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वज़ीर अली ख़ान

सूची वज़ीर अली ख़ान

मिर्ज़ा वज़ीर अली खान(१७८० - १८१७), चौथे नवाब वज़ीर अल ममालिक ए एवध थे। चार माह के शासन काल के अंदर ही उन्हें अंग्रेज़ों और अपनी प्रजा, दोनों ही द्वारा विलग कर दिया गया और अंततः उन्हें पदच्युत कर के चुनार के किले में बंदी बनाया गया और वहीं उनका देहांत हुआ। .

5 संबंधों: नवाब, सआदत अली खान द्वितीय, आसफ़ुद्दौला, अवध, अवध के नवाब

नवाब

नवाब यह सम्मान की उपाधि मुग़ल शासकों द्वारा उपयोग किया जाता था। भारत में मुग़ल शासन के अधीन यह उपाधि बाद में बंगाल, अवध तथा ऑर्काट के स्वतंत्र शासकों द्वारा अपनाई गई थी। इंग्लैंड में नवाब नाम उन लोगों को दिया गया, जिन्होंने ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कम्पनी में काम करते हुए बहुत पैसा कमाया तथा घर लौटकर संसद की सीटें ख़रीदीं। अत: नवाब शब्द से तात्पर्य उस व्यक्ति से है, जिसके पास अकूत संपदा या असामान्य विशिष्टता हो। .

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सआदत अली खान द्वितीय

"क्लॉड मार्टिन का घर जिसे सआदत अली खान ने ५० हज़ार रुपए में खरीदा था यामीन उद् दौला नवाब सआदत अली खान (१७५२-१८१४) अवध के शासक (शासनकाल १७९८-१८१४) नवाब शुजाउद्दौला के दूसरे बेटे थे। सआदत अली खान अपने सौतेले भाई, आसफ़ुद्दौला, के बाद अवध के तख्त पर १७९८ पर बैठे। सआदत अली खान की ताजपोशी २१ जनवरी १७९८ को बिबियापुर महल, लखनऊ में सर जॉन शोर द्वारा की गई। उन्होंने १८०१ में अंग्रेज़ों को आधा अवध दे दिया। उनका १८०५ में सर गोर औसेली द्वारा निर्मित दिलकुशा कोठी नामक एक महल भी था। १० सितंबर २००७ को पठित नवाब सआदत अली खान १८१४ में मरे और उन्हें अपनी पत्नी 'खुरशीद ज़ादी' के साथ जुड़वाँ क़ैसरबाग़ के मकबरे में दफ़नाया गया। .

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आसफ़ुद्दौला

आसफ़ुद्दौला (२३ सितंबर १७४८-२१ सितंबर १७९७) १७७५ से १७९७ के बीच अवध के नवाब वज़ीर और शुजाउद्दौला के बेटे थे, उनकी माँ और दादी अवध की बेग़में थी। अवध की लूट ही वारेन हेस्टिंग्स के खिलाफ़ इल्ज़ामों में से प्रमुख था। .

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अवध

अवध अवध वर्तमान उत्तर प्रदेश के एक भाग का नाम है जो प्राचीन काल में कोशल कहलाता था। इसकी राजधानी अयोध्या थी। अवध शब्द अयोध्या से ही निकला है। अवध की राजधानी प्रांरभ में फैजाबाद थी किंतु बाद को लखनऊ उठ आई थी। अवध पर नवाबों का आधिपत्य था जो प्राय: स्वतंत्र थे, क्योंकि अवध के नवाब शिया मुसलमान थे अत: अवध में इसलाम के इस संप्रदाय को विशेष संरक्षण मिला। लखनऊ उर्दू कविता का भी प्रसिद्ध केंद्र रहा। दिल्ली केंद्र के नष्ट होने पर बहुत से दिल्ली के भी प्रसिद्ध उर्दू कवि लखनऊ वापस चले आए थे। अवध की पारम्परिक राजधानी लखनऊ है। भौगोलिक रूप से अवध की आधुनिक परिभाषा - लखनऊ, सुल्तानपुर, रायबरेली, उन्नाव, कानपुर, भदोही, इलाहाबाद, बाराबंकी, फैजाबाद, प्रतापगढ़, बहराइच, बलरामपुर, गोंडा, हरदोई, लखीमपुर खीरी, कौशाम्बी, सीतापुर, श्रावस्ती, बस्ती, सिद्धार्थ नगर, खलीलाबाद, उन्नाव, फतेहपुर, कानपुर, (जौनपुर, और मिर्जापुर के पश्चिमी हिस्सों), कन्नौज, पीलीभीत, शाहजहांपुर से बनती है। .

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अवध के नवाब

भारत के अवध के १८वीं तथा १९वीं सदी में शासकों को अवध के नवाब कहते हैं। अवध के नवाब, इरान के निशापुर के कारागोयुन्लु वंश के थे। नवाब सआदत खान प्रथम नवाब थे। .

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