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वानिकी

सूची वानिकी

आस्ट्रिया में वानिकी वनों का सृजन, प्रबन्धन, उपयोग एवं संरक्षण की विधा को वानिकी (Forestry) कहा जाता है। यह विज्ञान, कला और कारीगरी (क्राफ्ट) का मिश्रण है। .

4 संबंधों: भारतीय वानिकी, वनोन्मूलन, विज्ञान, कृषिवानिकी

भारतीय वानिकी

तेंदू पत्ता संग्रहण भारत में वानिकी एक प्रमुख ग्रामीण आर्थिक क्रिया, जनजातीय लोगों के जीवन से जुड़ा एक महत्वपूर्ण पहलू और एक ज्वलंत पर्यावरणीय और सामाजिक-राजनैतिक मुद्दा होने के साथ ही पर्यावरणीय प्रबंधन और धारणीय विकास हेतु अवसर उपलब्ध करने वाला क्षेत्र भी है। - इण्डिया वाटर पोर्टल खाद्य एवं कृषि संगठन (एफ॰ए॰ओ॰) के अनुसार वर्ष २००२ में भारत में वनों का क्षेत्रफल ६४ मिलियन हेक्टेयर था जो कुल क्षेत्रफल का लगभग १९% था FAO और मौजूदा आंकलनों के अनुसार भारत में वन और वृक्ष क्षेत्र 78.29 मिलियन हेक्टेयर है, जो देश के भैगोलिक क्षेत्र का 23.81 प्रतिशत है और 2009 के आंकलनों की तुलना में, व्याख्यात्मक बदलावों को ध्यान में रखने के पश्चात देश के वन क्षेत्र में 367 वर्ग कि॰मी॰ की कमी दर्ज की गई है।, पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, भारत सरकार उपरोक्त आँकड़ों के आधार पर भारत विश्व के दस सर्वाधिक वन क्षेत्र वाले देशों में से एक है लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था में वनों का योगदान काफी कम है और राष्ट्रीय आय में वनों का योगदान २००२ में मात्र १.७% था। साथ ही जनसंख्या के अनुपात में देखा जाए तो स्थिति और खराब नजर आती है क्योंकि भारत में इसी समय के आंकड़ों के अनुसार प्रति व्यक्ति वन क्षेत्र ०.०८ हेक्टेयर था जो विकासशील देशों के लिये औसत ०.५ हेक्टेयर है और पूरे विश्व के लिये ०.६४ हेक्टेयर है। आर्थिक योगदान के अलावा वन संसाधनों का महत्व इसलिए भी है कि ये हमें बहुत से प्राकृतिक सुविधाएँ प्रदान करते हैं जिनके लिये हम कोई मूल्य नहीं प्रदान करते और इसीलिए इन्हें गणना में नहीं रखते। उदाहरण के लिये हवा को शुद्ध करना और सांस लेने योग्य बनाना एक ऐसी प्राकृतिक सेवा है जो वन हमें मुफ़्त उपलब्ध करते हैं और जिसका कोई कृत्रिम विकल्प इतनी बड़ी जनसंख्या के लिये नहीं है। वनों के क्षय से जनजातियों और आदिवासियों का जीवन प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित होता है और बाकी लोगों का अप्रत्यक्ष रूप से क्योंकि भारत में जनजातियों की पूरी जीवन शैली वनों पर आश्रित है। वनोपजों में सबसे निचले स्तर पर जलाने के लिये लकड़ी, औषधियाँ, लाख, गोंद और विविध फल इत्यादि आते हैं जिनका एकत्रण स्थानीय लोग करते हैं। उच्च स्तर के उपयोगों में इमारती लकड़ी या कागज उद्द्योग के लिये लकड़ी की व्यावसायिक और यांत्रिक कटाई आती है। एफ॰ए॰ओ॰ के अनुसार भारत जलावन की लकड़ी का विश्व में सबसे बड़ा उपयोगकर्ता है और यह वनों में लकड़ी के धारणीय पुनर्स्थापन के पाँच गुना अधिक है। वहीं भारतीय कागज़ उद्योग प्रतिवर्ष ३ मिलियन टन कागज का उत्पादन करता है जिसमें कितना कच्चा माल वनों से लकड़ी और बाँस के रूप में आता है यह ज्ञात नहीं। वानिकी के वर्तमान परिदृश्य जनजातियों और स्थानीय लोगों के जीवन, पर्यावरणीय सुरक्षा, संसाधन संरक्षण और विविध सामजिक राजनीतिक सरोकारों से जुड़े हुए हैं। चिपको आंदोलन से लेकर जल, जंगल और जमीन तथा वर्तमान में महान वनों को लेकर चलाया जा रहा आंदोलन इसी राजनैतिक और सामजिक संघर्ष का हिस्सा हैं जो वानिकी और उसकी नीतियों से जुड़ा हुआ है। वानिकी को भारत में एक संवेदनशील और रोचक अध्ययन क्षेत्र के रूप में भी देखा जा रहा है। .

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वनोन्मूलन

वनोन्मूलन का अर्थ है वनों के क्षेत्रों में पेडों को जलाना या काटना ऐसा करने के लिए कई कारण हैं; पेडों और उनसे व्युत्पन्न चारकोल को एक वस्तु के रूप में बेचा जा सकता है और मनुष्य के द्वारा उपयोग में लिया जा सकता है जबकि साफ़ की गयी भूमि को चरागाह (pasture) या मानव आवास के रूप में काम में लिया जा सकता है। पेडों को इस प्रकार से काटने और उन्हें पुनः न लगाने के परिणाम स्वरुप आवास (habitat) को क्षति पहुंची है, जैव विविधता (biodiversity) को नुकसान पहुंचा है और वातावरण में शुष्कता (aridity) बढ़ गयी है। साथ ही अक्सर जिन क्षेत्रों से पेडों को हटा दिया जाता है वे बंजर भूमि में बदल जाते हैं। आंतरिक मूल्यों के लिए जागरूकता का अभाव या उनकी उपेक्षा, उत्तरदायी मूल्यों की कमी, ढीला वन प्रबन्धन और पर्यावरण के कानून, इतने बड़े पैमाने पर वनोन्मूलन की अनुमति देते हैं। कई देशों में वनोन्मूलन निरंतर की जाती है जिसके परिणामस्वरूप विलोपन (extinction), जलवायु में परिवर्तन, मरुस्थलीकरण (desertification) और स्वदेशी लोगों के विस्थापन जैसी प्रक्रियाएं देखने में आती हैं। .

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विज्ञान

संक्षेप में, प्रकृति के क्रमबद्ध ज्ञान को विज्ञान (Science) कहते हैं। विज्ञान वह व्यवस्थित ज्ञान या विद्या है जो विचार, अवलोकन, अध्ययन और प्रयोग से मिलती है, जो किसी अध्ययन के विषय की प्रकृति या सिद्धान्तों को जानने के लिये किये जाते हैं। विज्ञान शब्द का प्रयोग ज्ञान की ऐसी शाखा के लिये भी करते हैं, जो तथ्य, सिद्धान्त और तरीकों को प्रयोग और परिकल्पना से स्थापित और व्यवस्थित करती है। इस प्रकार कह सकते हैं कि किसी भी विषय के क्रमबद्ध ज्ञान को विज्ञान कह सकते है। ऐसा कहा जाता है कि विज्ञान के 'ज्ञान-भण्डार' के बजाय वैज्ञानिक विधि विज्ञान की असली कसौटी है। .

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कृषिवानिकी

खेती के साथ वन फसलों के साथ-साथ पेड़ों एवं झाड़ियों को समुचित प्रकार से लगाकर दोनो के लाभ प्राप्त करने को कृषि वानिकी (Agroforestry) कहा जाता है। इसमें कृषि और वानिकी की तकनीकों का मिश्रण करके विविधतापूर्ण, लाभप्रद, स्वस्थ एवं टिकाऊ भूमि-उपयोग सुनिश्चित किया जाता है। .

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