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व्युत्क्रम अलंकार

सूची व्युत्क्रम अलंकार

शब्द (जैसे बल) को पलटकर पढ़ने से तैयार होनेवाला शब्द (या उच्चारण में उसके जैसे शब्द) को उस शब्द का 'व्युत्क्रम लफ़्ज या शब्द' कहते हैं। उदाहरणार्थ - १. 'बल' का व्युत्क्रम शब्द - 'लब' २. 'काम' का व्युत्क्रम शब्द 'मक्का' - यहाँ 'काम' को पलटकर पढ़े तो "मका" मिलता हैं। "मका" यह सार्थक शब्द नहीं हैं किंतु उच्चारण में उसके जैसा "मक्का" यह सार्थक शब्द हैं। इसलिए हम यहाँ "मक्का" शब्द को 'काम' का व्युत्क्रम शब्द कह सकते हैं। ३. 'कह' का व्युत्क्रम शब्द 'हक़' शब्द (जैसे बल) और उसको पलटकर पढ़ने से तैयार होनेवाला सार्थक शब्द (या उच्चारण में उसके जैसा शब्द) इन दोनों शब्दों का प्रयोग जहाँ किया जाता हैं वहाँ ‘व्युत्क्रम अलंकार’ होता हैं ।  व्युत्क्रम अलंकार में शब्द और उसके 'व्युत्क्रम शब्द' का प्रयोग किया जाता हैं। व्युत्क्रम अलंकार 'शब्दालंकार' का प्रकार है। यह अलंकार २०१७ में गीतकार विठ्ठल जाधव (उपनाम सहर) व्दारा लिखित '' किताब में प्रथम प्रस्तुत किया। उदाहरणार्थ - १. लब कहता कर लो मुझ पे काबू तो यह लब बन जाएगा बल । - यहाँ पर लब और उसको पलट के मिलनेवाला शब्द यानि की बल इन दोनों का प्रयोग किया हैं। अतः यहाँ ‘व्युत्क्रम शब्दालंकार’ होता हैं।   २. हर एक जाम होती पलभर की होती हैं मजा। ३. इन्सानियत, सच्चाई रगड करम, नेकी का काम आदमी की हैं दौलत मन को देती हैं राहत वही तो हैं इश्वर – अल्ला पलट के तो देखो वही तो हैं मंदिर - शिवालय वही है इबादत वही तो - वही तो हैं क़िबला - मक्का .

2 संबंधों: शब्द, व्युत्क्रम अलंकार

शब्द

एक या एक से अधिक वर्णों से बनी हुई स्वतंत्र सार्थक ध्वनि शब्द है। जैसे- एक वर्ण से निर्मित शब्द- न (नहीं) व (और) अनेक वर्णों से निर्मित शब्द-कुत्ता, शेर, कमल, नयन, प्रासाद, सर्वव्यापी, परमात्मा आदि भारतीय संस्कृति में शब्द को ब्रह्म कहा गया है। एक से ज़्यादा शब्द मिलकर एक पूरा वाक्य बनाते है। .

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व्युत्क्रम अलंकार

शब्द (जैसे बल) को पलटकर पढ़ने से तैयार होनेवाला शब्द (या उच्चारण में उसके जैसे शब्द) को उस शब्द का 'व्युत्क्रम लफ़्ज या शब्द' कहते हैं। उदाहरणार्थ - १. 'बल' का व्युत्क्रम शब्द - 'लब' २. 'काम' का व्युत्क्रम शब्द 'मक्का' - यहाँ 'काम' को पलटकर पढ़े तो "मका" मिलता हैं। "मका" यह सार्थक शब्द नहीं हैं किंतु उच्चारण में उसके जैसा "मक्का" यह सार्थक शब्द हैं। इसलिए हम यहाँ "मक्का" शब्द को 'काम' का व्युत्क्रम शब्द कह सकते हैं। ३. 'कह' का व्युत्क्रम शब्द 'हक़' शब्द (जैसे बल) और उसको पलटकर पढ़ने से तैयार होनेवाला सार्थक शब्द (या उच्चारण में उसके जैसा शब्द) इन दोनों शब्दों का प्रयोग जहाँ किया जाता हैं वहाँ ‘व्युत्क्रम अलंकार’ होता हैं ।  व्युत्क्रम अलंकार में शब्द और उसके 'व्युत्क्रम शब्द' का प्रयोग किया जाता हैं। व्युत्क्रम अलंकार 'शब्दालंकार' का प्रकार है। यह अलंकार २०१७ में गीतकार विठ्ठल जाधव (उपनाम सहर) व्दारा लिखित '' किताब में प्रथम प्रस्तुत किया। उदाहरणार्थ - १. लब कहता कर लो मुझ पे काबू तो यह लब बन जाएगा बल । - यहाँ पर लब और उसको पलट के मिलनेवाला शब्द यानि की बल इन दोनों का प्रयोग किया हैं। अतः यहाँ ‘व्युत्क्रम शब्दालंकार’ होता हैं।   २. हर एक जाम होती पलभर की होती हैं मजा। ३. इन्सानियत, सच्चाई रगड करम, नेकी का काम आदमी की हैं दौलत मन को देती हैं राहत वही तो हैं इश्वर – अल्ला पलट के तो देखो वही तो हैं मंदिर - शिवालय वही है इबादत वही तो - वही तो हैं क़िबला - मक्का .

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