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लेशान के विशाल बुद्ध

सूची लेशान के विशाल बुद्ध

लेशान के विशाल बुद्ध (सरलीकृत चीनी: 乐山 大佛, पारंपरिक चीनी: 乐山 大佛) तांग वंश (618-907) के शासन के दौरान बनाई गयी गौतम बुद्ध की ऊँची विशाल प्रतिमा है। इस प्रतिमा को लाल बलुआ पत्थर की चट्टान एमी पर्वत को तराश कर बनाया गया है। यह चीन के दक्षिण में स्थित सिचुआन प्रांत के शहर लेशान में मिनजियांग, दादु और किंग्यी नदी के संगम पर स्थित है। यह दुनिया में सबसे ऊँची पत्थर की प्रतिमा है और इसके निर्माण के समय तो यह दुनिया में बुद्ध की सबसे ऊँची मूर्ति थी। लेशान की विशाल बुद्ध प्रतिमा सन 1996 के बाद से यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में सूचीबद्ध है। सन 2008 में सिचुआन में आये भूकंप से यह क्षतिग्रस्त नहीं हुई है। .

10 संबंधों: चीन, एशिया एवं ऑस्ट्रेलेशिया में विश्व धरोहर स्थलों की सूची, थाईलैंड के महान बुद्ध, बलुआ पत्थर, युनेस्को, लाल, स्प्रिंग टैम्पल बुद्ध, हैदराबाद की बुद्ध प्रतिमा, विश्व धरोहर, गौतम बुद्ध

चीन

---- right चीन विश्व की प्राचीन सभ्यताओं में से एक है जो एशियाई महाद्वीप के पू‍र्व में स्थित है। चीन की सभ्यता एवं संस्कृति छठी शताब्दी से भी पुरानी है। चीन की लिखित भाषा प्रणाली विश्व की सबसे पुरानी है जो आज तक उपयोग में लायी जा रही है और जो कई आविष्कारों का स्रोत भी है। ब्रिटिश विद्वान और जीव-रसायन शास्त्री जोसफ नीधम ने प्राचीन चीन के चार महान अविष्कार बताये जो हैं:- कागज़, कम्पास, बारूद और मुद्रण। ऐतिहासिक रूप से चीनी संस्कृति का प्रभाव पूर्वी और दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों पर रहा है और चीनी धर्म, रिवाज़ और लेखन प्रणाली को इन देशों में अलग-अलग स्तर तक अपनाया गया है। चीन में प्रथम मानवीय उपस्थिति के प्रमाण झोऊ कोऊ दियन गुफा के समीप मिलते हैं और जो होमो इरेक्टस के प्रथम नमूने भी है जिसे हम 'पेकिंग मानव' के नाम से जानते हैं। अनुमान है कि ये इस क्षेत्र में ३,००,००० से ५,००,००० वर्ष पूर्व यहाँ रहते थे और कुछ शोधों से ये महत्वपूर्ण जानकारी भी मिली है कि पेकिंग मानव आग जलाने की और उसे नियंत्रित करने की कला जानते थे। चीन के गृह युद्ध के कारण इसके दो भाग हो गये - (१) जनवादी गणराज्य चीन जो मुख्य चीनी भूभाग पर स्थापित समाजवादी सरकार द्वारा शासित क्षेत्रों को कहते हैं। इसके अन्तर्गत चीन का बहुतायत भाग आता है। (२) चीनी गणराज्य - जो मुख्य भूमि से हटकर ताईवान सहित कुछ अन्य द्वीपों से बना देश है। इसका मुख्यालय ताइवान है। चीन की आबादी दुनिया में सर्वाधिक है। प्राचीन चीन मानव सभ्यता के सबसे पुरानी शरणस्थलियों में से एक है। वैज्ञानिक कार्बन डेटिंग के अनुसार यहाँ पर मानव २२ लाख से २५ लाख वर्ष पहले आये थे। .

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एशिया एवं ऑस्ट्रेलेशिया में विश्व धरोहर स्थलों की सूची

ये एशिया एवं ओशिआनिया में विश्व धरोहर स्थलों की सूची है: .

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थाईलैंड के महान बुद्ध

थाईलैंड के महान बुद्ध या थाईलैंड के विशाल बुद्ध थाईलैंड में सबसे ऊंची एवं दुनिया में नौवी सबसे ऊंची प्रतिमा है। यह प्रतिमा महामींह शाक्यमूनि विसेजचाईचन्र के नाम से भी जानी जाती है। यह बुद्ध प्रतिमा थाईलैंड के आंग थोंग प्रान्त में वाट मंग बौद्ध विहार में स्थित है, यह मूर्ति 92 मीटर (300 फुट) ऊंची और 63 मीटर (210 फुट) चौड़ी है। इस प्रतिमा का निर्माण 1990 में शुरू किया गया था और 2008 में वह पूरा हो गया है। इस प्रतिमा पर सोने के पेंट का आवरण है और यह कंक्रीट से बनी है। .

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बलुआ पत्थर

बलुआ पत्थर का शैल बालुकाश्म या बलुआ पत्थर (सैण्डस्टोन) ऐसी दृढ़ शिला है जो मुख्यतया बालू के कणों का दबाव पाकर जम जाने से बनती है और किसी योजक पदार्थ से जुड़ी होती है। बालू के समान इसकी रचना में भी अनेक पदार्थ विभिन्न मात्रा में हो सकते हैं, किंतु इसमें अधिकांश स्फटिक ही होता है। जिस शिला में बालू के बहुत बड़े बड़े दाने मिलते हैं, उसे मिश्रपिंडाश्म और जिसमें छोटे छोटे दाने होते हैं उसे बालुमय शैल या मृण्मय शैल कहते हैं। .

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युनेस्को

यूनेस्को (UNESCO) 'संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (United Nations Educational Scientific and Cultural Organization)' का लघुरूप है। संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) संयुक्त राष्ट्र का एक घटक निकाय है। इसका कार्य शिक्षा, प्रकृति तथा समाज विज्ञान, संस्कृति तथा संचार के माध्यम से अंतराष्ट्रीय शांति को बढ़ावा देना है। संयुक्त राष्ट्र की इस विशेष संस्था का गठन १६ नवम्बर १९४५ को हुआ था। इसका उद्देश्य शिक्षा एवं संस्कृति के अंतरराष्ट्रीय सहयोग से शांति एवं सुरक्षा की स्थापना करना है, ताकि संयुक्त राष्ट्र के चार्टर में वर्णित न्याय, कानून का राज, मानवाधिकार एवं मौलिक स्वतंत्रता हेतु वैश्विक सहमति बन पाए। इसका मुख्यालय पैरिस, फ्रांस में स्थित है। .

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लाल

लाल वर्ण को रक्त वर्ण भी कहा जाता है, कारण इसका रक्त के रंग का होना। लाल वर्ण प्रकाश की सर्वाधिक लम्बी तरंग दैर्घ्य वाली रोशनी या प्रकाश किरण को कहते हैं, जो कि मानवीय आँख द्वारा दृश्य हो। इसका तरंग दैर्घ्य लगभग625–740 nm तक होता है। इससे लम्बी तरंग को अधोरक्त कहते हैं, जो कि मानवीय चक्षु द्वारा दृश्य नहीं है। लाल रंग प्रकाश का संयोजी प्राथमिक रंग है, जो कि क्याना रंग का सम्पूरक है। लाल रंग सब्ट्रेक्टिव प्राथमिक रंग भी है RYB वर्ण व्योम में, परंतु CMYK वर्ण व्योम में नहीं। मानवीय रंग मनोविज्ञान में, लाल रंग जुडा़ है ऊष्मा, ऊर्जा एवं रक्त से, साथ ही वे भावनाएं जो कि रक्त से जुडी़ हैं। जैसे कि क्रोध, आवेश, प्रेम। .

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स्प्रिंग टैम्पल बुद्ध

स्प्रिंग टैम्पल बुद्ध (तथा), वैरोचन बुद्ध की एक सबसे विशालकाय बुद्ध प्रतिमा है, जो कि हेनान के जाओकुन कस्बे (लुशान काउन्टी) में, चीन में स्थित है। यह फ़ोदुशान सीनिक एरिया में, नेश्नल फ़्रीवे नम्बर ३११ में स्थित है। यह बुद्ध मूर्ती १२८ मीटर (४२० फुट) ऊँची है जिसमें कि २० मीटर (६६ फुट) ऊँचा कमल-सिंहासन भी शामिल है, तथा यह संसार की सबसे ऊँची प्रतिमा है। यदि इसके २५ मीटर (८२ फुट) ऊँचे आधार/भवन को भी गिन लिया जाये तो इसकी कुल ऊँचाई १५३ मीटर (५५२ फुट) हो जाती है। अक्टूबर २००८ की स्थिति के अनुसार इसके आधार को नई शक्ल दी जा चूँकी है और अब इसकी ऊँचाई २०८ मीटर (६८२ फुट) हो गई है। इस प्रतिमा के नीचे बौद्ध मठ - विहार है। स्प्रिंग टैम्पल बुद्ध के निर्माण की योजना की घोषणा अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान द्वारा बामियान के बुद्ध प्रतिमाओं के ध्वंस के तुरंत बाद की गयी थी। चीन ने अफ़ग़ानिस्तान में बौद्ध धरोहर के योजनाबद्ध विनाश की भर्त्सना की थी। .

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हैदराबाद की बुद्ध प्रतिमा

यह एक बुद्ध प्रतिमा है जो भारत के आन्ध्र प्रदेश राज्य की राजधानी हैदराबाद में स्थित एकाश्म मूर्ति है। गौतम बुद्ध यह प्रतिमा विश्व में सबसे ऊंची एकाश्म प्रतिमा है। .

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विश्व धरोहर

यूनेस्को की विश्व विरासत समिति का लोगो युनेस्को विश्व विरासत स्थल ऐसे खास स्थानों (जैसे वन क्षेत्र, पर्वत, झील, मरुस्थल, स्मारक, भवन, या शहर इत्यादि) को कहा जाता है, जो विश्व विरासत स्थल समिति द्वारा चयनित होते हैं; और यही समिति इन स्थलों की देखरेख युनेस्को के तत्वाधान में करती है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य विश्व के ऐसे स्थलों को चयनित एवं संरक्षित करना होता है जो विश्व संस्कृति की दृष्टि से मानवता के लिए महत्वपूर्ण हैं। कुछ खास परिस्थितियों में ऐसे स्थलों को इस समिति द्वारा आर्थिक सहायता भी दी जाती है। अब तक (2006 तक) पूरी दुनिया में लगभग 830 स्थलों को विश्व विरासत स्थल घोषित किया जा चुका है जिसमें 644 सांस्कृतिक, 24 मिले-जुले और 138 अन्य स्थल हैं। प्रत्येक विरासत स्थल उस देश विशेष की संपत्ति होती है, जिस देश में वह स्थल स्थित हो; परंतु अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का हित भी इसी में होता है कि वे आनेवाली पीढियों के लिए और मानवता के हित के लिए इनका संरक्षण करें। बल्कि पूरे विश्व समुदाय को इसके संरक्षण की जिम्मेवारी होती है। .

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गौतम बुद्ध

गौतम बुद्ध (जन्म 563 ईसा पूर्व – निर्वाण 483 ईसा पूर्व) एक श्रमण थे जिनकी शिक्षाओं पर बौद्ध धर्म का प्रचलन हुआ। उनका जन्म लुंबिनी में 563 ईसा पूर्व इक्ष्वाकु वंशीय क्षत्रिय शाक्य कुल के राजा शुद्धोधन के घर में हुआ था। उनकी माँ का नाम महामाया था जो कोलीय वंश से थी जिनका इनके जन्म के सात दिन बाद निधन हुआ, उनका पालन महारानी की छोटी सगी बहन महाप्रजापती गौतमी ने किया। सिद्धार्थ विवाहोपरांत एक मात्र प्रथम नवजात शिशु राहुल और पत्नी यशोधरा को त्यागकर संसार को जरा, मरण, दुखों से मुक्ति दिलाने के मार्ग की तलाश एवं सत्य दिव्य ज्ञान खोज में रात में राजपाठ छोड़कर जंगल चले गए। वर्षों की कठोर साधना के पश्चात बोध गया (बिहार) में बोधि वृक्ष के नीचे उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई और वे सिद्धार्थ गौतम से बुद्ध बन गए। .

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