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शिवरीनारायण का मां अन्नपूर्णा मंदिर

सूची शिवरीनारायण का मां अन्नपूर्णा मंदिर

िशवरीनारायण का मां अन्नपूर्णा मंदिर प्रो॰ अिश्वनी केशरवानी शक्ति से िशव अलग नहीं हैं। अधिष्ठान से अध्यस्त की सत्ता भिन्न नहीं होती, वह तो अधिष्ठान रूप ही है। िशव एकरस अपरिणामी है और शक्ति परिणामी हैं। यह जगत परिणामी शक्ति का ही विलास है। िशव से शक्ति का अविर्भाव होते ही तीनों लोक और चौदह भुवन उत्पन्न होते हैं और शक्ति का तिरोभाव होते ही जगत अभावग्रस्त हो जाता है। ``धान का कटोरा´´ कहलाने वाला छत्तीसगढ़ का सम्पूर्ण भूभाग मां अन्नपूर्णा की कृपा से प्रतिफलित है। छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिलान्तर्गत जांजगीर से 60 कि.मी., बिलासपुर से 64 कि॰मी॰ और रायपुर से 120 कि॰मी॰ व्हाया बलौदाबाजार की दूरी पर पवित्र महानदी के पावन तट पर स्थित िशवरीनारायण की पिश्चम छोर में रामघाट से लगा लक्ष्मीनारायण मंदिर परिसर में दक्षिण मुखी मां अन्नपूर्णा विराजित हैं। काले ग्रेनाइट पत्थर की 12 वीं शताब्दी की अन्यान्य मूर्तियों से सुसज्जित इस मंदिर का जीर्णोधार महंत हजारगिरि की प्रेरणा से बिलाईगढ़ के जमींदार ने 17वीं शताब्दी में कराया था। मंदिर परिसर में भगवान लक्ष्मीनारायण के द्वारपाल जय-विजय और सामने गरूण जी के अलावा दाहिनी ओर चतुर्भुजी गणेश जी जप करने की मुद्रा में स्थित हैं। दक्षिण द्वार से लगे चतुर्भुजी दुर्गा जी अपने वाहन से सटकर खड़ी हैं। मंदिर की बायीं ओर आदिशक्ति महागौरी मां अन्नपूर्णा विराजित हैं। इस मंदिर का पृथक अस्तित्व है। मंदिर के जीर्णोद्धार के समय घेराबंदी होने के कारण मां अन्नपूर्णा और लक्ष्मीनारायण मंदिर एक मंदिर जैसा प्रतीत होता है और लोगों को इस मंदिर के पृथक अस्तित्व का अहसास नहीं होता। अन्नपूर्णा जी की बायीं ओर दक्षिणाभिमुख पवनसुत हनुमान जी विराजमान हैं। पूर्वी प्रवेश द्वार पर एक ओर कालभैरव और दूसरी ओर शीतला माता स्थित है। मां अन्नपूर्णा और भगवान लक्ष्मीनारायण के विशेष कृपापात्र मंदिर के पुजारी और सुप्रसिद्ध ज्योतिशाचार्य पंडित विश्वेश्वर नारायण द्विवेदी के कुशल संरक्षण में यहां प्रतिवर्ष शरदीय और वासंतिक नवरात्रि में सर्वसििद्ध और मनोकामना ज्योति कलश प्रज्वलित की जाती है। मां अन्नपूर्णा की कृपा हम सबके उपर सदा बनी रहे, यही कामना है। उन्हें हमारा शत् शत् नमन पंडित लोचनप्रसाद पांडेय के शब्दों में:- रचना, आलेख, फोटो एवं प्रस्तुति प्रो॰ अिश्वनी केशरवानी राघव, डागा कोलोनी, चांपा-495671 (छत्तीसगढ़).

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