लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
मुक्त
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

वित्तीय समावेशन

सूची वित्तीय समावेशन

वित्तीय समावेशन (फाइनेंशयल इन्क्लूजन) का मतलब समाज के पिछड़े एवं कम आय वाले लोगों को वित्तीय सेवाएँ प्रदान करना है। इसके साथ ही ये सेवाएँ उन लोगों को वहन करने योग्य मूल्य पर मिलनी चाहिए। कुछ प्रमुख वित्तीय सेवाएं हैं - ऋण, भुगतान और धनप्रेषण सुविधाएं और मुख्यधारा के संस्थागत खिलाड़ियों द्वारा उचित और पारदर्शी ढंग से वहनीय लागत पर बीमा सेवा। 'वित्तीय समावेशन' की चर्चा २००० के दशक से महत्वपूर्ण स्थान पाने लगी है। आजकल संसार के अधिकांश विकासशील देशों के केन्द्रीय बैंकों के मुख्य लक्ष्यों में वित्तीय समावेशन भी शामिल हो गया है। .

7 संबंधों: प्रधानमंत्री जन धन योजना, बैंकिंग कॉरस्पॉण्डेण्ट, भारत में मोबाईल बैंकिंग, भारतीय रिज़र्व बैंक, वित्तीय साक्षरता, विकासशील देश, ऋण

प्रधानमंत्री जन धन योजना

प्रधानमंत्री जन धन योजना (संक्षेप में - पीएमजेडीवाई) भारत में वित्तीय समावेशन पर राष्‍ट्रीय मिशन है और जिसका उद्देश्‍य देश भर में सभी परिवारों को बैंकिंग सुविधाएं मुहैया कराना और हर परिवार का बैंक खाता खोलना है। इस योजना की घोषणा 15 अगस्त 2014 को तथा इसका शुभारंभ 28 अगस्त 2014 को भारतीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने किया। इस परियोजना की औपचारिक शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री ने सभी बैंको को इ-मेल भेजा जिसमें उन्होंने 'हर परिवार के लिए बैंक खाता' को एक ‘राष्‍ट्रीय प्राथमिकता’ घोषित किया और सात करोड़ से भी अधिक परिवारों को इस योजना में प्रवेश देने और उनका खाता खोलने के लिए सभी बैंको को कमर कसने को कहा।योजना के उद्घाटन के दिन ही 1.5 करोड़ बैंक खाते खोले गए। .

नई!!: वित्तीय समावेशन और प्रधानमंत्री जन धन योजना · और देखें »

बैंकिंग कॉरस्पॉण्डेण्ट

बैंकिंग कॉरस्पॉण्डेण्ट योजना भारत में वित्तीय समावेशन हेतु चलाई जा रही भारतीय रिज़र्व बैंक की एक महत्वाकाँक्षी योजना है। इस योजना की शुरुआत जनवरी 2006 में हुई। .

नई!!: वित्तीय समावेशन और बैंकिंग कॉरस्पॉण्डेण्ट · और देखें »

भारत में मोबाईल बैंकिंग

भारत में मोबाईल बैंकिंग की विधिवत शुरुआत अक्टूबर 2008 में हुई जब भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा पहली बार मोबाईल बैंकिंग ट्रांसैक्शन्स के लिए नियम निर्धारित किए। .

नई!!: वित्तीय समावेशन और भारत में मोबाईल बैंकिंग · और देखें »

भारतीय रिज़र्व बैंक

भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) भारत का केन्द्रीय बैंक है। यह भारत के सभी बैंकों का संचालक है। रिजर्व बैक भारत की अर्थव्यवस्था को नियन्त्रित करता है। इसकी स्थापना १ अप्रैल सन १९३५ को रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया ऐक्ट १९३४ के अनुसार हुई। बाबासाहेब डॉ॰ भीमराव आंबेडकर जी ने भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना में अहम भूमिका निभाई हैं, उनके द्वारा प्रदान किये गए दिशा-निर्देशों या निर्देशक सिद्धांत के आधार पर भारतीय रिजर्व बैंक बनाई गई थी। बैंक कि कार्यपद्धती या काम करने शैली और उसका दृष्टिकोण बाबासाहेब ने हिल्टन यंग कमीशन के सामने रखा था, जब 1926 में ये कमीशन भारत में रॉयल कमीशन ऑन इंडियन करेंसी एंड फिनांस के नाम से आया था तब इसके सभी सदस्यों ने बाबासाहेब ने लिखे हुए ग्रंथ दी प्राब्लम ऑफ दी रुपी - इट्स ओरीजन एंड इट्स सोल्यूशन (रुपया की समस्या - इसके मूल और इसके समाधान) की जोरदार वकालात की, उसकी पृष्टि की। ब्रिटिशों की वैधानिक सभा (लेसिजलेटिव असेम्बली) ने इसे कानून का स्वरूप देते हुए भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम 1934 का नाम दिया गया। प्रारम्भ में इसका केन्द्रीय कार्यालय कोलकाता में था जो सन १९३७ में मुम्बई आ गया। पहले यह एक निजी बैंक था किन्तु सन १९४९ से यह भारत सरकार का उपक्रम बन गया है। उर्जित पटेल भारतीय रिजर्व बैंक के वर्तमान गवर्नर हैं, जिन्होंने ४ सितम्बर २०१६ को पदभार ग्रहण किया। पूरे भारत में रिज़र्व बैंक के कुल 22 क्षेत्रीय कार्यालय हैं जिनमें से अधिकांश राज्यों की राजधानियों में स्थित हैं। मुद्रा परिचालन एवं काले धन की दोषपूर्ण अर्थव्यवस्था को नियन्त्रित करने के लिये रिज़र्व बैंक ऑफ इण्डिया ने ३१ मार्च २०१४ तक सन् २००५ से पूर्व जारी किये गये सभी सरकारी नोटों को वापस लेने का निर्णय लिया है। .

नई!!: वित्तीय समावेशन और भारतीय रिज़र्व बैंक · और देखें »

वित्तीय साक्षरता

वित्तीय साक्षरता का अर्थ है - 'वित्त को समझने की क्षमता'। दूसरे शब्दों में इसका मतलब किसी व्यक्ति में मौजूद कुछ कौशलों तथा ज्ञान से है जिनके बल पर वह सोचसमझकर प्रभावशाली निर्णय ले पाता है। विभिन्न देशों में वित्तीय साक्षरता की स्थिति अलग-अलग है। "वित्तीय शिक्षा" का अर्थ होता है, "धन" के बारे में सही जानकारी प्राप्त करना, जिससे हम अपने "धन" का सही प्रबंधन करते हुए, अपने वित्तीय भविष्य को सुरक्षित एवं बेहतर बना सकें l .

नई!!: वित्तीय समावेशन और वित्तीय साक्षरता · और देखें »

विकासशील देश

012 अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और संयुक्त राष्ट्र द्वारा किया गया वर्गीकरण 2009 तक नव औद्योगीकृत देश क्वॉरटाइल (2010 के आंकड़े पर आधारित, 4 नवम्बर 2010 को प्रकाशित के आधार पर) के आधार पर विश्व बैंक द्वारा विकसित मानव विकास रिपोर्ट सांखियकी. मानव विकास रिपोर्ट (एचडीआर). संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) विकासशील देश शब्द का प्रयोग किसी ऐसे देश के लिए किया जाता है जिसके भौतिक सुखों का स्तर निम्न होता है (इस शब्द को लेकर तीसरी दुनिया के देशों के साथ भ्रमित नहीं होना चाहिए).

नई!!: वित्तीय समावेशन और विकासशील देश · और देखें »

ऋण

ऋण वह है, जो किसी से माँगा या लिया जाता है; सामान्यतः यह ली गयी संपत्ति को व्यक्त करता है, लेकिन यह शब्द धन की आवश्यकता के परे नैतिक दायित्व एवं अन्य पारस्परिक क्रियाओं को भी व्यक्त करता है। परिसंपत्तियों के मामले में, ऋण कुल जोड़ अर्जित होने के पूर्व वर्तमान में भविष्य की क्रय शक्ति के प्रयोग का माध्यम है। कुछ कंपनियां एवं निगम ऋण का प्रयोग अपनी संपूर्ण संगठित (कॉरपोरेट) वित्तीय योजनाओं के भाग के रूप में करते हैं। ऋण तब सृजित होता है जब एक ऋणदाता एक ऋण प्राप्तकर्ता या ऋणी को कुछ परिसंपत्ति प्रदान करता है। आधुनिक समाज में, सामान्यतः ऋण को अपेक्षित पुनर्भुगतान के साथ प्रदान किया जाता है; ज़्यादातर मामलों में, ब्याज सहित.

नई!!: वित्तीय समावेशन और ऋण · और देखें »

यहां पुनर्निर्देश करता है:

भारत में वित्तीय समावेशन

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »