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वृहत मीटरवेव रेडियो दूरबीन

सूची वृहत मीटरवेव रेडियो दूरबीन

वृहत मीटरवेव रेडियो टेलिस्कोप भारत के पुणे शहर से ८० किलोमीटर उत्तर में खोडाड नामक स्थान पर स्थित रेडियो दूरबीनों की विश्व की सबसे विशाल सारणी है।, इसकी स्थिति १९° ५'४७.४६" उत्तरी अक्षांश रेखा तथा ७४° २'५९.०७" पूर्वी देशान्तर रेखा पर है। यह टेलिस्कोप दुनिया की सबसे संवेदनशील दूरबीनों में से एक है। इसका संचालन पुणे विश्वविद्यालय परिसर में स्थित राष्ट्रीय खगोल भौतिकी केन्द्र (एनसीआरए) करता है जो टाटा मूलभूत अनुसंधान संस्थान (टी आइ एफ़ आर) का एक हिस्सा है। इस दूरबीन के केन्द्र में वर्ग रूप से १४ डिश हैं तथा तीन भुजाओं का निर्माण १६ डिश से हुआ है, जनमें से प्रत्येक का व्यास ४५ मीटर है। इस प्रकार २५ किलोमीटर क्षेत्र में फैला यह जायंट मीटरवेव रेडियो टेलिस्कोप ३० दूरबीनों का समूह है। इसका कोई सलग पृष्ठभाग नहीं है क्योंकि यह दूरबीन पॅराबोलिक आकार में तारों का एक जाल है। पृष्ठभाग न रखकर इसका वजन कम किया गया है और कम पावर की मोटरों को लगाकर उनकी जगह बदलने की व्यवस्था भी की गई है। सभी डिशों को अत्यन्त सूक्ष्मता पूर्वक सभी दिशाओं में घुमाया जा सकता है। इस रचना का पेटंट है और खगोलशास्त्रज्ञ डॉ॰ गोविंद स्वरूप इसके जनक हैं। वृहत मीटरवेव रेडियो टेलिस्कोप की विशेष और स्वाभिमानवाली बात यह है कि इसका डिश एंटीना ही नहीं बल्कि संपूर्ण इलेक्ट्रॉनिक्स भी भारत में भारतीय वैज्ञानिकों ने तैयार किया है। वृहत मीटरवेव रेडियो टेलिस्कोप मुख्यतः कम ऊर्जा वाली लहरों के लिए बनाया गया है। इसमें ५० मेगॅहर्टज़ से १४२० मेगॅहर्टज़ फ्रिक्वेंसी मापक है। इस स्पेक्ट्रम में जितनी लहरें हैं उनका अभ्यास हो सकता है। वृहत मीटरवेव रेडियो टेलिस्कोप से दुनिया का हाइड्रोजन देखा जा सकता है। बहुत करीब का यानि आकाशगंगा और बहुत दूर का मतलब अभी तक हम जितनी दूर का देख सकते हैं वहाँ का हाइड्रोजन देखने के लिए यह दूरबीन बहुत उपयुक्त साबित हुई है। इससे गुरु ग्रह के बारे में भी जाना जा सकता है क्योंकि गुरु में बहुत हाइड्रोजन भरा हुआ है और उसके तापमान को रेडिओ लहरी पर पढ़ा जा सकता है। जब तारे टूटने के बाद पल्सर की जानकारी भी वृहत मीटरवेव रेडियो टेलिस्कोप की सहायता से हो सकती है। एनसीआरए में छात्रों के लिए खगोल विज्ञान तथा खगोल भौतिकी में अनुसंधान की उन्नत केंद्रीयकृत सुविधाएं उपलब्ध हैं। इसमें संचालित की जाने वाली प्रमुख गतिविधियों में ब्रह्माण्डविज्ञान, संस्थापित एवं प्रमात्रा गुरुत्व, गुरुत्वाकर्षण तरंग खगोल विज्ञान तथा उच्च ऊर्जा भौतिक विज्ञान सम्मिलित है। अनन्त से जवाब की प्रतिक्षा मेंइसका आकार अमेरिक के वीएलए दूरबीन की ही तरह Y आकार का है। ब्रहांड के विभिन्न जगहों (सितारों, निहारिकाओं, पल्सार आदि) को देखने के लिए पूरी दुनिया के खगोलविद् इस दूरबीन का नियमित उपयोग करते हैं। भारत के राष्ट्रीय विज्ञान दिवस को यह दूरबीन आमजनता के दर्शन के लिए खोल दी जाती हैं एवं इस दिन कोई भी इसके दर्शन कर सकता है। अन्य दिवसों में इस अंतर्राष्ट्रीय दूरबीन के प्रयोग के लिए लिखित अनुमति लेनी होती है। जिसे इसके प्रयोग की आवश्यकता होती है उसे एक पत्र लिखना होता है। उसमें दूरबीन से क्या देखना चाहते हैं, क्यों देखना चाहते हैं, क्या सीखना चाहते हैं, कितने समय के लिए चाहिए आदि बातों का उल्लेख करना आवश्यक होता है। एक समिति, जिसमें वृहत मीटरवेव रेडियो टेलिस्कोप और अन्य संस्थाओं के विशेषज्ञ हैं, इस विषय में निर्णय लेती है। यह पत्र दुनिया में कोई भी इंसान लिख सकता है, चाहे वह खगोलशास्त्र का पंडित हो चाहे न हो, उससे कुछ पूछा नहीं जाता। रेडिओ दूरबीन होने के कारण वहाँ मोबाईल सेवा सख्ती से बंद है। .

14 संबंधों: टाटा मूलभूत अनुसंधान संस्थान, नारायणगाँव, पुणे, भारत, मीटर, राष्ट्रीय रेडियो खगोल भौतिकी केन्द्र, राष्ट्रीय विज्ञान दिवस, रेडियो, सहस्रमान, सावित्रीबाई फुले पुणे विद्यापीठ, हर्ट्ज़, अद-, २ जून, २००९

टाटा मूलभूत अनुसंधान संस्थान

टाटा मूलभूत अनुसंधान संस्थान (Tata Institute of Fundamental Research, TIFR) उच्च शिक्षा की महानतम् भारतीय संस्थाओं में से एक है। यहां मुख्यतः प्राकृतिक विज्ञान, गणित और कम्प्यूटर विज्ञान में अनुसंधान कार्य किया जा रहा है। यह मुम्बई के कोलाबा क्षेत्र में समुद्र के किनारे स्थित है। यहां का स्नातक कार्यक्रम अधोलिखित सभी विषयों में डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी (पी एच डी) की उपाधि प्रदान करता है। यह संस्थान होमी भाभा के निर्देशन में सन् १९४५ में स्थापित हुआ। इसे जून २००२ में समविश्वविद्यालय का दर्जा प्राप्त हुआ। .

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नारायणगाँव

नारायणगाँव महाराष्ट्र राज्य के पुणे जिले का एक कस्बा है। यह जुन्नार तालुके में आता है। यहां का नैसर्गिक सौन्दर्य इसकी खासियत है। बड़े बांधों, पश्चिमी घाट एवं सह्याद्री पर्वत की निकटता के कारण यहां जल का बाहुल्य है। अष्टविनायक के आठ में से दो गणपति मंदिर यहीं स्थित हैं। GMRT (वृहत मीटरवेव रेडियो टेलिस्कोप) यहां से १० कि॰मी॰ पश्चिम में ही वृहत मीटरवेव रेडियो टेलिस्कोप स्थित है। इसके अलावा यहां से १६ किमी पर ही प्रसिद्ध शिवनेरी दुर्ग भी स्थित है। .

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पुणे

पुणे भारत के महाराष्ट्र राज्य का एक महत्त्वपूर्ण शहर है। यह शहर महाराष्ट्र के पश्चिम भाग, मुला व मूठा इन दो नदियों के किनारे बसा है और पुणे जिला का प्रशासकीय मुख्यालय है। पुणे भारत का छठवां सबसे बड़ा शहर व महाराष्ट्र का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। सार्वजनिक सुखसुविधा व विकास के हिसाब से पुणे महाराष्ट्र मे मुंबई के बाद अग्रसर है। अनेक नामांकित शिक्षणसंस्थायें होने के कारण इस शहर को 'पूरब का ऑक्सफोर्ड' भी कहा जाता है। पुणे में अनेक प्रौद्योगिकी और ऑटोमोबाईल उपक्रम हैं, इसलिए पुणे भारत का ”डेट्राइट” जैसा लगता है। काफी प्राचीन ज्ञात इतिहास से पुणे शहर महाराष्ट्र की 'सांस्कृतिक राजधानी' माना जाता है। मराठी भाषा इस शहर की मुख्य भाषा है। पुणे शहर मे लगभग सभी विषयों के उच्च शिक्षण की सुविधा उपलब्ध है। पुणे विद्यापीठ, राष्ट्रीय रासायनिक प्रयोगशाला, आयुका, आगरकर संशोधन संस्था, सी-डैक जैसी आंतरराष्ट्रीय स्तर के शिक्षण संस्थान यहाँ है। पुणे फिल्म इन्स्टिट्युट भी काफी प्रसिद्ध है। पुणे महाराष्ट्र व भारत का एक महत्त्वपूर्ण औद्योगिक केंद्र है। टाटा मोटर्स, बजाज ऑटो, भारत फोर्ज जैसे उत्पादनक्षेत्र के अनेक बड़े उद्योग यहाँ है। 1990 के दशक मे इन्फोसिस, टाटा कंसल्टंसी सर्विसे, विप्रो, सिमैंटेक, आइ.बी.एम जैसे प्रसिद्ध सॉफ्टवेअर कंपनियों ने पुणे मे अपने केंन्द्र खोले और यह शहर भारत का एक प्रमुख सूचना प्रौद्योगिकी उद्योगकेंद्र के रूप मे विकसित हुआ। .

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भारत

भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .

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मीटर

मान (मीटर) लम्बाई के नाप/माप की इकाई है। यह अन्तर्राष्ट्रीय इकाई प्रणाली में एवं मीट्रिक प्रणाली में भी, लम्बाई के मापन की SI मूल इकाई है। इसका प्रयोग विश्वव्यापी स्तर पर वैज्ञानिक और सामान्य प्रयोगों हेतु होता है। ऐतिहासिक रूप से, मान को फ़्रांसीसी विज्ञान अकादमी ने परिभाषित किया था। यह परिभाषा थी:.

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राष्ट्रीय रेडियो खगोल भौतिकी केन्द्र

भारत का राष्ट्रीय रेडियो खगोल भौतिकी केन्द्र (एन सी आर ए), पुणे विश्वविद्यालय परिसर में स्थित है। यह टाटा मूलभूत अनुसंधान संस्थान का ही एक भाग है। खोडद में, पुणे से ८० कि.मी दूर, वृहत मीटरवेव रेडियो टेलिस्कोप (जी एम आर टी), विश्व का सबसे बड़ा रेडियो दूरदर्शी निर्माण एवं स्थापित किया है। यह मीटर तरंगदैर्घ्य पर संचालित है। इसमें ३० पूर्णतया घुमाने लायक डिश लगी हैं, जिसमे से हर डिश का व्यास ४५ मीटर हैं। एवं पूरी स्थापना २५ वर्ग कि॰मी॰ के क्षेत्र में फैली हुई है। .

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राष्ट्रीय विज्ञान दिवस

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस विज्ञान से होने वाले लाभों के प्रति समाज में जागरूकता लाने और वैज्ञानिक सोच पैदा करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तत्वावधान में हर साल 28 फ़रवरी को भारत में मनाया जाता है। 28 फ़रवरी सन् 1928 को सर सी वी रमन ने अपनी खोज की घोषणा की थी। इसी खोज के लिये उन्हे 1930 में नोबल पुरस्कार दिया गया था। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का मूल उद्देश्य तरुण विद्यार्थियों को विज्ञान के प्रति आकर्षित व प्रेरित करना तथा जनसाधारण को विज्ञान एवं वैज्ञानिक उपलब्धियों के प्रति सजग बनाना है। इस दिन सभी विज्ञान संस्थानों, जैसे राष्ट्रीय एवं अन्य विज्ञान प्रयोगशालाएं, विज्ञान अकादमियों, स्कूल और कॉलेज तथा प्रशिक्षण संस्थानों में विभिन्न वैज्ञानिक गतिविधियों से संबंधित प्रोग्राम आयोजित किए जाते हैं। महत्त्वपूर्ण आयोजनों में वैज्ञानिकों के भाषण, निबंध, लेखन, विज्ञान प्रश्नोत्तरी, विज्ञान प्रदर्शनी, सेमिनार तथा संगोष्ठी इत्यादि सम्मिलित हैं। विज्ञान के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए राष्ट्रीय एवं दूसरे पुरस्कारों की घोषणा भी की जाती है। विज्ञान की लोकप्रियता को बढ़ाने के लिए विशेष पुरस्कार भी रखे गए हैं। .

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रेडियो

कुछ पुराने रेडियो (रिसिवर) 24 दिसम्बर 1906 की शाम कनाडाई वैज्ञानिक रेगिनाल्ड फेसेंडेन ने जब अपना वॉयलिन बजाया और अटलांटिक महासागर में तैर रहे तमाम जहाजों के रेडियो ऑपरेटरों ने उस संगीत को अपने रेडियो सेट पर सुना, वह दुनिया में रेडियो प्रसारण की शुरुआत थी। इससे पहले जगदीश चन्द्र बसु ने भारत में तथा गुल्येल्मो मार्कोनी ने सन 1900 में इंग्लैंड से अमरीका बेतार संदेश भेजकर व्यक्तिगत रेडियो संदेश भेजने की शुरुआत कर दी थी, पर एक से अधिक व्यक्तियों को एक साथ संदेश भेजने या ब्रॉडकास्टिंग की शुरुआत 1906 में फेसेंडेन के साथ हुई। ली द फोरेस्ट और चार्ल्स हेरॉल्ड जैसे लोगों ने इसके बाद रेडियो प्रसारण के प्रयोग करने शुरु किए। तब तक रेडियो का प्रयोग सिर्फ नौसेना तक ही सीमित था। 1917 में प्रथम विश्व युद्ध की शुरुआत के बाद किसी भी गैर फौज़ी के लिये रेडियो का प्रयोग निषिद्ध कर दिया गया। .

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सहस्रमान

सहस्रमान (किलोमीटर) दूरी की एक इकाई है। १ सहस्रमान .

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सावित्रीबाई फुले पुणे विद्यापीठ

सावित्रीबाई फुले पुणे विद्यापीठ (पूराना नाम: पुणे विद्यापीठ) पुणे मे स्थित एक विश्वविद्यालय है, जो पुणे के उत्तरपश्चिम में स्थित है। यह भारत के प्रमुख विश्वविद्यालयों में से एक है। इसकी स्थापना १० फरवरी, १९४९ को की गई थी। ४०० एकड़ (१.६ किमी²) में फैले इस विश्वविद्यालय मॅम ४६ शैक्षणिक विभाग हैं। .

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हर्ट्ज़

हर्ट्ज़ आवृत्ति की अन्तर्राष्ट्रीय इकाई प्रणाली (SI) की इकाई है। इस का अाधार है आवर्तन प्रति सैकिण्ड या साईकल प्रति सै.

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अद-

अद- (मेगा) एक एस आई उपसर्ग है, इकाइयों के आगे लगकर जिसका अर्थ 106 होता है। इसका चिह्न अद (M) होता है।.

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२ जून

२ जून ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का १५३वाँ (लीप वर्ष में १५४ वाँ) दिन है। साल में अभी और २१२ दिन बाकी हैं। .

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२००९

२००९ ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। वर्ष २००९ बृहस्पतिवार से प्रारम्भ होने वाला वर्ष है। संयुक्त राष्ट्र संघ, यूनेस्को एवं आइएयू ने १६०९ में गैलीलियो गैलिली द्वारा खगोलीय प्रेक्षण आरंभ करने की घटना की ४००वीं जयंती के उपलक्ष्य में इसे अंतर्राष्ट्रीय खगोलिकी वर्ष घोषित किया है। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

वृहत मीटरवेव रेडियो टेलिस्कोप, जायंट मीटर वेव रेडियो टेलिस्कोप, जॉयंट मीट्रीवेव रेडियो टेलिस्कोप, जीएमआरटी

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