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वान्केल इंजन

सूची वान्केल इंजन

ड्यूश संग्रहालय, म्यूनिख जर्मनी में रखा एक वान्केल इंजन वान्केल इंजन एक प्रकार का आंतरिक दहन इंजन है, जो दबाव को घूर्णन गति में परिवर्तित करने के लिए प्रत्यागमनी पिस्टन के बजाय उत्केंद्रक शैफ्ट डिजाइन का प्रयोग करता है। वान्केल इंजन का दहन कक्ष, अंडाकार समान बहि:त्रिज्याज (epitrochoid) आकार का होता है। इसके घूर्णक का आकार Reuleaux त्रिभुज के समान होता है, पर इसकी भुजाएँ थोड़ी सीधी होतीं हैं। वान्केल इंजन में चतुर्घात चक्र दहन कक्ष के अन्दर के हिस्से और घूर्णक के बीच चलता है। इस इंजन का आविष्कार एक जर्मन वैज्ञानिक फेलिक्स वान्केल ने किया था। वान्केल ने १९२९ में इंजन के किये पहला पेटेंट प्राप्त किया और १९५७ में इसका पहला कार्यकारी आदिप्ररूप तैयार कर लिया। संहत डिजाइन के कारण वान्केल शैफ्ट इंजन, विविध प्रकार के वाहनों और उपकरणों जैसे मोटरवाहन,मोटरसाइकल, सांकल आरा, सहायक शक्ति ईकाई आदि में उपयोग किये जातें हैं। .

7 संबंधों: फोर स्ट्रोक इंजन, भाप का इंजन, मोटरसाइकिल, मोटरवाहन, स्टर्लिंग इंजन, जर्मनी, आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰

फोर स्ट्रोक इंजन

वर्तमान युग में कारों, ट्रकों, मोटरसाइकिलों व वायुयानों आदि में प्रयोग होने वाले अन्तर्दहन इंजन प्रायः फोर स्ट्रोक इंजन होते हैं। 'चार स्ट्रोक' का मतलब है कि ईंधन से यांत्रिक उर्जा में परिवर्तन का चक्र कुल चार चरणों में पूरा होता है। इन चरणों या स्ट्रोकों को क्रमश: इनटेक, संपीडन (कम्प्रेशन), ज्वलन (combustion), एवं उत्सर्जन (exhaust) कहते हैं। ध्यान देने की बात है कि इन चार चरणों (स्ट्रोकों) को पूरा करने में क्रैंकसाशाफ्ट को दो चक्कर लगाने पड़ते हैं। वर्तमान में गाड़ियों में सामान्यत: फोर स्ट्रोक इंजन का प्रयोग ज्यादा होता है।। हिन्दुस्तान लाइव। ७ जनवरी २०१० इससे पहले गाड़ियों में टू स्ट्रोक इंजन का प्रयोग हुआ करता था, लेकिन कम माइलेज और जीवन अवधि कम होने के कारण इसका स्थान फोर स्ट्रोक इंजन ने ले लिया। .

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भाप का इंजन

एक स्वयं-प्रगामी (self-propelled) वाष्पयान एक संरक्षित अपूर्ण पोर्टेबल वाष्पयान (टेन्टरफिल्ड एन एस डब्ल्यू) वाष्पयान या भाप का इंजन एक प्रकार का उष्मीय इंजन है जो कार्य करने के लिये जल-वाष्प का प्रयोग करता है। भाप के इंजन अधिकांशतः वाह्य दहन इंजन होते हैं जिसमें रैंकाइन चक्र (Rankine cycle) नामक उष्मा-चक्र (heat cycle) काम में लाया जाता है। कुछ वाष्पयान सौर उर्जा, नाभिकीय उर्जा या जिओथर्मल उर्जा से भी चलते हैंइसकी खोज १७६३ में हुई .

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मोटरसाइकिल

डुकाटी ८८८ मोटरसाइकलमोटरसाइकिल (या मोटरबाइक) आंतरिक दहन इंजन से उर्जा प्राप्त करने वाले एक दो चक्के का वाहन है। यह एक बहुउपयोगी वाहन है। यह मनोरंजन, माल एवम मनुष्यो को ढोने के कार्य में उपयोग में लिया जाता है। भारत में यह सर्वाधिक बिकने वाला वाहन है। विकासशील देशों में इन की बिक्री अन्य किसी भी वाहन से ज्यादा होती है। सन २००८-०९ में भारत में बिके सभी वाहनो में ७६.५% वाहन दो चक्के वाले थे। .

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मोटरवाहन

कार्ल बेन्ज़'स "वेलो"मॉडल (1894) -सबसे पहले गाड़ियों के होड़ में आई right विश्व मानचित्र प्रति 1000 लोग गाड़ी, मोटरवाहन, कार, मोटरकार या ऑटोमोबाइल एक पहियों वाला वाहन है, जो यात्रियों के परिवहन के काम आता है; और जो अपना इंजन या मोटर भी स्वयं उठाता है। इस शब्द की अधिकांश परिभाषाओं के अनुसार मोटरवाहन मुख्य रूप से सड़कों पर चलाने के लिए हैं, एक से आठ लोगों कों बैठाने के लिए हैं, आमतौर पर जिनके चार पहिये होते हैं, जिनका निर्माण मुख्य रूप से सामान के उपेक्षा लोगों के परिवहन के लिए किया जाता है। मोटरकार शब्द का प्रयोग विद्युतिकृत रेल प्रणाली के सन्दर्भ में, एक ऐसी कार के लिए प्रयुक्त होता है, जो एक छोटा लोकोमोटिव होने के साथ ही, इसमे लोगों और सामान के लिए जगह भी होती है। ये लोकोमोटिव कार उपनगरीय मार्गों में अंतर्नगरीय रेल प्रणालियों में इस्तेमाल की जाती हैं। 2002 तक, 590 मिलियन यात्री करें दुनिया भर में थी (मोटे तौर पर एक कार प्रति ग्यारह लोग).

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स्टर्लिंग इंजन

अल्फा प्रकार का स्टर्लिंग इंजन। एक विस्तारित सिलेंडर (लाल) को एक उच्च तापमान पर बनाए रखा गया है जबकि संपीड़न सिलेंडर (नीला) ठंडा है। दो सिलेंडरों के बीच पैसेज में पुनर्योजी शामिल हैं। स्टर्लिंग इंजिन एक ऐसा उष्मीय इंजिन है जो हवा, गैस या किसी तरल पदार्थ के भिन्न-भिन्न तापमानों में चक्रीय दबावों एवं फैलाव से इस तरह कार्यान्वित होती है कि वहां पर शुद्ध रूप में उष्मीय उर्जा का बदलाव यांत्रिक क्रिया में हो जाता है। यह इंजन एक भाप इंजन की तरह होता है जिसमें इंजन दीवार के माध्यम से पूर्ण ताप को स्थानांतरित किया जाता है। इसे परम्परागत रूप से आंतरिक दहन इंजन के विपरीत एक बाह्य दहन इंजन के रूप में जाना जाता है जहां कार्यरत तरल की राशी के भीतर ईंधन के दहन के द्वारा ताप इनपुट होता है। भाप इंजन द्वारा कार्यरत तरल के रूप में तरल और गैस, दोनों पदार्थों में पानी के इस्तेमाल के विपरीत स्टर्लिंग इंजन हवा या हीलियम जैसे गैसीय तरल की निश्चित मात्रा को स्थायी रूप से संलग्न करता है। जैसा कि सभी ताप इंजन में होता है, सामान्य चक्र में शामिल है ठंडी गैस का सम्पीड़न, गैस को गर्म करना, गर्म गैस का विस्तार करना और अंत में चक्र के दोहराव से पहले गैस को ठंडा करना। इसे भाप इंजन के प्रतिद्वंद्वी के रूप में मूलतः 1816 में एक औद्योगिक मुख्य चालक के रूप में विचारित किया गया था, इसका व्यावहारिक उपयोग एक बड़े पैमाने पर एक सदी से भी अधिक तक न्यून-बिजली घरेलू अनुप्रयोगों के लिए सीमित था। स्टर्लिंग इंजन को अपनी उच्च कार्यक्षमता (40% तक), निर्बाध संचालन और उस सुगमता के लिए जाना जाता है जिससे वह लगभग कोई भी ताप स्रोत का इस्तेमाल कर सकता है। वैकल्पिक और अक्षय ऊर्जा स्रोतों के साथ यह संगतता, पारम्परिक ईंधन की कीमत बढ़ने और जलवायु परिवर्तन और तेल के सीमित उत्पादन के मद्देनज़र तेज़ी से महत्वपूर्ण बन गई है। वर्तमान में यह इंजन, सूक्ष्म संयुक्त ताप और शक्ति (CHP) इकाई के मुख्य घटक के रूप में रूचि को बढ़ा रहा है, जिसमें यह एक तुलनीय भाप इंजन के मुकाबले अधिक कुशल और सुरक्षित है। अंतरिक्ष अनुसंधान में उपयोग के लिए स्टर्लिंग इंजन पर (विशेषकर मुक्त पिस्टन प्रकार) नासा द्वारा भी विचार किया जा रहा है। .

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जर्मनी

कोई विवरण नहीं।

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आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰

१० और १३ अंकों वाले आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ संख्यांक के अलग-अलग हिस्सों से किताब के बारे में अलग-अलग जानकारी मिलती है अंतर्राष्ट्रीय मानक पुस्तक संख्यांक, जिसे आम तौर पर आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ ("इन्टर्नैशनल स्टैन्डर्ड बुक नम्बर" या ISBN) संख्यांक कहा जाता है हर किताब को उसका अपना अनूठा संख्यांक (सीरियल नम्बर) देने की विधि है। इस संख्यांक के ज़रिये विश्व में छपी किसी भी किताब को खोजा जा सकता है और उसके बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है। पहले यह केवल उत्तर अमेरिका, यूरोप और जापान में प्रचलित था, लेकिन अब धीरे-धीरे पूरे विश्व में फैल गया है। आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ संख्यांक में १० अंक हुआ करते थे, लेकिन २००७ के बाद से १३ अंक होते हैं। .

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