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वख़्श नदी

सूची वख़्श नदी

वख़्श नदी (नीले रंग में) ताजिकिस्तान में नुरेक बाँध के पीछे वख़्श नदी एक सरोवर बना देती है वख़्श नदी, जिसे सुरख़ोब नदी और किज़िल सूउ भी कहा जाता है, मध्य एशिया में स्थित एक नदी है जो आमू दरिया की एक उपनदी भी है। यह ताजिकिस्तान की मुख्य नदियों में से एक है।, Food & Agriculture Org., 1999, ISBN 978-92-5-104309-7,...

9 संबंधों: ताजिकिस्तान, पामीर पर्वतमाला, पंज नदी, मध्य एशिया, हिमानी, ख़, आमू दरिया, किर्गिज़स्तान, उपनदी

ताजिकिस्तान

अंतरिक्ष से ताजिकिस्तान का मंज़र ताज़िकिस्तान (ताजिक: Тоҷикистон,, तोजिकिस्तोन) मध्य एशिया मे स्थित एक देश है जो चारों ओर से ज़मीन से घिरा (स्थलवेष्ठित) है। यह पहले सोवियत संघ का हिस्सा था और उस देश के विघटन के बाद सन् १९९१ में एक स्वतंत्र देश बना। १९९२-९७ के काल में गृहयुद्धों की मार झेल चुके इस देश की कूटनीतिक-भौगोलिक स्थिति बहुत महत्वपूर्ण है। यह उज़बेकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान, किर्गिज़स्तान तथा चीन के मध्य स्थित है। इसके अलावा पाकिस्तान के उत्तरी इलाके से इसे केवल अफ़ग़ानिस्तान के बदख़्शान प्रान्त का पतला-सा वाख़ान गलियारा ही अलग करता है। ताजिकिस्तान की राजधानी दुशानबे शहर है और यहाँ की भाषा को ताजिक कहा जाता है जो फ़ारसी भाषा का एक रूप माना जाता है। इस भाषा को सीरीलिक अक्षरों में लिखा जाता है जिसमें रूसी तथा कुछ अन्य भाषाएँ भी लिखी जाती हैं। .

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पामीर पर्वतमाला

पामीर (अंग्रेजी: Pamir Mountains, फ़ारसी), मध्य एशिया में स्थित एक प्रमुख पठार एवं पर्वत शृंखला है, जिसकी रचना हिमालय, तियन शान, काराकोरम, कुनलुन और हिन्दू कुश शृंखलाओं के संगम से हुआ है। पामीर विश्व के सबसे ऊँचे पहाड़ों में से हैं और १८वीं सदी से इन्हें 'विश्व की छत' कहा जाता है। इसके अलावा इन्हें इनके चीनी नाम 'कोंगलिंग' के नाम से भी जाना जाता है। यहाँ उगने वाले जंगली प्याज़ के नाम पर इन्हें प्याज़ी पर्वत भी कहा जाता था।, John Navazio, pp.

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पंज नदी

अफ़्ग़ानिस्तान और ताजिकिस्तान की अंतर्राष्ट्रीय सीमा का एक बड़ा हिस्सा पांज नदी को माना जाता है पांज नदी या पंज नदी (ताजिकी: Панҷ) मध्य एशिया में स्थित एक नदी है जो आमू दरिया की एक उपनदी भी है। यह नदी १,१२५ किमी लम्बी है। अफ़्ग़ानिस्तान और ताजिकिस्तान की अंतर्राष्ट्रीय सीमा का एक बड़ा हिस्सा इसी नदी इसी नदी को माना जाता है। पांज नदी पूर्वी अफ़्ग़ानिस्तान में क़िला-ए-पंजेह गाँव के पास वाख़ान नदी और पामीर नदी के विलय से बनती है। फिर यह पश्चिम चलती है और आगे चलकर वख़्श नदी से मिल जाती है, जिसके बाद इन्हें अमु दरिया के नाम से जाना जाता है।, Reuel R. Hanks, ABC-CLIO, 2010, ISBN 978-0-313-35422-9,...

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मध्य एशिया

मध्य एशिया एशिया के महाद्वीप का मध्य भाग है। यह पूर्व में चीन से पश्चिम में कैस्पियन सागर तक और उत्तर में रूस से दक्षिण में अफ़ग़ानिस्तान तक विस्तृत है। भूवैज्ञानिकों द्वारा मध्य एशिया की हर परिभाषा में भूतपूर्व सोवियत संघ के पाँच देश हमेशा गिने जाते हैं - काज़ाख़स्तान, किरगिज़स्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज़बेकिस्तान। इसके अलावा मंगोलिया, अफ़ग़ानिस्तान, उत्तरी पाकिस्तान, भारत के लद्दाख़ प्रदेश, चीन के शिनजियांग और तिब्बत क्षेत्रों और रूस के साइबेरिया क्षेत्र के दक्षिणी भाग को भी अक्सर मध्य एशिया का हिस्सा समझा जाता है। इतिहास में मध्य एशिया रेशम मार्ग के व्यापारिक और सांस्कृतिक महत्व के लिए जाना जाता है। चीन, भारतीय उपमहाद्वीप, ईरान, मध्य पूर्व और यूरोप के बीच लोग, माल, सेनाएँ और विचार मध्य एशिया से गुज़रकर ही आते-जाते थे। इस इलाक़े का बड़ा भाग एक स्तेपी वाला घास से ढका मैदान है हालाँकि तियान शान जैसी पर्वत शृंखलाएँ, काराकुम जैसे रेगिस्तान और अरल सागर जैसी बड़ी झीलें भी इस भूभाग में आती हैं। ऐतिहासिक रूप मध्य एशिया में ख़ानाबदोश जातियों का ज़ोर रहा है। पहले इसपर पूर्वी ईरानी भाषाएँ बोलने वाली स्किथी, बैक्ट्रियाई और सोग़दाई लोगों का बोलबाला था लेकिन समय के साथ-साथ काज़ाख़, उज़बेक, किरगिज़ और उईग़ुर जैसी तुर्की जातियाँ अधिक शक्तिशाली बन गई।Encyclopædia Iranica, "CENTRAL ASIA: The Islamic period up to the Mongols", C. Edmund Bosworth: "In early Islamic times Persians tended to identify all the lands to the northeast of Khorasan and lying beyond the Oxus with the region of Turan, which in the Shahnama of Ferdowsi is regarded as the land allotted to Fereydun's son Tur.

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हिमानी

काराकोरम की बाल्तोरो हिमानी हिमानी या हिमनद (अंग्रेज़ी Glacier) पृथ्वी की सतह पर विशाल आकार की गतिशील बर्फराशि को कहते है जो अपने भार के कारण पर्वतीय ढालों का अनुसरण करते हुए नीचे की ओर प्रवाहमान होती है। ध्यातव्य है कि यह हिमराशि सघन होती है और इसकी उत्पत्ति ऐसे इलाकों में होती है जहाँ हिमपात की मात्रा हिम के क्षय से अधिक होती है और प्रतिवर्ष कुछ मात्रा में हिम अधिशेष के रूप में बच जाता है। वर्ष दर वर्ष हिम के एकत्रण से निचली परतों के ऊपर दबाव पड़ता है और वे सघन हिम (Ice) के रूप में परिवर्तित हो जाती हैं। यही सघन हिमराशि अपने भार के कारण ढालों पर प्रवाहित होती है जिसे हिमनद कहते हैं। प्रायः यह हिमखंड नीचे आकर पिघलता है और पिघलने पर जल देता है। पृथ्वी पर ९९% हिमानियाँ ध्रुवों पर ध्रुवीय हिम चादर के रूप में हैं। इसके अलावा गैर-ध्रुवीय क्षेत्रों के हिमनदों को अल्पाइन हिमनद कहा जाता है और ये उन ऊंचे पर्वतों के सहारे पाए जाते हैं जिन पर वर्ष भर ऊपरी हिस्सा हिमाच्छादित रहता है। ये हिमानियाँ समेकित रूप से विश्व के मीठे पानी (freshwater) का सबसे बड़ा भण्डार हैं और पृथ्वी की धरातलीय सतह पर पानी के सबसे बड़े भण्डार भी हैं। हिमानियों द्वारा कई प्रकार के स्थलरूप भी निर्मित किये जाते हैं जिनमें प्लेस्टोसीन काल के व्यापक हिमाच्छादन के दौरान बने स्थलरूप प्रमुख हैं। इस काल में हिमानियों का विस्तार काफ़ी बड़े क्षेत्र में हुआ था और इस विस्तार के दौरान और बाद में इन हिमानियों के निवर्तन से बने स्थलरूप उन जगहों पर भी पाए जाते हैं जहाँ आज उष्ण या शीतोष्ण जलवायु पायी जाती है। वर्तमान समय में भी उन्नीसवी सदी के मध्य से ही हिमानियों का निवर्तन जारी है और कुछ विद्वान इसे प्लेस्टोसीन काल के हिम युग के समापन की प्रक्रिया के तौर पर भी मानते हैं। हिमानियों का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि ये जलवायु के दीर्घकालिक परिवर्तनों जैसे वर्षण, मेघाच्छादन, तापमान इत्यादी के प्रतिरूपों, से प्रभावित होते हैं और इसीलिए इन्हें जलवायु परिवर्तन और समुद्र तल परिवर्तन का बेहतर सूचक माना जाता है। .

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ख़

ख़ की ध्वनि सुनिए ख़ देवनागरी लिपि का एक वर्ण है। हिंदी-उर्दू के कई शब्दों में इसका प्रयोग होता है, जैसे कि ख़रगोश, ख़ुश, ख़बर, ख़ैर और ख़ून। अन्तर्राष्ट्रीय ध्वन्यात्मक वर्णमाला में इसके उच्चारण को x के चिह्न से लिखा जाता है और उर्दू में इसे خ लिखा जाता है, जिस अक्षर का नाम ख़े है। .

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आमू दरिया

आमू दरिया अफ़ग़ानिस्तान की उत्तरी सीमा के साथ-साथ चलकर फिर उत्तर की तरफ़ अरल सागर में विलीन होती है आमू दरिया (संस्कृत: वक्शु नदी, फ़ारसी: आमू दरिया, अरबी: ‎ जिहोन) मध्य एशिया की एक बड़ी नदी है जो वख़्श और पंज नदियों के संगम से बनती है।, Food & Agriculture Org., 1999, ISBN 978-92-5-104309-7,...

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किर्गिज़स्तान

किर्ग़िज़स्तान, आधिकारिक तौर पर किर्ग़िज़ गणतंत्र, मध्य एशिया में स्थित एक देश है। चारों तरफ जमीन और पहाड़ियों से घिरे इस देश की सीमा उत्तर में कज़ाख़िस्तान, पश्चिम में उज़्बेकिस्तान, दक्षिण पश्चिम में ताजिकिस्तान और पूर्व में चीन से मिलती है। "किरगिज़", जिससे देश का नाम पड़ा है, शब्द की उत्पति मूलतः "चालीस लड़कियां" या फिर "चालीस जनजातियां" मानी जाती है। जो संभवतः महानायक मानस की ओर इंगित करती हैं, जिन्होंने किंवदंती के अनुसार, खितान के खिलाफ चालीस जनजातियों को एकजुट किया था। किर्ग़िज़स्तान के झंडे में सूर्य की चालीस किरणें मानस के इन्हीं चालीस जनजातियों का प्रतीक हैं। .

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उपनदी

बाल्टिक सागर में जाने वाली रेगा नदी (Rega) और उसमें विलय होने वाली उपनदियाँ उपनदी या सहायक नदी ऐसे झरने या नदी को बोलते हैं जो जाकर किसी मुख्य नदी में विलय हो जाती है। उपनदियाँ सीधी किसी सागर या झील में जाकर नहीं मिलतीं। कोई भी मुख्य नदी और उसकी उपनदियाँ एक जलसम्भर क्षेत्र बनती हैं जहाँ का पानी उपनदियों के ज़रिये मुख्य नदी में एकत्रित होकर फिर सागर में विलय हो जाता है। इसका एक उदाहरण यमुना नदी है, जो गंगा नदी की एक उपनदी है। प्रयाग में विलय के बाद यमुना का पानी गंगा में मिल जाता है और उस से आगे सिर्फ मुख्य गंगा नदी ही चलती है।, John Oberlin Harris,...

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