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अपसारी श्रेणी

सूची अपसारी श्रेणी

गणित में अपसारी श्रेणी एक अनन्त श्रेणी है जो अभिसारी नहीं है, मतलब यह कि श्रेणी के आंशिक योग का अनन्त अनुक्रम का सीमान्त मान नहीं होता। यदि एक श्रेणी अभिसरण करती है तो इसका व्याष्‍टिकारी पद (nवाँ पद जहाँ n अनन्त की ओर अग्रसर है।) शून्य की ओर अग्रसर होना चहिए। अतः कोई भी श्रेणी जिसका व्याष्‍टिकारी पद शून्य की ओर अग्रसर नहीं होता तो वह अपसारी होती है। तथापि अभिसरण की शर्त थोडी प्रबल है: जिस श्रेणियों का व्याष्‍टिकारी पद शून्य की ओर अग्रसर हो वह आवश्यक रूप से अभिसारी नहीं होती। इसका एक गणनीय उदाहरण निम्न हरात्मक श्रेणी है: हरात्मक श्रेणी का अपसरण मध्यकालीन गणितज्ञ निकोल ऑरेसम द्वारा सिद्ध किया जा चुका है। .

9 संबंधों: बर्लिन, बोरल संकलन, श्रेणी (गणित), सिसैरा-संकलन, हरात्मक श्रेणी, गणित, अनुक्रम, अभिसारी श्रेणी, १ − १ + २ − ६ + २४ − १२० + · · ·

बर्लिन

ब्रांडेनबर्ग गेट, जर्मनी के एक मील का पत्थर बर्लिन टीवी टावर, शहर के लिए मील का पत्थर बर्लिन-मिटे के क्षितिज भालू मेरा साथी: बर् लन की शांती और स्वतंत्रता का प्रतीक बर्लिन जर्मनी की राजधानी और इसके 16 राज्यों में से एक है। यह बर्लिन-ब्रैन्डनबर्ग मेट्रोपोलिटन क्षेत्र के मध्य में, जर्मनी के उत्तर-पूर्वी भाग में स्थित है। इसकी जनसंख्या 34 लाख है। यह जर्मनी का सबसे बड़ा और यूरोपीय संघ का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। बर्लिन यूरोप की राजनीति, संस्कृति और विज्ञान का महत्त्वपूर्ण केन्द्र है। यूरोप के यातायात के लिए यह एक धुरी के समान है। यहाँ कई महत्त्वपूर्ण विश्वविद्यालय, संग्रहालय और शोध केन्द्र हैं। यह शहर बहुत तेजी से विकास कर रहा है और यहाँ के समारोह, उत्सव, अग्रणी कलाएँ, वास्तुशिल्प और रात्रि-जीवन काफी प्रसिद्ध हैं। बर्लिन 13वीं शताब्दी में स्थापित हुआ और इस क्षेत्र के कई राज्यों और साम्राज्यों की राजधानी रहा- प्रुशिया राज्य (1701 से), जर्मन साम्राज्य (1871-1918), वेइमार गणतंत्र (1919-1932) और तीसरी राइख (1933-1945).

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बोरल संकलन

गणित में बोरल संकलन अथवा बोरेल संकलन एमिल बोरेल (१८९९) द्वारा अपसारी श्रेणियों के लिए दी गयी संकलन विधि है। यह विधि मुख्यतः अपसारी अलक्षणी श्रेणियों का योग प्राप्त करने के लिए उपयोगी है तथा कुछ अर्थों में ऐसी श्रेणियों के लिए सर्वश्रेष्ठ परिणाम देती है। इस विधि में विभिन्न विविधता के पायी जाती है और इन सब विधियों को भी बोरल संकलन कहते हैं तथा इसके सामान्यीकरण को 'मिटेग-लिफलेर संकलन' कहते हैं। .

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श्रेणी (गणित)

गणित में किसी अनुक्रम के जोड़ को सीरीज कहा जाता है। उदाहरण के लिए, कोई श्रेणी सीमित (लिमिटेड) हो सकती है या अनन्त (इनफाइनाइट)। .

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सिसैरा-संकलन

सिसैरा-संकलन गणितीय विश्लेषण में, सिसैरो संकलन सामान्य अर्थों में अभिसरण नहीं करने वाले अनन्त संकलन को मान निर्दिष्ट करता है जो मानक संकलन के साथ सन्निपतित होता है यदि वह अभिसारी हो। सिसैरा संकलन श्रेणी के आंशिक संकलन के समान्तर माध्य के सीमान्त मान के रूप में परिभाषित होता है। सिसैरा संकलन का नामकरण इतालवी विश्लेषक अर्नेस्टो सिसैरा (1859–1906) के सम्मान में रखा गया। .

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हरात्मक श्रेणी

गणित में हरात्मक श्रेणी अपसारी अनन्त श्रेणी है: इसका नामकरण समान्तर श्रेणी के व्युत्क्रम से हुआ है। समान्तर श्रेणी के पदों को यहां हर में लिखा जाता है अर्थात समान्तर श्रेणी के पद a_i से सम्बंधित हरात्मक श्रेणी का पद \frac है। अंग्रेजी में इसे हार्मोनिक श्रेणी कहते हैं जिसकी अवधारणा संगीत की धुन से हुआ। एक कम्पनशील तंतु से निकलने वाल अधिस्वरक (धुन) 1/2, 1/3, 1/4, आदि, तंतु की मूलभूत तरंगदैर्घ्य हैं। प्रथम पद के बाद श्रेणी का प्रत्येक पद अपने पास वाले पदों का हरात्मक माध्य होता है। .

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गणित

पुणे में आर्यभट की मूर्ति ४७६-५५० गणित ऐसी विद्याओं का समूह है जो संख्याओं, मात्राओं, परिमाणों, रूपों और उनके आपसी रिश्तों, गुण, स्वभाव इत्यादि का अध्ययन करती हैं। गणित एक अमूर्त या निराकार (abstract) और निगमनात्मक प्रणाली है। गणित की कई शाखाएँ हैं: अंकगणित, रेखागणित, त्रिकोणमिति, सांख्यिकी, बीजगणित, कलन, इत्यादि। गणित में अभ्यस्त व्यक्ति या खोज करने वाले वैज्ञानिक को गणितज्ञ कहते हैं। बीसवीं शताब्दी के प्रख्यात ब्रिटिश गणितज्ञ और दार्शनिक बर्टेंड रसेल के अनुसार ‘‘गणित को एक ऐसे विषय के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जिसमें हम जानते ही नहीं कि हम क्या कह रहे हैं, न ही हमें यह पता होता है कि जो हम कह रहे हैं वह सत्य भी है या नहीं।’’ गणित कुछ अमूर्त धारणाओं एवं नियमों का संकलन मात्र ही नहीं है, बल्कि दैनंदिन जीवन का मूलाधार है। .

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अनुक्रम

वस्तुओं की किसी क्रमित सूची को अनुक्रम (sequence) कहते हैं। अनुक्रम में 'क्रम' का महत्व है जबकि समुच्चय में क्रम का महत्व नहीं होता। अनुक्रम में एक ही सदस्य अलग-अलग स्थानों पर भी आ सकते हैं। अनुक्रम के सदस्य 'कुछ भी' हो सकते हैं, जैसे संख्याएँ, शब्द, वर्ण, रंग, नाम आदि। अनुक्रम सीमित या असीमित दोनों प्रकार के होते हैं। अनुक्रम के कुछ उदाहरण: श्रेणी और अनुक्रम अलग-अलग हैं। श्रेणी, 'संख्याओं के योग' का नाम है। इस श्रेणी में जो संख्याएँ जोड़ी जा रहीं हैं उनका एक अनुक्रम है। अर्थात .

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अभिसारी श्रेणी

गणित में संख्याओं के किसी अनुक्रम (सेक्वेंस) के योग को श्रेणी (सिरीज़/series) कहते हैं। यदि पदों की संख्या अपरिमित हो, तो इस श्रेणी को अनंत श्रेणी कहते हैं। यदि दिया हुआ अनुक्रम \left \ है तो, अनुक्रम के पहले n पदों के योग S_n को nवाँ आंशिक योग (partial sum) कहते हैं। अर्थात् कोई श्रेणी अभिसारी (convergent) तब कहलाती है जब इसके आंशिक योगों का अनुक्रम \left \ अभिसारी हो। जब कोई श्रेणी अभिसारी नहीं होती तो उसे अपसारी (divergent) कहते हैं। .

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१ − १ + २ − ६ + २४ − १२० + · · ·

गणित में, अपसारी श्रेणी को सर्वप्रथम आयलर ने प्राप्त किया गया, जिसने श्रेणी को एक परिमित मान निर्दिष्ट करने के लिए पुनरारंभ विधि लागू की।यह श्रेणी परिवर्ती चिह्न के साथ क्रमगुणित संख्याओं का योग है। अपसारी श्रेणी का साधरण तरीके से योग बोरल संकलन के उपयोग से प्राप्त किया जाता है: यदि हम संकलन (योग संकारक) को समाकलन में परिवर्तित करें तो: बड़े कोष्टक में स्थित संकलन अभिसरण करता है और इसका मान 1/(1 + x) है यदि x \sum_^\infty (-1)^ k! .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

संकलन विधि, संकलनीयता विधि

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