लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
मुक्त
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

व्रात्य स्तोम

सूची व्रात्य स्तोम

व्रात्यस्तोम संस्कार अवैदिकों (व्रात्यों) को वैदिक धर्म में सम्मानपूर्वक समाविष्ट करने के लिये किया जाता था। इसका वर्णन सामवेद के ब्राह्मणों में मिलता है। ये 'व्रात्य' चार प्रकार के होते थे-.

3 संबंधों: ब्राह्मण-ग्रन्थ, शुद्धि आंदोलन, सामवेद संहिता

ब्राह्मण-ग्रन्थ

वेदोक्तब्राह्मणादि जाति या वर्णाश्रमधर्म के लिये ये देखें:ब्राह्मणग्रन्थ। ---- ब्राह्मणग्रन्थ हिन्दू धर्म के पवित्रतम और सर्वोच्च धर्मग्रन्थ वेदों का गद्य में व्याख्या वाला खण्ड है। ब्राह्मणग्रन्थ वैदिक वाङ्मय का वरीयता के क्रममे दूसरा हिस्सा है जिसमें गद्य रूप में देवताओं की तथा यज्ञ की रहस्यमय व्याख्या की गयी है और मन्त्रों पर भाष्य भी दिया गया है। इनकी भाषा वैदिक संस्कृत है। हर वेद का एक या एक से अधिक ब्राह्मणग्रन्थ है (हर वेद की अपनी अलग-अलग शाखा है)।आज विभिन्न वेद सम्बद्ध ये ही ब्राह्मण उपलब्ध हैं:- ब्राह्मण ग्रंथों का एक उदाहरण। बाएं तैत्तिरीय संहिता; जिसमें मंत्र (मोटे अक्षरों में) और ब्राह्मण दोनो हैं, जबकि दाहिने भाग में ऐतरेय ब्राह्मण का एक अंश।.

नई!!: व्रात्य स्तोम और ब्राह्मण-ग्रन्थ · और देखें »

शुद्धि आंदोलन

स्वामी दयानंद सरस्वती जी ने धर्म परिवर्तन कर चुके लोगों को पुन: हिंदू बनने की प्रेरणा देकर शुद्धि आंदोलन चलाया था। इस आंदोलन के तहत लाखों मुसलमानों तथा ईसाइयों की शुद्धि कराकर सत्य सनातन वैदिक धर्म में वापसी कराई थी।यह 11फरबरी 1923 को भारतीय शूदि सभा की स्थापना करते समय स्वामी दयानंद सरस्वती दारा सुद्री आंदोलन आरंभ किया गया .

नई!!: व्रात्य स्तोम और शुद्धि आंदोलन · और देखें »

सामवेद संहिता

सामवेद भारत के प्राचीनतम ग्रंथ वेदों में से एक है, गीत-संगीत प्रधान है। प्राचीन आर्यों द्वारा साम-गान किया जाता था। सामवेद चारों वेदों में आकार की दृष्टि से सबसे छोटा है और इसके १८७५ मन्त्रों में से ६९ को छोड़ कर सभी ऋगवेद के हैं। केवल १७ मन्त्र अथर्ववेद और यजुर्वेद के पाये जाते हैं। फ़िर भी इसकी प्रतिष्ठा सर्वाधिक है, जिसका एक कारण गीता में कृष्ण द्वारा वेदानां सामवेदोऽस्मि कहना भी है। सामवेद यद्यपि छोटा है परन्तु एक तरह से यह सभी वेदों का सार रूप है और सभी वेदों के चुने हुए अंश इसमें शामिल किये गये है। सामवेद संहिता में जो १८७५ मन्त्र हैं, उनमें से १५०४ मन्त्र ऋग्वेद के ही हैं। सामवेद संहिता के दो भाग हैं, आर्चिक और गान। पुराणों में जो विवरण मिलता है उससे सामवेद की एक सहस्त्र शाखाओं के होने की जानकारी मिलती है। वर्तमान में प्रपंच ह्रदय, दिव्यावदान, चरणव्युह तथा जैमिनि गृहसूत्र को देखने पर १३ शाखाओं का पता चलता है। इन तेरह में से तीन आचार्यों की शाखाएँ मिलती हैं- (१) कौमुथीय, (२) राणायनीय और (३) जैमिनीय। .

नई!!: व्रात्य स्तोम और सामवेद संहिता · और देखें »

यहां पुनर्निर्देश करता है:

व्रात्यस्तोम

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »