5 संबंधों: समानुक्रमण, सूची, कम्प्यूटर विज्ञान, अल्गोरिद्म, अंक।
समानुक्रमण
किसी लिखित सूचना या दस्तावेज को किसी विशेष क्रम में व्यवस्थित करने को समानुक्रमण (Collation) कहते हैं। उदाहरण के लिए, समानुक्रमण की कई विधियाँ हैं। लैटिन लिपि पर आधारित भाषाओं के आंकड़ों का समानुक्रमण अल्फाबेट के क्रम पर आधारित होता है किन्तु देवनागरी तथा अन्य भारतीय भाषाओं में समानुक्रमण करने के लिए केवल वर्णक्रम पर्याप्त नहीं है। इनमें 'व्यंजन+मात्रा' को एक इकाई मानकर दो शब्दों या वाक्यांशों की तुलना की जाती है। आजकल समानुक्रमण करने के लिए संगणक का प्रयोग किया जाता है। समानुक्रमण के लिए भाषा एवं लिपि के अनुसार अलग-अलग क्रम व विधियाँ हैं। लैटिन लिपि पर आधारित भाषाओं का समानुक्रमण वर्णक्रम (अल्फाबेटिकल आर्डर) पर आधारित होता है जबकि ब्राह्मी लिपि पर आधारित लिपियों वाली भाषाओं (भारतीय लिपियाँ, थाई, बर्मी आदि) में समानुक्रमण कुछ जटिल है। चीनी भाषा के लिए समानुक्रमण के लिए भी अलग विधि है। .
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सूची
सूची एक हिन्दी शब्द है। .
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कम्प्यूटर विज्ञान
कम्प्यूटर विज्ञान संगणन और उसके उपयोग की ओर वैज्ञानिक और व्यवहारिक दृष्टिकोण है। यह जानकारी के पहुँच, सम्प्रेषण, संचय, प्रसंस्करण, प्रतिनिधित्व और अर्जन हेतु उपयोग में लाये जाने वाले व्यवस्थित प्रक्रियाओं (या कलन विधियों) के मशीनीकरण, अभिव्यक्ति, संरचना, और साध्यता का व्यवस्थित अध्ययन है। संगणक विज्ञान एक वैकल्पिक, संक्षिप्त परिभाषा के अनुसार यह मापने योग्य स्वचालित कलन विधियों का अध्ययन है। संगणक वैज्ञानिक संगणन के सिद्धांत और गणना योग्य प्रणालियों की योजना में विशेषज्ञता प्राप्त करते हैं। कंप्यूटर विज्ञान (कम्प्यूटर विज्ञान) के अन्तर्गत सूचना तथा संगणन (computation) के सैद्धान्तिक आधारों अध्ययन किया जाता है और साथ में इन सिद्धान्तों को कंप्यूटर प्रणालियों में व्यवहार में लाने की विधियों का अध्ययन किया जाता है। कंप्यूटर विज्ञान को प्राय: कलन विधियों के विधिवत (systematic) अध्ययन के रूप में देखा जाता है और कंप्यूटर विज्ञान का मूल प्रश्न यही है - कौन सा काम (दक्षतापूर्वक) स्वत: किया जा सकता है? (What can be (efficiently) automated?) .
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अल्गोरिद्म
महत्तम समापवर्तक (HCF) निकालने के लिए यूक्लिड के अल्गोरिद्म का फ्लोचार्ट गणित, संगणन तथा अन्य विधाओं में किसी कार्य को करने के लिये आवश्यक चरणों के समूह को कलन विधि (अल्गोरिद्म) कहते है। कलन विधि को किसी स्पष्ट रूप से पारिभाषित गणनात्मक समस्या का समाधान करने के औजार (tool) के रूप में भी समझा जा सकता है। उस समस्या का इनपुट और आउटपुट सामान्य भाषा में वर्णित किये गये रहते हैं; इसके समाधान के रूप में कलन विधि, क्रमवार ढंग से बताता है कि यह इन्पुट/आउटपुट सम्बन्ध किस प्रकार से प्राप्त किया जा सकता है। कुछ उदाहरण: १) कुछ संख्यायें बिना किसी क्रम के दी हुई हैं; इन्हें आरोही क्रम (ascending order) में कैसे सजायेंगे? २) दो पूर्णांक संख्याएं दी हुई हैं; उनका महत्तम समापवर्तक (Highest Common Factor) कैसे निकालेंगे ? .
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अंक
हिन्दू-अरबी अंक पद्धति; प्रथम सहस्राब्दी ईसापूर्व के अशोक के शिलालेखों पर इन अंकों का प्रयोग देखने को मिलता है। अंक ऐसे चिह्न हैं जो संख्याओं लिखने के काम आते हैं। दासमिक पद्धति में शून्य से लेकर नौ तक (० से ९ तक) कुल दस अंक प्रयोग किये जाते हैं। इसी प्रकार षोडसी पद्धति (hexadecimal system) में शून्य से लेकर ९ तक एवं A से लेकर F कुल १६ अंक प्रयुक्त होते हैं। द्विक पद्धति में केवल ० और् १ से ही सारी संख्याएं अभिव्यक्त की जातीं हैं। हिन्दी भाषा में अंकों एवं बड़ी संख्याओं का उच्चारण नीचे दिया गया है।.
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