3 संबंधों: प्रत्यभिज्ञा दर्शन, शिवसूत्र, शैव दर्शन।
प्रत्यभिज्ञा दर्शन
प्रत्यभिज्ञा दर्शन, काश्मीरी शैव दर्शन की एक शाखा है। यह ९वीं शताब्दी में जन्मा एक अद्वैतवादी दर्शन है। इस दर्शन का नाम उत्पलदेव द्वारा रचित ईश्वरप्रत्यभिज्ञाकारिका नामक ग्रन्थ के नाम पर आधारित है। प्रत्यभिज्ञा (.
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शिवसूत्र
शिवसूत्र उन ७७ सूत्रों के समूह को कहते हैं जो काश्मीरी शैव दर्शन के आधार हैं। इनके रचयिता वसुगुप्त माने जाते हैं जिनका समय ९वीं शताब्दी है। .
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शैव दर्शन
शैव दर्शन के अनुसार ३६ तत्त्व हैं। .
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