लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
इंस्टॉल करें
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

लोधी कालोनी

सूची लोधी कालोनी

लोधी कालोनी दक्षिण मध्य दिल्ली में स्थित है। यहाँ केन्द्र सरकार के आवासीय इमारतें है। यह नैइ दिल्ली के प्राचीनतम क्ष्वेत्रों में आती है। यह दिल्ली मेट्रो रेल की दक्षिण विस्तार वाली येलो लाइन शाखा का एक प्रस्तावित स्टेशन भी है। .

16 संबंधों: दिल्ली, दिल्ली मेट्रो रेल, भीष्म पितामह मार्ग, येलो लाइन (दिल्ली मेट्रो), लोधी एस्टेट, लोधी मार्ग, सफदरजंग टर्मिनल, नई दिल्ली, सफदरजंग विमानक्षेत्र, सफदरजंग का मकबरा, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, दिल्ली, जोर बाग, खान मार्किट, दिल्ली, आई एन ए कालोनी, करबला, कोटला मुबारकपुर, अरविन्द मार्ग

दिल्ली

दिल्ली (IPA), आधिकारिक तौर पर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (अंग्रेज़ी: National Capital Territory of Delhi) भारत का एक केंद्र-शासित प्रदेश और महानगर है। इसमें नई दिल्ली सम्मिलित है जो भारत की राजधानी है। दिल्ली राजधानी होने के नाते केंद्र सरकार की तीनों इकाइयों - कार्यपालिका, संसद और न्यायपालिका के मुख्यालय नई दिल्ली और दिल्ली में स्थापित हैं १४८३ वर्ग किलोमीटर में फैला दिल्ली जनसंख्या के तौर पर भारत का दूसरा सबसे बड़ा महानगर है। यहाँ की जनसंख्या लगभग १ करोड़ ७० लाख है। यहाँ बोली जाने वाली मुख्य भाषाएँ हैं: हिन्दी, पंजाबी, उर्दू और अंग्रेज़ी। भारत में दिल्ली का ऐतिहासिक महत्त्व है। इसके दक्षिण पश्चिम में अरावली पहाड़ियां और पूर्व में यमुना नदी है, जिसके किनारे यह बसा है। यह प्राचीन समय में गंगा के मैदान से होकर जाने वाले वाणिज्य पथों के रास्ते में पड़ने वाला मुख्य पड़ाव था। यमुना नदी के किनारे स्थित इस नगर का गौरवशाली पौराणिक इतिहास है। यह भारत का अति प्राचीन नगर है। इसके इतिहास का प्रारम्भ सिन्धु घाटी सभ्यता से जुड़ा हुआ है। हरियाणा के आसपास के क्षेत्रों में हुई खुदाई से इस बात के प्रमाण मिले हैं। महाभारत काल में इसका नाम इन्द्रप्रस्थ था। दिल्ली सल्तनत के उत्थान के साथ ही दिल्ली एक प्रमुख राजनैतिक, सांस्कृतिक एवं वाणिज्यिक शहर के रूप में उभरी। यहाँ कई प्राचीन एवं मध्यकालीन इमारतों तथा उनके अवशेषों को देखा जा सकता हैं। १६३९ में मुगल बादशाह शाहजहाँ ने दिल्ली में ही एक चारदीवारी से घिरे शहर का निर्माण करवाया जो १६७९ से १८५७ तक मुगल साम्राज्य की राजधानी रही। १८वीं एवं १९वीं शताब्दी में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने लगभग पूरे भारत को अपने कब्जे में ले लिया। इन लोगों ने कोलकाता को अपनी राजधानी बनाया। १९११ में अंग्रेजी सरकार ने फैसला किया कि राजधानी को वापस दिल्ली लाया जाए। इसके लिए पुरानी दिल्ली के दक्षिण में एक नए नगर नई दिल्ली का निर्माण प्रारम्भ हुआ। अंग्रेजों से १९४७ में स्वतंत्रता प्राप्त कर नई दिल्ली को भारत की राजधानी घोषित किया गया। स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् दिल्ली में विभिन्न क्षेत्रों से लोगों का प्रवासन हुआ, इससे दिल्ली के स्वरूप में आमूल परिवर्तन हुआ। विभिन्न प्रान्तो, धर्मों एवं जातियों के लोगों के दिल्ली में बसने के कारण दिल्ली का शहरीकरण तो हुआ ही साथ ही यहाँ एक मिश्रित संस्कृति ने भी जन्म लिया। आज दिल्ली भारत का एक प्रमुख राजनैतिक, सांस्कृतिक एवं वाणिज्यिक केन्द्र है। .

नई!!: लोधी कालोनी और दिल्ली · और देखें »

दिल्ली मेट्रो रेल

दिल्ली मेट्रो रेल भारत की राजधानी दिल्ली की मेट्रो रेल परिवहन व्यवस्था है जो दिल्ली मेट्रो रेल निगम लिमिटेड द्वारा संचालित है। इसका शुभारंभ २४ दिसंबर, २००२ को शहादरा तीस हजारी लाईन से हुई। इस परिवहन व्यवस्था की अधिकतम गति ८०किमी/घंटा (५०मील/घंटा) रखी गयी है और यह हर स्टेशन पर लगभग २० सेकेंड रुकती है। सभी ट्रेनों का निर्माण दक्षिण कोरिया की कंपनी रोटेम (ROTEM) द्वारा किया गया है। दिल्ली की परिवहन व्यवस्था में मेट्रो रेल एक महत्वपूर्ण कड़ी है। इससे पहले परिवहन का ज्यादतर बोझ सड़क पर था। प्रारंभिक अवस्था में इसकी योजना छह मार्गों पर चलने की थी जो दिल्ली के ज्यादातर हिस्से को जोड़ते थे। इस प्रारंभिक चरण को २००६ में पूरा किय़ा गया। बाद में इसका विस्तार राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से सटे शहरों गाजियाबाद, फरीदाबाद, गुड़गाँव और नोएडा तक किया गया। इस परिवहन व्यवस्था की सफलता से प्रभावित होकर भारत के दूसरे राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक ७ अप्रैल, २००६ बीबीसी, हिन्दी, आंध्र प्रदेश एवं महाराष्ट्र में भी इसे चलाने की योजनाएं बन रही हैं। दिल्ली मेट्रो रेल व्यव्स्था अपने शुरुआती दौर से ही ISO १४००१ प्रमाण-पत्र अर्जित करने में सफल रही है जो सुरक्षा और पर्यावरण की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है। सितंबर २०११ में संयुक्त राष्ट्र ने "स्वच्छ विकास तंत्र" योजना के तहत हरित गृह गैसों में कमी लाने के लिए दिल्ली मेट्रो को दुनिया का पहला "कार्बन क्रेडिट" दिया जिसके अंतर्गत उसे सात सालों के लिए 95 लाख डॉलर मिलेंगे। .

नई!!: लोधी कालोनी और दिल्ली मेट्रो रेल · और देखें »

भीष्म पितामह मार्ग

भीष्म पितामह मार्ग रिंग मार्ग को साउथ एक्स्टेंशन पर काटता हुआ दिल्ली का सड़क मार्ग है। रिंग मार्ग को काटते मार्ग.

नई!!: लोधी कालोनी और भीष्म पितामह मार्ग · और देखें »

येलो लाइन (दिल्ली मेट्रो)

right right दिल्ली की दिल्ली मैट्रो प्रणाली में 15 मैट्रो स्टेशन हैं, जो कि जहांगीरपुरी से केंद्रीय सचिवालय तक जाती है। इसके द्वारा तय की गई कुल दूरी है 17.36 कि.मी। यह लाइन पूर्णतया प्रचालन में है।.

नई!!: लोधी कालोनी और येलो लाइन (दिल्ली मेट्रो) · और देखें »

लोधी एस्टेट

दिल्ली का एक आवासीय क्षेत्र है। श्रेणी:दिल्ली के आवासीय क्षेत्र.

नई!!: लोधी कालोनी और लोधी एस्टेट · और देखें »

लोधी मार्ग

यह मार्ग दक्षिण-मध्य दिल्ली का एक प्रमुख मार्ग है। इस मार्ग पर दिल्ली के भूतपूर्व शासक खिलजी वँश के कई मकबरे हैं, जिन्हेँ बागोँ की शकल दे दी गई है, व अब लोधी बाग या लोधी गार्डन के नाम से प्रसिद्ध हैं। इन्हीँ के कारण इस मार्ग का यह नाम पङा। यह मार्ग सफदरजंग का मकबरा से लेकर निजामुद्दीन की दरगाह तक जाता है। .

नई!!: लोधी कालोनी और लोधी मार्ग · और देखें »

सफदरजंग टर्मिनल, नई दिल्ली

यह दिल्ली परिवहन निगम (डी.टी.सी.) द्वारा संचालित, व अनुबन्धित लोक परिवहन बसों उद्गम स्थान, अंतिम स्थान, व बारास्ता स्थान है, जिसे आम भाषा में बस स्टॉप य बस स्टैण्ड कहते हैं। इसकी निकटता सफदरजंग का मकबरा से होने के कारण इसका यह नामकरण हुआ। यह स्थान आई.एन.ए.कालोनी के एकदम पास है। .

नई!!: लोधी कालोनी और सफदरजंग टर्मिनल, नई दिल्ली · और देखें »

सफदरजंग विमानक्षेत्र

सफ़दरजंग विमानक्षेत्र (जिसे सफ़दरजंग वायुसेना स्टेशन भी कहा जाता है) भारत की राजधानी नई दिल्ली के दक्षिणी भाग में इसी नाम से बसे क्षेत्र में बना एक विमानक्षेत्र या हवाई अड्डा है। ब्रिटिश राज के समय स्थापित यह हवाई अड्डा तब विलिंग्डन एयरफ़ील्ड के नाम से आरंभ हुआ था। १९२९ में यहां प्रचालन प्रारंभ हुआ जब यह दिल्ली का पहला एवं भारत का दूसरा हवाई अड्डा बना। साउथ एटलांटिक एयर फ़ेरी मार्ग में आने के कारण इसका भरपूर उपयोग द्वितीय विश्व युद्ध में, तथा कालांतर में भारत पाक युद्ध १९७४ में हुआ। कभी लूट्यन्स देल्ही के दक्षिणी छोर पर बसा यह हवाई अड्डा अब पूरे नयी दिल्ली शहर के लगभग बीच में आ गया है। १९६२ तक यह शहर का प्रमुख हवाई अड्डा बना रहा और दशक के अंत तक पूरा प्रचालन नये हवाई अड्डे पालम विमानक्षेत्र को स्थानांतरित हुआ। इसका प्रमुख कारण था इस विमानक्षेत्र का जेट विमान जैसे बड़े वायुयानों को उतार पाने में असमर्थता। १९२८ में यहीं दिल्ली फ़्लाइंग क्लब की स्थापना हुई। तब यहां देल्ही एवं रोशनारा नामक २ दे हैविलैण्ड मोठ यान हुआ करते थे। हवाई अड्डे पर प्रचालन २००१ तक चला, किन्तु जनवरी २००२ से सरकार ने ९/११ की घटना को देखते हुए उरक्षा की दृष्टि से इस हवाई अड्डे पर प्रचालन को पूर्ण विराम दिया। तब से यह क्लब यहां केवल वायुयान अनुरक्षण एवं मरम्मत पाठ्यक्रम चलाता है। आजकल इसका प्रयोग मात्र राष्ट्रपति एवं प्रधान मंत्री सहित अन्य वीवीआईपी हेलिकॉप्टर्स की पालम हवाई अड्डे तक की यात्राओं के लिये प्रयोग किया जाता है। १९० एकड़ के इस हवाई अड्डे के परिसर में, राजीव गाँधी भवन परिसर बना है, जहां भारतीय नागर विमानन मंत्रालय तथा भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण का निगमित मुख्यालय स्थापित है। .

नई!!: लोधी कालोनी और सफदरजंग विमानक्षेत्र · और देखें »

सफदरजंग का मकबरा

सफदरजंग का मकबरा दिल्ली की प्रसिद्ध एतिहासिक इमारतों में से एक है। यह मकबरा दक्षिण दिल्ली में श्री औरोबिंदो मार्ग पर लोधी मार्ग के पश्चिमी छोर के ठीक सामने स्थित है। सफदरजंग सफदरजंग का मकबरा अंतिम मुगल बादशाह मुहम्मद शाह (1719-1748) के शक्तिशाली व कुशल प्रधान मंत्री सफदरजंग की स्मृति में नवाब शुजादुल्लाह ने 1754 ई.में बनवाया था। यहां सफदरजंग और उनकी बेगम की कब्र बनी हुई है। इसे आज भी मुगल वास्तु कला का उत्कृष्ट नमूना माना जाता है। केन्द्रीय इमारत में एक बड़ा गुम्बद है जो सफ़ेद संगमरमर पत्थर से निर्मित है। शेष इमारत लाल बलुआ पत्थर से बनी है। इसका स्थापत्य हुमायूँ मकबरे के ढांचे पर ही आधारित है। मोती महल, जंगली महल और बादशाह पसंद नाम से पैवेलियन भी बने हुए हैं। चारों ओर पानी की चार झीलें हैं, जो चार इमारतों तक जाती हैं। पूर्व दिशा में मुख्य द्वार है, जो श्री औरोबिन्दो मार्ग पर स्थित है। अन्य इमारतों में लोगों के लिए रिहायशी सुविधाएं हैं। मुख्य इमारत में जुड़े हुए ही चार अष्टकोणीय मीनारें भी हैं। .

नई!!: लोधी कालोनी और सफदरजंग का मकबरा · और देखें »

जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, दिल्ली

जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, भारत की राजधानी नयी दिल्ली में स्थित एक बहुउद्देशीय स्टेडियम है, जहां बड़े स्तर पर खेल स्पर्धायें और संगीत कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के नाम पर स्थापित इस स्टेडियम का निर्माण सन १९८२ में नवम एशियाई खेलों के आयोजन के लिए करवाया गया था, साथ ही यह स्टेडियम ३ अक्टूबर से १४ अक्टूबर २०१०, तक होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी भी करेगा। इस स्टेडियम में भारतीय ओलंपिक संघ का मुख्यालय भी स्थित है। इस स्टेडियम में किसी खेल स्पर्धा के समय ६०,००० दर्शक बैठ सकते हैं, जबकि किसी संगीत कार्यक्रम के आयोजन के समय यह क्षमता बढकर १००,००० हो जाती है। .

नई!!: लोधी कालोनी और जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, दिल्ली · और देखें »

जोर बाग

यह नई दिल्ली स्थित लोधी कालोनी व लोधी मार्ग के पास स्थित एक प्राचीन नामित, निजी आवासीय कालोनी है। श्रेणी:दिल्ली के आवासीय क्षेत्र.

नई!!: लोधी कालोनी और जोर बाग · और देखें »

खान मार्किट, दिल्ली

यह दिल्ली का एक बाजार है। यह सबसे मँहगे बाजारों में आता है। यह दिल्ली मेट्रो रेल की दक्षिण विस्तार वाली येलो लाइन शाखा का एक प्रस्तावित स्टेशन भी है। .

नई!!: लोधी कालोनी और खान मार्किट, दिल्ली · और देखें »

आई एन ए कालोनी

यह दिल्ली की आवासीय कालोनी है।आई एन ए कालोनी दिल्ली शहर का एक क्षेत्र है। यह दिल्ली मेट्रो रेल की दक्षिण विस्तार वाली येलो लाइन शाखा का एक स्टेशन भी है। कालोनी, आई एन ए कालोनी, आई एन ए कालोनी, आई एन ए कालोनी, आई एन ए कालोनी, आई एन ए.

नई!!: लोधी कालोनी और आई एन ए कालोनी · और देखें »

करबला

करबला ईराक का एक प्रमुख शहर है। यहा पर इमाम हज़रत हुसैन ने अपने नाना हजरत मुहम्मद स्० के सिधान्तो की रक्षा के लिए बहुत बड़ा बलिदान दिया था। इस स्थान पर आपको और आपके लगभग पूरे परिवार और अनुयायियों को यजिद नामक व्यक्ति के आदेश पर सन् 680 (हिजरी 61) में शहीद किया गया था जो उस समय शासन करता था और इस्लाम धर्म में अपने अनुसार बुराईयाँ जेसे शराबखोरि, अय्याशी, वगरह लाना चाह्ता था।। यह क्षेत्र सीरियाई मरुस्थल के कोने में स्थित है। करबला शिया स्मुदाय में मक्का के बाद दूसरी सबसे प्रमुख जगह है। कई मुसलमान अपने मक्का की यात्रा के बाद करबला भी जाते हैं। इस स्थान पर इमाम हुसैन का मक़बरा भी है जहाँ सुनहले रंग की गुम्बद बहुत आकर्षक है। इसे 1801 में सऊदी के राजा के पूरवजो ने नष्ट भी किया था पर फ़ारस (ईरान) के लोगों द्वारा यह फ़िर से बनाया गया। इमाम हुसैन (हुसैन बिन अली) के इस बलिदान को मुस्लिम मुहर्रम के रूप में आज भी याद करते हैं। .

नई!!: लोधी कालोनी और करबला · और देखें »

कोटला मुबारकपुर

यह मध्य दक्षिण दिल्ली का एक लाल डोरा क्षेत्र है। यहाँ सस्ता बाजार है, व साथ ही कई थोक वस्तुओं का बाजार भी है। .

नई!!: लोधी कालोनी और कोटला मुबारकपुर · और देखें »

अरविन्द मार्ग

अरविन्द मार्ग नई दिल्ली का एक मुख्य मार्ग है जो दक्षिणी दिल्ली में पड़ता है। यह मार्ग सफदरजंग के मकबरे से आरम्भ होकर कुतुब मीनार तक जाता है। यह मार्ग श्री अरविन्द घोष के नाम पर रखा गया है। अरविन्द के नाम से ही दिल्ली में श्री अरविन्द आश्रम भी है जो इसी मार्ग पर स्थित है। .

नई!!: लोधी कालोनी और अरविन्द मार्ग · और देखें »

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »