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ध्रुवण (विद्युतचुम्बकीय)

सूची ध्रुवण (विद्युतचुम्बकीय)

ध्रुवण (Polarization) अनुप्रस्थ तरंगों (जैसे, प्रकाश) का गुण है जो उनके दोलनों की दिशा (orientation) से सम्बन्धित है। ध्रुव का अर्थ है 'निश्चित'। ध्रुवित तरंग में किसी सीमित रूप में ही दोलन होते हैं जबकि अध्रुवित तरंग में सभी दिशाओं में समान रूप से दोलन होता है। किसी गैस या द्रव में गतिमान ध्वनि तरंगें ध्रुवण का गुण प्रदर्शित नहीं करतीं क्योंकि उनकी गति की दिशा और दोलन की दिशा एक ही होती है। .

7 संबंधों: टूरमैलीन, तरंग, ध्वनि, प्रकाश, सममिति, विवर्तन, व्यतिकरण (तरंगों का)

टूरमैलीन

टूरमैलीन टूरमैलीन (Tourmaline) एक खनिज है। इसका रासायनिक संघटन बहुत जटिल है। इसमें ऐल्यूमिनियम, सिलिकन, बोरॉन के अतिरिक्त अन्य बहुत सी धातुएँ भी भिन्न भिन्न मात्रा में विद्यमान रहती हैं। "टूरमैलीन' भिन्न भिन्न रंगों में मिलता है। इसकी लाल किस्म को "रूबेलाइट', नीली किस्म को "इंडिकोलाइट' तथा सूच्याकार काली किस्म को "शौर्ल' कहते हैं। इस खनिज के मणिभों को उदग्र फलकों पर विद्यामान धारियों की सहायता से पहचाना जा सकता है। इसकी कठोरता ७ से ७.५ तक तथा आपेक्षिक घतत्व ३ है। पेग्मैटाइट शिलाओं में इस खनिज के बड़े मणिभ मिलते हैं। इनके अतिरिक्त आग्नेय और रूपांतरित शिलाओं में भी यह मिलता है। कहीं कहीं बालू में भी यह विद्यमान रहता है। भारत में राजस्थान और बिहार की पेग्मैटाइट शिलाओं से टूरमैलीन के सुंदर मणिभ प्राप्त हुए हैं। .

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तरंग

---- तरंग (Wave) का अर्थ होता है - 'लहर'। भौतिकी में तरंग का अभिप्राय अधिक व्यापक होता है जहां यह कई प्रकार के कंपन या दोलन को व्यक्त करता है। इसके अन्तर्गत यांत्रिक, विद्युतचुम्बकीय, ऊष्मीय इत्यादि कई प्रकार की तरंग-गति का अध्ययन किया जाता है। .

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ध्वनि

ड्रम की झिल्ली में कंपन पैदा होता होता जो जो हवा के सम्पर्क में आकर ध्वनि तरंगें पैदा करती है मानव एवं अन्य जन्तु ध्वनि को कैसे सुनते हैं? -- ('''नीला''': ध्वनि तरंग, '''लाल''': कान का पर्दा, '''पीला''': कान की वह मेकेनिज्म जो ध्वनि को संकेतों में बदल देती है। '''हरा''': श्रवण तंत्रिकाएँ, '''नीललोहित''' (पर्पल): ध्वनि संकेत का आवृति स्पेक्ट्रम, '''नारंगी''': तंत्रिका में गया संकेत) ध्वनि (Sound) एक प्रकार का कम्पन या विक्षोभ है जो किसी ठोस, द्रव या गैस से होकर संचारित होती है। किन्तु मुख्य रूप से उन कम्पनों को ही ध्वनि कहते हैं जो मानव के कान (Ear) से सुनायी पडती हैं। .

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प्रकाश

सूर्य के प्रकाश से प्रकाशित एक मेघ प्रकाश एक विद्युतचुम्बकीय विकिरण है, जिसकी तरंगदैर्ध्य दृश्य सीमा के भीतर होती है। तकनीकी या वैज्ञानिक संदर्भ में किसी भी तरंगदैर्घ्य के विकिरण को प्रकाश कहते हैं। प्रकाश का मूल कण फ़ोटान होता है। प्रकाश की तीन प्रमुख विमायें निम्नवत है।.

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सममिति

250px Sphere symmetrical group o. लिओनार्दो दा विंची का 'आभासी मानव'(1487 ई) को प्राय: मानव शरीर में सममिति के प्रदर्शन के लिये प्रयोग किया जाता है। सममिति (Symmetry) का अर्थ है कि किसी पैटर्न का किसी बिन्दु या रेखा या तल के सापेक्ष हूबहू पुनरावृत्ति। .

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विवर्तन

एक वर्गाकार द्वारक (aperture) से विवर्तन के परिणामस्वरूप पर्दे पर निर्मित विवर्तन पैटर्न जब प्रकाश या ध्वनि तरंगे किसी अवरोध से टकराती हैं, तो वे अवरोध के किनारों पर मुड जाती हैं और अवरोधक के की ज्यामितिय छाया में प्रवेश कर जती हैं। तरंगो के इस प्रकार मुड़ने की घटना को विवर्तन (Diffraction) कहते हैं। ऐसा पाया गया है कि लघु आकार के अवरोधों से टकराने के बाद तरंगें मुड़ जातीं हैं तथा जब लघु आकार के छिद्रों (openings) से होकर तरंग गुजरती है तो यह फैल जाती है। सभी प्रकार की तरंगों से विवर्तन होता है (ध्वनि, जल तरंग, विद्युतचुम्बकीय तरंग आदि)। .

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व्यतिकरण (तरंगों का)

दो वृत्तीय तरंगों का व्यतिकरण व्यतिकरण (Interference) से किसी भी प्रकार की तरंगों की एक दूसरे पर पारस्परिक प्रक्रिया की अभिव्यक्ति होती है, जिसके परिणामस्वरूप कुछ विशेष स्थितियों में कंपनों और उनके प्रभावों में वृद्धि, कमी या उदासीनता आ जाती है। व्यतिकरण का विस्तृत अध्ययन विशाल विभेदन शक्ति वाले सभी यंत्रों के मूल में काम करता है। भौतिक प्रकाशिकी में इस धारण का समावेश टॉमस यंग (Thomas Young) ने किया। उनके बाद व्यतिकरण का व्यवहार किसी भी तरह की तरंगों या कंपनों के समवेत या तज्जन्य प्रभावों को व्यक्त करने के लिए किया जाता रहा है। संक्षेप में किसी भी तरह की (जल, प्रकाश, ध्वनि, ताप या विद्युत् से उद्भूत) तरंगगति के कारण लहरों के टकराव से उत्पन्न स्थिति को व्यतिकरण की संज्ञा दी जाती है। जब कभी जल या अन्य किसी द्रव की सतह पर दो भिन्न तरंगसमूह एक साथ मिलें तो व्यतिकरण की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। जहाँ एक तरंगसमूह से संबंद्ध लहरों के तरंगश्रृंगों का दूसरी शृंखला से संबद्धलहरों के तंरगश्रृंगों से सम्मिलिन होता है, वहाँ द्रव की सतह का उन्नयन उस स्थान पर लहरों के स्वतंत्र और एकांत अस्तित्व के संभव उन्नयनों के योग के बराबर होता है। जब तरंगों में से एक के तरंगश्रृंग का दूसरे के तरंगगर्त पर समापातन होता है, तब द्रव की सतह पर तरंगों का उद्वेलन कम हो जाता है और प्रतिफलित उन्नयन (या अवनयन) एक तरंग अवयव (component) के उन्नयन और दूसरे के अवनयन के अंतर के बराबर होता है। ध्वनि में उत्पन्न विस्पंद (beats) इसी व्यतिकरण का एक साधारण रूप है, जहाँ दो या दो से अधिक तरंगसमूह, जिनके तरंगदैर्ध्य में मामूली सा अंतर होता है, करीब एक ही दिशा में अग्रसर होते हुए मिलते हैं। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

ध्रुवण, ध्रुवीकरण, विद्युत ध्रुवण

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