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मानक एलेक्ट्रोड विभव

सूची मानक एलेक्ट्रोड विभव

गैलवानिक सेल (डेनियल सेल) साम्यावस्था में अर्ध सेलों (हाफ सेल) के एलेक्ट्रोड विभव को मानक एलेक्ट्रोड विभव (standard electrode potentials) कहते हैं। जब तत्वो को उनके मानक अपचयन विभव के आरोही क्रम मे व्यवस्त्थित करते हैं तो इस प्रकार प्राप्त हुइ श्रेणी विद्युत रासायनिक श्रेणी कहलाती है। इनका उपयोग विद्युतरासायनिक सेल (electrochemical cell) (गैल्वानिक सेल) का विभव ज्ञात करने के लिये किया जा सकता है। इसके अलावा इनका उपयोग किसी विद्युतरासायनिक रिडॉक्स (redox) अभिक्रिया के साम्य की स्थिति का पता करने के लिये किया जा सकता है। अतर्थात इसकी सहायता से यह पता कर सकते हैं कि उष्मागतिकी की दृष्टि से किसी विद्युतरासायनिक अभिक्रिया की गति की दिशा क्या होगी।Milazzo, G., Caroli, S., and Sharma, V. K. (1978).

6 संबंधों: पारा, मानक एलेक्ट्रोड विभव, रुबिडियम, वैद्युत-रासायनिक सेल, वोल्ट, अर्ध-अभिक्रिया

पारा

साधारण ताप पर पारा द्रव रूप में होता है। पारे का अयस्क पारा या पारद (संकेत: Hg) आवर्त सारिणी के डी-ब्लॉक का अंतिम तत्व है। इसका परमाणु क्रमांक ८० है। इसके सात स्थिर समस्थानिक ज्ञात हैं, जिनकी द्रव्यमान संख्याएँ १९६, १९८, १९९, २००, २०१, २०२ और २०४ हैं। इनके अतिरिक्त तीन अस्थिर समस्थानिक, जिनकी द्रव्यमान संख्याएँ १९५, १९७ तथा २०५ हैं, कृत्रिम साधनों से निर्मित किए गए हैं। रासायनिक जगत् में केवल यही धातु साधारण ताप और दाब पर द्रव रूप होती है। .

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मानक एलेक्ट्रोड विभव

गैलवानिक सेल (डेनियल सेल) साम्यावस्था में अर्ध सेलों (हाफ सेल) के एलेक्ट्रोड विभव को मानक एलेक्ट्रोड विभव (standard electrode potentials) कहते हैं। जब तत्वो को उनके मानक अपचयन विभव के आरोही क्रम मे व्यवस्त्थित करते हैं तो इस प्रकार प्राप्त हुइ श्रेणी विद्युत रासायनिक श्रेणी कहलाती है। इनका उपयोग विद्युतरासायनिक सेल (electrochemical cell) (गैल्वानिक सेल) का विभव ज्ञात करने के लिये किया जा सकता है। इसके अलावा इनका उपयोग किसी विद्युतरासायनिक रिडॉक्स (redox) अभिक्रिया के साम्य की स्थिति का पता करने के लिये किया जा सकता है। अतर्थात इसकी सहायता से यह पता कर सकते हैं कि उष्मागतिकी की दृष्टि से किसी विद्युतरासायनिक अभिक्रिया की गति की दिशा क्या होगी।Milazzo, G., Caroli, S., and Sharma, V. K. (1978).

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रुबिडियम

रूबिडियम (Rubidium) एक रासायनिक तत्व है। यह आवर्त सारणी के प्रथम मुख्य समूह का चौथा तत्व है। इसमें धातुगुण वर्तमान हैं। इसके तीन स्थिर समस्थानिक प्राप्त हैं, जिनकी द्रव्यमान संख्याएँ क्रमश: ८५, ८६, ८७ हैं। इस तत्व की खोज बुंसन तथा किर्खहॉफ़ ने १८६० ई. में स्पेक्ट्रमदर्शी (spectroscope) द्वारा की थी। स्पेक्ट्रमदर्शी द्वारा प्रयोगों में दो नई लाल रेखाएँ मिलीं, जिनके कारण इसका नाम 'रूबिडियम' रखा गया। लेपिडोलाइट अयस्क में रूबिडियम की मात्रा लगभग १ प्रतिशत रहती है। इसके अतिरिक्त अभ्रक तथा कार्टेलाइड में भी यह न्यून मात्रा में मिलता है। पोटैशियम तथा रूबिडियम के प्लैटिनिक क्लोराइडों की विलेयता भिन्न भिन्न है, जिसके कारण इन दोनों को पृथक् किया जा सकता है। .

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वैद्युत-रासायनिक सेल

डेनियल सेल से मिलता-जुलता एक प्रदर्शन विद्युतरासायनिक सेल। इसमें दो अर्ध-सेल हैं जो एक लवण-सेतु से जुड़े हैं जिससे होकर एक अर्श सेल से दूसरे में आयन आते-जाते हैं। इसके द्वारा वाह्य परिपथ में इलेक्ट्रान बहाये जाते हैं। उन सभी युक्तियों को वैद्युत-रासायनिक सेल (electrochemical cell) कहते हैं जो रासायनिक अभिक्रिया के माध्यम से विद्युत ऊर्जा उत्पन्न करते हैं या जिनमें विद्युत ऊर्जा देने से उनके अन्दर रासायनिक अभिक्रिया होने लगती है या उसकी गति बढ़ जाती है। 1.5-वोल्ट का शुष्क सेल इसका एक सर्वसामान्य उदाहरण है। कई सेलों को श्रेणीक्रम या समान्तर क्रम में जोड़ने से बैटरी बनती है। वाहनों की १२ वोल्ट की बैटरी इसका आम उदाहरण है। .

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वोल्ट

वोल्टा पाइल वोल्ट (प्रतीक: V), विद्युत विभव, विभवान्तर और विद्युतवाहक बल की व्युत्पन्न इकाई है। इस ईकाई का नाम (वोल्ट) इतालवी भौतिकविज्ञानी वोल्टा (1745-1827) के सम्मान में रखा गया है जिसने वोल्टेइक पाइल का आविष्कार किया, जिसे पहली रासायनिक बैटरी कह सकते हैं। जहाँ.

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अर्ध-अभिक्रिया

किसी रेडॉक्स अभिक्रिया के केवल आक्सीकरण या केवल अपचयन वाली अभिक्रिया को अर्ध-अभिक्रिया (half reaction) कहते हैं। यह ध्यान रखने योग्य है कि आक्सीकरण या अपचयन अकेले नहीं होते बल्कि साथ-साथ होते हैं, और इसीलिये इसे 'रेडॉक्स अभिक्रिया' कहते हैं। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

विद्युत रासायनिक श्रेणी, विद्युत-रासायनिक, विद्युतरासायनिक श्रेणी

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