आरेख

वेन आरेख (Venn diagram) वह आरेख हैं जो समुच्च्यों (या कुलकों) के परिमित संग्रहों (चीजों का समूह) के बीच सभी परिकाल्पनिक (आनुमानिक) रूप से संभव तार्किक संबंधों को दर्शाते हैं। वेन आरेख का आविष्कार 1880 के आसपास जॉन वेन द्वारा किया गया था। इनका कई क्षेत्रों में उपयोग किया जाता है, जैसे समुच्च्य सिद्धांत, प्रायिकता, तर्क, सांख्यिकी और कंप्यूटर विज्ञान। उदाहरण के लिए, तीन समुच्चय A, B और C दिये हों, तो उनका वेन आरेख नीचे दर्शाया गया है-.

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गणितीय सारणी

साधारण लघुगणक (common logarithm) की सारणी का एक भाग गणितीय सारणी, गणित की किसी गणना में उपयोग में आने वाली सूची होती है जिसमें किसी चर (arguments) के अलग-अलग मानों के संगत एक या अधिक संख्याएं दी गयी होती हैं। ये संख्याएं किसी गणना (जैसे कोणों के ज्या फलन का मान) के परिणाम होती हैं। इनके उपयोग से गणना आसानी से और तेजी से हो जाती थी। किन्तु १९७० के दशक के बाद एलेक्ट्रॉनिक कैलकुलेटर के आने के बाद इनका प्रयोग बहुत ही कम और सीमित हो गया है। पहाड़ा, गणितीय सारणी का सबसे सरल उदाहरण है। लघुगणकीय सारणी, त्रिकोणमित्तीय फलनों की सारणियाँ, गामा फलन की सारणियाँ आदि अन्य उदाहरण हैं। .

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सत्य सारणी, सत्यता-सारणी

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