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सत्यजित राय

सूची सत्यजित राय

सत्यजित राय (बंगाली: शॉत्तोजित् राय्) (२ मई १९२१–२३ अप्रैल १९९२) एक भारतीय फ़िल्म निर्देशक थे, जिन्हें २०वीं शताब्दी के सर्वोत्तम फ़िल्म निर्देशकों में गिना जाता है। इनका जन्म कला और साहित्य के जगत में जाने-माने कोलकाता (तब कलकत्ता) के एक बंगाली परिवार में हुआ था। इनकी शिक्षा प्रेसिडेंसी कॉलेज और विश्व-भारती विश्वविद्यालय में हुई। इन्होने अपने कैरियर की शुरुआत पेशेवर चित्रकार की तरह की। फ़्रांसिसी फ़िल्म निर्देशक ज़ाँ रन्वार से मिलने पर और लंदन में इतालवी फ़िल्म लाद्री दी बिसिक्लेत (Ladri di biciclette, बाइसिकल चोर) देखने के बाद फ़िल्म निर्देशन की ओर इनका रुझान हुआ। राय ने अपने जीवन में ३७ फ़िल्मों का निर्देशन किया, जिनमें फ़ीचर फ़िल्में, वृत्त चित्र और लघु फ़िल्में शामिल हैं। इनकी पहली फ़िल्म पथेर पांचाली (পথের পাঁচালী, पथ का गीत) को कान फ़िल्मोत्सव में मिले “सर्वोत्तम मानवीय प्रलेख” पुरस्कार को मिलाकर कुल ग्यारह अन्तरराष्ट्रीय पुरस्कार मिले। यह फ़िल्म अपराजितो (অপরাজিত) और अपुर संसार (অপুর সংসার, अपु का संसार) के साथ इनकी प्रसिद्ध अपु त्रयी में शामिल है। राय फ़िल्म निर्माण से सम्बन्धित कई काम ख़ुद ही करते थे — पटकथा लिखना, अभिनेता ढूंढना, पार्श्व संगीत लिखना, चलचित्रण, कला निर्देशन, संपादन और प्रचार सामग्री की रचना करना। फ़िल्में बनाने के अतिरिक्त वे कहानीकार, प्रकाशक, चित्रकार और फ़िल्म आलोचक भी थे। राय को जीवन में कई पुरस्कार मिले जिनमें अकादमी मानद पुरस्कार और भारत रत्न शामिल हैं। .

226 संबंधों: चारुलता, चार्ली चैप्लिन, चित्रकार, चिदानन्द दासगुप्ता, एलोरा गुफाएं, एंड्रू रॉबिनसन, एकेर पिठे दुइ, एकेई बोले शूटिंग, डोमिनिका, तन्वीर मुकम्मल, तारिक़ मसूद, तोड़ाय बाँधा घोड़ार डिम, द टाइम्स ऑफ़ इण्डिया, द इनर आइ (१९७२ फ़िल्म), दादासाहेब फाल्के पुरस्कार, दार्जिलिंग, दि न्यू यॉर्क टाइम्स, दिल का दौरा, दुलाल दत्ता, द्वितीय विश्वयुद्ध, दृष्टि रचना, देवी (१९६० फ़िल्म), दीपा मेहता, नरगिस, नायक (१९६६ फ़िल्म), नवयथार्थवादी, नंदलाल बोस, नक्सलवाद, पटकथा, पथेर पांचाली (1955 फ़िल्म), पद्म भूषण, पश्चिम बंगाल, पार्श्व संगीत, पाश्चात्य संगीत, पुरी, प्रतिद्वंद्वी (१९७२ फ़िल्म), प्रकाशन, प्रेमचंद, प्रेसिडेन्सी विश्वविद्यालय, कोलकाता, प्रोफ़ेसर शंकु, पीटर सेलर्स, फ़िल्म निर्देशक, फ़्राँस्वा त्रुफ़ो, फ़्रान्स, फ़ीचर फ़िल्म, फिल्मांकन, फेलुदा, बांग्लादेश मुक्ति युद्ध, बाङ्ला भाषा, बिनोद बिहारी मुखर्जी, ..., बिभूतिभूषण बंधोपाध्याय, बिजोय राय, बंसी चन्द्रगुप्ता, बंगाली लोग, बुद्धदेव दासगुप्ता, ब्राह्म समाज, ब्रिटिश राज, बेतुकी कविता, बीबीसी, बीसवीं शताब्दी, भारत, भारत रत्‍न, भारत सरकार, भारत की खोज, भारतीय सिनेमा, भारतीय संगीत, मध्यम वर्ग, महापुरुष (१९६५ फ़िल्म), माधवी मुखर्जी, मार्लन ब्रैंडो, मार्क्सवाद, मुद्रलिपि, मुल्ला नसरुद्दीन, मृणाल सेन, मैन-ईटर्स ऑफ़ कुमाऊँ, रबीन्द्रनाथ ठाकुर, रिचर्ड एटनबरो, रवि शंकर, रवीन्द्रनाथ टैगोर (फ़िल्म), ललित कला, लाद्री दी बिसिक्लेत, लघु फ़िल्म, लखनऊ, लंदन, लुइस कैरल, लेखक, शतरंज के खिलाड़ी, शबाना आज़मी, शर्मिला टैगोर, शान्तिनिकेतन, शाखा प्रशाखा (१९९० फ़िल्म), शेरलॉक होम्स, सत्यजित राय फ़िल्म एवं टेलिविज़न संस्थान, सदगति (१९८१ फ़िल्म), सन्देश (पत्रिका), सन्दीप राय, समाजवाद, साहित्य, सांसद, सिमी गरेवाल, सिग्नेट प्रेस, सईद जाफ़री, संपादन, संयुक्त राज्य, संयुक्त राज्य अमरीका की सेना, संजीव कुमार, सुब्रत मित्र, सुभाष मुखोपाध्याय, स्टीवन स्पिलबर्ग, सौमित्र चटर्जी, सोनार केल्ला (1974 फ़िल्म), सीमाबद्ध (1971 फ़िल्म), हावर्ड हॉक्स, हिन्दू धर्म, हिन्दी सिनेमा, हेनरिक इबसन, हॉलीवुड, हीरक राजार देशे (१९८० फ़िल्म), जनअरण्य, जलसाघर (1958 फ़िल्म), ज़मींदारी प्रथा, ज़ाँ रन्वार, जापान, जिम कॉर्बेट, जवाहरलाल नेहरू, जखन छोटो छिलम, जॉय बाबा फेलुनाथ (१९७८ फ़िल्म), ई.टी. द एक्स्ट्रा-टेर्रेस्ट्रियल, घरे बाइरे, घरे बाइरे (1984 फ़िल्म), घारापुरी गुफाएँ, घंटा, वित्तोरियो दे सिका, वित्तोरियो दे सीका, विद्याधर सूरजप्रसाद नैपाल, विलायत ख़ाँ, विलियम शेक्सपीयर, विश्व-भारती विश्वविद्यालय, विषय चलचित्र, विज्ञान कथा साहित्य, विक्टर बैनर्जी, वृत्त चित्र, वेनिस, वेनिस फ़िल्मोत्सव, वोल्फ़गांक आमडेयुस मोत्सार्ट, खगोल शास्त्र, गणशत्रु (१९८९ फ़िल्म), गुप्तचर कथा, गुपी गाइन बाघा बाइन (1968 फ़िल्म), गौतम घोष, ऑक्सफ़र्ड विश्वविद्यालय, आपातकाल (भारत), आवर फ़िल्म्स, देयर फ़िल्म्स, आगन्तुक (१९९१ फ़िल्म), आंतोन चेखव, इटली, इतिहास, इन्दिरा गांधी, कला, कला निर्देशन, कलकत्ता फ़िल्म सभा, कल्पकथा, कान फ़िल्मोत्सव, काली, कोलम्बिया पिक्चर्स, कोलकाता, अदूर गोपालकृष्णन, अनिल चौधरी, अपराजितो, अपर्णा सेन, अपु त्रयी, अपुर संसार (1959 फ़िल्म), अमर्त्य सेन, अमज़द ख़ान, अरण्येर दिनरात्रि (१९७० फ़िल्म), अर्थशास्त्र, अली अक़बर ख़ाँ, अजंता गुफाएँ, अवध, अकादमी मानद पुरस्कार, अकिरा कुरोसावा, उत्तम कुमार, उत्पल दत्त, उपेन्द्रकिशोर राय चौधरी, उर्दू भाषा, ऋतुपर्ण घोष, ऋत्विक घटक, १ अप्रैल, १५ फरवरी, १७ सितम्बर, १८५७ का प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम, १९ जून, १९२१, १९४०, १९४३, १९४७, १९४९, १९५०, १९५२, १९५५, १९५९, १९६१, १९६२, १९६४, १९६५, १९६७, १९७७, १९७९, १९८०, १९८२, १९८३, १९८४, १९८५, १९८७, १९९०, १९९२, २ मई, २० अप्रैल, २००१, २००५, २००६, २००७, २३ अप्रैल, २९ जून, २९ अप्रैल, ४ नवम्बर सूचकांक विस्तार (176 अधिक) »

चारुलता

चारुलता 1964 में बनी बांग्ला भाषा की फिल्म है।.

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चार्ली चैप्लिन

सर चार्ल्स स्पेन्सर चैप्लिन, KBE (16 अप्रैल 1889 - 25 दिसम्बर 1977) एक अंग्रेजी हास्य अभिनेता और फिल्म निर्देशक थे। चैप्लिन, सबसे प्रसिद्ध कलाकारों में से एक होने के अलावा अमेरिकी सिनेमा के क्लासिकल हॉलीवुड युग के प्रारंभिक से मध्य तक एक महत्वपूर्ण फिल्म निर्माता, संगीतकार और संगीतज्ञ थे। चैप्लिन, मूक फिल्म युग के सबसे रचनात्मक और प्रभावशाली व्यक्तित्वों में से एक थे जिन्होंने अपनी फिल्मों में अभिनय, निर्देशन, पटकथा, निर्माण और अंततः संगीत दिया। मनोरंजन के कार्य में उनके जीवन के 75 वर्ष बीते, विक्टोरियन मंच और यूनाइटेड किंगडम के संगीत कक्ष में एक शिशु कलाकार से लेकर 88 वर्ष की आयु में लगभग उनकी मृत्यु तक। उनकी उच्च-स्तरीय सार्वजनिक और निजी जिंदगी में अतिप्रशंसा और विवाद दोनों सम्मिलित हैं। 1919 में मेरी पिकफोर्ड, डगलस फेयरबैंक्स और डी.डब्ल्यू.ग्रिफ़िथ के साथ चैप्लिन ने यूनाइटेङ आर्टिस्टस की सह-स्थापना की। चैप्लिन: अ लाइफ (2008) किताब की समीक्षा में, मार्टिन सिएफ्फ़ ने लिखा की: "चैप्लिन सिर्फ 'बड़े' ही नहीं थे, वे विराट् थे। 1915 में, वे एक युद्ध प्रभावित विश्व में हास्य, हँसी और राहत का उपहार लाए जब यह प्रथम विश्व युद्ध के बाद बिखर रहा था। अगले 25 वर्षों में, महामंदी और हिटलर के उत्कर्ष के दौरान, वह अपना काम करते रहे। वह सबसे बड़े थे। यह संदिग्ध है की किसी व्यक्ति ने कभी भी इतने सारे मनुष्यों को इससे अधिक मनोरंजन, सुख और राहत दी हो जब उनको इसकी सबसे ज्यादा जरूरत थी।" .

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चित्रकार

चित्र बनानेवाले को चित्रकार कहते हैं। यह कलाकारी की सबसे लोकप्रिय विधा है। चित्र बनाने के आधार जैसे कागज़, कैनवस, लकड़ी, कपड़ा या भित्ति और माध्यम जैसे जलरंग, तैल रंग, खड़िया या डिजिटल अलग अलग हो सकते हैं और उनके प्रयोगों में भी बहुत भिन्नता हो सकती है। उन्हें स्वतंत्र कला की भांति बनाया जा सकता है जैसे चित्रकार अपनी कला-प्रदर्शनियों के लिए बनाते हैं या फिर किसी अन्य कला के साथ भी जोड़ा जा सकता है जैसे पुस्तकों के लिए चित्र बनाना। श्रेणी:चित्रकला.

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चिदानन्द दासगुप्ता

चिदानन्द दासगुप्ता भारतीय फ़िल्म निर्देशक, फ़िल्म समीक्षक, फ़िल्म इतिहासकार थे। उन्होंने कोलकाता फ़िल्म सोसाइटी की स्थापनी भी की। उनकी पुत्री अपर्णा सेन प्रसिद्ध अभिनेत्री और फ़िल्म निर्देशिका हैं। अभिनेत्री कोनकोना सेन शर्मा उनकी पोती हैं। श्रेणी:भारतीय फ़िल्मकार.

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एलोरा गुफाएं

एलोरा या एल्लोरा (मूल नाम वेरुल) एक पुरातात्विक स्थल है, जो भारत में औरंगाबाद, महाराष्ट्र से 30 कि॰मि॰ (18.6 मील) की दूरी पर स्थित है। इन्हें राष्ट्रकूट वंश के शासकों द्वारा बनवाया गया था। अपनी स्मारक गुफाओं के लिए प्रसिद्ध, एलोरा युनेस्को द्वारा घोषित एक विश्व धरोहर स्थल है। एलोरा भारतीय पाषाण शिल्प स्थापत्य कला का सार है, यहाँ 34 "गुफ़ाएँ" हैं जो असल में एक ऊर्ध्वाधर खड़ी चरणाद्रि पर्वत का एक फ़लक है। इसमें हिन्दू, बौद्ध और जैन गुफ़ा मन्दिर बने हैं। ये पाँचवीं और दसवीं शताब्दी में बने थे। यहाँ 12 बौद्ध गुफ़ाएँ (1-12), 17 हिन्दू गुफ़ाएँ (13-29) और 5 जैन गुफ़ाएँ (30-34) हैं। ये सभी आस-पास बनीं हैं और अपने निर्माण काल की धार्मिक सौहार्द को दर्शाती हैं। एलोरा के 34 मठ और मंदिर औरंगाबाद के निकट 2 कि॰मि॰ के क्षेत्र में फैले हैं, इन्हें ऊँची बेसाल्ट की खड़ी चट्टानों की दीवारों को काट कर बनाया गया हैं। दुर्गम पहाड़ियों वाला एलोरा 600 से 1000 ईसवी के काल का है, यह प्राचीन भारतीय सभ्यता का जीवन्त प्रदर्शन करता है। बौद्ध, हिन्दू और जैन धर्म को भी समर्पित पवित्र स्थान एलोरा परिसर न केवल अद्वितीय कलात्मक सृजन और एक तकनीकी उत्कृष्टता है, बल्कि यह प्राचीन भारत के धैर्यवान चरित्र की व्याख्या भी करता है। यह यूनेस्को की विश्व विरासत में शामिल है। .

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एंड्रू रॉबिनसन

एंड्रू रॉबिनसन (जन्म 1957) ब्रिटिश लेखक और भूतपूर्व संपादक हैं। श्रेणी:लेखक.

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एकेर पिठे दुइ

सत्यजित राय की एक किताब.

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एकेई बोले शूटिंग

सत्यजित राय द्बारा लिखी गई एक किताब.

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डोमिनिका

यह उत्तर अमेरिका महाद्वीप में केरिबियन क्षेत्र में एक देश है। श्रेणी:देश श्रेणी:उत्तर अमेरिका.

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तन्वीर मुकम्मल

बांग्लादेशी फ़िल्म निर्देशक श्रेणी:बांग्लादेश की संस्कृति.

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तारिक़ मसूद

तारिक़ मसूद (তারেক মাসুদ; ६ दिसम्बर १९५६ – १३ अगस्त २०११) एक बांग्लादेशी फ़िल्म निर्देशक थे। १३ अगस्त २०११ को एक सड़क दुर्घटना में उनका निधन हो गया। .

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तोड़ाय बाँधा घोड़ार डिम

सत्यजित राय की बेतुकी कविताओं का संग्रह.

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द टाइम्स ऑफ़ इण्डिया

द टाइम्स ऑफ़ इण्डिया (The Times of India, TOI के रूप में संक्षेपाक्षरित) भारत में प्रकाशित एक अंग्रेज़ी भाषा का दैनिक समाचार पत्र है। इसका प्रबन्धन और स्वामित्व बेनेट कोलेमन एंड कम्पनी लिमिटेड के द्वारा किया जाता है। दुनिया में सभी अंग्रेजी भाषा के व्यापक पत्रों में इस अखबार की प्रसार संख्या सर्वाधिक है। 2005 में, अखबार ने रिपोर्ट दी कि (24 लाख से अधिक प्रसार के साथ) इसे ऑडिट बुरो ऑफ़ सर्क्युलेशन के द्वारा दुनिया के सबसे ज्यादा बिकने वाले अंग्रेजी भाषा के सामान्य समाचार पत्र के रूप में प्रमाणित किया गया है। इसके वावजूद भारत के भाषायी समाचार पत्रों (विशेषत: हिन्दी के अखबारों) की तुलना में इसका प्रसार बहुत कम है। टाइम्स ऑफ इंडिया को मीडिया समूह बेनेट, कोलेमन एंड कम्पनी लिमिटेड के द्वारा प्रकाशित किया जाता है, इसे टाइम्स समूह के रूप में जाना जाता है, यह समूह इकॉनॉमिक टाइम्स, मुंबई मिरर, नवभारत टाइम्स (एक हिंदी भाषा का दैनिक), दी महाराष्ट्र टाइम्स (एक मराठी भाषा का दैनिक) का भी प्रकाशन करता है। .

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द इनर आइ (१९७२ फ़िल्म)

द इनर आइ 1972 में बनी बांग्ला भाषा की फिल्म है। .

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दादासाहेब फाल्के पुरस्कार

दादा साहेब फाल्के पुरस्कार, भारत सरकार की ओर से दिया जाने वाला एक वार्षिक पुरस्कार है, को कि किसी व्यक्ति विशेष को भारतीय सिनेमा में उसके आजीवन योगदान के लिए दिया जाता है। इस पुरस्कार का प्रारंम्भ दादा साहेब फाल्के के जन्म शताब्दी वर्ष 1969 से हुआ। यह पुरस्कार उस वर्ष के अंत में रास्ट्रीय पुरस्कार के साथ प्रदान किया जाता है। इस पुरस्कार में 10 लाख रुपया और सुवणॅ कमल दिया जाता है। .

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दार्जिलिंग

दार्जिलिंग भारत के राज्य पश्चिम बंगाल का एक नगर है। यह नगर दार्जिलिंग जिले का मुख्यालय है। यह नगर शिवालिक पर्वतमाला में लघु हिमालय में अवस्थित है। यहां की औसत ऊँचाई २,१३४ मीटर (६,९८२ फुट) है। दार्जिलिंग शब्द की उत्त्पत्ति दो तिब्बती शब्दों, दोर्जे (बज्र) और लिंग (स्थान) से हुई है। इस का अर्थ "बज्रका स्थान है।" भारत में ब्रिटिश राज के दौरान दार्जिलिंग की समशीतोष्ण जलवायु के कारण से इस जगह को पर्वतीय स्थल बनाया गया था। ब्रिटिश निवासी यहां गर्मी के मौसम में गर्मी से छुटकारा पाने के लिए आते थे। दार्जिलिंग अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर यहां की दार्जिलिंग चाय के लिए प्रसिद्ध है। दार्जिलिंग की दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे एक युनेस्को विश्व धरोहर स्थल तथा प्रसिद्ध स्थल है। यहां की चाय की खेती १८०० की मध्य से शुरु हुई थी। यहां की चाय उत्पादकों ने काली चाय और फ़र्मेन्टिंग प्रविधि का एक सम्मिश्रण तैयार किया है जो कि विश्व में सर्वोत्कृष्ट है। दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे जो कि दार्जिलिंग नगर को समथर स्थल से जोड़ता है, को १९९९ में विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था। यह वाष्प से संचालित यन्त्र भारत में बहुत ही कम देखने को मिलता है। दार्जिलिंग में ब्रिटिश शैली के निजी विद्यालय भी है, जो भारत और नेपाल से बहुत से विद्यार्थियों को आकर्षित करते हैं। सन १९८० की गोरखालैंड राज्य की मांग इस शहर और इस के नजदीक का कालिम्पोंग के शहर से शुरु हुई थी। अभी राज्य की यह मांग एक स्वायत्त पर्वतीय परिषद के गठन के परिणामस्वरूप कुछ कम हुई है। हाल की दिनों में यहां का वातावरण ज्यादा पर्यटकों और अव्यवस्थित शहरीकरण के कारण से कुछ बिगड़ रहा है। .

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दि न्यू यॉर्क टाइम्स

दि न्यू यॉर्क टाइम्स अमेरिका का एक दैनिक समाचार पत्र है। .

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दिल का दौरा

दिल का दौरा या हृदयाघात दिल की एक बीमारी है। श्रेणी:रोग.

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दुलाल दत्ता

दुलाल दत्ता कोलकाता में बंगाली फ़िल्मों के संपादन के क्षेत्र में थे। उन्हें विशेष रूप से सत्यजित राय के सहयोगी की रूप में जाना जाता है। उन्होंन सत्यजित राय की सभी फ़िल्मों का संपादन किया। श्रेणी:भारतीय फ़िल्मकर्मी.

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द्वितीय विश्वयुद्ध

द्वितीय विश्वयुद्ध १९३९ से १९४५ तक चलने वाला विश्व-स्तरीय युद्ध था। लगभग ७० देशों की थल-जल-वायु सेनाएँ इस युद्ध में सम्मलित थीं। इस युद्ध में विश्व दो भागों मे बँटा हुआ था - मित्र राष्ट्र और धुरी राष्ट्र। इस युद्ध के दौरान पूर्ण युद्ध का मनोभाव प्रचलन में आया क्योंकि इस युद्ध में लिप्त सारी महाशक्तियों ने अपनी आर्थिक, औद्योगिक तथा वैज्ञानिक क्षमता इस युद्ध में झोंक दी थी। इस युद्ध में विभिन्न राष्ट्रों के लगभग १० करोड़ सैनिकों ने हिस्सा लिया, तथा यह मानव इतिहास का सबसे ज़्यादा घातक युद्ध साबित हुआ। इस महायुद्ध में ५ से ७ करोड़ व्यक्तियों की जानें गईं क्योंकि इसके महत्वपूर्ण घटनाक्रम में असैनिक नागरिकों का नरसंहार- जिसमें होलोकॉस्ट भी शामिल है- तथा परमाणु हथियारों का एकमात्र इस्तेमाल शामिल है (जिसकी वजह से युद्ध के अंत मे मित्र राष्ट्रों की जीत हुई)। इसी कारण यह मानव इतिहास का सबसे भयंकर युद्ध था। हालांकि जापान चीन से सन् १९३७ ई. से युद्ध की अवस्था में था किन्तु अमूमन दूसरे विश्व युद्ध की शुरुआत ०१ सितम्बर १९३९ में जानी जाती है जब जर्मनी ने पोलैंड पर हमला बोला और उसके बाद जब फ्रांस ने जर्मनी पर युद्ध की घोषणा कर दी तथा इंग्लैंड और अन्य राष्ट्रमंडल देशों ने भी इसका अनुमोदन किया। जर्मनी ने १९३९ में यूरोप में एक बड़ा साम्राज्य बनाने के उद्देश्य से पोलैंड पर हमला बोल दिया। १९३९ के अंत से १९४१ की शुरुआत तक, अभियान तथा संधि की एक शृंखला में जर्मनी ने महाद्वीपीय यूरोप का बड़ा भाग या तो अपने अधीन कर लिया था या उसे जीत लिया था। नाट्सी-सोवियत समझौते के तहत सोवियत रूस अपने छः पड़ोसी मुल्कों, जिसमें पोलैंड भी शामिल था, पर क़ाबिज़ हो गया। फ़्रांस की हार के बाद युनाइटेड किंगडम और अन्य राष्ट्रमंडल देश ही धुरी राष्ट्रों से संघर्ष कर रहे थे, जिसमें उत्तरी अफ़्रीका की लड़ाइयाँ तथा लम्बी चली अटलांटिक की लड़ाई शामिल थे। जून १९४१ में युरोपीय धुरी राष्ट्रों ने सोवियत संघ पर हमला बोल दिया और इसने मानव इतिहास में ज़मीनी युद्ध के सबसे बड़े रणक्षेत्र को जन्म दिया। दिसंबर १९४१ को जापानी साम्राज्य भी धुरी राष्ट्रों की तरफ़ से इस युद्ध में कूद गया। दरअसल जापान का उद्देश्य पूर्वी एशिया तथा इंडोचायना में अपना प्रभुत्व स्थापित करने का था। उसने प्रशान्त महासागर में युरोपीय देशों के आधिपत्य वाले क्षेत्रों तथा संयुक्त राज्य अमेरीका के पर्ल हार्बर पर हमला बोल दिया और जल्द ही पश्चिमी प्रशान्त पर क़ब्ज़ा बना लिया। सन् १९४२ में आगे बढ़ती धुरी सेना पर लगाम तब लगी जब पहले तो जापान सिलसिलेवार कई नौसैनिक झड़पें हारा, युरोपीय धुरी ताकतें उत्तरी अफ़्रीका में हारीं और निर्णायक मोड़ तब आया जब उनको स्तालिनग्राड में हार का मुँह देखना पड़ा। सन् १९४३ में जर्मनी पूर्वी युरोप में कई झड़पें हारा, इटली में मित्र राष्ट्रों ने आक्रमण बोल दिया तथा अमेरिका ने प्रशान्त महासागर में जीत दर्ज करनी शुरु कर दी जिसके कारणवश धुरी राष्ट्रों को सारे मोर्चों पर सामरिक दृश्टि से पीछे हटने की रणनीति अपनाने को मजबूर होना पड़ा। सन् १९४४ में जहाँ एक ओर पश्चिमी मित्र देशों ने जर्मनी द्वारा क़ब्ज़ा किए हुए फ़्रांस पर आक्रमण किया वहीं दूसरी ओर से सोवियत संघ ने अपनी खोई हुयी ज़मीन वापस छीनने के बाद जर्मनी तथा उसके सहयोगी राष्ट्रों पर हमला बोल दिया। सन् १९४५ के अप्रैल-मई में सोवियत और पोलैंड की सेनाओं ने बर्लिन पर क़ब्ज़ा कर लिया और युरोप में दूसरे विश्वयुद्ध का अन्त ८ मई १९४५ को तब हुआ जब जर्मनी ने बिना शर्त आत्मसमर्पण कर दिया। सन् १९४४ और १९४५ के दौरान अमेरिका ने कई जगहों पर जापानी नौसेना को शिकस्त दी और पश्चिमी प्रशान्त के कई द्वीपों में अपना क़ब्ज़ा बना लिया। जब जापानी द्वीपसमूह पर आक्रमण करने का समय क़रीब आया तो अमेरिका ने जापान में दो परमाणु बम गिरा दिये। १५ अगस्त १९४५ को एशिया में भी दूसरा विश्वयुद्ध समाप्त हो गया जब जापानी साम्राज्य ने आत्मसमर्पण करना स्वीकार कर लिया। .

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दृष्टि रचना

दृष्टि रचना विजुअल आर्ट, विजुअल डिज़ाइन या ग्राफ़िक डिज़ाइन का ही एक और नाम है। श्रेणी:कला.

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देवी (१९६० फ़िल्म)

देवी 1960 में बनी बांग्ला भाषा की फिल्म है। .

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दीपा मेहता

दीपा मेहता फ़िल्म निर्देशक, पटकथा लेखक और फ़िल्म निर्माता हैं। वह अपनी फ़िलमें फ़ायर, अर्थ और वाटर (यानी तत्वों की त्रयी) के लिए मशहूर है। .

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नरगिस

कोई विवरण नहीं।

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नायक (१९६६ फ़िल्म)

नायक 1966 में बनी बांग्ला भाषा की फिल्म है। .

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नवयथार्थवादी

इतालवी फ़िल्मों में नवयथार्थवाद आंदोलन का प्रारंभ 1943 में और अंत 1952 में माना जाता है। श्रेणी:फ़िल्म आंदोलन.

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नंदलाल बोस

नन्दलाल बोस का जन्म दिसंबर 1882 में बिहार के हवेली खडगपुर, जिला मुंगेर में हुआ। उनके पिता पूर्णचंद्र बोस ऑर्किटेक्ट तथा महाराजा दरभंगा की रियासत के मैनेजर थे। 16 अप्रैल 1966 कोलकाता में उनका देहांत हुआ। उन्होंने 1905 से 1910 के बीय कलकत्ता गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ़ आर्ट में अबनीन्द्ननाथ ठाकुर से कला की शिक्षा ली, इंडियन स्कूल ऑफ़ ओरियंटल आर्ट में अध्यापन किया और 1922 से 1951 तक शान्तिनिकेतन के कलाभवन के प्रधानाध्यापक रहे। ---- श्रेणी:भारतीय चित्रकार श्रेणी:विश्व के महान चित्रकार श्रेणी:कला श्रेणी:1882 में जन्मे लोग श्रेणी:१९६६ में निधन श्रेणी:बिहार के लोग.

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नक्सलवाद

नक्सलवाद कम्युनिस्ट क्रांतिकारियों के उस आंदोलन का अनौपचारिक नाम है जो भारतीय कम्युनिस्ट आंदोलन के फलस्वरूप उत्पन्न हुआ। नक्सल शब्द की उत्पत्ति पश्चिम बंगाल के छोटे से गाँव नक्सलबाड़ी से हुई है जहाँ भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी के नेता चारू मजूमदार और कानू सान्याल ने 1967 मे सत्ता के खिलाफ़ एक सशस्त्र आंदोलन की शुरुआत की। मजूमदार चीन के कम्यूनिस्ट नेता माओत्से तुंग के बहुत बड़े प्रशंसकों में से थे और उनका मानना था कि भारतीय मज़दूरों और किसानों की दुर्दशा के लिये सरकारी नीतियाँ जिम्मेदार हैं जिसकी वजह से उच्च वर्गों का शासन तंत्र और फलस्वरुप कृषितंत्र पर वर्चस्व स्थापित हो गया है। इस न्यायहीन दमनकारी वर्चस्व को केवल सशस्त्र क्रांति से ही समाप्त किया जा सकता है। 1967 में "नक्सलवादियों" ने कम्युनिस्ट क्रांतिकारियों की एक अखिल भारतीय समन्वय समिति बनाई। इन विद्रोहियों ने औपचारिक तौर पर स्वयं को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी से अलग कर लिया और सरकार के खिलाफ़ भूमिगत होकर सशस्त्र लड़ाई छेड़ दी। 1971 के आंतरिक विद्रोह (जिसके अगुआ सत्यनारायण सिंह थे) और मजूमदार की मृत्यु के बाद यह आंदोलन एकाधिक शाखाओं में विभक्त होकर कदाचित अपने लक्ष्य और विचारधारा से विचलित हो गया। आज कई नक्सली संगठन वैधानिक रूप से स्वीकृत राजनीतिक पार्टी बन गये हैं और संसदीय चुनावों में भाग भी लेते है। लेकिन बहुत से संगठन अब भी छद्म लड़ाई में लगे हुए हैं। नक्सलवाद के विचारधारात्मक विचलन की सबसे बड़ी मार आँध्र प्रदेश, छत्तीसगढ, उड़ीसा, झारखंड और बिहार को झेलनी पड़ रही है। .

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पटकथा

पटकथा किसी फ़िल्म या दूरदर्शन कार्यक्रम के लिए पटकथा लेखक द्वारा लिखा गया कच्चा चिट्ठा होता है। यह मूल रूप से भी लिखा जा सकता है और किसी उपन्यास या कहानी के लिए भी तैयार किया जा सकता है। इसमें संवाद और संवादों के बीच होने वाली घटनाओं व दृश्यों का विस्तृत ब्योरा होता है। इसे अंग्रेजी में स्र्कीनप्ले कहा जाता है। जबतक साहित्य कहानी के विधा में होती है तब तक पटकथा की जरूरत नहीं होती क्योंकि तब वह केवल पठनीय मात्र होती है । किंतु उसे जैसे ही पर्दे पर लाने की कोशिश की जाती है तब इस कहानी में दर्र्श्यात्मक तथ्यों को वास्तविक रूप में दिखाने के लिए पटकथा की जरूरत पडती है। श्रेणी:फ़िल्म श्रेणी:फ़िल्म निर्माण.

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पथेर पांचाली (1955 फ़िल्म)

पाथेर पांचाली (পথের পাঁচালী,, लघु पथगीत) बंगाली सिनेमा की 1955 में बनी एक नाट्य फ़िल्म है। इसका निर्देशन सत्यजित राय ने एवं निर्माण पश्चिम बंगाल सरकार ने किया था। यह फ़िल्म बिभूतिभूषण बंधोपाध्याय के इसी नाम के उपन्यास पर आधारित है। पाथेर पांचाली (हिन्दी अनुवाद-पथगीत) 1955 मे बनी बंगाली भाषा की नाटक-फिल्म है, जिसे सत्यजीत रे द्वारा लिखित और निर्देशित किया गया है। इस फिल्म का प्रॉडक्शन पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा किया गया था। यह बिभूतिभूषण बंदोपाध्याय के 1929 के बंगाली उपन्यास पर आधारित है। रे ने इसी फिल्म से निर्देशन मे पदार्पण किया था। इसमें सुबीर बनर्जी, कानू बनर्जी, करुणा बनर्जी, उमा दासगुप्त और चुनिबाला देवी शामिल हैं। अपु-रचनात्रय में पहली फिल्म, पाथेर पांचाली मे नायक अपु (सुबीर बनर्जी), उनकी बड़ी बहन दुर्गा (उमा दासगुप्त) और उनके गरीब परिवार के कठोर गांव जीवन के बचपन को दर्शाया गया है। प्रॉडक्शन का काम पैसो की कमी की वजह से कई बार रुका और फिल्म को पूरा होने मे लगभग तीन साल लगे। फिल्म सिर्फ कुछ ही जगहो पर फिल्मायी गयी। कम बजट होने के कारण ज्यादातर नए कलाकार और अनुभवहीन कर्मचारी थे। फिल्म का साउंडट्रैक मशहूर सितार प्लेयर रवि शंकर ने किया था। फिल्म का प्रीमीयर 3 मई 1955 को न्यू यॉर्क म्यूजियम मे एक प्रदर्शिनी के दौरान किया गया था। पाथेर पांचाली 1955 मे ही कलकत्ता मे बड़े उत्साह के साथ रिलीज़ की गयी और फिल्म की स्पेशल स्क्रीनिंग मे पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री और भारत के प्रधानमंत्री ने भी शिरकत की। .

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पद्म भूषण

पद्म भूषण सम्मान भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला तीसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान है, जो देश के लिये बहुमूल्य योगदान के लिये दिया जाता है। भारत सरकार द्वारा दिए जाने वाले अन्य प्रतिष्ठित पुरस्कारों में भारत रत्न, पद्म विभूषण और पद्मश्री का नाम लिया जा सकता है। पद्म भूषण रिबन .

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पश्चिम बंगाल

पश्चिम बंगाल (भारतीय बंगाल) (बंगाली: পশ্চিমবঙ্গ) भारत के पूर्वी भाग में स्थित एक राज्य है। इसके पड़ोस में नेपाल, सिक्किम, भूटान, असम, बांग्लादेश, ओडिशा, झारखंड और बिहार हैं। इसकी राजधानी कोलकाता है। इस राज्य मे 23 ज़िले है। यहां की मुख्य भाषा बांग्ला है। .

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पार्श्व संगीत

फ़िल्म या नाटक में दृश्य के साथ साथ चलने वाला ऐसा संगीत जो प्रत्यक्ष रूप से फ़िल्म का हिस्सा नहीं होता किंतु फ़िल्म की घटनाओं और संवादों को सजीव बनाने के लिए पृष्ठभूमि में चलता रहता है, पार्श्व संगीत कहलाता है। श्रेणी:फ़िल्म श्रेणी:फ़िल्म निर्माण.

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पाश्चात्य संगीत

पाश्चात्य संगीत पश्चिमी जगत के संगीत को कहा जाता है। श्रेणी:संगीत.

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पुरी

पुरी भारत के ओड़िशा प्रान्त का एक जिला है। भारत के चार पवित्रतम स्थानों में से एक है पुरी, जहां समुद्र इस शहर के पांव धोता है। कहा जाता है कि यदि कोई व्यक्ति यहां तीन दिन और तीन रात ठहर जाए तो वह जीवन-मरण के चक्कर से मुक्ति पा लेता है। पुरी, भगवान जगन्नाथ (संपूर्ण विश्व के भगवान), सुभद्रा और बलभद्र की पवित्र नगरी है, हिंदुओं के पवित्र चार धामों में से एक पुरी संभवत: एक ऐसा स्थान है जहां समुद्र के आनंद के साथ-साथ यहां के धार्मिक तटों और 'दर्शन' की धार्मिक भावना के साथ कुछ धार्मिक स्थलों का आनंद भी लिया जा सकता है। पुरी एक ऐसा स्थान है जिसे हजारों वर्षों से कई नामों - नीलगिरी, नीलाद्रि, नीलाचल, पुरुषोत्तम, शंखक्षेत्र, श्रीक्षेत्र, जगन्नाथ धाम, जगन्नाथ पुरी - से जाना जाता है। पुरी में दो महाशक्तियों का प्रभुत्व है, एक भगवान द्वारा सृजित है और दूसरी मनुष्य द्वारा सृजित है। .

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प्रतिद्वंद्वी (१९७२ फ़िल्म)

प्रतिद्वंद्वी 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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प्रकाशन

प्रकाशन निर्माण की वह प्रक्रिया है जिसके द्बारा साहित्य या सूचना को जनता के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है। अनेक बार लेखक स्वयं ही पुस्तक का प्रकाशक भी होता है। प्रकाशन का शाब्दिक अर्थ है 'प्रकाश में लाना'। यह संस्कृत की "प्रकश" धातु से बना है, जिसका अर्थ है फलाना, विकसित करना। उसी से बना 'प्रकाशन', जिसका शाब्दिक अर्थ हुआ फैलाने या विकसित करने की क्रिया। आधुनिक संदर्भ में इसकी परिभाषा यों की जा सकती है: लिखित विषय का चुनाव, मुद्रण और वितरण। प्रकाशन का कार्य आज के युग में मुद्रण और कागज पर पूर्णत: निर्भर है, यद्यपि यह दोनों ही चीज़ों से पुराना है। .

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प्रेमचंद

प्रेमचंद (३१ जुलाई १८८० – ८ अक्टूबर १९३६) हिन्दी और उर्दू के महानतम भारतीय लेखकों में से एक हैं। मूल नाम धनपत राय प्रेमचंद को नवाब राय और मुंशी प्रेमचंद के नाम से भी जाना जाता है। उपन्यास के क्षेत्र में उनके योगदान को देखकर बंगाल के विख्यात उपन्यासकार शरतचंद्र चट्टोपाध्याय ने उन्हें उपन्यास सम्राट कहकर संबोधित किया था। प्रेमचंद ने हिन्दी कहानी और उपन्यास की एक ऐसी परंपरा का विकास किया जिसने पूरी सदी के साहित्य का मार्गदर्शन किया। आगामी एक पूरी पीढ़ी को गहराई तक प्रभावित कर प्रेमचंद ने साहित्य की यथार्थवादी परंपरा की नींव रखी। उनका लेखन हिन्दी साहित्य की एक ऐसी विरासत है जिसके बिना हिन्दी के विकास का अध्ययन अधूरा होगा। वे एक संवेदनशील लेखक, सचेत नागरिक, कुशल वक्ता तथा सुधी (विद्वान) संपादक थे। बीसवीं शती के पूर्वार्द्ध में, जब हिन्दी में तकनीकी सुविधाओं का अभाव था, उनका योगदान अतुलनीय है। प्रेमचंद के बाद जिन लोगों ने साहित्‍य को सामाजिक सरोकारों और प्रगतिशील मूल्‍यों के साथ आगे बढ़ाने का काम किया, उनमें यशपाल से लेकर मुक्तिबोध तक शामिल हैं। .

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प्रेसिडेन्सी विश्वविद्यालय, कोलकाता

प्रेसिडेंसी कॉलेज, कोलकाता (Presidency College; প্রেসিডেন্সি কলেজ) कोलकाता, पश्चिम बंगाल में कला, विज्ञान और मानविकी के क्षेत्रों में स्नातक तथा स्नातकोत्तर अध्ययन के लिए एक श्रेष्ठ भारतीय शिक्षा प्रतिष्ठान है। इस प्रतिष्ठान ने अनेक प्रसिद्ध भारतीय कलाकार, लेखक, वैज्ञानिक, राजनीतिज्ञ, दार्शनिक इत्यादि दिए है। .

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प्रोफ़ेसर शंकु

सत्यजित राय का एक प्रसिद्ध चरित्र.

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पीटर सेलर्स

पीटर सेलर्स पीटर सेलर्स, (8 सितंबर 1925 – 24 जुलाई 1980) अंग्रेज़ हास्य अभिनेता थे जिन्हें पिंक पैन्थर फ़िल्मस के इस्पेक्टर की भूमिका में बहुत प्रसिद्धि मिली। उनकी पहली सफलता बीबीसी होम सर्विस रेडियो पर प्रसारित गून शो थी। श्रेणी:अभिनेता.

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फ़िल्म निर्देशक

फ़िल्म निर्दशक फ़िल्म के निर्माण की देखरेख करता है। वह पटकथा की दृश्यों को आकार देता है और फ़िल्म के कलात्मक व नाटकीय पहलुओं को नियंत्रित करते हुए सहयोगी कलाकारों तथा तकनीकी जत्थे को अपनी परिकल्पना को पूरा करने की दिशा में निर्देशित करता है। श्रेणी:फ़िल्म निर्देशक श्रेणी:मनोरंजन व्यवसाय श्रेणी:मीडिया व्यवसाय de:Regisseur is:Leikstjóri kk:Режиссер li:Regisseur nl:Regisseur pl:Reżyser sh:Režija tr:Yönetmen.

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फ़्राँस्वा त्रुफ़ो

फ़्राँस्वा रोनाल्द त्रुफ़ो (फ़्रांसिसी: François Truffaut, अन्तर्राष्ट्रीय ध्वन्यात्मक लिपि) (6 फ़रवरी 1932 – 21 अक्टूबर 1984) फ़्रांसिसी सिनेमा में नव तरंग के प्रवर्तकों में से एक थे। पचीस साल से कुछ अधिक लंबे अपने कार्यकाल में उन्होंने पटकथा लेखन, निर्माता, निर्देशक और अभिनेता के रूप में पचीस से अधिक फ़िल्मों में काम किया। श्रेणी:फ़िल्म श्रेणी:फ़्रांसिसी फ़िल्म निर्देशक.

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फ़्रान्स

फ़्रान्स,या फ्रांस (आधिकारिक तौर पर फ़्रान्स गणराज्य; फ़्रान्सीसी: République française) पश्चिम यूरोप में स्थित एक देश है किन्तु इसका कुछ भूभाग संसार के अन्य भागों में भी हैं। पेरिस इसकी राजधानी है। यह यूरोपीय संघ का सदस्य है। क्षेत्रफल की दृष्टि से यह यूरोप महाद्वीप का सबसे बड़ा देश है, जो उत्तर में बेल्जियम, लक्ज़मबर्ग, पूर्व में जर्मनी, स्विट्ज़रलैण्ड, इटली, दक्षिण-पश्चिम में स्पेन, पश्चिम में अटलांटिक महासागर, दक्षिण में भूमध्यसागर तथा उत्तर पश्चिम में इंग्लिश चैनल द्वारा घिरा है। इस प्रकार यह तीन ओर सागरों से घिरा है। सुरक्षा की दृष्टि से इसकी स्थिति उत्तम नहीं है। लौह युग के दौरान, अभी के महानगरीय फ्रांस को कैटलिक से आये गॉल्स ने अपना निवास स्थान बनाया। रोम ने 51 ईसा पूर्व में इस क्षेत्र पर कब्जा कर लिया गया। फ्रांस, गत मध्य युग में सौ वर्ष के युद्ध (1337 से 1453) में अपनी जीत के साथ राज्य निर्माण और राजनीतिक केंद्रीकरण को मजबूत करने के बाद एक प्रमुख यूरोपीय शक्ति के रूप में उभरा। पुनर्जागरण के दौरान, फ्रांसीसी संस्कृति विकसित हुई और एक वैश्विक औपनिवेशिक साम्राज्य स्थापित हुआ, जो 20 वीं सदी तक दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी थी। 16 वीं शताब्दी में यहाँ कैथोलिक और प्रोटेस्टैंट (ह्यूजेनॉट्स) के बीच धार्मिक नागरिक युद्धों का वर्चस्व रहा। फ्रांस, लुई चौदहवें के शासन में यूरोप की प्रमुख सांस्कृतिक, राजनीतिक और सैन्य शक्ति बन कर उभरा। 18 वीं शताब्दी के अंत में, फ्रेंच क्रांति ने पूर्ण राजशाही को उखाड़ दिया, और आधुनिक इतिहास के सबसे पुराने गणराज्यों में से एक को स्थापित किया, साथ ही मानव और नागरिकों के अधिकारों की घोषणा के प्रारूप का मसौदा तैयार किया, जोकि आज तक राष्ट्र के आदर्शों को व्यक्त करता है। 19वीं शताब्दी में नेपोलियन ने वहाँ की सत्ता हथियाँ कर पहले फ्रांसीसी साम्राज्य की स्थापना की, इसके बाद के नेपोलियन युद्धों ने ही वर्तमान यूरोप महाद्वीपीय के स्वरुप को आकार दिया। साम्राज्य के पतन के बाद, फ्रांस में 1870 में तृतीय फ्रांसीसी गणतंत्र की स्थापना हुई, हलाकि आने वाली सभी सरकार लचर अवस्था में ही रही। फ्रांस प्रथम विश्व युद्ध में एक प्रमुख भागीदार था, जहां वह विजयी हुआ, और द्वितीय विश्व युद्ध में मित्र राष्ट्र में से एक था, लेकिन 1940 में धुरी शक्तियों के कब्जे में आ गया। 1944 में अपनी मुक्ति के बाद, चौथे फ्रांसीसी गणतंत्र की स्थापना हुई जिसे बाद में अल्जीरिया युद्ध के दौरान पुनः भंग कर दिया गया। पांचवां फ्रांसीसी गणतंत्र, चार्ल्स डी गॉल के नेतृत्व में, 1958 में बनाई गई और आज भी यह कार्यरत है। अल्जीरिया और लगभग सभी अन्य उपनिवेश 1960 के दशक में स्वतंत्र हो गए पर फ्रांस के साथ इसके घनिष्ठ आर्थिक और सैन्य संबंध आज भी कायम हैं। फ्रांस लंबे समय से कला, विज्ञान और दर्शन का एक वैश्विक केंद्र रहा है। यहाँ पर यूरोप की चौथी सबसे ज्यादा सांस्कृतिक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल मौजूद है, और दुनिया में सबसे अधिक, सालाना लगभग 83 मिलियन विदेशी पर्यटकों की मेजबानी करता है। फ्रांस एक विकसित देश है जोकि जीडीपी में दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था तथा क्रय शक्ति समता में नौवीं सबसे बड़ा है। कुल घरेलू संपदा के संदर्भ में, यह दुनिया में चौथे स्थान पर है। फ्रांस का शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, जीवन प्रत्याशा और मानव विकास की अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में अच्छा प्रदर्शन है। फ्रांस, विश्व की महाशक्तियों में से एक है, वीटो का अधिकार और एक आधिकारिक परमाणु हथियार संपन्न देश के साथ ही यह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों में से एक है। यह यूरोपीय संघ और यूरोजोन का एक प्रमुख सदस्यीय राज्य है। यह समूह-8, उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो), आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी), विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) और ला फ्रैंकोफ़ोनी का भी सदस्य है। .

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फ़ीचर फ़िल्म

फ़िल्म उद्योग में कथाचित्र या फ़ीचर फ़िल्म उस फिल्म को कहते हैं जिन्हें सिनेमाघरों में वितरित कर व्यापार करने के उद्देश्य से बनाया जाता है। द एकेडमी ऑफ़ मोशन पिक्चर आर्ट्स, द अमेरिकन फ़िल्म इंस्टीट्यूट और द ब्रिटिश फ़िल्म इंस्टीट्यूट सभी ने 40 मिनट से अधिक देर तक चलने वाली फ़िल्म को फ़ीचर फ़िल्म के नाम से परिभाषित किया है। फ़्रांस में द सेंटर डि ला सिनेमेटोग्राफ़ी के अनुसार 35 मि.मि.

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फिल्मांकन

फ़िल्म की सचल फ़ोटोग्राफ़ी को फिल्मांकन या (अंग्रेज़ी में) सिनेमेटोग्राफ़ी कहते है। यह शब्द ग्रीक शब्द kinesis (सचल) grapho (लिपिबद्ध करना) से बना है। इसका सामान्य फ़ोटोग्राफी (जिसे स्टिल फ़ोटोग्राफ़ी भी कहते हैं) से घनिष्ठ संबंध है हाँलाँकि जब कैमरा और दृश्य सचल होते हैं तो अनेक संबंधित विषयों और समस्याओं का ध्यान भी रखना होता है। यह फिल्मों से संबंधित एक कला है जिससे फ़िल्म निर्देशक और छायाकार फ़िल्म को निखारते हैं। श्रेणी:फ़िल्म निर्माण * श्रेणी:फ़िल्म श्रेणी:फ़िल्म और प्रदर्शन प्रौद्योगिकी श्रेणी:सिनेमाई तकनीकें.

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फेलुदा

फेलू दा सत्यजित राय की कहानियों का एक पात्र है। जो जासूसी करके सत्य की खोज करता है। उसकी उम्र 27 वर्ष है तथा उसका सहायक साढ़े तेरह साल का तपेशरंजन बोस है।.

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बांग्लादेश मुक्ति युद्ध

बांग्लादेश का स्वतंत्रता संग्राम १९७१ में हुआ था, इसे 'मुक्ति संग्राम' भी कहते हैं। यह युद्ध वर्ष १९७१ में २५ मार्च से १६ दिसम्बर तक चला था। इस रक्तरंजित युद्ध के माध्यम सेे बांलादेश ने पाकिस्तान से स्वाधीनता प्राप्त की। 16 दिसम्बर सन् १९७१ को बांग्लादेश बना था। भारत की पाकिस्तान पर इस ऐतिहासिक जीत को विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। पाकिस्तान पर यह जीत कई मायनों में ऐतिहासिक थी। भारत ने ९३ हजार पाकिस्तानी सैनिकों को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था। १९७१ के पहले बांलादेश, पाकिस्तान का एक प्रान्त था जिसका नाम 'पूर्वी पाकिस्तान' था जबकि वर्तमान पाकिस्तान को पश्चिमी पाकिस्तान कहते थे। कई सालों के संघर्ष और पाकिस्तान की सेना के अत्याचार और बांग्लाभाषियों के दमन के विरोध में पूर्वी पाकिस्तान के लोग सड़कों पर उतर आए थे। १९७१ में आज़ादी के आंदोलन को कुचलने के लिए पाकिस्तानी सेना ने पूर्वी पाकिस्तान के विद्रोह पर आमादा लोगों पर जमकर अत्याचार किए। लाखों लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया और अनगिनत महिलाओं की आबरू लूट ली गई। भारत ने पड़ोसी के नाते इस जुल्म का विरोध किया और क्रांतिकारियों की मदद की। इसका नतीजा यह हुआ कि भारत और पाकिस्तान के बीच सीधी जंग हुई। इस लड़ाई में भारत ने पाकिस्तान को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिए। इसके साथ ही दक्षिण एशिया में एक नए देश का उदय हुआ। .

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बाङ्ला भाषा

बाङ्ला भाषा अथवा बंगाली भाषा (बाङ्ला लिपि में: বাংলা ভাষা / बाङ्ला), बांग्लादेश और भारत के पश्चिम बंगाल और उत्तर-पूर्वी भारत के त्रिपुरा तथा असम राज्यों के कुछ प्रान्तों में बोली जानेवाली एक प्रमुख भाषा है। भाषाई परिवार की दृष्टि से यह हिन्द यूरोपीय भाषा परिवार का सदस्य है। इस परिवार की अन्य प्रमुख भाषाओं में हिन्दी, नेपाली, पंजाबी, गुजराती, असमिया, ओड़िया, मैथिली इत्यादी भाषाएँ हैं। बंगाली बोलने वालों की सँख्या लगभग २३ करोड़ है और यह विश्व की छठी सबसे बड़ी भाषा है। इसके बोलने वाले बांग्लादेश और भारत के अलावा विश्व के बहुत से अन्य देशों में भी फ़ैले हैं। .

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बिनोद बिहारी मुखर्जी

बिनोद बिहारी मुखर्जी (बांग्ला: বিনোদ বিহারী মুখার্জি) (1904 - 1980) का जन्म बेहला कोलकाता में हुआ। शांति निकेतन में कला शिक्षक थे। वे नंदलाल बोस के शिष्य थे। उनकी कला में समय समय पर शांति निकेतन में आने वाले चीनी और जापानी कलाकारों का प्रभाव देखा जा सकता है। 1937-38 के मध्य वे जापान गए जहाँ उन्होंने जापानी चित्रकार टोबा सोजो के साथ काम किया। जब वे सूरजमुखी का फूल चित्रित करते हैं या चौखानों को अपने चित्रों से स्थान देतै हैं तब उनकी कला को पिकासो से प्रभावित भी कहा जाता है। 1948 में वे नेपाल के नेशनल म्यूज़ियम ऑफ़ काठमांडू के निदेशक भी हुए। बाद के दिनों में उन्होंने दून घाटी में एक कला विद्यालय भी खोला पर वह ज्यादा दिन नहीं चला। 1972 में सत्यजित राय ने उनके ऊपर द इनर आई नामक वृत्तचित्र का निर्माण किया। वे शान्तिनिकेतन में सत्यजित राय के कला गुरू भी थे। बिनोद बिहारी मुखर्जी की बेटी मृणालिनी भी चित्रकार हैं। श्रेणी:कला श्रेणी:भारतीय चित्रकार.

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बिभूतिभूषण बंधोपाध्याय

बिभूतिभूषण बंद्योपाध्याय (बांग्ला: বিভুতিভূষণ বন্দ্যোপাধ্যায়) बांग्ला के सुप्रसिद्ध लेखक और उपन्यासकार थे। वे अपने महाकाव्य पाथेर पांचाली के लिए विशेष रूप से जाने जाते हैं। जिसके ऊपर प्रसिद्ध फ़िल्मकार सत्यजित राय ने एक लोकप्रिय फ़िल्म का निर्माण भी किया था। श्रेणी:व्यक्तिगत जीवन श्रेणी:बांग्ला साहित्यकार.

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बिजोय राय

बिजोया राय (विवाहपूर्व बिजोया दास; १९१६ – २ जून २०१५) भारतीय फ़िल्म निर्माता निर्देशक सत्यजित राय पत्नी थीं। उनका विवाह 1949 में हुआ। उनका पुत्र सन्दीप राय भी फ़िल्म निर्देशक हैं। सत्यजीत राय और बिजोय राय दूर के भाई-बहन थे। बिजोया दास ने 1944 में शेष रक्षक नाम की एक बांग्ला फ़िल्म में काम किया था और एक गीत भी गाया था। 1998 में उन्होंने कैथरीन बर्ज द्बारा निर्मित गाछ (पेड़) नामक एक वृत्तचित्र में भी अभिनय किया। .

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बंसी चन्द्रगुप्ता

बंसी चन्द्रगुप्ता भारतीय सिनेमा के सर्वश्रेष्ठ कला निर्देशकों में से एक माने जाते हैं। श्रेणी:भारतीय फ़िल्मकर्मी श्रेणी:सत्यजित राय.

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बंगाली लोग

भारत के बंगाल प्रांत के निवासियों को बंगाली कहते हैं। भारत के साहित्यिक सांस्कृतिक व साहित्यिक विकास में बंगाल प्रांत के निवासियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। 1947 में भारत विभाजन के पश्चात जब बंगाल का विभाजन हुआ तब पूर्वी बंगाल पाकिस्तान का अंग बन गया लेकिन जब यह भूभाग स्वतंत्र बांगला देश बना तब इसके निवासियों को भी बंगाली या बांगलादेशी कहा जाने लगा। श्रेणी:भारत के लोग श्रेणी:बंगाल.

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बुद्धदेव दासगुप्ता

बुद्धदेव दासगुप्ता (जन्म: 11 फरवरी, 1944) हिन्दी एवं बांग्ला फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं। श्रेणी:अभिनेता.

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ब्राह्म समाज

ब्रह्म समाज भारत का एक सामाजिक धार्मिक आंदोलन है, जिसने बंगाल के पुनर्जागरण युग को प्रभावित किया। इसके प्रवर्तक, राजा राममोहन राय, अपने समय के विशिष्ट समाज सुधारक थे। 1828 में ब्रह्म समाज को राजा राममोहन और द्वारकानाथ टैगोर ने स्थापित किया था। इसका एक उद्देश्य भिन्न भिन्न धार्मिक आस्थाओं में बँटी हुई जनता को एक जुट करना तथा समाज में फैली कुरीतियों को दूर करना है। समाज का वास्तविक अर्थ होता सम+आज। .

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ब्रिटिश राज

ब्रिटिश राज 1858 और 1947 के बीच भारतीय उपमहाद्वीप पर ब्रिटिश द्वारा शासन था। क्षेत्र जो सीधे ब्रिटेन के नियंत्रण में था जिसे आम तौर पर समकालीन उपयोग में "इंडिया" कहा जाता था‌- उसमें वो क्षेत्र शामिल थे जिन पर ब्रिटेन का सीधा प्रशासन था (समकालीन, "ब्रिटिश इंडिया") और वो रियासतें जिन पर व्यक्तिगत शासक राज करते थे पर उन पर ब्रिटिश क्राउन की सर्वोपरिता थी। .

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बेतुकी कविता

बेतुकी कविता का साहित्यिक नाम उलटवासी है। यह हास्य और मनोरंजन के लिए लिखी जाती हैं। आम तौर पर इनका कोई अर्थ नहीं होता है लेकिन शब्द संयोजन रोचक होने के कारण बच्चे इन्हें काफ़ी जल्दी याद कर लेते हैं। हिंदी में इनका जनक अमीर खुसरों को माना जा सकता है। बाद में बंगाल में उलटवासियों का काफ़ी प्रचलन रहा। बहुत से प्रसिद्ध शिशुगीत उलटवासी पद्धति में लिखे गए हैं। फ़िल्मी गीतों में भी उलटवासियों का सुंदर प्रयोग हुआ है। श्रेणी:साहित्य.

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बीबीसी

बीबीसी या ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोंरेशन (ब्रिटिश प्रसारण निगम) विश्व का सबसे बड़ा प्रसारण संघ है, दर्शकों की संख्या में, जिसके केवल ग्रेट ब्रिटेन में ही २६,००० कार्यकर्ता और बजट जीबी£ ४ अरब यूएस$ ७.८ अरब) से अधिक है। and the motto of the BBC is Nation Shall Speak Peace Unto Nation. The BBC is a quasi-autonomous Public Corporation operating as a public service broadcaster. The Corporation is run by the BBC Trust; however, the BBC is, per its charter, to be "free from both political and commercial influence and answers only to its viewers and listeners". Its domestic programming and broadcasts are primarily funded by levying television licence fees (under the Wireless Telegraphy Act 1949), although money is also raised through commercial activities such as sale of merchandise and programming. The BBC World Service, however, is funded by the Foreign and Commonwealth Office. In order to justify the licence fee the BBC is expected to produce a number of high-rating shows in addition to programmes that commercial broadcasters would not normally broadcast. Quite often domestic audiences affectionately refer to the BBC as the Beeb (coined by Kenny Everett). Auntie was a nickname used during the early years, said to originate in the somewhat old fashioned Auntie knows best attitude back when John Reith was in charge. The two terms have been used together as Auntie Beeb.--> .

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बीसवीं शताब्दी

ग्रेगरी पंचांग (कलेंडर) के अनुसार ईसा की बीसवीं शताब्दी 1 जनवरी 1901 से 31 दिसम्बर 2000 तक मानी जाती है। कुछ इतिहासवेत्ता 1914 से 1992 तक को संक्षिप्त बीसवीं शती का नाम भी देते हैं। (उन्नीसवी शताब्दी - बीसवी शताब्दी - इक्कीसवी शताब्दी - और शताब्दियाँ) दशक: १९०० का दशक १९१० का दशक १९२० का दशक १९३० का दशक १९४० का दशक १९५० का दशक १९६० का दशक १९७० का दशक १९८० का दशक १९९० का दशक ---- समय के गुज़रने को रेकोर्ड करने के हिसाब से देखा जाये तो बीसवी शताब्दी वह शताब्दी थी जो १९०१ - २००० तक चली थी। मनुष्य जाति के जीवन का लगभग हर पहलू बीसवी शताब्दी में बदल गया।.

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भारत

भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .

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भारत रत्‍न

भारत रत्न भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। यह सम्मान राष्ट्रीय सेवा के लिए दिया जाता है। इन सेवाओं में कला, साहित्य, विज्ञान, सार्वजनिक सेवा और खेल शामिल है। इस सम्मान की स्थापना 2 जनवरी 1954 में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति श्री राजेंद्र प्रसाद द्वारा की गई थी। अन्य अलंकरणों के समान इस सम्मान को भी नाम के साथ पदवी के रूप में प्रयुक्त नहीं किया जा सकता। प्रारम्भ में इस सम्मान को मरणोपरांत देने का प्रावधान नहीं था, यह प्रावधान 1955 में बाद में जोड़ा गया। तत्पश्चात् 13 व्यक्तियों को यह सम्मान मरणोपरांत प्रदान किया गया। सुभाष चन्द्र बोस को घोषित सम्मान वापस लिए जाने के उपरान्त मरणोपरान्त सम्मान पाने वालों की संख्या 12 मानी जा सकती है। एक वर्ष में अधिकतम तीन व्यक्तियों को ही भारत रत्न दिया जा सकता है। उल्लेखनीय योगदान के लिए भारत सरकार द्वारा दिए जाने वाले सम्मानों में भारत रत्न के पश्चात् क्रमशः पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्मश्री हैं। .

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भारत सरकार

भारत सरकार, जो आधिकारिक तौर से संघीय सरकार व आमतौर से केन्द्रीय सरकार के नाम से जाना जाता है, 29 राज्यों तथा सात केन्द्र शासित प्रदेशों के संघीय इकाई जो संयुक्त रूप से भारतीय गणराज्य कहलाता है, की नियंत्रक प्राधिकारी है। भारतीय संविधान द्वारा स्थापित भारत सरकार नई दिल्ली, दिल्ली से कार्य करती है। भारत के नागरिकों से संबंधित बुनियादी दीवानी और फौजदारी कानून जैसे नागरिक प्रक्रिया संहिता, भारतीय दंड संहिता, अपराध प्रक्रिया संहिता, आदि मुख्यतः संसद द्वारा बनाया जाता है। संघ और हरेक राज्य सरकार तीन अंगो कार्यपालिका, विधायिका व न्यायपालिका के अन्तर्गत काम करती है। संघीय और राज्य सरकारों पर लागू कानूनी प्रणाली मुख्यतः अंग्रेजी साझा और वैधानिक कानून (English Common and Statutory Law) पर आधारित है। भारत कुछ अपवादों के साथ अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के न्याय अधिकारिता को स्वीकार करता है। स्थानीय स्तर पर पंचायती राज प्रणाली द्वारा शासन का विकेन्द्रीकरण किया गया है। भारत का संविधान भारत को एक सार्वभौमिक, समाजवादी गणराज्य की उपाधि देता है। भारत एक लोकतांत्रिक गणराज्य है, जिसका द्विसदनात्मक संसद वेस्टमिन्स्टर शैली के संसदीय प्रणाली द्वारा संचालित है। इसके शासन में तीन मुख्य अंग हैं: न्यायपालिका, कार्यपालिका और व्यवस्थापिका। .

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भारत की खोज

भारत की खोज (Discovery of India) की रचना जवाहरलाल नेहरू द्वारा किया गया है। इसकी रचना 1944 में अप्रैल-सितंबर के बीच अहमदनगर की जेल में हुई। इस पुस्‍तक को नेहरू जी ने अंग्रज़ी में लिखा और बाद में इसे हिंदी और अन्‍य बहुत सारे भाषाओं में अनुवाद किया गया है। भारत की खोज पुस्‍तक को क्‍लासिक का दर्जा हासिल है। नेहरू जी ने इसे स्‍वतंत्रता आंदोलन के दौर में 1944 में अहमदनगर के किले में अपने पाँच महीने के कारावास के दिनों में लिखा था। यह 1946 में पुस्‍तक के रूप में प्रकाशित हुई। इस पुस्‍तक में नेहरू जी ने सिंधु घाटी सभ्‍यता से लेकर भारत की आज़ादी तक विकसित हुई भारत की बहुविध समृद्ध संस्‍कृति, धर्म और जटिल अतीत को वैज्ञानिक दष्टि से विलक्षण भाषा शैली में बयान किया है। .

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भारतीय सिनेमा

भारतीय सिनेमा के अन्तर्गत भारत के विभिन्न भागों और भाषाओं में बनने वाली फिल्में आती हैं जिनमें आंध्र प्रदेश और तेलंगाना, असम, बिहार, उत्तर प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, जम्मू एवं कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और बॉलीवुड शामिल हैं। भारतीय सिनेमा ने २०वीं सदी की शुरुआत से ही विश्व के चलचित्र जगत पर गहरा प्रभाव छोड़ा है।। भारतीय फिल्मों का अनुकरण पूरे दक्षिणी एशिया, ग्रेटर मध्य पूर्व, दक्षिण पूर्व एशिया और पूर्व सोवियत संघ में भी होता है। भारतीय प्रवासियों की बढ़ती संख्या की वजह से अब संयुक्त राज्य अमरीका और यूनाइटेड किंगडम भी भारतीय फिल्मों के लिए एक महत्वपूर्ण बाजार बन गए हैं। एक माध्यम(परिवर्तन) के रूप में सिनेमा ने देश में अभूतपूर्व लोकप्रियता हासिल की और सिनेमा की लोकप्रियता का इसी से अन्दाजा लगाया जा सकता है कि यहाँ सभी भाषाओं में मिलाकर प्रति वर्ष 1,600 तक फिल्में बनी हैं। दादा साहेब फाल्के भारतीय सिनेमा के जनक के रूप में जाना जाते हैं। दादा साहब फाल्के के भारतीय सिनेमा में आजीवन योगदान के प्रतीक स्वरुप और 1969 में दादा साहब के जन्म शताब्दी वर्ष में भारत सरकार द्वारा दादा साहेब फाल्के पुरस्कार की स्थापना उनके सम्मान में की गयी। आज यह भारतीय सिनेमा का सबसे प्रतिष्ठित और वांछित पुरस्कार हो गया है। २०वीं सदी में भारतीय सिनेमा, संयुक्त राज्य अमरीका का सिनेमा हॉलीवुड तथा चीनी फिल्म उद्योग के साथ एक वैश्विक उद्योग बन गया।Khanna, 155 2013 में भारत वार्षिक फिल्म निर्माण में पहले स्थान पर था इसके बाद नाइजीरिया सिनेमा, हॉलीवुड और चीन के सिनेमा का स्थान आता है। वर्ष 2012 में भारत में 1602 फ़िल्मों का निर्माण हुआ जिसमें तमिल सिनेमा अग्रणी रहा जिसके बाद तेलुगु और बॉलीवुड का स्थान आता है। भारतीय फ़िल्म उद्योग की वर्ष 2011 में कुल आय $1.86 अरब (₹ 93 अरब) की रही। जिसके वर्ष 2016 तक $3 अरब (₹ 150 अरब) तक पहुँचने का अनुमान है। बढ़ती हुई तकनीक और ग्लोबल प्रभाव ने भारतीय सिनेमा का चेहरा बदला है। अब सुपर हीरो तथा विज्ञानं कल्प जैसी फ़िल्में न केवल बन रही हैं बल्कि ऐसी कई फिल्में एंथीरन, रा.वन, ईगा और कृष 3 ब्लॉकबस्टर फिल्मों के रूप में सफल हुई है। भारतीय सिनेमा ने 90 से ज़्यादा देशों में बाजार पाया है जहाँ भारतीय फिल्मे प्रदर्शित होती हैं। Khanna, 158 सत्यजीत रे, ऋत्विक घटक, मृणाल सेन, अडूर गोपालकृष्णन, बुद्धदेव दासगुप्ता, जी अरविंदन, अपर्णा सेन, शाजी एन करुण, और गिरीश कासरावल्ली जैसे निर्देशकों ने समानांतर सिनेमा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और वैश्विक प्रशंसा जीती है। शेखर कपूर, मीरा नायर और दीपा मेहता सरीखे फिल्म निर्माताओं ने विदेशों में भी सफलता पाई है। 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के प्रावधान से 20वीं सेंचुरी फॉक्स, सोनी पिक्चर्स, वॉल्ट डिज्नी पिक्चर्स और वार्नर ब्रदर्स आदि विदेशी उद्यमों के लिए भारतीय फिल्म बाजार को आकर्षक बना दिया है। Khanna, 156 एवीएम प्रोडक्शंस, प्रसाद समूह, सन पिक्चर्स, पीवीपी सिनेमा,जी, यूटीवी, सुरेश प्रोडक्शंस, इरोज फिल्म्स, अयनगर्न इंटरनेशनल, पिरामिड साइमिरा, आस्कार फिल्म्स पीवीआर सिनेमा यशराज फिल्म्स धर्मा प्रोडक्शन्स और एडलैब्स आदि भारतीय उद्यमों ने भी फिल्म उत्पादन और वितरण में सफलता पाई। मल्टीप्लेक्स के लिए कर में छूट से भारत में मल्टीप्लेक्सों की संख्या बढ़ी है और फिल्म दर्शकों के लिए सुविधा भी। 2003 तक फिल्म निर्माण / वितरण / प्रदर्शन से सम्बंधित 30 से ज़्यादा कम्पनियां भारत के नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध की गयी थी जो फिल्म माध्यम के बढ़ते वाणिज्यिक प्रभाव और व्यसायिकरण का सबूत हैं। दक्षिण भारतीय फिल्म उद्योग दक्षिण भारत की चार फिल्म संस्कृतियों को एक इकाई के रूप में परिभाषित करता है। ये कन्नड़ सिनेमा, मलयालम सिनेमा, तेलुगू सिनेमा और तमिल सिनेमा हैं। हालाँकि ये स्वतंत्र रूप से विकसित हुए हैं लेकिन इनमे फिल्म कलाकारों और तकनीशियनों के आदान-प्रदान और वैष्वीकरण ने इस नई पहचान के जन्म में मदद की। भारत से बाहर निवास कर रहे प्रवासी भारतीय जिनकी संख्या आज लाखों में हैं, उनके लिए भारतीय फिल्में डीवीडी या व्यावसायिक रूप से संभव जगहों में स्क्रीनिंग के माध्यम से प्रदर्शित होती हैं। Potts, 74 इस विदेशी बाजार का भारतीय फिल्मों की आय में 12% तक का महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है। इसके अलावा भारतीय सिनेमा में संगीत भी राजस्व का एक साधन है। फिल्मों के संगीत अधिकार एक फिल्म की 4 -5 % शुद्ध आय का साधन हो सकते हैं। .

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भारतीय संगीत

हिन्दुस्तानी संगीत सभा का दुर्लभ चित्र संगीत का रसास्वादन करती हुए एक स्त्री (पंजाब १७५०) भारतीय संगीत प्राचीन काल से भारत मे सुना और विकसित होता संगीत है। इस संगीत का प्रारंभ वैदिक काल से भी पूर्व का है। इस संगीत का मूल स्रोत वेदों को माना जाता है। हिंदु परंपरा मे ऐसा मानना है कि ब्रह्मा ने नारद मुनि को संगीत वरदान में दिया था। पंडित शारंगदेव कृत "संगीत रत्नाकर" ग्रंथ मे भारतीय संगीत की परिभाषा "गीतम, वादयम् तथा नृत्यं त्रयम संगीतमुच्यते" कहा गया है। गायन, वाद्य वादन एवम् नृत्य; तीनों कलाओं का समावेश संगीत शब्द में माना गया है। तीनो स्वतंत्र कला होते हुए भी एक दूसरे की पूरक है। भारतीय संगीत की दो प्रकार प्रचलित है; प्रथम कर्नाटक संगीत, जो दक्षिण भारतीय राज्यों में प्रचलित है और हिन्दुस्तानी संगीत शेष भारत में लोकप्रिय है। भारतवर्ष की सारी सभ्यताओं में संगीत का बड़ा महत्व रहा है। धार्मिक एवं सामाजिक परंपराओं में संगीत का प्रचलन प्राचीन काल से रहा है। इस रूप में, संगीत भारतीय संस्कृति की आत्मा मानी जाती है। वैदिक काल में अध्यात्मिक संगीत को मार्गी तथा लोक संगीत को 'देशी' कहा जाता था। कालांतर में यही शास्त्रीय और लोक संगीत के रूप में दिखता है। वैदिक काल में सामवेद के मंत्रों का उच्चारण उस समय के वैदिक सप्तक या सामगान के अनुसार सातों स्वरों के प्रयोग के साथ किया जाता था। गुरू-शिष्य परंपरा के अनुसार, शिष्य को गुरू से वेदों का ज्ञान मौखिक ही प्राप्त होता था व उन में किसी प्रकार के परिवर्तन की संभावना से मनाही थी। इस तरह प्राचीन समय में वेदों व संगीत का कोई लिखित रूप न होने के कारण उनका मूल स्वरूप लुप्त होता गया। .

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मध्यम वर्ग

समाज का वर्गीकरण समाजशास्त्र का विषय है। यह वर्गीकरण अधिकतर आर्थिक और शैक्षिक पृष्ठभूमि के आधार पर होता है। समाज को उच्च मध्यम और निम्न तीन वर्गों में बाँटा जाता है। देश और काल के आधार पर इन वर्गों का लक्षण अलग अलग हो सकते हैं। सत्यजित राय ने जिस मध्यवर्ग की प्रस्तुति अपनी फ़िल्मों में की है वह आर्थिक दृष्टि से संपन्न न सही पर कमज़ोर नहीं है। वह शिक्षित भी है और विकासोन्मुख होना चाहता है लेकिन वह अपनी परंपराओं और रूढ़ियों से भी अपने को मुक्त नहीं कर सका है। .

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महापुरुष (१९६५ फ़िल्म)

महापुरुष 1965 में बनी बंगाली भाषा की फिल्म है। .

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माधवी मुखर्जी

माधवी मुखर्जी (बांग्ला: মাধবী মুখার্জি माधोबी मुखार्जि) हिन्दी एवं बांगला सिनेमा की अभिनेत्रियों में से एक हैं। .

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मार्लन ब्रैंडो

मार्लन ब्रैंडो, जूनियर (अप्रैल ३, १९२४ – जुलाई १, २००४) दो बार अकादमी पुरस्कार विजेता हॉलीवुड अभिनेता थे। उन्होंने लगभग आधी सदी अभिनय कार्य किया। .

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मार्क्सवाद

सामाजिक राजनीतिक दर्शन में मार्क्सवाद (Marxism) उत्पादन के साधनों पर सामाजिक स्वामित्व द्वारा वर्गविहीन समाज की स्थापना के संकल्प की साम्यवादी विचारधारा है। मूलतः मार्क्सवाद उन आर्थिक राजनीतिक और आर्थिक सिद्धांतो का समुच्चय है जिन्हें उन्नीसवीं-बीसवीं सदी में कार्ल मार्क्स, फ्रेडरिक एंगेल्स और व्लादिमीर लेनिन तथा साथी विचारकों ने समाजवाद के वैज्ञानिक आधार की पुष्टि के लिए प्रस्तुत किया। .

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मुद्रलिपि

फॉण्ट (मुद्रलिपि) या टाइप फ़ेस अक्षरों के लिखने की अलग अलग शैलियाँ हैं जो छापे की लिखावट को विभिन्नता और सौंदर्य प्रदान करते हैं। .

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मुल्ला नसरुद्दीन

नस्रुद्दीन क एक चित्र मुल्ला नसरुद्दीन होजा तुर्की (और संभवतः सभी इस्लामी देशों का) सबसे प्रसिद्द विनोद चरित्र है। तुर्की भाषा में होजा शब्द का अर्थ है शिक्षक या स्कॉलर। उसकी चतुराई और वाकपटुता के किस्से संभवतः किसी वास्तविक इमाम पर आधारित हैं। कहा जाता है कि उसका जन्म वर्ष १२०८ में तुर्की के होरतो नामक एक गाँव में हुआ था और वर्ष १२३७ में वह अक्सेहिर नामक मध्यकालीन नगर में बस गया जहाँ हिजरी वर्ष ६८३ (ईसवी १२८५) में उसकी मृत्यु हो गई। मुल्ला नसरुद्दीन के इर्दगिर्द लगभग ३५० कथाएँ और प्रसंग घुमते हैं जिनमें से बहुतों की सत्यता संदिग्ध है। .

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मृणाल सेन

मृणाल सेन (बांग्ला: মৃণাল সেন मृणाल् शेन्) भारतीय फ़िल्मों के प्रसिद्ध निर्माता व निर्देशक हैं। इनकी अधिकतर फ़िल्में बांग्ला भाषा में हैं। उनका जन्म फरीदपुर नामक शहर में (जो अब बंगला देश में है) में १४ मई १९२३ में हुआ था। हाईस्कूल की परीक्षा उत्तीर्ण करने बाद उन्होंने शहर छोड़ दिया और कोलकाता में पढ़ने के लिये आ गये। वह भौतिक शास्त्र के विद्यार्थी थे और उन्होंने अपनी शिक्षा स्कोटिश चर्च कॉलेज़ एवं कलकत्ता यूनिवर्सिटी से पूरी की। अपने विद्यार्थी जीवन में ही वे वह कम्युनिस्ट पार्टी के सांस्कृतिक विभाग से जुड़ गये। यद्यपि वे कभी इस पार्टी के सदस्य नहीं रहे पर इप्टा से जुड़े होने के कारण वे अनेक समान विचारों वाले सांस्कृतिक रुचि के लोगों के परिचय में आ गए | .

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मैन-ईटर्स ऑफ़ कुमाऊँ

मैन ईटर्स ऑफ़ कुमाऊँ शिकारी और वन संरक्षक के रूप में प्रसिद्ध लेखक जिम कॉर्बेट की लिखी हुई एक किताब है। इस पुस्तक में उनके 1920 से 1930 के मध्य कुमाऊँ के नरभक्षी बाघों और तेंदुओं की शिकार कथाएँ हैं। इसे 1944 में ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस बॉम्बे ने प्रकाशित किया था और इसका आवरण प्रसिद्ध फ़िल्मकार सत्यजित राय ने बनाया था। श्रेणी:प्रसिद्ध भारतीय पुस्तकें श्रेणी:प्रसिद्ध पुस्तकें.

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रबीन्द्रनाथ ठाकुर

रवीन्द्रनाथ ठाकुर (बंगाली: রবীন্দ্রনাথ ঠাকুর रोबिन्द्रोनाथ ठाकुर) (७ मई, १८६१ – ७ अगस्त, १९४१) को गुरुदेव के नाम से भी जाना जाता है। वे विश्वविख्यात कवि, साहित्यकार, दार्शनिक और भारतीय साहित्य के एकमात्र नोबल पुरस्कार विजेता हैं। बांग्ला साहित्य के माध्यम से भारतीय सांस्कृतिक चेतना में नयी जान फूँकने वाले युगदृष्टा थे। वे एशिया के प्रथम नोबेल पुरस्कार सम्मानित व्यक्ति हैं। वे एकमात्र कवि हैं जिसकी दो रचनाएँ दो देशों का राष्ट्रगान बनीं - भारत का राष्ट्र-गान जन गण मन और बाँग्लादेश का राष्ट्रीय गान आमार सोनार बाँग्ला गुरुदेव की ही रचनाएँ हैं। .

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रिचर्ड एटनबरो

रिचर्ड सैमुएल एटनबरो (29 अगस्त 1923 - 24 अगस्त 2014) ऐसे प्रतिभाशाली अँग्रेज अभिनेता, निर्देशक व निर्माता हैं जिन्हें अकादमी पुरस्कार, बैफ्टा (BAFTA) और तीन बार गोल्डेन ग्लोब पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। उन की फ़िल्म 'गांधी' को साल 1983 में दो श्रेणियों में ऑस्कर पुरस्कार मिला था। एटेनबरा को सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का अवॉर्ड मिला था जबकि गांधी फ़िल्म को सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म का। एटनबरो ने पुरस्कार ग्रहण करने के बाद कहा, "सही मायनों में इसके ज़रिये आपने गांधी को सम्मानित किया है। वह लाखों लोगों के लिए प्रेरणास्रोत थे।" .

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रवि शंकर

पण्डित रवि शंकर (রবি শংকর; जन्म: रवीन्द्र शंकर चौधरी, ७ अप्रैल १९२०, बनारस - ११ दिसम्बर २०१२) एक सितार वादक और संगीतज्ञ थे। उन्होंने विश्व के कई मह्त्वपूर्ण संगीत उत्सवों में हिस्सा लिया है। उनके युवा वर्ष यूरोप और भारत में अपने भाई उदय शंकर के नृत्य समूह के साथ दौरा करते हुए बीते। .

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रवीन्द्रनाथ टैगोर (फ़िल्म)

रवीन्द्रनाथ टैगोर 1961 में बंगाली साहित्यकार के जीवन और कार्यों पर आधारित वृत्तचित्र है। यह उनकी जन्म शताब्दी के अवसर पर सत्यजित राय द्बारा बनाया गया था। .

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ललित कला

सौंदर्य या लालित्य के आश्रय से व्यक्त होने वाली कलाएँ ललित कला (Fine arts) कहलाती हैं। अर्थात वह कला जिसके अभिवंयजन में सुकुमारता और सौंदर्य की अपेक्षा हो और जिसकी सृष्टि मुख्यतः मनोविनोद के लिए हो। जैसे गीत, संगीत, नृत्य, नाट्य, तथा विभिन्न प्रकार की चित्रकलाएँ। .

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लाद्री दी बिसिक्लेत

लाद्री दी बिसिक्लेत (इतालवी: Ladri di Biciclette) 1948 वर्ष का दे सिका निर्मित एक इतालवी प्रसिद्ध फ़िल्म है। श्रेणी:फ़िल्म श्रेणी:इतालवी फ़िल्म.

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लघु फ़िल्म

लघु चलचित्र विश्वभर में बनते तथा प्रदर्शित होते हैं मजे की बात यह है कि इन्हें प्रदर्शित करने के लिए सेंसर बोर्ड की अनुमति की भी कोई आवश्यकता नहीं होती फिर भी कई लघु चलचित्र सेंसर बोर्ड के द्वारा पास करवाए गये हैं। कई देशों में लघु चलचित्रों की अवधि अलग अलग भी तय की गई है भारत में एक घंटे से कम अवधि का चलचित्र लघु चलचित्र माना जाता है। .

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लखनऊ

लखनऊ (भारत के सर्वाधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश की राजधानी है। इस शहर में लखनऊ जिले और लखनऊ मंडल के प्रशासनिक मुख्यालय भी स्थित हैं। लखनऊ शहर अपनी खास नज़ाकत और तहजीब वाली बहुसांस्कृतिक खूबी, दशहरी आम के बाग़ों तथा चिकन की कढ़ाई के काम के लिये जाना जाता है। २००६ मे इसकी जनसंख्या २,५४१,१०१ तथा साक्षरता दर ६८.६३% थी। भारत सरकार की २००१ की जनगणना, सामाजिक आर्थिक सूचकांक और बुनियादी सुविधा सूचकांक संबंधी आंकड़ों के अनुसार, लखनऊ जिला अल्पसंख्यकों की घनी आबादी वाला जिला है। कानपुर के बाद यह शहर उत्तर-प्रदेश का सबसे बड़ा शहरी क्षेत्र है। शहर के बीच से गोमती नदी बहती है, जो लखनऊ की संस्कृति का हिस्सा है। लखनऊ उस क्ष्रेत्र मे स्थित है जिसे ऐतिहासिक रूप से अवध क्षेत्र के नाम से जाना जाता था। लखनऊ हमेशा से एक बहुसांस्कृतिक शहर रहा है। यहाँ के शिया नवाबों द्वारा शिष्टाचार, खूबसूरत उद्यानों, कविता, संगीत और बढ़िया व्यंजनों को हमेशा संरक्षण दिया गया। लखनऊ को नवाबों के शहर के रूप में भी जाना जाता है। इसे पूर्व की स्वर्ण नगर (गोल्डन सिटी) और शिराज-ए-हिंद के रूप में जाना जाता है। आज का लखनऊ एक जीवंत शहर है जिसमे एक आर्थिक विकास दिखता है और यह भारत के तेजी से बढ़ रहे गैर-महानगरों के शीर्ष पंद्रह में से एक है। यह हिंदी और उर्दू साहित्य के केंद्रों में से एक है। यहां अधिकांश लोग हिन्दी बोलते हैं। यहां की हिन्दी में लखनवी अंदाज़ है, जो विश्वप्रसिद्ध है। इसके अलावा यहाँ उर्दू और अंग्रेज़ी भी बोली जाती हैं। .

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लंदन

लंदन (London) संयुक्त राजशाही और इंग्लैंड की राजधानी और सबसे अधिक आबादी वाला शहर है। ग्रेट ब्रिटेन द्वीप के दक्षिण पूर्व में थेम्स नदी के किनारे स्थित, लंदन पिछली दो सदियों से एक बड़ा व्यवस्थापन रहा है। लंदन राजनीति, शिक्षा, मनोरंजन, मीडिया, फ़ैशन और शिल्पी के क्षेत्र में वैश्विक शहर की स्थिति रखता है। इसे रोमनों ने लोंड़िनियम के नाम से बसाया था। लंदन का प्राचीन अंदरुनी केंद्र, लंदन शहर, का परिक्षेत्र 1.12 वर्ग मीटर (2.9 किमी2) है। 19वीं शताब्दी के बाद से "लंदन", इस अंदरुनी केंद्र के आसपास के क्षेत्रों को मिला कर एक महानगर के रूप में संदर्भित किया जाने लगा, जिनमें मिडलसेक्स, एसेक्स, सरे, केंट, और हर्टफोर्डशायर आदि शमिल है। जिसे आज ग्रेटर लंदन नाम से जानते है, एवं लंदन महापौर और लंदन विधानसभा द्वारा शासित किया जाता हैं। कला, वाणिज्य, शिक्षा, मनोरंजन, फैशन, वित्त, स्वास्थ्य देखभाल, मीडिया, पेशेवर सेवाओं, अनुसंधान और विकास, पर्यटन और परिवहन में लंदन एक प्रमुख वैश्विक शहर है। यह दुनिया का सबसे बड़ा वित्तीय केंद्र के रूप में ताज पहनाया गया है और दुनिया में पांचवां या छठा सबसे बड़ा महानगरीय क्षेत्र जीडीपी है। लंदन एक है विश्व सांस्कृतिक राजधानी। यह दुनिया का सबसे अधिक का दौरा किया जाने वाला शहर है, जो अंतरराष्ट्रीय आगमन द्वारा मापा जाता है और यात्री ट्रैफिक द्वारा मापा जाने वाला विश्व का सबसे बड़ा शहर हवाई अड्डा है। लंदन विश्व के अग्रणी निवेश गंतव्य है, किसी भी अन्य शहर की तुलना में अधिक अंतरराष्ट्रीय खुदरा विक्रेताओं और अल्ट्रा हाई-नेट-वर्थ वाले लोगों की मेजबानी यूरोप में लंदन के विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा संस्थानों का सबसे बड़ा केंद्र बनते हैं। 2012 में, लंदन तीन बार आधुनिक ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों की मेजबानी करने वाला पहला शहर बन गया। लंदन में लोगों और संस्कृतियों की विविधता है, और इस क्षेत्र में 300 से अधिक भाषाएं बोली जाती हैं। इसकी 2015 कि अनुमानित नगरपालिका जनसंख्या (ग्रेटर लंदन के समरूपी) 8,673,713 थी, जो कि यूरोपीय संघ के किसी भी शहर से सबसे बड़ा, और संयुक्त राजशाही की आबादी का 12.5% ​​हिस्सा है। 2011 की जनगणना के अनुसार 9,787,426 की आबादी के साथ, लंदन का शहरी क्षेत्र, पेरिस के बाद यूरोपीय संघ में दूसरा सबसे अधिक आबादी वाला है। शहर का महानगरीय क्षेत्र यूरोपीय संघ में 13,879,757 जनसंख्या के साथ सबसे अधिक आबादी वाला है, जबकि ग्रेटर लंदन प्राधिकरण के अनुसार शहरी-क्षेत्र की आबादी के रूप में 22.7 मिलियन है। 1831 से 1925 तक लंदन विश्व के सबसे अधिक आबादी वाला शहर था। लंदन में चार विश्व धरोहर स्थल हैं: टॉवर ऑफ़ लंदन; किऊ गार्डन; वेस्टमिंस्टर पैलेस, वेस्ट्मिन्स्टर ऍबी और सेंट मार्गरेट्स चर्च क्षेत्र; और ग्रीनविच ग्रीनविच वेधशाला (जिसमें रॉयल वेधशाला, ग्रीनविच प्राइम मेरिडियन, 0 डिग्री रेखांकित, और जीएमटी को चिह्नित करता है)। अन्य प्रसिद्ध स्थलों में बकिंघम पैलेस, लंदन आई, पिकैडिली सर्कस, सेंट पॉल कैथेड्रल, टावर ब्रिज, ट्राफलगर स्क्वायर, और द शर्ड आदि शामिल हैं। लंदन में ब्रिटिश संग्रहालय, नेशनल गैलरी, प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय, टेट मॉडर्न, ब्रिटिश पुस्तकालय और वेस्ट एंड थिएटर सहित कई संग्रहालयों, दीर्घाओं, पुस्तकालयों, खेल आयोजनों और अन्य सांस्कृतिक संस्थानों का घर है। लंदन अंडरग्राउंड, दुनिया का सबसे पुराना भूमिगत रेलवे नेटवर्क है। .

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लुइस कैरल

लुइस कैरल चार्ल्स लटविज डॉजसन (अंग्रेज़ी: Charles Lutwidge Dodgson) (27 जनवरी, 1832 - 14 जनवरी, 1898), या उसका पेन नाम लुइस कैरल (अंग्रेज़ी: Lewis Carroll), एक अंग्रेज़ लेखक, गणितज्ञ, न्याय शास्त्री,दार्शनिक, एंग्लिकन पुरोहित और फ़ोटो खींचने वाला था। उसके सबसे प्रसिद्ध साहित्यों ऐलिसस अडवेंचर्स इन वंडरलैंड और उसके दूसरे भाग थ्रू द लूकिंग-ग्लास और कविताओं द हंटिंग ऑफ़ द शार्क और जैबरवॉकी हैं। उसके सब साहित्य के प्रकार साहित्यिक बकवास सोचकर हैं। .

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लेखक

एक लेखक ही ओ इंसान है जो अपने लेखन के माध्यम से,अपनी संस्कृती,विचारधारा,इतिहास,और परंपरा को आगे के समाज को बताता है।दुनिया मे ऐसे कई लेखक है जिन्होंने अपने लेखन कार्य से समाज को एक नई दिशा दि है।तथा आदर्श जीवन जीने का तरीका बताया है।.

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शतरंज के खिलाड़ी

कोई विवरण नहीं।

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शबाना आज़मी

शबाना आज़मी (जन्म: 18 सितंबर, 1950) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .

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शर्मिला टैगोर

शर्मिला टैगोर (जन्म: 8 दिसंबर, 1946) हिन्दी एवं बांगला सिनेमा की अभिनेत्रियों में से एक हैं। .

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शान्तिनिकेतन

शान्तिनिकेतन (শান্তিনিকেতন) भारत के पश्चिम बंगाल प्रदेश में बीरभूम जिले के अंतर्गत बोलपुर के समीप छोटा-सा शहर है। यह कोलकाता से लगभग 180 कि॰मी॰ उत्तर की ओर स्थित है। नोबेल पुरस्कार विजयी कवि रवीन्द्रनाथ टैगोर द्बारा विश्व-भारती विश्वविद्यालय की स्थापना के कारण यह नगर प्रसिद्ध हो गया। यह स्थान पर्यटन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है क्योंकि टैगोर ने यहाँ कई कालजयी साहित्यिक कृतियों का सृजन किया। उनका घर ऐतिहासिक महत्व की इमारत है। रवीन्द्रनाथ के पिता देवेंद्रनाथ टैगोर ने वर्ष 1863 में सात एकड़ जमीन पर एक आश्रम की स्थापना की थी। वहीं आज विश्वभारती है। रवीन्द्रनाथ ने 1901 में सिर्फ पांच छात्रों को लेकर यहां एक स्कूल खोला। इन पांच लोगों में उनका अपना पुत्र भी शामिल था। 1921 में राष्ट्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा पाने वाले विश्वभारती में इस समय लगभग छह हजार छात्र पढ़ते हैं। इसी के इर्द-गिर्द शांतिनिकेतन बसा था। श्रेणी:पश्चिम बंगाल के शहर.

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शाखा प्रशाखा (१९९० फ़िल्म)

शाखा प्रशाखा 1990 में बनी बांग्ला भाषा की फिल्म है। .

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शेरलॉक होम्स

शेरलॉक होम्स उन्नीसवीं सदी के उत्तरार्ध और बीसवीं सदी के पूर्वार्ध का एक काल्पनिक चरित्र है, जो पहली बार 1887 में प्रकाशन में उभरा। वह ब्रिटिश लेखक और चिकित्सक सर आर्थर कॉनन डॉयल की उपज है। लंदन का एक प्रतिभावान 'परामर्शदाता जासूस ", होम्स अपनी बौद्धिक कुशलता के लिए मशहूर है और मुश्किल मामलों को सुलझाने के लिए अपने चतुर अवलोकन, अनुमिति तर्क और निष्कर्ष के कुशल उपयोग के लिए प्रसिद्ध है। कोनन डॉयल ने चार उपन्यास और छप्पन लघु कथाएं लिखी हैं जिसमें होम्स को चित्रित किया गया है। पहली दो कथाएं (लघु उपन्यास) क्रमशः 1887 में बीटन्स क्रिसमस ऐनुअल में और 1890 में लिपिनकॉट्स मंथली मैग्जीन में आईं.

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सत्यजित राय फ़िल्म एवं टेलिविज़न संस्थान

सत्यजित राय फ़िल्म एवं टेलिविज़न संस्थान की स्थापना कोलकाता में आधुनिक एवं तकनीकी शिक्षा देने के लिये हुई है। इस संस्थान का रजिस्ट्रेशन एक सामाजिक संस्था के रूप में 18 अगस्त 1995 को पश्चिम बंगाल सोसाइटीज़ रजिस्ट्रेशन एक्ट १९६१ के तहत हुआ। यह संस्थान ३ वर्ष का फ़िल्म निर्देशन, मोशन पिक्चर फोटोग्राफी, छायांकन एवं ध्वनि रिकार्डिंग के क्षेत्र में डिप्लोमा कोर्स प्रदान करता है। श्रेणी:सत्यजित राय.

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सदगति (१९८१ फ़िल्म)

सद्गति 1981 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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सन्देश (पत्रिका)

एक सन्देश का संस्करण, सत्यजित राय का मुखपृष्ठ के साथ। सन्देश (बांग्ला: সন্দেশ, शॉन्देश) एक बांग्लाभाषी बच्चे के पत्रिका है। पत्रिका पहले उपेन्द्रकिशोर रायचौधरी द्वारा प्रकाशित था 1913 उसका प्रकाशन कंपनी द्वारा, एम/एस यू.

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सन्दीप राय

संदीप राय (जन्म 1954) प्रसिद्ध फ़िल्मकार सत्यजित राय के पुत्र हैं। इन्होंने अपने फ़िल्मी जीवन की शुरूआत 22 वर्ष की आयु में अपने पिता की फ़िल्म शतरंज के खिलाड़ी में सहायक निर्देशक के रूप में 1977 में की। उनके द्बारा स्वतंत्र रूप से निर्देशित पहली फ़िल्म थी पथिक चांद (1983), जिसे वैंकूवर के फिल्म उत्सव में पुरस्कृत भी किया गया। संदीप राय कुशल फ़ोटोग्राफ़र भी हैं। वे सत्यजित राय की अंतिम तीन फ़िल्मों गणशत्रु (1998), शाखा प्रशाखा (1991) तथा आगंतुक (1991) के फ़ोटोग्राफ़ी डायरेक्टर भी थे। श्रेणी:व्यक्तिगत जीवन श्रेणी:सत्यजित राय श्रेणी:भारतीय फ़िल्मकर्मी.

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समाजवाद

समाजवाद (Socialism) एक आर्थिक-सामाजिक दर्शन है। समाजवादी व्यवस्था में धन-सम्पत्ति का स्वामित्व और वितरण समाज के नियन्त्रण के अधीन रहते हैं। आर्थिक, सामाजिक और वैचारिक प्रत्यय के तौर पर समाजवाद निजी सम्पत्ति पर आधारित अधिकारों का विरोध करता है। उसकी एक बुनियादी प्रतिज्ञा यह भी है कि सम्पदा का उत्पादन और वितरण समाज या राज्य के हाथों में होना चाहिए। राजनीति के आधुनिक अर्थों में समाजवाद को पूँजीवाद या मुक्त बाजार के सिद्धांत के विपरीत देखा जाता है। एक राजनीतिक विचारधारा के रूप में समाजवाद युरोप में अठारहवीं और उन्नीसवीं सदी में उभरे उद्योगीकरण की अन्योन्यक्रिया में विकसित हुआ है। ब्रिटिश राजनीतिक विज्ञानी हैरॉल्ड लॉस्की ने कभी समाजवाद को एक ऐसी टोपी कहा था जिसे कोई भी अपने अनुसार पहन लेता है। समाजवाद की विभिन्न किस्में लॉस्की के इस चित्रण को काफी सीमा तक रूपायित करती है। समाजवाद की एक किस्म विघटित हो चुके सोवियत संघ के सर्वसत्तावादी नियंत्रण में चरितार्थ होती है जिसमें मानवीय जीवन के हर सम्भव पहलू को राज्य के नियंत्रण में लाने का आग्रह किया गया था। उसकी दूसरी किस्म राज्य को अर्थव्यवस्था के नियमन द्वारा कल्याणकारी भूमिका निभाने का मंत्र देती है। भारत में समाजवाद की एक अलग किस्म के सूत्रीकरण की कोशिश की गयी है। राममनोहर लोहिया, जय प्रकाश नारायण और नरेन्द्र देव के राजनीतिक चिंतन और व्यवहार से निकलने वाले प्रत्यय को 'गाँधीवादी समाजवाद' की संज्ञा दी जाती है। समाजवाद अंग्रेजी और फ्रांसीसी शब्द 'सोशलिज्म' का हिंदी रूपांतर है। 19वीं शताब्दी के पूर्वार्ध में इस शब्द का प्रयोग व्यक्तिवाद के विरोध में और उन विचारों के समर्थन में किया जाता था जिनका लक्ष्य समाज के आर्थिक और नैतिक आधार को बदलना था और जो जीवन में व्यक्तिगत नियंत्रण की जगह सामाजिक नियंत्रण स्थापित करना चाहते थे। समाजवाद शब्द का प्रयोग अनेक और कभी कभी परस्पर विरोधी प्रसंगों में किया जाता है; जैसे समूहवाद अराजकतावाद, आदिकालीन कबायली साम्यवाद, सैन्य साम्यवाद, ईसाई समाजवाद, सहकारितावाद, आदि - यहाँ तक कि नात्सी दल का भी पूरा नाम 'राष्ट्रीय समाजवादी दल' था। समाजवाद की परिभाषा करना कठिन है। यह सिद्धांत तथा आंदोलन, दोनों ही है और यह विभिन्न ऐतिहासिक और स्थानीय परिस्थितियों में विभिन्न रूप धारण करता है। मूलत: यह वह आंदोलन है जो उत्पादन के मुख्य साधनों के समाजीकरण पर आधारित वर्गविहीन समाज स्थापित करने के लिए प्रयत्नशील है और जो मजदूर वर्ग को इसका मुख्य आधार बनाता है, क्योंकि वह इस वर्ग को शोषित वर्ग मानता है जिसका ऐतिहासिक कार्य वर्गव्यवस्था का अंत करना है। .

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साहित्य

किसी भाषा के वाचिक और लिखित (शास्त्रसमूह) को साहित्य कह सकते हैं। दुनिया में सबसे पुराना वाचिक साहित्य हमें आदिवासी भाषाओं में मिलता है। इस दृष्टि से आदिवासी साहित्य सभी साहित्य का मूल स्रोत है। .

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सांसद

सांसद, संसद में मतदाताओं का प्रतिनिधि होता है। अनेक देशों में इस शब्द का प्रयोग विशेष रूप से निम्न सदन के सदस्यों के लिए किया जाता है। क्योंकि अक्सर उच्च सदन के लिए एक अलग उपाधि जैसे कि सीनेट एवं इसके सदस्यों के लिये सीनेटर का प्रयोग किया जाता है सांसद अपनी राजनीतिक पार्टी के सदस्यों के साथ मिलकर संसदीय दल का गठन करते हैं। रोजमर्रा के व्यवहार में अक्सरसांसद शब्द के स्थान पर मीडिया में इसके लघु रूप "MP"का प्रयोग किया जाता है। .

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सिमी गरेवाल

अंगूठाकार सिमी गरेवाल हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .

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सिग्नेट प्रेस

सिगनेट प्रेस की स्थापना पश्चिम बंगाल के कोलकाता नगर में डी.

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सईद जाफ़री

सईद जाफ़री (पंजाबी: ਸਈਦ ਜਾਫ਼ਰੀ; ८ जनवरी १९२९ – १५ नवम्बर २०१५) भारत में जन्मे ब्रितानी अभिनेता थे। उन्होंने विभिन्न ब्रितानी और हिन्दी फ़िल्मों में अभिनय किया। उनका जन्म मलेरकोटला, पंजाब में एक पंजाबी मुस्लिम परिवार में हुआ। उन्होंने द मैन हू वूड बी किंग (१९७५), शतरंज के खिलाड़ी (१९७७), गाँधी (१९८२), ए पैसेज टू इंडिया (१९६५ बीबीसी संस्करण एवं १९८४ फ़िल्म), द फार पैविलियंस (१९८४) और माय ब्यूटीफुल लौन्ड्रेट (१९८५) सहित विभिन्न फ़िल्मों में अभिनय किया। उन्होंने १९८० और १९९० के दशक में विभिन्न बॉलीवुड फ़िल्मों में भी काम किया। .

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संपादन

संपादन संशोधन, संक्षेप, संरचना और संगठन द्बारा किसी भाषा, चित्र या ध्वनि को प्रदर्शन के लिए बेहतर बनाने की प्रक्रिया हैं। संपादन करने वाले व्यक्ति को संपादक कहा जाता है। श्रेणी:फ़िल्म श्रेणी:फ़िल्म निर्माण श्रेणी:संपादन श्रेणी:साहित्य श्रेणी:कला श्रेणी:पत्रकारिता fr:Édition (document) no:Redaktør zh:編輯.

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संयुक्त राज्य

संयुक्त राज्य अमेरिका (United States of America) (यू एस ए), जिसे सामान्यतः संयुक्त राज्य (United States) (यू एस) या अमेरिका कहा जाता हैं, एक देश हैं, जिसमें राज्य, एक फ़ेडरल डिस्ट्रिक्ट, पाँच प्रमुख स्व-शासनीय क्षेत्र, और विभिन्न अधिनस्थ क्षेत्र सम्मिलित हैं। 48 संस्पर्शी राज्य और फ़ेडरल डिस्ट्रिक्ट, कनाडा और मेक्सिको के मध्य, केन्द्रीय उत्तर अमेरिका में हैं। अलास्का राज्य, उत्तर अमेरिका के उत्तर-पश्चिमी भाग में स्थित है, जिसके पूर्व में कनाडा की सीमा एवं पश्चिम मे बेरिंग जलसन्धि रूस से घिरा हुआ है। वहीं हवाई राज्य, मध्य-प्रशान्त में स्थित हैं। अमेरिकी स्व-शासित क्षेत्र प्रशान्त महासागर और कॅरीबीयन सागर में बिखरें हुएँ हैं। 38 लाख वर्ग मील (98 लाख किमी2)"", U.S. Census Bureau, database as of August 2010, excluding the U.S. Minor Outlying Islands.

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संयुक्त राज्य अमरीका की सेना

यूनाइटेड स्टेट आर्मी (संयुक्त राज्य अमरीका की थलसेना) अमरीका की सैन्य बलों की सबसे बड़ी शाखा है। सभी अन्य थल सेनाओं की तरह इसका प्रमुख उत्तरदायित्व स्थल पर संचालित होने वाली सैन्य गतिविधियों में भाग लेना है। श्रेणी:अमरीकी सेना.

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संजीव कुमार

संजीव कुमार (मूल नाम: हरीभाई जरीवाला; जन्म: 9 जुलाई 1938, मृत्यु: 6 नवम्बर 1985) हिन्दी फ़िल्मों के एक प्रसिद्ध अभिनेता थे। उनका पूरा नाम हरीभाई जरीवाला था। वे मूल रूप से गुजराती थे। इस महान कलाकार का नाम फ़िल्मजगत की आकाशगंगा में एक ऐसे धुव्रतारे की तरह याद किया जाता है जिनके बेमिसाल अभिनय से सुसज्जित फ़िल्मों की रोशनी से बॉलीवुड हमेशा जगमगाता रहेगा। उन्होंने नया दिन नयी रात फ़िल्म में नौ रोल किये थे। कोशिश फ़िल्म में उन्होंने गूँगे बहरे व्यक्ति का शानदार अभिनय किया था। शोले फ़िल्म में ठाकुर का चरित्र उनके अभिनय से अमर हो गया। उन्हें श्रेष्ठ अभिनेता के लिए राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार के अलावा फ़िल्मफ़ेयर क सर्वश्रेष्ठ अभिनेता व सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार दिया गया। वे आजीवन कुँवारे रहे और मात्र 47 वर्ष की आयु में सन् 1984 में हृदय गति रुक जाने से बम्बई में उनकी मृत्यु हो गयी। 1960 से 1984 तक पूरे पच्चीस साल तक वे लगातार फ़िल्मों में सक्रिय रहे। उन्हें उनके शिष्ट व्यवहार व विशिष्ट अभिनय शैली के लिये फ़िल्मजगत में हमेशा याद किया जायेगा। .

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सुब्रत मित्र

सुब्रत मित्र (बांग्ला: সুব্রত মিত্র, 12 अक्टूबर 1930 – 7 दिसम्बर 2001) भारतीय सचल छायाचित्रकार थे। अपु त्रयी से प्रसिद्धि पाने वाले सुब्रत मित्र भारत के श्रेष्ठतम सचल छायाचित्रकारों में से एक समझे जाते हैं। सुब्रत मित्र की फ़िल्में.

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सुभाष मुखोपाध्याय

सुभाष मुखोपाध्याय एक बांग्ला साहित्यकार हैं। इन्हें 1991 में ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। सुभाष मुखोपाध्यायको सन २००३ में भारत सरकार द्वारा साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया था। ये पश्चिम बंगाल राज्य से हैं। .

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स्टीवन स्पिलबर्ग

स्टीवन स्पिलबर्ग स्टीवन एलन स्पिलबर्ग (जन्म: 18 दिसम्बर 1946) एक अमेरिकी फिल्म निर्माता, निर्देशक और पटकथा लेखक हैं। फोर्ब्स पत्रिका के अनुसार, स्पिलबर्ग की कुल कमाई 3.1 बिलियन डालर है। वर्ष 2006 में प्रीमियर पत्रिका ने उन्हें फिल्म जगत का सबसे प्रभावशाली व्यक्ति निरुपित किया था। टाइम पत्रिका ने उन्हें शताब्दी के सौ प्रभावशाली लोगों में शामिल किया है। बीसवीं शताब्दी के अंत में लाइफ ने उन्हें उनकी पीढ़ी का सबसे प्रभावशाली व्यक्ति करार दिया था। चार दशकों के क्रियाशील जीवन में स्पिलबर्ग की फिल्मों ने अलग-अलग विचारधारा वाली अलग-अलग पीढ़ियों को अलग तरह से छुआ है। स्पिलबर्ग को 1993 में फिल्म सिंडलर्स लिस्ट के लिए और 1998 में सेविंग प्राइवेट रेयन के लिए बेस्ट डायरेक्टर के एकेडमी अवार्ड से सम्मानित किया गया। स्पिलबर्ग की तीन फिल्मों, जास (1975), ई.टी.

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सौमित्र चटर्जी

सौमित्र चटर्जी बांग्ला फ़िल्मों के एक प्रसिद्ध अभिनेता हैं। .

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सोनार केल्ला (1974 फ़िल्म)

सोनार केल्ला 1974 में बनी बांग्ला भाषा की फिल्म है। .

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सीमाबद्ध (1971 फ़िल्म)

सत्यजित राय की एक प्रसिद्ध बांग्ला फ़िल्म.

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हावर्ड हॉक्स

हावर्ड हॉक्स (अंग्रेज़ी: Howard Hawks हॅव़र्ड् हॉक्स्, 30 मई, 1896 - 26 दिसंबर, 1977) एक अमरीकी उत्कृष्ट हॉलीवुड काल का फ़िल्म निर्देशक, उत्पादक और लेखक था। वह अमरीकी कैलिफ़ोर्निया के पाम स्प्रिंग्स में निधन गया। .

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हिन्दू धर्म

हिन्दू धर्म (संस्कृत: सनातन धर्म) एक धर्म (या, जीवन पद्धति) है जिसके अनुयायी अधिकांशतः भारत,नेपाल और मॉरिशस में बहुमत में हैं। इसे विश्व का प्राचीनतम धर्म कहा जाता है। इसे 'वैदिक सनातन वर्णाश्रम धर्म' भी कहते हैं जिसका अर्थ है कि इसकी उत्पत्ति मानव की उत्पत्ति से भी पहले से है। विद्वान लोग हिन्दू धर्म को भारत की विभिन्न संस्कृतियों एवं परम्पराओं का सम्मिश्रण मानते हैं जिसका कोई संस्थापक नहीं है। यह धर्म अपने अन्दर कई अलग-अलग उपासना पद्धतियाँ, मत, सम्प्रदाय और दर्शन समेटे हुए हैं। अनुयायियों की संख्या के आधार पर ये विश्व का तीसरा सबसे बड़ा धर्म है। संख्या के आधार पर इसके अधिकतर उपासक भारत में हैं और प्रतिशत के आधार पर नेपाल में हैं। हालाँकि इसमें कई देवी-देवताओं की पूजा की जाती है, लेकिन वास्तव में यह एकेश्वरवादी धर्म है। इसे सनातन धर्म अथवा वैदिक धर्म भी कहते हैं। इण्डोनेशिया में इस धर्म का औपचारिक नाम "हिन्दु आगम" है। हिन्दू केवल एक धर्म या सम्प्रदाय ही नहीं है अपितु जीवन जीने की एक पद्धति है। .

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हिन्दी सिनेमा

हिन्दी सिनेमा, जिसे बॉलीवुड के नाम से भी जाना जाता है, हिन्दी भाषा में फ़िल्म बनाने का उद्योग है। बॉलीवुड नाम अंग्रेज़ी सिनेमा उद्योग हॉलिवुड के तर्ज़ पर रखा गया है। हिन्दी फ़िल्म उद्योग मुख्यतः मुम्बई शहर में बसा है। ये फ़िल्में हिन्दुस्तान, पाकिस्तान और दुनिया के कई देशों के लोगों के दिलों की धड़कन हैं। हर फ़िल्म में कई संगीतमय गाने होते हैं। इन फ़िल्मों में हिन्दी की "हिन्दुस्तानी" शैली का चलन है। हिन्दी और उर्दू (खड़ीबोली) के साथ साथ अवधी, बम्बईया हिन्दी, भोजपुरी, राजस्थानी जैसी बोलियाँ भी संवाद और गानों में उपयुक्त होते हैं। प्यार, देशभक्ति, परिवार, अपराध, भय, इत्यादि मुख्य विषय होते हैं। ज़्यादातर गाने उर्दू शायरी पर आधारित होते हैं।भारत में सबसे बड़ी फिल्म निर्माताओं में से एक, शुद्ध बॉक्स ऑफिस राजस्व का 43% का प्रतिनिधित्व करता है, जबकि तमिल और तेलुगू सिनेमा 36% का प्रतिनिधित्व करते हैं,क्षेत्रीय सिनेमा के बाकी 2014 के रूप में 21% का गठन है। बॉलीवुड भी दुनिया में फिल्म निर्माण के सबसे बड़े केंद्रों में से एक है। बॉलीवुड कार्यरत लोगों की संख्या और निर्मित फिल्मों की संख्या के मामले में दुनिया में सबसे बड़ी फिल्म उद्योगों में से एक है।Matusitz, जे, और पायानो, पी के अनुसार, वर्ष 2011 में 3.5 अरब से अधिक टिकट ग्लोब जो तुलना में हॉलीवुड 900,000 से अधिक टिकट है भर में बेच दिया गया था। बॉलीवुड 1969 में भारतीय सिनेमा में निर्मित फिल्मों की कुल के बाहर 2014 में 252 फिल्मों का निर्माण। .

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हेनरिक इबसन

हेनरिक इबसनहेनरिक जोहान इब्सन (20 मार्च 1828 - 23 मई 1906) नार्वे के ऐसे प्रमुख नाटककार थे जिनके कारण आधुनिक यथार्थवादी नाटकों का जन्म हुआ। उन्हें आधुनिक नाटक का जन्मदाता भी कहा जाता है। " नॉर्वे के साहित्यकारों में उनका स्थान सर्वोपरि है वे विश्व के महान नाटककारों में शामिल हैं और नॉर्वे की जनता के राष्ट्रीय प्रतीक भी हैं। .

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हॉलीवुड

हॉलीवुड में एक पहाड़ी पर प्रसिद्ध चिह्न हॉलीवुड संयुक्त राज्य अमरीका के फ़िल्म उद्योग का नाम है। इसका नाम कैलिफ़ोर्निया में लॉस एंजेलेस के एक जिले पर रखा गया है जहाँ पर बहुत सारे फ़िल्म स्टूडियो स्थापित हैं। 19वीं सदी में थॉमस ऐल्वा ऐडिसन ने काइनेटोस्कोप ईजाद किया और इसके पेटेन्ट के सहारे फ़िल्म निर्माताओं से बहुत बड़ी-बड़ी फ़ीस माँगीं। इनसे बचने के लिए कई फ़िल्म कम्पनियाँ कैलिफ़ोर्निया के हॉलीवुड जिले में आकर स्थापित हो गईं। आजकल अधिकतर फ़िल्म उद्योग पास ही में बुर्बैंक और वेस्टसाइड में चला गया है, लेकिन बहुत से काम अब भी हॉलीवुड में ही होते हैं। हॉलीवुड के सबसे प्रसिद्ध पुरस्कार अकादमी पुरस्कार हैं, जिन्हें ऑस्कर पुरस्कार के नाम से भी जाना जाता है। .

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हीरक राजार देशे (१९८० फ़िल्म)

हीरक राजार देशे 1980 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

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जनअरण्य

सत्यजित राय की एक प्रसिद्ध बांग्ला फ़िल्म.

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जलसाघर (1958 फ़िल्म)

सत्यजित राय की एक प्रसिद्ध फ़िल्म। यह 1958 में विमोचित हुई थी। अंग्रेजीभाषी जगत् में कहीं कहीं Jalsaghar: The Music Room के नाम से चली। सत्यजित राय निर्देशित चतुर्थ फिल्म। यह ताराशंकर बंधोपाध्याय कृत इसी नाम के उपन्यास पर आधारित है, तथा जमींदार (बंगाल का अर्धसामंती भूस्वामी) के अंतिम दिनों के विस्तृत नाटकीय अध्ययन पर आधारित है। रे की फिल्मों की चिरपरिचित सहानुभूति तथा विवरणों से युक्त यह फिल्म अंतर्राष्ट्रीय जगत में प्रभूत प्रशंसित हुई (यथा न्यूयार्क टाइम्स में बोसले क्राउथर, द गार्जियन में डेरेक मैल्कम)। साथ ही यह रोजर एबर्ट के "ग्रेट मूवीज", द्वितीय भाग में वैश्विक सिनेमा में एक अलग पहचान-चिह्न के रूप में वर्णित है। फिल्म में हिंदुस्तानी शास्त्रीय गीत-संगीत तथा वाद्य-संगीत के उत्कृष्ट फुटेज परिलक्षित होते हैं, साथ ही शास्त्रीय नृत्य के भी। संगीत विलायत खान का है। साथ ही अन्य कलाकारों में बेगम अख्तर (गायिका), रोशन कुमारी (कथक नृत्यांगना), उस्ताद बिस्मिल्ला खान व साथी, वहीद खान (सुरबहार वादक), सलामत अली खान (खयाल गायक) भी फिल्म में हैं। .

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ज़मींदारी प्रथा

दरभंगा के जमींदार '''लक्ष्मणेश्वर सिंह''' जमींदारी प्रथा भारत में मुगल काल एवं ब्रिटिश काल में प्रचलित एक राजनैतिक-सामाजिक कुरीति थी जिसमें भूमि का स्वामित्व उस पर काम करने वालों का न होकर किसी और (जमींदार) का होता था जो खेती करने वालों से कर वसूलते थे। भारत के स्वतंत्रत होने के बाद यह प्रथा समाप्त कर दी गयी। .

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ज़ाँ रन्वार

ज़ाँ रन्वार ज़ाँ रन्वार (फ्रांसिसी) (15 सितंबर 1894 - 12 फ़रवरी 1979) पेरिस के मॉन्टमार्त्रे स्थान पर जन्म लेने वाले फ्रांसिसी फ़िल्म निर्देशक, अभिनेता व लेखक थे। वे अलीन शिरागॉत और फ्रांसिसी चित्रकार पियरे ऑगस्टे रन्वार के दूसरे पुत्र, प्रसिद्ध फ़िल्म और मंच अभिनेता पियरे रन्वार के भाई, फ़िल्म छायाकार क्लाउडे रन्वार के चाचा और बर्कले स्थित कैलिफ़ोर्निया विश्वविद्यालय में तुलनात्मक साहित्य के अवकाशप्राप्त प्रोफ़ेसर अलेन रन्वार के पिता थे। फ़िल्म निर्देशक और अभिनेता के रूप में उन्होंने मूक युग से 1060 तक 40 से अधिक फ़िल्में बनाईं। लेखक के रूप में उन्होंने अपने पिता की जीवनी लिखी- मेरे पिता रन्वार (1962) श्रेणी:फ़िल्म श्रेणी:फ़िल्म निर्देशक.

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जापान

जापान, एशिया महाद्वीप में स्थित देश है। जापान चार बड़े और अनेक छोटे द्वीपों का एक समूह है। ये द्वीप एशिया के पूर्व समुद्रतट, यानि प्रशांत महासागर में स्थित हैं। इसके निकटतम पड़ोसी चीन, कोरिया तथा रूस हैं। जापान में वहाँ का मूल निवासियों की जनसंख्या ९८.५% है। बाकी 0.5% कोरियाई, 0.4 % चाइनीज़ तथा 0.6% अन्य लोग है। जापानी अपने देश को निप्पॉन कहते हैं, जिसका मतलब सूर्योदय है। जापान की राजधानी टोक्यो है और उसके अन्य बड़े महानगर योकोहामा, ओसाका और क्योटो हैं। बौद्ध धर्म देश का प्रमुख धर्म है और जापान की जनसंख्या में 96% बौद्ध अनुयायी है। .

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जिम कॉर्बेट

जेम्स ए. जिम कार्बेट (25 जुलाई 1875 - 19 अप्रैल 1955) आयरिश मूल के भारतीय लेखक व दार्शनिक थे। उन्होंने मानवीय अधिकारों के लिए संघर्ष किया तथा संरक्षित वनों के आंदोलन का भी प्रारंभ किया। उन्होंने नैनीताल के पास कालाढूंगी में आवास बनाया था। यह स्थान आज भी यहां आने वाले प्रर्यटकों को उस व्यक्ति के जीवन का ज्ञान कराता है जो न केवल एक शिकारी था बल्कि एक संरक्षक, चमड़े का कार्य करने वाला, जंगली जानवरों का फ़ोटो खीचने वाला तथा बढ़ई था। इन्होने उत्तराखण्ड के गढ़वाल जिले मे अनेक आदमखोर बाघों को मारा था जिनमें रुद्रप्रयाग का आदमखोर तेंदुआ भी शामिल था। मगर बाद मे उनके विचार पलटने से और बाघों की घटती संख्या देखकर इन्होने सिर्फ छायाचित्रकारिता ही अपनाई। जिम कार्बेट आजीवन अविवाहित रहे। उन्हीं की तरह उनकी बहन ने भी विवाह नहीं किया। दोनों भाई-बहन सदैव साथ-साथ रहे और एक दूसरे का दु:ख बाँटते रहे। कुमाऊँ तथा गढ़वाल में जब कोई आदमखोर शेर आ जाता था तो जिम कार्बेट को बुलाया जाता था। जिम कार्बेट वहाँ जाकर सबकी रक्षा कर और आदमखोर शेर को मारकर ही लौटते थे। जिम कार्बेट एक कुशल शिकारी थे। वे शिकार करनें में यहाँ दक्ष थे, वहीं एक अत्यन्त प्रभावशील लेखक भी थे। शिकार-कथाओं के कुशल लेखकों में जिम कार्बेट का नाम विश्व में अग्रणीय है। उनकी 'भाई इण्डिया' पुस्तक बहुत चर्चित है। भारत-प्रेम उनका इतना अधिक था कि वे उसके यशगान में लग रहते थे। कुमाऊँ और गढ़वाल उन्हें बहुत प्रिय था। ऐसे कुमाऊँ - गढ़वाल के हमदर्द व्यक्ति के नाम पर गढ़वाल-कुमाऊँ की धरती पर स्थापित पार्क का होना उन्हें श्रद्धा के फूल चढ़ाने के ही बराबर है। अत: जिम कार्बेट के नाम पर यह जो पार्क बना है, उससे हमारा राष्ट्र बी गौरान्वित हुआ है, जिम कार्बेट के प्रति यह कुमाऊँ-गढ़वाल और भारत की सच्ची श्रद्धांजलि है। इस लेखक ने भारत का नाम बढ़ाया है। आज विश्व में उनका नाम प्रसिद्ध शिकारी के रूप में आदर से लिया जाता है। .

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जवाहरलाल नेहरू

जवाहरलाल नेहरू (नवंबर १४, १८८९ - मई २७, १९६४) भारत के प्रथम प्रधानमन्त्री थे और स्वतन्त्रता के पूर्व और पश्चात् की भारतीय राजनीति में केन्द्रीय व्यक्तित्व थे। महात्मा गांधी के संरक्षण में, वे भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन के सर्वोच्च नेता के रूप में उभरे और उन्होंने १९४७ में भारत के एक स्वतन्त्र राष्ट्र के रूप में स्थापना से लेकर १९६४ तक अपने निधन तक, भारत का शासन किया। वे आधुनिक भारतीय राष्ट्र-राज्य – एक सम्प्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, और लोकतान्त्रिक गणतन्त्र - के वास्तुकार मानें जाते हैं। कश्मीरी पण्डित समुदाय के साथ उनके मूल की वजह से वे पण्डित नेहरू भी बुलाएँ जाते थे, जबकि भारतीय बच्चे उन्हें चाचा नेहरू के रूप में जानते हैं। स्वतन्त्र भारत के प्रथम प्रधानमन्त्री का पद सँभालने के लिए कांग्रेस द्वारा नेहरू निर्वाचित हुएँ, यद्यपि नेतृत्व का प्रश्न बहुत पहले 1941 में ही सुलझ चुका था, जब गांधीजी ने नेहरू को उनके राजनीतिक वारिस और उत्तराधिकारी के रूप में अभिस्वीकार किया। प्रधानमन्त्री के रूप में, वे भारत के सपने को साकार करने के लिए चल पड़े। भारत का संविधान 1950 में अधिनियमित हुआ, जिसके बाद उन्होंने आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक सुधारों के एक महत्त्वाकांक्षी योजना की शुरुआत की। मुख्यतः, एक बहुवचनी, बहु-दलीय लोकतन्त्र को पोषित करते हुएँ, उन्होंने भारत के एक उपनिवेश से गणराज्य में परिवर्तन होने का पर्यवेक्षण किया। विदेश नीति में, भारत को दक्षिण एशिया में एक क्षेत्रीय नायक के रूप में प्रदर्शित करते हुएँ, उन्होंने गैर-निरपेक्ष आन्दोलन में एक अग्रणी भूमिका निभाई। नेहरू के नेतृत्व में, कांग्रेस राष्ट्रीय और राज्य-स्तरीय चुनावों में प्रभुत्व दिखाते हुएँ और 1951, 1957, और 1962 के लगातार चुनाव जीतते हुएँ, एक सर्व-ग्रहण पार्टी के रूप में उभरी। उनके अन्तिम वर्षों में राजनीतिक मुसीबतों और 1962 के चीनी-भारत युद्ध में उनके नेतृत्व की असफलता के बावजूद, वे भारत के लोगों के बीच लोकप्रिय बने रहें। भारत में, उनका जन्मदिन बाल दिवस के रूप में मनाया जाता हैं। .

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जखन छोटो छिलम

सत्यजित रे की आत्मकथा.

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जॉय बाबा फेलुनाथ (१९७८ फ़िल्म)

जॉय बाबा फेलुनाथ 1978 में बनी बांग्ला भाषा की फिल्म है। .

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ई.टी. द एक्स्ट्रा-टेर्रेस्ट्रियल

ई.टी.

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घरे बाइरे

रवींद्रनाथ ठाकुर का एक प्रसिद्ध उपन्यास श्रेणी:रबीन्द्रनाथ ठाकुर की कृतियाँ.

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घरे बाइरे (1984 फ़िल्म)

घरे बाइरे 1984 में बनी बांग्ला भाषा की फिल्म है। .

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घारापुरी गुफाएँ

घारापुरी गुफाएँ (मराठी: घारापुरीची लेणी; अंग्रेज़ी: एलीफेंटा) भारत में मुम्बई के गेट वे ऑफ इण्डिया से लगभग १२ किलोमीटर दूर स्थित एक स्थल है जो अपनी कलात्मक गुफ़ाओं के कारण प्रसिद्ध है। यहाँ कुल सात गुफाएँ हैं। मुख्य गुफा में २६ स्तंभ हैं, जिसमें शिव को कई रूपों में उकेरा गया हैं। पहाड़ियों को काटकर बनाई गई ये मूर्तियाँ दक्षिण भारतीय मूर्तिकला से प्रेरित है। इसका ऐतिहासिक नाम घारपुरी है। यह नाम मूल नाम अग्रहारपुरी से निकला हुआ है। एलिफेंटा नाम पुर्तगालियों द्वारा यहाँ पर बने पत्थर के हाथी के कारण दिया गया था। यहाँ हिन्दू धर्म के अनेक देवी देवताओं कि मूर्तियाँ हैं। ये मंदिर पहाड़ियों को काटकर बनाये गए हैं। यहाँ भगवान शंकर की नौ बड़ी-बड़ी मूर्तियाँ हैं जो शंकर जी के विभिन्न रूपों तथा क्रियाओं को दिखाती हैं। इनमें शिव की त्रिमूर्ति प्रतिमा सबसे आकर्षक है। यह मूर्ति २३ या २४ फीट लम्बी तथा १७ फीट ऊँची है। इस मूर्ति में भगवान शंकर के तीन रूपों का चित्रण किया गया है। इस मूर्ति में शंकर भगवान के मुख पर अपूर्व गम्भीरता दिखती है। दूसरी मूर्ति शिव के पंचमुखी परमेश्वर रूप की है जिसमें शांति तथा सौम्यता का राज्य है। एक अन्य मूर्ति शंकर जी के अर्धनारीश्वर रूप की है जिसमें दर्शन तथा कला का सुन्दर समन्वय किया गया है। इस प्रतिमा में पुरुष तथा प्रकृति की दो महान शक्तियों को मिला दिया गया है। इसमें शंकर तनकर खड़े दिखाये गये हैं तथा उनका हाथ अभय मुद्रा में दिखाया गया है। उनकी जटा से गंगा, यमुना और सरस्वती की त्रिधारा बहती हुई चित्रित की गई है। एक मूर्ति सदाशिव की चौमुखी में गोलाकार है। यहाँ पर शिव के भैरव रूप का भी सुन्दर चित्रण किया गया है तथा तांडव नृत्य की मुद्रा में भी शिव भगवान को दिखाया गया है। इस दृश्य में गति एवं अभिनय है। इसी कारण अनेक लोगों के विचार से एलिफेण्टा की मूर्तियाँ सबसे अच्छी तथा विशिष्ट मानी गई हैं। यहाँ पर शिव एवं पार्वती के विवाह का भी सुन्दर चित्रण किया गया है। १९८७ में यूनेस्को द्वारा एलीफेंटा गुफ़ाओं को विश्व धरोहर घोषित किया गया है। यह पाषाण-शिल्पित मंदिर समूह लगभग ६,००० वर्ग फीट के क्षेत्र में फैला है, जिसमें मुख्य कक्ष, दो पार्श्व कक्ष, प्रांगण व दो गौण मंदिर हैं। इन भव्य गुफाओं में सुंदर उभाराकृतियां, शिल्पाकृतियां हैं व साथ ही हिन्दू भगवान शिव को समर्पित एक मंदिर भी है। ये गुफाएँ ठोस पाषाण से काट कर बनायी गई हैं। यह गुफाएं नौंवीं शताब्दी से तेरहवीं शताब्दी तक के सिल्हारा वंश (८१००–१२६०) के राजाओं द्वारा निर्मित बतायीं जातीं हैं। कई शिल्पाकृतियां मान्यखेत के राष्ट्रकूट वंश द्वारा बनवायीं हुई हैं। (वर्तमान कर्नाटक में)। .

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घंटा

घंटा समय की एक इकाई है। एक घंटे में ६० मिनट होते हैं। एक मिनट में ६० सैकंड होते हैं। 1 मिनट .

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वित्तोरियो दे सिका

वित्तोरियो दे सिका (इतालवी: Vittorio de Sika, 7 जुलाई, 1901-17 नवंबर, 1974) एक प्रसिद्ध इतालवी फ़िल्म निर्देशक थे। उनकी गणना नवयथार्थवादी फिल्मकारों की अगली पंक्ति में की जाती है। .

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वित्तोरियो दे सीका

वित्तोरियो दे सीका (July 7, 1901 - November 13, 1974) इटली के नवयथार्थवादी युग के निर्देशक और अभिनेता थे। श्रेणी:फ़िल्मकार श्रेणी:व्यक्तिगत जीवन.

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विद्याधर सूरजप्रसाद नैपाल

वी एस नाइपॉल या विद्याधर सूरजप्रसाद नैपालका जन्म १७ अगस्त सन १९३२ को ट्रिनिडाड के चगवानस (Chaguanas) में हुआ। उनहे नुतन अंग्रेज़ी छंद का गुरु कहा जाता है। वे कई साहित्यिक पुरस्कार से सम्मानित किये जा चुके हे, इनमे जोन लिलवेलीन रीज पुरस्कार (१९५८), दी सोमरसेट मोगम अवाङँ (१९८०), दी होवथोरडन पुरस्कार (1964), दी डबलु एच स्मिथ साहित्यिक अवाङँ (१९६८), दी बुकर पुरस्कार (१९७१), तथा दी डेविड कोहेन पुरस्कार (१९९३) ब्रिटिश साहित्य मे जीवन परयंत कायँ के लिए, प्रमुख है। वी एस नैपाल को २००१ मे साहित्य मे नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। २००८ मे दी टाईम्स ने वी एस नैपाल को अपनी ५० महान ब्रिटिश साहित्यकारो की सुची मे सातवां स्थान दिया। .

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विलायत ख़ाँ

उस्ताद विलायत ख़ाँ। विलायत खाँ का जन्म 1928 में गौरीपुर (इस समय बांग्लादेश) में एक संगीतज्ञ परिवार में हुआ था। पिता, प्रख्यात सितार वादक उस्ताद इनायत हुसैन ख़ाँ, की जल्दी मौत के बाद उन्होंने अपने नाना और मामा से सितार बजाना सीखा। आठ वर्ष की उम्र में पहली बार उनके सितारवादन की रिकॉर्डिंग हुई। उन्होंने पाँच दशकों से भी अधिक समय तक अपने सितार का जादू बिखेरा। उस्ताद विलायत ख़ाँ की पिछली कई पुश्तें सितार से जुड़ी रहीं और उनके पिता इनायत हुसैन ख़ाँ से पहले उस्ताद इमदाद हुसैन ख़ाँ भी जाने-माने सितारवादक रहे थे। उस्ताद विलायत ख़ाँ के दोनों बेटे, सुजात हुसैन ख़ाँ और हिदायत ख़ाँ भी तथा उनके भाई इमरात हुसैन ख़ाँ और भतीजे रईस ख़ाँ भी जाने माने सितार वादक हैं। वे संभवतः भारत के पहले संगीतकार थे जिन्होंने भारत की आज़ादी के बाद इंग्लैंड जाकर संगीत पेश किया था। विलायत ख़ाँ एक साल में आठ महीने विदेश में बिताया करते थे और न्यूजर्सी उनका दूसरा घर बन चुका था। विलायत ख़ाँ ने सितार वादन की अपनी अलग शैली, गायकी शैली, विकसित की थी जिसमें श्रोताओं पर गायन का अहसास होता था। उनकी कला के सम्मान में राष्ट्रपति फ़ख़रूद्दीन अली अहमद ने उन्हें आफ़ताब-ए-सितार का सम्मान दिया था और ये सम्मान पानेवाले वे एकमात्र सितारवादक थे। लेकिन उस्ताद विलायत खाँ ने 1964 में पद्मश्री और 1968 में पद्मविभूषण सम्मान ये कहते हुए ठुकरा दिए थे कि भारत सरकार ने हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत में उनके योगदान का समुचित सम्मान नहीं किया। उनके परिवार में उनकी दो पत्नियाँ, दो बेटे और दो बेटियाँ भी हैं। 13 मार्च 2004 को उनका देहांत हो गया। उन्हें फेफ़ड़े का कैंसर था जिसके इलाज के लिए वे जसलोक अस्पताल में भर्ती थे। उनका अधिकतर जीवन कोलकाता में बीता और उनका अंतिम संस्कार भी उन्हें उनके पिता की क़ब्र के समीप दफ़ना कर किया गया। ---- श्रेणी:भारतीय संगीत श्रेणी:शास्त्रीय संगीत श्रेणी:व्यक्तिगत जीवन श्रेणी:सितार वादक.

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विलियम शेक्सपीयर

विलियम शेक्सपीयर विलियम शेक्सपीयर (William Shakespeare; 23 अप्रैल 1564 (बपतिस्मा हुआ) – 23 अप्रैल 1616) अंग्रेजी के कवि, काव्यात्मकता के विद्वान नाटककार तथा अभिनेता थे। उनके नाटकों का लगभग सभी प्रमुख भाषाओं में अनुवाद हुआ है। शेक्सपियर में अत्यंत उच्च कोटि की सर्जनात्मक प्रतिभा थी और साथ ही उन्हें कला के नियमों का सहज ज्ञान भी था। प्रकृति से उन्हें मानो वरदान मिला था अत: उन्होंने जो कुछ छू दिया वह सोना हो गया। उनकी रचनाएँ न केवल अंग्रेज जाति के लिए गौरव की वस्तु हैं वरन् विश्ववांमय की भी अमर विभूति हैं। शेक्सपियर की कल्पना जितनी प्रखर थी उतना ही गंभीर उनके जीवन का अनुभव भी था। अत: जहाँ एक ओर उनके नाटकों तथा उनकी कविताओं से आनंद की उपलब्धि होती है वहीं दूसरी ओर उनकी रचनाओं से हमको गंभीर जीवनदर्शन भी प्राप्त होता है। विश्वसाहित्य के इतिहास में शेक्सपियर के समकक्ष रखे जानेवाले विरले ही कवि मिलते हैं। .

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विश्व-भारती विश्वविद्यालय

विश्वभारती विश्वविद्यालय की स्थापना 1921 में रवीन्द्रनाथ ठाकुर ने पश्चिम बंगाल के शान्तिनिकेतन नगर में की। यह भारत के केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में से एक है। अनेक स्नातक और परास्नातक संस्थान इससे संबद्ध हैं। शान्ति निकेतन के संस्थापक रवीन्द्रनाथ टैगोर का जन्म १८६१ ई में कलकत्ता में एक सम्पन्न परिवार में हुआ था। इनके पिता महर्षि देवेन्द्रनाथ ठाकुर ने १८६३ ई में अपनी साधना हेतु कलकत्ते के निकट बोलपुर नामक ग्राम में एक आश्रम की स्थापना की जिसका नाम `शांति-निकेतन' रखा गया। जिस स्थान पर वे साधना किया करते थे वहां एक संगमरमर की शिला पर बंगला भाषा में अंकित है--`तिनि आमार प्राणेद आराम, मनेर आनन्द, आत्मार शांति।' १९०१ ई में गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर ने इसी स्थान पर बालकों की शिक्षा हेतु एक प्रयोगात्मक विद्यालय स्थापित किया जो प्रारम्भ में `ब्रह्म विद्यालय,' बाद में `शान्ति निकेतन' तथा १९२१ ई। `विश्व भारती' विश्वविद्यालय के नाम से प्रख्यात हुआ। टैगोर बहुमुखी प्रतिभा के व्यक्ति थे। .

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विषय चलचित्र

सत्यजित राय की पुस्तक.

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विज्ञान कथा साहित्य

विज्ञान कथा, काल्पनिक साहित्य की ही वह विधा है जो विज्ञान और प्रौद्योगिकी के संभावित परिवर्तनों को लेकर उपजी मानवीय प्रतिक्रिया को कथात्मक अभिव्यक्ति देती है। मेरी शेली की 'द फ्रन्केनस्टआईन' पहली विज्ञान कथात्मक कृति मानी जाती है। अमेरिका और ब्रिटेन में विगत सदी में बेह्तरीन विज्ञान कथाएं लिखी गयी है- आइजक आजीमोव, आर्थर सी क्लार्क, रोबर्ट हेनलीन प्रसिद्ध विज्ञान कथा लेखक रहे हैं। अब तीनों दिवंगत हैं। .

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विक्टर बैनर्जी

विक्टर बैनर्जी (बांग्ला: ভিক্টর ব্যানার্জি भिक्टॉर बैनार्जी) हिन्दी एवं बांगला सिनेमा की अभिनेत्रियों में से एक हैं। .

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वृत्त चित्र

किसी वृत्त अर्थात समाचार या सत्य घटना पर आधारित फ़िल्म को वृत्तचित्र (डॉकुमेण्टरी फिल्म) कहते हैं। इसमें कलात्मकता, अभिनय और मनोरंजन के स्थान पर वृत्त के विषय और उद्देश्य पर अधिक ध्यान रखा जाता है। .

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वेनिस

यह इटली का एक प्रमुख नगर है। सुदूर देशों में स्थित इटली में एक छोटा सा शहर हैं वैनिस, मान्यता है कि इसकी प्राकृतिक खूबसूरती एक कलाचित्र के समान दिखाई देती है, यह शहर सांस्कृतिक एवं व्यापारिक केंद्र है। नहर पर गॉनडोला नाव में सवार होकर सैलानी घूमते हैं। हर साल वैनिस में 120 रैगाटा आयोजित किए जाते हैं। रोमांचित कर देने वाला रैगाटा खेल वैनिस में पर्यटकों के बीच बेहद लोकप्रिय है। हजारों लोग इस खेल में भाग लेते हैं। इस दौरान दर्शकों में उत्साह एवं तालियों की गूँज दूर तक सुनाई देती है। वैनिस के इतिहास एवं संस्कृति से परिपूर्ण कार्निवाल के भिन्न-भिन्न प्रकार के रंग इस पर्व में उभर कर आते हैं जहाँ पर सैलानियों एवं दर्शकों के मनोरंजन के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों को आयोजित किया जाता हैं एवं यह त्योहार सेंट मार्क स्क्वेयर में प्रतिवर्ष मनाया जाता है। देश-विदेश से पर्यटक इस स्थान पर आते हैं और इस त्योहार का आनंद लेते हैं। कार्निवाल का प्रारम्भ 5 अक्टूबर से होता है और क्रिसमस तक चलता है। इस त्योहार को विशेष रूप से मनाया जाता है। यहाँ पर रंग बिरंगे मास्क पहनते हैं। रंगमंच पर नाटक में कलाकार मास्क पहने रहते हैं। सेनसा का पर्व रेनडेनटोर के पर्व यहाँ पर मनाए जाते हैं। इन पर्वों में यहाँ की संस्कृति, धर्म, मान्यता बुनी हुई है। अप्रैल से लेकर सितम्बर तक यहाँ पर नौकाओं आदि का भी आनंद उठा सकते हैं। यदि पयर्टक यहाँ के अन्य प्रसिद्ध स्थलों का भ्रमण करना चाहते हैं तो वे अकादमिया गैलरी में सजाए गए छायाचित्रों को देख सकते हैं। यह गैलरी वैनिस के प्रसिद्ध संग्रहालयों में से एक है। वैनिस के अठारहवीं शताब्दी के कलाचित्र यहाँ पर प्रदर्शित किए गए हैं। सैलानी भ्रमण के दौरान रीयाल्टो पुल पर शहर नजर आता है। यह पुल ग्रैंड कनाल पर बनाया गया है जिससे यात्रियों को सफर करने में आसानी हो। स्थानीय लोग ईसाई धर्म को मानते हैं एवं गिरजाघरों में भगवान की आराधना करते हैं। धार्मिक पर्वों के दौरान गिरजाघरों में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है। मार्बल गिरजाघर या सेंटा मारिया वैनिस में स्थित है। शिल्पकारों ने इसे बहुत सुंदर प्रकार से इसे सुसज्जित किया है। क्रिसमस त्योहार के समय इस भव्य गिरजाघर को सजाया जाता है एवं एकत्रित व्यक्ति शांति की कामना करते हैं। वैनिस लोगों की शादियाँ यहाँ पर धूमधाम से मनाई जाती हैं। रंगमंच पर नाट्य कार्यक्रम हर साल रंगमंच प्रेमियों के लिए आयोजित किए जाते हैं। पर्यटक स्काला कॉट्रावीनी बोवोलो महल के विशेषता को देखने के लिए आते हैं जहाँ पर अनगिनत वृत्तखण्ड एवं सीढ़ियों को देखने के लिए यहाँ पर दर्शक आते हैं। वैनिस के प्रसिद्ध बंदरगाहों में से एक हैं वेनीशियन आर्सनल। प्राचीनकाल से यह जलसेना का केंद्र था। मनपसंद व्यंजनों में से मुख्य पिज्ज़ा एवं पास्ता यहाँ मिलते हैं। मांसाहारी व्यंजन के विभिन्न प्रकार के भोजन एवं सूप मिलते हैं। यदि यहाँ के स्थानीय व्यंजन को ढूँढ रहे हैं तब शहर के प्रसिद्ध मार्गों पर स्थित दुकानों पर सजाए गए लुभावने व्यंजनों का आनंद उठा सकते हैं। बोली जाने वाली प्रमुख भाषा हैं वेनीशीयन एवं स्पेनिश। नवंबर से लेकर जनवरी तक यहाँ का मौसम सामान्य रहता है एवं भ्रमण करने के सिए उपयुक्त हैं। श्रेणी:इटली के नगर श्रेणी:इटली में विश्व धरोहर स्थल.

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वेनिस फ़िल्मोत्सव

वेनिस फ़िल्मोत्सव (इतालवीः Mostra Internazionale d'Arte Cinematografica di Venezia) विश्व के सबसे पुराने फ़िल्मोत्सवों में से एक है। इसका प्रारंभ 1932 में हुआ था और नियमित रूप से अगस्त के अंत या सितंबर के प्रारंभ में इटली में वेनिस के लीडो द्बीप पर आयोजित किया जाता रहा। 2005 में यह उत्सव 62वीं बार 31 अगस्त से 10 सितंबर तक मनाया गया। श्रेणी:फ़िल्म.

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वोल्फ़गांक आमडेयुस मोत्सार्ट

वोल्फ़गांक आमडेयुस मोत्सार्ट (जर्मन: Wolfgang Amadeus Mozart) (27 जनवरी 1756 - 5 दिसंबर 1791) एक प्रसिद्ध जर्मन पाश्चात्य शास्त्रीय संगीतज्ञ थे। उन्होने लगभग ६०० संगीत रचनाएँ की। शास्त्रीय संगीतकारों में वे सर्वाधिक लोकप्रिय हैं। श्रेणी:व्यक्तिगत जीवन श्रेणी:ऑस्ट्रियन संगीतज्ञ श्रेणी:पाश्चात्य शास्त्रीय संगीतकार‎ श्रेणी:१७५६ में जन्म श्रेणी:१७९१ में मृत्यु.

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खगोल शास्त्र

चन्द्र संबंधी खगोल शास्त्र: यह बडा क्रेटर है डेडलस। १९६९ में चन्द्रमा की प्रदक्षिणा करते समय अपोलो ११ के चालक-दल (क्रू) ने यह चित्र लिया था। यह क्रेटर पृथ्वी के चन्द्रमा के मध्य के नज़दीक है और इसका व्यास (diameter) लगभग ९३ किलोमीटर या ५८ मील है। खगोल शास्त्र, एक ऐसा शास्त्र है जिसके अंतर्गत पृथ्वी और उसके वायुमण्डल के बाहर होने वाली घटनाओं का अवलोकन, विश्लेषण तथा उसकी व्याख्या (explanation) की जाती है। यह वह अनुशासन है जो आकाश में अवलोकित की जा सकने वाली तथा उनका समावेश करने वाली क्रियाओं के आरंभ, बदलाव और भौतिक तथा रासायनिक गुणों का अध्ययन करता है। बीसवीं शताब्दी के दौरान, व्यावसायिक खगोल शास्त्र को अवलोकिक खगोल शास्त्र तथा काल्पनिक खगोल तथा भौतिक शास्त्र में बाँटने की कोशिश की गई है। बहुत कम ऐसे खगोल शास्त्री है जो दोनो करते है क्योंकि दोनो क्षेत्रों में अलग अलग प्रवीणताओं की आवश्यकता होती है, पर ज़्यादातर व्यावसायिक खगोलशास्त्री अपने आप को दोनो में से एक पक्ष में पाते है। खगोल शास्त्र ज्योतिष शास्त्र से अलग है। ज्योतिष शास्त्र एक छद्म-विज्ञान (Pseudoscience) है जो किसी का भविष्य ग्रहों के चाल से जोड़कर बताने कि कोशिश करता है। हालाँकि दोनों शास्त्रों का आरंभ बिंदु एक है फिर भी वे काफ़ी अलग है। खगोल शास्त्री जहाँ वैज्ञानिक पद्धति का उपयोग करते हैं जबकि ज्योतिषी केवल अनुमान आधारित गणनाओं का सहारा लेते हैं। .

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गणशत्रु (१९८९ फ़िल्म)

गणशत्रु 1989 में बनी बांग्ला भाषा की फिल्म है। .

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गुप्तचर कथा

ऐसी साहित्यिक रचनाएँ जिनमें पहने रहस्य का निर्माण किया जाता है और फिर कथा का अंत रहस्य को सुलझाने से होता है गुप्तचरकथा (डिटेक्टिव) साहित्य कही जाती हैं। इनमें कथा का नायक एक गुप्तचर होता है। .

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गुपी गाइन बाघा बाइन (1968 फ़िल्म)

गुपी गाइन बाघा बाइन 1968 में बनी बांग्ला भाषा की फिल्म है। यह सत्यजित राय की एक प्रसिद्ध बांग्ला फिल्म है। इसका हिन्दी सम्स्करण भी बना है जिसका नाम है- हिंदी में बनी सत्यजित राय की फिल्म का नाम है " गोपी गवैया बाघा बवैया "। .

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गौतम घोष

बांग्ला फ़िल्मों के प्रसिद्ध निर्देशक श्रेणी:फ़िल्म निर्देशक श्रेणी:बंगाली फ़िल्म निर्देशक श्रेणी:भारतीय फ़िल्म निर्देशक श्रेणी:भारतीय फ़िल्मकर्मी श्रेणी:बंगाली सिनेमा.

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ऑक्सफ़र्ड विश्वविद्यालय

ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय का प्रवेश समारोह, शेल्डोनिअन थिएटर (2003) यूनिवर्सिटी ऑफ़ ऑक्सफ़र्ड या हिंदी में ऑक्सफ़र्ड विश्वविद्यालय (अंग्रेज़ी: University of Oxford यूनिवर्सिटि ऑफ ऑक्स्फोर्ड, संक्षेप में ऑक्सॉन), ऑक्सफोर्ड, इंग्लैंड, में स्थित, इंगलैंड का सबसे पुराना विश्वविद्यालय है। इसके साथ 39 कॉलेज संबद्ध हैं, जिनमें काफी बड़ी संख्या में स्नातक और परास्नातक विषयों की पढाई कराई जाती हैं। इसमें 18000 से ज्यादा छात्र पढ़ाई कर रहे हैं, जिनमें से एक चौथाई विदेशी छात्र हैं। .

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आपातकाल (भारत)

प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, जिन्होंने भारत के राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद से राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा करवाई। 26 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक का 21 महीने की अवधि में भारत में आपातकाल घोषित था। तत्कालीन राष्ट्रपति फ़ख़रुद्दीन अली अहमद ने तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी के कहने पर भारतीय संविधान की धारा 352 के अधीन आपातकाल की घोषणा कर दी। स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह सबसे विवादास्पद और अलोकतांत्रिक काल था। आपातकाल में चुनाव स्थगित हो गए तथा नागरिक अधिकारों को समाप्त करके मनमानी की गई। इंदिरा गांधी के राजनीतिक विरोधियों को कैद कर लिया गया और प्रेस पर प्रतिबंधित कर दिया गया। प्रधानमंत्री के बेटे संजय गांधी के नेतृत्व में बड़े पैमाने पर नसबंदी अभियान चलाया गया। जयप्रकाश नारायण ने इसे 'भारतीय इतिहास की सर्वाधिक काली अवधि' कहा था। .

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आवर फ़िल्म्स, देयर फ़िल्म्स

आवर फ़िल्म्स, देयर फ़िल्म्स सत्यजित राय की एक प्रसिद्ध पुस्तक है। .

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आगन्तुक (१९९१ फ़िल्म)

आगन्तुक 1991 में बनी बांग्ला भाषा की फिल्म है। यह सत्यजित राय की एक प्रसिद्ध बांग्ला फिल्म है। .

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आंतोन चेखव

आंतोन चेखव अन्तोन पाव्लाविच चेख़व (रूसी:Анто́н Па́влович Че́хов, IPA:; २९ जनवरी,१८६० -- १५ जुलाई,१९०४) रूसी कथाकार और नाटककार थे। अपने छोटे से साहित्यिक जीवन में उन्होंने रूसी भाषा को चार कालजयी नाटक दिए जबकि उनकी कहानियाँ विश्व के समीक्षकों और आलोचकों में बहुत सम्मान के साथ सराही जाती हैं। चेखव अपने साहित्यिक जीवन के दिनों में ज़्यादातर चिकित्सक के व्यवसाय में लगे रही। वे कहा करते थे कि चिकित्सा मेरी धर्मपत्नी है और साहित्य प्रेमिका। .

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इटली

इटली यूरोप महाद्वीप के दक्षिण में स्थित एक देश है जिसकी मुख्यभूमि एक प्रायद्वीप है। इटली के उत्तर में आल्प्स पर्वतमाला है जिसमें फ्रांस, स्विट्ज़रलैंड, ऑस्ट्रिया तथा स्लोवेनिया की सीमाएँ आकर लगती हैं। सिसली तथा सार्डिनिया, जो भूमध्य सागर के दो सबसे बड़े द्वीप हैं, इटली के ही अंग हैं। वेटिकन सिटी तथा सैन मरीनो इटली के अंतर्गत समाहित दो स्वतंत्र देश हैं। इटली, यूनान के बाद यूरोप का दूसरा का दूसरा प्राचीनतम राष्ट्र है। रोम की सभ्यता तथा इटली का इतिहास देश के प्राचीन वैभव तथा विकास का प्रतीक है। आधुनिक इटली 1861 ई. में राज्य के रूप में गठित हुआ था। देश की धीमी प्रगति, सामाजिक संगठन तथा राजनितिक उथल-पुथल इटली के 2,500 वर्ष के इतिहास से संबद्ध है। देश में पूर्वकाल में राजतंत्र था जिसका अंतिम राजघराना सेवाय था। जून, सन् 1946 से देश एक जनतांत्रिक राज्य में परिवर्तित हो गया। इटली की राजधानी रोम प्राचीन काल के एक शक्ति और प्रभाव से संपन्न रोमन साम्राज्य की राजधानी रहा है। ईसा के आसपास और उसके बाद रोमन साम्राज्य ने भूमध्य सागर के क्षेत्र में अपनी प्रभुता स्थापित की थी जिसके कारण यह संस्कृति और अन्य क्षेत्रों में आधुनिक यूरोप की आधारशिला के तौर पर माना जाता है। तथा मध्यपूर्व (जिसे भारतीय परिप्रेक्ष्य में मध्य-पश्च भी कह सकते हैं) के इतिहास में भी रोमन साम्राज्य ने अपना प्रभाव डाला था और उनसे प्रभावित भी हुआ था। आज के इटली की संस्कृति पर यवनों (ग्रीक) का भी प्रभाव पड़ा है। इटली की जनसंख्या २००८ में ५ करोड़ ९० लाख थी। देश का क्षेत्रफल ३लाख वर्ग किलोमीटर के आसपास है। १९९१ में यहाँ की सरकार के शीर्ष पदस्थ अधिकारियों में व्याप्त भ्रष्टाचार का पर्दाफाश हुआ जिसके बाद यहाँ की राजनैतिक सत्ता और प्रशासन में कई बदलाव आए हैं। रोम यहाँ की राजधानी है और अन्य प्रमुख नगरों में वेनिस, मिलान इत्यादि का नाम लिया जा सकता है। .

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इतिहास

बोधिसत्व पद्मपनी, अजंता, भारत। इतिहास(History) का प्रयोग विशेषत: दो अर्थों में किया जाता है। एक है प्राचीन अथवा विगत काल की घटनाएँ और दूसरा उन घटनाओं के विषय में धारणा। इतिहास शब्द (इति + ह + आस; अस् धातु, लिट् लकार अन्य पुरुष तथा एक वचन) का तात्पर्य है "यह निश्चय था"। ग्रीस के लोग इतिहास के लिए "हिस्तरी" (history) शब्द का प्रयोग करते थे। "हिस्तरी" का शाब्दिक अर्थ "बुनना" था। अनुमान होता है कि ज्ञात घटनाओं को व्यवस्थित ढंग से बुनकर ऐसा चित्र उपस्थित करने की कोशिश की जाती थी जो सार्थक और सुसंबद्ध हो। इस प्रकार इतिहास शब्द का अर्थ है - परंपरा से प्राप्त उपाख्यान समूह (जैसे कि लोक कथाएँ), वीरगाथा (जैसे कि महाभारत) या ऐतिहासिक साक्ष्य। इतिहास के अंतर्गत हम जिस विषय का अध्ययन करते हैं उसमें अब तक घटित घटनाओं या उससे संबंध रखनेवाली घटनाओं का कालक्रमानुसार वर्णन होता है। दूसरे शब्दों में मानव की विशिष्ट घटनाओं का नाम ही इतिहास है। या फिर प्राचीनता से नवीनता की ओर आने वाली, मानवजाति से संबंधित घटनाओं का वर्णन इतिहास है।Whitney, W. D. (1889).

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इन्दिरा गांधी

युवा इन्दिरा नेहरू औरमहात्मा गांधी एक अनशन के दौरान इन्दिरा प्रियदर्शिनी गाँधी (जन्म उपनाम: नेहरू) (19 नवंबर 1917-31 अक्टूबर 1984) वर्ष 1966 से 1977 तक लगातार 3 पारी के लिए भारत गणराज्य की प्रधानमन्त्री रहीं और उसके बाद चौथी पारी में 1980 से लेकर 1984 में उनकी राजनैतिक हत्या तक भारत की प्रधानमंत्री रहीं। वे भारत की प्रथम और अब तक एकमात्र महिला प्रधानमंत्री रहीं। .

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कला

राजा रवि वर्मा द्वारा चित्रित 'गोपिका' कला (आर्ट) शब्द इतना व्यापक है कि विभिन्न विद्वानों की परिभाषाएँ केवल एक विशेष पक्ष को छूकर रह जाती हैं। कला का अर्थ अभी तक निश्चित नहीं हो पाया है, यद्यपि इसकी हजारों परिभाषाएँ की गयी हैं। भारतीय परम्परा के अनुसार कला उन सारी क्रियाओं को कहते हैं जिनमें कौशल अपेक्षित हो। यूरोपीय शास्त्रियों ने भी कला में कौशल को महत्त्वपूर्ण माना है। कला एक प्रकार का कृत्रिम निर्माण है जिसमे शारीरिक और मानसिक कौशलों का प्रयोग होता है। .

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कला निर्देशन

विज्ञापन, प्रकाशन, फ़िल्म, टेलीविज़न, इंटरनेट और विडियो गेम्स आदि सभी में कला निर्देशक के पद होते हैं जो लगभग एक सा काम करते हैं। श्रेणी:फ़िल्म श्रेणी:फ़िल्म निर्माण.

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कलकत्ता फ़िल्म सभा

भारत के पश्चिम बंगाल प्रांत के कोलकाता नगर में कलकत्ता फ़िल्म सभा का प्रारंभ 1947 में सत्यजित राय, चिदानंद दासगुप्ता और कुछ अन्य लोगों ने किया था। श्रेणी:फ़िल्म संस्थाएँ.

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कल्पकथा

जिस साहित्य का कथानक जादू अथवा दैवी शक्तियों के चमत्कार पर आधारित हो उसको कल्पनाकथा साहित्य कहते हैं। कल्पकथा.

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कान फ़िल्मोत्सव

कान फ़िल्मोत्सव (फ़्रांसिसी: le Festival international du film de Cannes or simply le Festival de Cannes), का प्रारंभ 1939 में हुआ। यह विश्व के सबसे सम्मानजनक फ़िल्म उत्सवों में से एक माना जाता है। श्रेणी:फ़िल्म पुरस्कार श्रेणी:फ़िल्म महोत्सव श्रेणी:फ़िल्म.

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काली

काली हिन्दू धर्म की एक प्रमुख देवी हैं। यह सुन्दरी रूप वाली भगवती दुर्गा का काला और भयप्रद रूप है, जिसकी उत्पत्ति राक्षसों को मारने के लिये हुई थी। उनको ख़ासतौर पर बंगाल और असम में पूजा जाता है। काली की व्युत्पत्ति काल अथवा समय से हुई है जो सबको अपना ग्रास बना लेता है। माँ का यह रूप है जो नाश करने वाला है पर यह रूप सिर्फ उनके लिए हैं जो दानवीय प्रकृति के हैं जिनमे कोई दयाभाव नहीं है। यह रूप बुराई से अच्छाई को जीत दिलवाने वाला है अत: माँ काली अच्छे मनुष्यों की शुभेच्छु है और पूजनीय है।इनको महाकाली भी कहते हैं। .

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कोलम्बिया पिक्चर्स

कोलम्बिया पिक्चर्स इंक, सोनी पिक्चर्स एंटरटेनमेंट का अमरीकी विभाग है। यह जापान की प्रसिद्ध इलेक्ट्रानिक कंपनी सोनी का एक हिस्सा है। श्रेणी:फ़िल्म श्रेणी:फ़िल्म कंपनी.

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कोलकाता

बंगाल की खाड़ी के शीर्ष तट से १८० किलोमीटर दूर हुगली नदी के बायें किनारे पर स्थित कोलकाता (बंगाली: কলকাতা, पूर्व नाम: कलकत्ता) पश्चिम बंगाल की राजधानी है। यह भारत का दूसरा सबसे बड़ा महानगर तथा पाँचवा सबसे बड़ा बन्दरगाह है। यहाँ की जनसंख्या २ करोड २९ लाख है। इस शहर का इतिहास अत्यंत प्राचीन है। इसके आधुनिक स्वरूप का विकास अंग्रेजो एवं फ्रांस के उपनिवेशवाद के इतिहास से जुड़ा है। आज का कोलकाता आधुनिक भारत के इतिहास की कई गाथाएँ अपने आप में समेटे हुए है। शहर को जहाँ भारत के शैक्षिक एवं सांस्कृतिक परिवर्तनों के प्रारम्भिक केन्द्र बिन्दु के रूप में पहचान मिली है वहीं दूसरी ओर इसे भारत में साम्यवाद आंदोलन के गढ़ के रूप में भी मान्यता प्राप्त है। महलों के इस शहर को 'सिटी ऑफ़ जॉय' के नाम से भी जाना जाता है। अपनी उत्तम अवस्थिति के कारण कोलकाता को 'पूर्वी भारत का प्रवेश द्वार' भी कहा जाता है। यह रेलमार्गों, वायुमार्गों तथा सड़क मार्गों द्वारा देश के विभिन्न भागों से जुड़ा हुआ है। यह प्रमुख यातायात का केन्द्र, विस्तृत बाजार वितरण केन्द्र, शिक्षा केन्द्र, औद्योगिक केन्द्र तथा व्यापार का केन्द्र है। अजायबघर, चिड़ियाखाना, बिरला तारमंडल, हावड़ा पुल, कालीघाट, फोर्ट विलियम, विक्टोरिया मेमोरियल, विज्ञान नगरी आदि मुख्य दर्शनीय स्थान हैं। कोलकाता के निकट हुगली नदी के दोनों किनारों पर भारतवर्ष के प्रायः अधिकांश जूट के कारखाने अवस्थित हैं। इसके अलावा मोटरगाड़ी तैयार करने का कारखाना, सूती-वस्त्र उद्योग, कागज-उद्योग, विभिन्न प्रकार के इंजीनियरिंग उद्योग, जूता तैयार करने का कारखाना, होजरी उद्योग एवं चाय विक्रय केन्द्र आदि अवस्थित हैं। पूर्वांचल एवं सम्पूर्ण भारतवर्ष का प्रमुख वाणिज्यिक केन्द्र के रूप में कोलकाता का महत्त्व अधिक है। .

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अदूर गोपालकृष्णन

मौताथु "अदूर" गोपालाकृष्णन उन्नीथन (जन्म जुलाई 3, 1941) सात बार भारतीय राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीतने वाले भारत के फिल्म निर्माता, पटकथा लेखक और फिल्म निर्माता.

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अनिल चौधरी

अनिल चौधरी ने भारत के पश्चिम बंगाल के कोलकाता नगर में बनने वाली अनेक फ़िल्मों के प्रोडक्शन मैनेजर या प्रोडक्शन कंट्रोलर पद पर कार्य किया। वे सत्यजित राय के साथ काम करने के लिए विशेष रूप से जाने जाते हैं। वे सत्यजित राय की सभी फ़िल्मों के प्रोडक्शन कंट्रोलर थे। श्रेणी:भारतीय फ़िल्मकर्मी श्रेणी:व्यक्तिगत जीवन श्रेणी:सत्यजित राय श्रेणी:चित्र जोड़ें.

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अपराजितो

अपराजितो 1956 में बनी बांग्ला भाषा की फिल्म है। यह सत्यजित राय की एक प्रसिद्ध बांग्ला फ़िल्म है। .

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अपर्णा सेन

अपर्णा सेन (बांग्ला: অপর্ণা সেন ओपॉर्णा शेन) हिन्दी एवं बांगला सिनेमा की अभिनेत्रियों में से एक हैं। .

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अपु त्रयी

अपु त्रयी सत्यजित राय द्वारा निर्देशित तीन फ़िल्मों की शृंखला है। ये तीन फ़िल्में हैं पाथेर पांचाली, अपराजितो और अपूर संसार। ये फ़िल्में 1955 से 1960 के बीच बनीं। ये बांग्ला के सुप्रसिद्ध लेखक बिभूतिभूषण बंद्योपाध्याय के लेखन पर आधारित थीं। इनमें हॉलिवुड और जाँ रेन्वर का प्रभाव देखा जा सकता है। .

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अपुर संसार (1959 फ़िल्म)

अपुर संसार सत्यजित राय की एक प्रसिद्ध बांग्ला फ़िल्म है। श्रेणी:चित्र जोड़ें.

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अमर्त्य सेन

(बी.ए.)ट्रिनिटी कॉलेज, कैम्ब्रिज,(बी.ए., एम.ए., पी.एच.डी.) | field .

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अमज़द ख़ान

अमज़द ख़ान (जन्म: 12 नवंबर, 1940 निधन: 27 जुलाई, 1992) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता थे। .

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अरण्येर दिनरात्रि (१९७० फ़िल्म)

अरण्येर दिनरात्रि 1970 में बनी बांग्ला भाषा की फिल्म है। .

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अर्थशास्त्र

---- विश्व के विभिन्न देशों की वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर (सन २०१४) अर्थशास्त्र सामाजिक विज्ञान की वह शाखा है, जिसके अन्तर्गत वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन, वितरण, विनिमय और उपभोग का अध्ययन किया जाता है। 'अर्थशास्त्र' शब्द संस्कृत शब्दों अर्थ (धन) और शास्त्र की संधि से बना है, जिसका शाब्दिक अर्थ है - 'धन का अध्ययन'। किसी विषय के संबंध में मनुष्यों के कार्यो के क्रमबद्ध ज्ञान को उस विषय का शास्त्र कहते हैं, इसलिए अर्थशास्त्र में मनुष्यों के अर्थसंबंधी कायों का क्रमबद्ध ज्ञान होना आवश्यक है। अर्थशास्त्र का प्रयोग यह समझने के लिये भी किया जाता है कि अर्थव्यवस्था किस तरह से कार्य करती है और समाज में विभिन्न वर्गों का आर्थिक सम्बन्ध कैसा है। अर्थशास्त्रीय विवेचना का प्रयोग समाज से सम्बन्धित विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है, जैसे:- अपराध, शिक्षा, परिवार, स्वास्थ्य, कानून, राजनीति, धर्म, सामाजिक संस्थान और युद्ध इत्यदि। प्रो.

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अली अक़बर ख़ाँ

उस्ताद अली अक़बर ख़ाँ (बांग्ला: আলী আকবর খাঁ) मैहर घराने के भारतीय शास्त्रीय संगीतज्ञ और सरोद वादक थे। उनकी विश्वव्यापी संगीत प्रस्तुतियों ने भारतीय शास्त्रीय संगीत तथा सरोद वादन को लोकप्रिय बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। .

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अजंता गुफाएँ

अजंता गुफाएँ महाराष्ट्र, भारत में स्थित तकरीबन २९ चट्टानों को काटकर बना बौद्ध स्मारक गुफाएँ जो द्वितीय शताब्दी ई॰पू॰ के हैं। यहाँ बौद्ध धर्म से सम्बन्धित चित्रण एवम् शिल्पकारी के उत्कृष्ट नमूने मिलते हैं। इनके साथ ही सजीव चित्रण भी मिलते हैं। यह गुफाएँ अजंता नामक गाँव के सन्निकट ही स्थित है, जो कि महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में है। (निर्देशांक: 20° 30’ उ० 75° 40’ पू॰) अजंता गुफाएँ सन् 1983 से युनेस्को की विश्व धरोहर स्थल घोषित है।" ‘’’नैशनल ज्यॉग्राफिक ‘’’ के अनुसार: आस्था का बहाव ऐसा था कि प्रतीत होता है, जैसे शताब्दियों तक अजंता समेत, लगभग सभी बौद्ध मंदिर, हिन्दू राजाओं के शासन और आश्रय के अधीन बनवाये गये हों। .

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अवध

अवध अवध वर्तमान उत्तर प्रदेश के एक भाग का नाम है जो प्राचीन काल में कोशल कहलाता था। इसकी राजधानी अयोध्या थी। अवध शब्द अयोध्या से ही निकला है। अवध की राजधानी प्रांरभ में फैजाबाद थी किंतु बाद को लखनऊ उठ आई थी। अवध पर नवाबों का आधिपत्य था जो प्राय: स्वतंत्र थे, क्योंकि अवध के नवाब शिया मुसलमान थे अत: अवध में इसलाम के इस संप्रदाय को विशेष संरक्षण मिला। लखनऊ उर्दू कविता का भी प्रसिद्ध केंद्र रहा। दिल्ली केंद्र के नष्ट होने पर बहुत से दिल्ली के भी प्रसिद्ध उर्दू कवि लखनऊ वापस चले आए थे। अवध की पारम्परिक राजधानी लखनऊ है। भौगोलिक रूप से अवध की आधुनिक परिभाषा - लखनऊ, सुल्तानपुर, रायबरेली, उन्नाव, कानपुर, भदोही, इलाहाबाद, बाराबंकी, फैजाबाद, प्रतापगढ़, बहराइच, बलरामपुर, गोंडा, हरदोई, लखीमपुर खीरी, कौशाम्बी, सीतापुर, श्रावस्ती, बस्ती, सिद्धार्थ नगर, खलीलाबाद, उन्नाव, फतेहपुर, कानपुर, (जौनपुर, और मिर्जापुर के पश्चिमी हिस्सों), कन्नौज, पीलीभीत, शाहजहांपुर से बनती है। .

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अकादमी मानद पुरस्कार

अकादमी मानद पुरस्कार अकादमी ऑफ़ मोशन पिक्चर्स आर्ट एंड साइंस द्बारा अनियमित रूप से सचल चित्रों की उन उपलब्धियों को रेखांकित करने के लिए दिया जाता है जो अन्य किसी पुरस्कार की श्रेणी में नहीं आतीं। पिछले कुछ वर्षो से यह पुरस्कार नियमित रूप से लाइफ़ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार के रूप में ही दिया जाता रहा है। वार्षिक प्रतियोगिता वाले सामान्य अकादमी पुरस्कार जिन्हें अकादमी के सदस्यों द्बारा दिए गए वोटों से चुना जाता है, से भिन्न इस मानद पुरस्कार का निर्णय अकादमी की संचालक पीठ (बोर्ड ऑफ़ गवर्नर्स) द्बारा लिया जाता हैं। पुरस्कार में दिया जाने वाला स्मृति चिह्न अन्य पुरस्कारों के रूप में दी जाने वाली वही सुनहरी ऑस्कर ट्रॉफ़ी है। श्रेणी:फ़िल्म पुरस्कार श्रेणी:चित्र जोड़ें.

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अकिरा कुरोसावा

अकीरा कुरोसावा (जापानी: 黒澤 明, 23 मार्च 1910—6 सितंबर 1998) जापान के एक प्रसिद्ध फ़िल्म निर्माता, निर्देशक और पटकथा लेखक थे। उनकी पहली फ़िल्म (सुगता सनशीरो) 1943 में प्रदर्शित हुई और अंतिम (मददयो) 1993 में। उन्हें अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया गया जिसमें लेगियन डि ऑनर तथा ऑस्कर लाइफ़ टाइम अचीवमेंज पुरस्कार प्रमुख हैं। .

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उत्तम कुमार

उत्तम कुमार (3 सितंबर 1926 - 1980) (बांग्ला: উত্তম কুমার) एक बांग्ला और हिन्दी फ़िल्मों का एक प्रसिद्ध अभिनेता थे। .

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उत्पल दत्त

उत्पल दत्त (जन्म: 29 मार्च, 1929 निधन: 19 अगस्त, 1993) एक हिन्दी एवं बांगला फिल्म के प्रसिद्ध अभिनेता थे। .

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उपेन्द्रकिशोर राय चौधरी

श्रेणी:व्यक्तिगत जीवन श्रेणी:सत्यजित राय.

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उर्दू भाषा

उर्दू भाषा हिन्द आर्य भाषा है। उर्दू भाषा हिन्दुस्तानी भाषा की एक मानकीकृत रूप मानी जाती है। उर्दू में संस्कृत के तत्सम शब्द न्यून हैं और अरबी-फ़ारसी और संस्कृत से तद्भव शब्द अधिक हैं। ये मुख्यतः दक्षिण एशिया में बोली जाती है। यह भारत की शासकीय भाषाओं में से एक है, तथा पाकिस्तान की राष्ट्रभाषा है। इस के अतिरिक्त भारत के राज्य तेलंगाना, दिल्ली, बिहार और उत्तर प्रदेश की अतिरिक्त शासकीय भाषा है। .

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ऋतुपर्ण घोष

ऋतुपर्ण घोष बंगाल के प्रसिद्ध फ़िल्म निर्देशक और सत्यजित राय के समकालीन हैं। श्रेणी:भारतीय फ़िल्मकर्मी.

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ऋत्विक घटक

ऋत्विक घटक (ঋত্বিক (কুমার) ঘটক, ऋतिक (कुमार) घोटोक; 4 नवम्बर 1925 से 6 फ़रवरी 1976) एक बंगाली भारतीय फिल्म निर्माता और पटकथा लेखक थे। भारतीय फिल्म निर्देशकों के बीच घटक का स्थान सत्यजीत रे और मृणाल सेन के समान है। .

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१ अप्रैल

1 अप्रैल ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 91वाँ (लीप वर्ष मे 92वाँ) दिन है। साल में अभी और 274 दिन बाकी हैं। .

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१५ फरवरी

15 फरवरी ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 46वॉ दिन है। साल में अभी और 319 दिन बाकी है (लीप वर्ष में 320)। .

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१७ सितम्बर

17 सितंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 260वॉ (लीप वर्ष में 261 वॉ) दिन है। साल में अभी और 105 दिन बाकी है। .

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१८५७ का प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम

१८५७ के भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों को समर्पित भारत का डाकटिकट। १८५७ का भारतीय विद्रोह, जिसे प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम, सिपाही विद्रोह और भारतीय विद्रोह के नाम से भी जाना जाता है इतिहास की पुस्तकें कहती हैं कि 1857 की क्रान्ति की शुरूआत '10 मई 1857' की संध्या को मेरठ मे हुई थी और इसको समस्त भारतवासी 10 मई को प्रत्येक वर्ष ”क्रान्ति दिवस“ के रूप में मनाते हैं, क्रान्ति की शुरूआत करने का श्रेय अमर शहीद कोतवाल धनसिंह गुर्जर को जाता है 10 मई 1857 को मेरठ में विद्रोही सैनिकों और पुलिस फोर्स ने अंग्रेजों के विरूद्ध साझा मोर्चा गठित कर क्रान्तिकारी घटनाओं को अंजाम दिया।1 सैनिकों के विद्रोह की खबर फैलते ही मेरठ की शहरी जनता और आस-पास के गांव विशेषकर पांचली, घाट, नंगला, गगोल इत्यादि के हजारों ग्रामीण मेरठ की सदर कोतवाली क्षेत्र में जमा हो गए। इसी कोतवाली में धन सिंह कोतवाल (प्रभारी) के पद पर कार्यरत थे।2 मेरठ की पुलिस बागी हो चुकी थी। धन सिंह कोतवाल क्रान्तिकारी भीड़ (सैनिक, मेरठ के शहरी, पुलिस और किसान) में एक प्राकृतिक नेता के रूप में उभरे। उनका आकर्षक व्यक्तित्व, उनका स्थानीय होना, (वह मेरठ के निकट स्थित गांव पांचली के रहने वाले थे), पुलिस में उच्च पद पर होना और स्थानीय क्रान्तिकारियों का उनको विश्वास प्राप्त होना कुछ ऐसे कारक थे जिन्होंने धन सिंह को 10 मई 1857 के दिन मेरठ की क्रान्तिकारी जनता के नेता के रूप में उभरने में मदद की। उन्होंने क्रान्तिकारी भीड़ का नेतृत्व किया और रात दो बजे मेरठ जेल पर हमला कर दिया। जेल तोड़कर 836 कैदियों को छुड़ा लिया और जेल में आग लगा दी।3 जेल से छुड़ाए कैदी भी क्रान्ति में शामिल हो गए। उससे पहले पुलिस फोर्स के नेतृत्व में क्रान्तिकारी भीड़ ने पूरे सदर बाजार और कैंट क्षेत्र में क्रान्तिकारी घटनाओं को अंजाम दिया। रात में ही विद्रोही सैनिक दिल्ली कूच कर गए और विद्रोह मेरठ के देहात में फैल गया। मंगल पाण्डे 8 अप्रैल, 1857 को बैरकपुर, बंगाल में शहीद हो गए थे। मंगल पाण्डे ने चर्बी वाले कारतूसों के विरोध में अपने एक अफसर को 29 मार्च, 1857 को बैरकपुर छावनी, बंगाल में गोली से उड़ा दिया था। जिसके पश्चात उन्हें गिरफ्तार कर बैरकपुर (बंगाल) में 8 अप्रैल को फासी दे दी गई थी। 10 मई, 1857 को मेरठ में हुए जनक्रान्ति के विस्फोट से उनका कोई सम्बन्ध नहीं है। क्रान्ति के दमन के पश्चात् ब्रिटिश सरकार ने 10 मई, 1857 को मेरठ मे हुई क्रान्तिकारी घटनाओं में पुलिस की भूमिका की जांच के लिए मेजर विलियम्स की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की गई।4 मेजर विलियम्स ने उस दिन की घटनाओं का भिन्न-भिन्न गवाहियों के आधार पर गहन विवेचन किया तथा इस सम्बन्ध में एक स्मरण-पत्र तैयार किया, जिसके अनुसार उन्होंने मेरठ में जनता की क्रान्तिकारी गतिविधियों के विस्फोट के लिए धन सिंह कोतवाल को मुख्य रूप से दोषी ठहराया, उसका मानना था कि यदि धन सिंह कोतवाल ने अपने कर्तव्य का निर्वाह ठीक प्रकार से किया होता तो संभवतः मेरठ में जनता को भड़कने से रोका जा सकता था।5 धन सिंह कोतवाल को पुलिस नियंत्रण के छिन्न-भिन्न हो जाने के लिए दोषी पाया गया। क्रान्तिकारी घटनाओं से दमित लोगों ने अपनी गवाहियों में सीधे आरोप लगाते हुए कहा कि धन सिंह कोतवाल क्योंकि स्वयं गूजर है इसलिए उसने क्रान्तिकारियों, जिनमें गूजर बहुसंख्या में थे, को नहीं रोका। उन्होंने धन सिंह पर क्रान्तिकारियों को खुला संरक्षण देने का आरोप भी लगाया।6 एक गवाही के अनुसार क्रान्तिकरियों ने कहा कि धन सिंह कोतवाल ने उन्हें स्वयं आस-पास के गांव से बुलाया है 7 यदि मेजर विलियम्स द्वारा ली गई गवाहियों का स्वयं विवेचन किया जाये तो पता चलता है कि 10 मई, 1857 को मेरठ में क्रांति का विस्फोट काई स्वतः विस्फोट नहीं वरन् एक पूर्व योजना के तहत एक निश्चित कार्यवाही थी, जो परिस्थितिवश समय पूर्व ही घटित हो गई। नवम्बर 1858 में मेरठ के कमिश्नर एफ0 विलियम द्वारा इसी सिलसिले से एक रिपोर्ट नोर्थ - वैस्टर्न प्रान्त (आधुनिक उत्तर प्रदेश) सरकार के सचिव को भेजी गई। रिपोर्ट के अनुसार मेरठ की सैनिक छावनी में ”चर्बी वाले कारतूस और हड्डियों के चूर्ण वाले आटे की बात“ बड़ी सावधानी पूर्वक फैलाई गई थी। रिपोर्ट में अयोध्या से आये एक साधु की संदिग्ध भूमिका की ओर भी इशारा किया गया था।8 विद्रोही सैनिक, मेरठ शहर की पुलिस, तथा जनता और आस-पास के गांव के ग्रामीण इस साधु के सम्पर्क में थे। मेरठ के आर्य समाजी, इतिहासज्ञ एवं स्वतन्त्रता सेनानी आचार्य दीपांकर के अनुसार यह साधु स्वयं दयानन्द जी थे और वही मेरठ में 10 मई, 1857 की घटनाओं के सूत्रधार थे। मेजर विलियम्स को दो गयी गवाही के अनुसार कोतवाल स्वयं इस साधु से उसके सूरजकुण्ड स्थित ठिकाने पर मिले थे।9 हो सकता है ऊपरी तौर पर यह कोतवाल की सरकारी भेंट हो, परन्तु दोनों के आपस में सम्पर्क होने की बात से इंकार नहीं किया जा सकता। वास्तव में कोतवाल सहित पूरी पुलिस फोर्स इस योजना में साधु (सम्भवतः स्वामी दयानन्द) के साथ देशव्यापी क्रान्तिकारी योजना में शामिल हो चुकी थी। 10 मई को जैसा कि इस रिपोर्ट में बताया गया कि सभी सैनिकों ने एक साथ मेरठ में सभी स्थानों पर विद्रोह कर दिया। ठीक उसी समय सदर बाजार की भीड़, जो पहले से ही हथियारों से लैस होकर इस घटना के लिए तैयार थी, ने भी अपनी क्रान्तिकारी गतिविधियां शुरू कर दीं। धन सिंह कोतवाल ने योजना के अनुसार बड़ी चतुराई से ब्रिटिश सरकार के प्रति वफादार पुलिस कर्मियों को कोतवाली के भीतर चले जाने और वहीं रहने का आदेश दिया।10 आदेश का पालन करते हुए अंग्रेजों के वफादार पिट्ठू पुलिसकर्मी क्रान्ति के दौरान कोतवाली में ही बैठे रहे। इस प्रकार अंग्रेजों के वफादारों की तरफ से क्रान्तिकारियों को रोकने का प्रयास नहीं हो सका, दूसरी तरफ उसने क्रान्तिकारी योजना से सहमत सिपाहियों को क्रान्ति में अग्रणी भूमिका निभाने का गुप्त आदेश दिया, फलस्वरूप उस दिन कई जगह पुलिस वालों को क्रान्तिकारियों की भीड़ का नेतृत्व करते देखा गया।11 धन सिंह कोतवाल अपने गांव पांचली और आस-पास के क्रान्तिकारी गूजर बाहुल्य गांव घाट, नंगला, गगोल आदि की जनता के सम्पर्क में थे, धन सिंह कोतवाल का संदेश मिलते ही हजारों की संख्या में गूजर क्रान्तिकारी रात में मेरठ पहुंच गये। मेरठ के आस-पास के गांवों में प्रचलित किवंदन्ती के अनुसार इस क्रान्तिकारी भीड़ ने धन सिंह कोतवाल के नेतृत्व में देर रात दो बजे जेल तोड़कर 836 कैदियों को छुड़ा लिया12 और जेल को आग लगा दी। मेरठ शहर और कैंट में जो कुछ भी अंग्रेजों से सम्बन्धित था उसे यह क्रान्तिकारियों की भीड़ पहले ही नष्ट कर चुकी थी। उपरोक्त वर्णन और विवेचना के आधार पर हम निःसन्देह कह सकते हैं कि धन सिंह कोतवाल ने 10 मई, 1857 के दिन मेरठ में मुख्य भूमिका का निर्वाह करते हुए क्रान्तिकारियों को नेतृत्व प्रदान किया था।1857 की क्रान्ति की औपनिवेशिक व्याख्या, (ब्रिटिश साम्राज्यवादी इतिहासकारों की व्याख्या), के अनुसार 1857 का गदर मात्र एक सैनिक विद्रोह था जिसका कारण मात्र सैनिक असंतोष था। इन इतिहासकारों का मानना है कि सैनिक विद्रोहियों को कहीं भी जनप्रिय समर्थन प्राप्त नहीं था। ऐसा कहकर वह यह जताना चाहते हैं कि ब्रिटिश शासन निर्दोष था और आम जनता उससे सन्तुष्ट थी। अंग्रेज इतिहासकारों, जिनमें जौन लोरेंस और सीले प्रमुख हैं ने भी 1857 के गदर को मात्र एक सैनिक विद्रोह माना है, इनका निष्कर्ष है कि 1857 के विद्रोह को कही भी जनप्रिय समर्थन प्राप्त नहीं था, इसलिए इसे स्वतन्त्रता संग्राम नहीं कहा जा सकता। राष्ट्रवादी इतिहासकार वी0 डी0 सावरकर और सब-आल्टरन इतिहासकार रंजीत गुहा ने 1857 की क्रान्ति की साम्राज्यवादी व्याख्या का खंडन करते हुए उन क्रान्तिकारी घटनाओं का वर्णन किया है, जिनमें कि जनता ने क्रान्ति में व्यापक स्तर पर भाग लिया था, इन घटनाओं का वर्णन मेरठ में जनता की सहभागिता से ही शुरू हो जाता है। समस्त पश्चिम उत्तर प्रदेश के बन्जारो, रांघड़ों और गूजर किसानों ने 1857 की क्रान्ति में व्यापक स्तर पर भाग लिया। पूर्वी उत्तर प्रदेश में ताल्लुकदारों ने अग्रणी भूमिका निभाई। बुनकरों और कारीगरों ने अनेक स्थानों पर क्रान्ति में भाग लिया। 1857 की क्रान्ति के व्यापक आर्थिक, सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक कारण थे और विद्रोही जनता के हर वर्ग से आये थे, ऐसा अब आधुनिक इतिहासकार सिद्ध कर चुके हैं। अतः 1857 का गदर मात्र एक सैनिक विद्रोह नहीं वरन् जनसहभागिता से पूर्ण एक राष्ट्रीय स्वतन्त्रता संग्राम था। परन्तु 1857 में जनसहभागिता की शुरूआत कहाँ और किसके नेतृत्व में हुई ? इस जनसहभागिता की शुरूआत के स्थान और इसमें सहभागिता प्रदर्शित वाले लोगों को ही 1857 की क्रान्ति का जनक कहा जा सकता है। क्योंकि 1857 की क्रान्ति में जनता की सहभागिता की शुरूआत धन सिंह कोतवाल के नेतृत्व में मेरठ की जनता ने की थी। अतः ये ही 1857 की क्रान्ति के जनक कहे जाते हैं। 10, मई 1857 को मेरठ में जो महत्वपूर्ण भूमिका धन सिंह और उनके अपने ग्राम पांचली के भाई बन्धुओं ने निभाई उसकी पृष्ठभूमि में अंग्रेजों के जुल्म की दास्तान छुपी हुई है। ब्रिटिश साम्राज्य की औपनिवेशिक अर्थव्यवस्था की कृषि नीति का मुख्य उद्देश्य सिर्फ अधिक से अधिक लगान वसूलना था। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अंग्रेजों ने महलवाड़ी व्यवस्था लागू की थी, जिसके तहत समस्त ग्राम से इकट्ठा लगान तय किया जाता था और मुखिया अथवा लम्बरदार लगान वसूलकर सरकार को देता था। लगान की दरें बहुत ऊंची थी, और उसे बड़ी कठोरता से वसूला जाता था। कर न दे पाने पर किसानों को तरह-तरह से बेइज्जत करना, कोड़े मारना और उन्हें जमीनों से बेदखल करना एक आम बात थी, किसानों की हालत बद से बदतर हो गई थी। धन सिंह कोतवाल भी एक किसान परिवार से सम्बन्धित थे। किसानों के इन हालातों से वे बहुत दुखी थे। धन सिंह के पिता पांचली ग्राम के मुखिया थे, अतः अंग्रेज पांचली के उन ग्रामीणों को जो किसी कारणवश लगान नहीं दे पाते थे, उन्हें धन सिंह के अहाते में कठोर सजा दिया करते थे, बचपन से ही इन घटनाओं को देखकर धन सिंह के मन में आक्रोष जन्म लेने लगा।13 ग्रामीणों के दिलो दिमाग में ब्रिटिष विरोध लावे की तरह धधक रहा था। 1857 की क्रान्ति में धन सिंह और उनके ग्राम पांचली की भूमिका का विवेचन करते हुए हम यह नहीं भूल सकते कि धन सिंह गूजर जाति में जन्में थे, उनका गांव गूजर बहुल था। 1707 ई0 में औरंगजेब की मृत्यु के पश्चात गूजरों ने पश्चिम उत्तर प्रदेश में अपनी राजनैतिक ताकत काफी बढ़ा ली थी।14 लढ़ौरा, मुण्डलाना, टिमली, परीक्षितगढ़, दादरी, समथर-लौहा गढ़, कुंजा बहादुरपुर इत्यादि रियासतें कायम कर वे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एक गूजर राज्य बनाने के सपने देखने लगे थे।15 1803 में अंग्रेजों द्वारा दोआबा पर अधिकार करने के वाद गूजरों की शक्ति क्षीण हो गई थी, गूजर मन ही मन अपनी राजनैतिक शक्ति को पुनः पाने के लिये आतुर थे, इस दषा में प्रयास करते हुए गूजरों ने सर्वप्रथम 1824 में कुंजा बहादुरपुर के ताल्लुकदार विजय सिंह और कल्याण सिंह उर्फ कलवा गूजर के नेतृत्व में सहारनपुर में जोरदार विद्रोह किये।16 पश्चिमी उत्तर प्रदेष के गूजरों ने इस विद्रोह में प्रत्यक्ष रूप से भाग लिया परन्तु यह प्रयास सफल नहीं हो सका। 1857 के सैनिक विद्रोह ने उन्हें एक और अवसर प्रदान कर दिया। समस्त पश्चिमी उत्तर प्रदेष में देहरादून से लेकिन दिल्ली तक, मुरादाबाद, बिजनौर, आगरा, झांसी तक। पंजाब, राजस्थान से लेकर महाराष्ट्र तक के गूजर इस स्वतन्त्रता संग्राम में कूद पड़े। हजारों की संख्या में गूजर शहीद हुए और लाखों गूजरों को ब्रिटेन के दूसरे उपनिवेषों में कृषि मजदूर के रूप में निर्वासित कर दिया। इस प्रकार धन सिंह और पांचली, घाट, नंगला और गगोल ग्रामों के गूजरों का संघर्ष गूजरों के देशव्यापी ब्रिटिष विरोध का हिस्सा था। यह तो बस एक शुरूआत थी। 1857 की क्रान्ति के कुछ समय पूर्व की एक घटना ने भी धन सिंह और ग्रामवासियों को अंग्रेजी शासन को उखाड़ फेंकने के लिए प्रेरित किया। पांचली और उसके निकट के ग्रामों में प्रचलित किंवदन्ती के अनुसार घटना इस प्रकार है, ”अप्रैल का महीना था। किसान अपनी फसलों को उठाने में लगे हुए थे। एक दिन करीब 10 11 बजे के आस-पास बजे दो अंग्रेज तथा एक मेम पांचली खुर्द के आमों के बाग में थोड़ा आराम करने के लिए रूके। इसी बाग के समीप पांचली गांव के तीन किसान जिनके नाम मंगत सिंह, नरपत सिंह और झज्जड़ सिंह (अथवा भज्जड़ सिंह) थे, कृषि कार्यो में लगे थे। अंग्रेजों ने इन किसानों से पानी पिलाने का आग्रह किया। अज्ञात कारणों से इन किसानों और अंग्रेजों में संघर्ष हो गया। इन किसानों ने अंग्रेजों का वीरतापूर्वक सामना कर एक अंग्रेज और मेम को पकड़ दिया। एक अंग्रेज भागने में सफल रहा। पकड़े गए अंग्रेज सिपाही को इन्होंने हाथ-पैर बांधकर गर्म रेत में डाल दिया और मेम से बलपूर्वक दायं हंकवाई। दो घंटे बाद भागा हुआ सिपाही एक अंग्रेज अधिकारी और 25-30 सिपाहियों के साथ वापस लौटा। तब तक किसान अंग्रेज सैनिकों से छीने हुए हथियारों, जिनमें एक सोने की मूठ वाली तलवार भी थी, को लेकर भाग चुके थे। अंग्रेजों की दण्ड नीति बहुत कठोर थी, इस घटना की जांच करने और दोषियों को गिरफ्तार कर अंग्रेजों को सौंपने की जिम्मेदारी धन सिंह के पिता, जो कि गांव के मुखिया थे, को सौंपी गई। ऐलान किया गया कि यदि मुखिया ने तीनों बागियों को पकड़कर अंग्रेजों को नहीं सौपा तो सजा गांव वालों और मुखिया को भुगतनी पड़ेगी। बहुत से ग्रामवासी भयवश गाँव से पलायन कर गए। अन्ततः नरपत सिंह और झज्जड़ सिंह ने तो समर्पण कर दिया किन्तु मंगत सिंह फरार ही रहे। दोनों किसानों को 30-30 कोड़े और जमीन से बेदखली की सजा दी गई। फरार मंगत सिंह के परिवार के तीन सदस्यों के गांव के समीप ही फांसी पर लटका दिया गया। धन सिंह के पिता को मंगत सिंह को न ढूंढ पाने के कारण छः माह के कठोर कारावास की सजा दी गई। इस घटना ने धन सिंह सहित पांचली के बच्चे-बच्चे को विद्रोही बना दिया।17 जैसे ही 10 मई को मेरठ में सैनिक बगावत हुई धन सिंह और ने क्रान्ति में सहभागिता की शुरूआत कर इतिहास रच दिया। क्रान्ति मे अग्रणी भूमिका निभाने की सजा पांचली व अन्य ग्रामों के किसानों को मिली। मेरठ गजेटियर के वर्णन के अनुसार 4 जुलाई, 1857 को प्रातः चार बजे पांचली पर एक अंग्रेज रिसाले ने तोपों से हमला किया। रिसाले में 56 घुड़सवार, 38 पैदल सिपाही और 10 तोपची थे। पूरे ग्राम को तोप से उड़ा दिया गया। सैकड़ों किसान मारे गए, जो बच गए उनमें से 46 लोग कैद कर लिए गए और इनमें से 40 को बाद में फांसी की सजा दे दी गई।18 आचार्य दीपांकर द्वारा रचित पुस्तक स्वाधीनता आन्दोलन और मेरठ के अनुसार पांचली के 80 लोगों को फांसी की सजा दी गई थी। पूरे गांव को लगभग नष्ट ही कर दिया गया। ग्राम गगोल के भी 9 लोगों को दशहरे के दिन फाँसी की सजा दी गई और पूरे ग्राम को नष्ट कर दिया। आज भी इस ग्राम में दश्हरा नहीं मनाया जाता। संदर्भ एवं टिप्पणी 1.

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१९ जून

19 जून ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 170वाँ (लीप वर्ष में 171 वाँ) दिन है। साल में अभी और 195 दिन बाकी हैं। .

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१९२१

1921 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९४०

1940 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९४३

1943 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९४७

1947 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९४९

१९४९ ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९५०

1950 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९५२

१९५२ ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९५५

1955 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९५९

1959 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९६१

1961 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९६२

1962 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९६४

1964 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९६५

1965 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९६७

1967 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९७७

1977 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९७९

1979 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९८०

अभिनेत्री नेहा धुपिया १९८० ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९८२

१९८२ ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९८३

१९८३ ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९८४

१९८४ ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९८५

1985 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९८७

1987 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९९०

कोई विवरण नहीं।

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१९९२

1992 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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२ मई

२ मई ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का १२२वॉ (लीप वर्ष मे १२३वॉ) दिन है। साल मे अभी और २४३ दिन बाकी है। .

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२० अप्रैल

20 अप्रैल ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 110वॉ (लीप वर्ष मे 111 वॉ) दिन है। साल मे अभी और 255 दिन बाकी है। .

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२००१

2001 ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार २१वीं सदी का प्रथम वर्ष है। .

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२००५

2005 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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२००६

२००६ ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। वर्ष २००६ रविवार से प्रारम्भ होने वाला वर्ष है। .

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२००७

वर्ष २००७ सोमवार से प्रारम्भ होने वाला ग्रेगोरी कैलंडर का सामान्य वर्ष है। .

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२३ अप्रैल

२३ अप्रैल ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ११३वॉ (लीप वर्ष मे ११४वॉ) दिन है। वर्ष मे अभी और २५२ दिन बाकी है। .

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२९ जून

२९ जून ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का १८०वाँ (लीप वर्ष में १८१ वाँ) दिन है। साल में अभी और १८५ दिन बाकी हैं। .

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२९ अप्रैल

29 अप्रैल ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 119वॉ (लीप वर्ष में 120 वॉ) दिन है। साल में अभी और 246 दिन बाकी है।.

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४ नवम्बर

४ नवंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३०८वॉ (लीप वर्ष में ३०९ वॉ) दिन है। साल में अभी और ५७ दिन बाकी है। .

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