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लुआनदी

सूची लुआनदी

२०० ईसापूर्व में शियोंगनु साम्राज्य लुआनदी (अंग्रेज़ी: Luandi) या लुआनती (चीनी भाषा: 攣鞮) या शूलिआनदी (虛連題, Xuliandi) तीसरी सदी ईसापूर्व से चौथी सदी ईसवी तक आधुनिक मध्य एशिया और चीन के क्षेत्र में शासन करने वाली प्राचीन शियोंगनु लोगों का एक राजवंश था। इनका ज़िक्र महान इतिहासकार के अभिलेख, हान ग्रन्थ और अन्य प्राचीन चीनी इतिहास-ग्रन्थों में मिलता है। इस परिवार के लोग शियोंगनु समाज और प्रशासन में सर्वोच्च ओहदों पर पाए जाते थे और चानयू की उपाधियाँ भी रखते थे। लुआनदी परिवार का सबसे प्राचीन ज्ञात चानयू तूमन था।, International Arts and Sciences Press, International Arts and Sciences Press, 1991,...

9 संबंधों: चानयू, चीन, चीनी भाषा, तूमन चानयू, मध्य एशिया, महान इतिहासकार के अभिलेख, शियोंगनु लोग, हान ग्रंथ, अंग्रेज़ी भाषा

चानयू

चानयू (अंग्रेज़ी: Chanyu, चीनी भाषा: 單于, शियोंगनु भाषा: त्सनक) मध्य एशिया और चीन में शासन करने वाली बहुत-सी ख़ानाबदोश जातियों के साम्राज्यों के सर्वोच्च शासक की उपाधि हुआ करती थी। इस उपाधि का इस्तेमाल चीन के झोऊ राजवंश काल (१०४५ से २५६ ईसापूर्व) से आरम्भ होकर लगभग ८०० साल तक चला। चिन राजवंश और हान राजवंश के समकालीन शियोंगनु लोगों के लुआनदी राजपरिवार ने इसका बहुत प्रयोग किया और उस जाति में इसका प्रयोग करने वाला सर्वप्रथम शासक तूमन था। चानयू का प्रयोग समय के साथ-साथ कम अर्थ रखने लगा और छोटे-मोटे सरदार भी इसका प्रयोग करने लगे।, Sanping Chen, University of Pennsylvania Press, 2012, ISBN 978-0-8122-4370-3,...

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चीन

---- right चीन विश्व की प्राचीन सभ्यताओं में से एक है जो एशियाई महाद्वीप के पू‍र्व में स्थित है। चीन की सभ्यता एवं संस्कृति छठी शताब्दी से भी पुरानी है। चीन की लिखित भाषा प्रणाली विश्व की सबसे पुरानी है जो आज तक उपयोग में लायी जा रही है और जो कई आविष्कारों का स्रोत भी है। ब्रिटिश विद्वान और जीव-रसायन शास्त्री जोसफ नीधम ने प्राचीन चीन के चार महान अविष्कार बताये जो हैं:- कागज़, कम्पास, बारूद और मुद्रण। ऐतिहासिक रूप से चीनी संस्कृति का प्रभाव पूर्वी और दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों पर रहा है और चीनी धर्म, रिवाज़ और लेखन प्रणाली को इन देशों में अलग-अलग स्तर तक अपनाया गया है। चीन में प्रथम मानवीय उपस्थिति के प्रमाण झोऊ कोऊ दियन गुफा के समीप मिलते हैं और जो होमो इरेक्टस के प्रथम नमूने भी है जिसे हम 'पेकिंग मानव' के नाम से जानते हैं। अनुमान है कि ये इस क्षेत्र में ३,००,००० से ५,००,००० वर्ष पूर्व यहाँ रहते थे और कुछ शोधों से ये महत्वपूर्ण जानकारी भी मिली है कि पेकिंग मानव आग जलाने की और उसे नियंत्रित करने की कला जानते थे। चीन के गृह युद्ध के कारण इसके दो भाग हो गये - (१) जनवादी गणराज्य चीन जो मुख्य चीनी भूभाग पर स्थापित समाजवादी सरकार द्वारा शासित क्षेत्रों को कहते हैं। इसके अन्तर्गत चीन का बहुतायत भाग आता है। (२) चीनी गणराज्य - जो मुख्य भूमि से हटकर ताईवान सहित कुछ अन्य द्वीपों से बना देश है। इसका मुख्यालय ताइवान है। चीन की आबादी दुनिया में सर्वाधिक है। प्राचीन चीन मानव सभ्यता के सबसे पुरानी शरणस्थलियों में से एक है। वैज्ञानिक कार्बन डेटिंग के अनुसार यहाँ पर मानव २२ लाख से २५ लाख वर्ष पहले आये थे। .

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चीनी भाषा

चीनी भाषा (अंग्रेजी: Chinese; 汉语/漢語, पिनयिन: Hànyǔ; 华语/華語, Huáyǔ; या 中文 हुआ-यू, Zhōngwén श़ोंग-वॅन) चीन देश की मुख्य भाषा और राजभाषा है। यह संसार में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। यह चीन एवं पूर्वी एशिया के कुछ देशों में बोली जाती है। चीनी भाषा चीनी-तिब्बती भाषा-परिवार में आती है और वास्तव में कई भाषाओं और बोलियों का समूह है। मानकीकृत चीनी असल में एक 'मन्दारिन' नामक भाषा है। इसमें एकाक्षरी शब्द या शब्द भाग ही होते हैं और ये चीनी भावचित्र में लिखी जाती है (परम्परागत चीनी लिपि या सरलीकृत चीनी लिपि में)। चीनी एक सुरभेदी भाषा है। .

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तूमन चानयू

२०० ईसापूर्व में शियोंगनु साम्राज्य तूमन (चीनी: 頭曼, मंगोल: Түмэн, अंग्रेज़ी: Touman) मध्य एशिया और चीन पर प्राचीनकाल में अधिकार रखने वाले शियोंगनु लोगों का सबसे पहला चानयू (सम्राट) था। उसका शासनकाल २२० ईसापूर्व से २०९ ईसापूर्व अनुमानित किया गया है। इतिहासकारों का मानना है कि तूमन का नाम शब्द मंगोल भाषा के 'तुमेन' शब्द से लिया गया है, जिसका मतलब 'दस हज़ार' होता है। .

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मध्य एशिया

मध्य एशिया एशिया के महाद्वीप का मध्य भाग है। यह पूर्व में चीन से पश्चिम में कैस्पियन सागर तक और उत्तर में रूस से दक्षिण में अफ़ग़ानिस्तान तक विस्तृत है। भूवैज्ञानिकों द्वारा मध्य एशिया की हर परिभाषा में भूतपूर्व सोवियत संघ के पाँच देश हमेशा गिने जाते हैं - काज़ाख़स्तान, किरगिज़स्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज़बेकिस्तान। इसके अलावा मंगोलिया, अफ़ग़ानिस्तान, उत्तरी पाकिस्तान, भारत के लद्दाख़ प्रदेश, चीन के शिनजियांग और तिब्बत क्षेत्रों और रूस के साइबेरिया क्षेत्र के दक्षिणी भाग को भी अक्सर मध्य एशिया का हिस्सा समझा जाता है। इतिहास में मध्य एशिया रेशम मार्ग के व्यापारिक और सांस्कृतिक महत्व के लिए जाना जाता है। चीन, भारतीय उपमहाद्वीप, ईरान, मध्य पूर्व और यूरोप के बीच लोग, माल, सेनाएँ और विचार मध्य एशिया से गुज़रकर ही आते-जाते थे। इस इलाक़े का बड़ा भाग एक स्तेपी वाला घास से ढका मैदान है हालाँकि तियान शान जैसी पर्वत शृंखलाएँ, काराकुम जैसे रेगिस्तान और अरल सागर जैसी बड़ी झीलें भी इस भूभाग में आती हैं। ऐतिहासिक रूप मध्य एशिया में ख़ानाबदोश जातियों का ज़ोर रहा है। पहले इसपर पूर्वी ईरानी भाषाएँ बोलने वाली स्किथी, बैक्ट्रियाई और सोग़दाई लोगों का बोलबाला था लेकिन समय के साथ-साथ काज़ाख़, उज़बेक, किरगिज़ और उईग़ुर जैसी तुर्की जातियाँ अधिक शक्तिशाली बन गई।Encyclopædia Iranica, "CENTRAL ASIA: The Islamic period up to the Mongols", C. Edmund Bosworth: "In early Islamic times Persians tended to identify all the lands to the northeast of Khorasan and lying beyond the Oxus with the region of Turan, which in the Shahnama of Ferdowsi is regarded as the land allotted to Fereydun's son Tur.

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महान इतिहासकार के अभिलेख

शिजी पांडुलिपि का पहला पन्ना सीमा चिआन नामक इतिहासकार ने इन अभिलेखों का निर्माण किया महान इतिहासकार के अभिलेख (चीनी: 史記, शीजि, 'ऐतिहासिक अभिलेख'; अंग्रेज़ी: Records of the Grand Historian) प्रसिद्ध चीनी इतिहासकार सीमा चिआन द्वारा लिखित एक ग्रन्थ है जिसमें उसने पीले सम्राट से लेकर अपने युग तक के चीनी इतिहास का बखान किया है। पीले सम्राट के काल को चीनी मिथ्य-कथाएँ लगभग २६०० ईसापूर्व के काल का समझती हैं, यानि क़रीब २५०० वर्षों की तारीख़ इस ग्रन्थ में उल्लेखित है। यह चीन का पहला संगठित इतिहास-ग्रन्थ था और आने वाले युगों के चीनी इतिहासकारों के लिए यह बहुत प्रभावशाली रहा।, Ch'ien Ssu-Ma, Qian Sima, Columbia University Press, 1996, ISBN 978-0-231-08169-6,...

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शियोंगनु लोग

२५० ईसापूर्व में शियोंगनु क्षेत्र शियोंगनु (चीनी: 匈奴, अंग्रेज़ी: Xiongnu) एक प्राचीन ख़ानाबदोश क़बीलों की जाती थी जो चीन के हान राजवंश के काल में हान साम्राज्य से उत्तर में रहती थी। इतिहास में उनका वर्णन सीमित है, इसलिए यह ठीक से ज्ञात नहीं है कि उनकी नस्ल क्या थी। अलग-अलग इतिहासकार उन्हें तुर्की, मंगोली, ईरानी, तुन्गुसी और तुषारी जातियों का बताते हैं। उनके नामों और रीति-रिवाजों के बारे में जितना पता है वह प्राचीन चीनी सूत्रों से आता है। शियोंगनु भाषा हमेशा के लिए खोई जा चुकी है। यह संभव है कि 'शियोंगनु' शब्द 'हूण' के लिए एक सजातीय शब्द हो लेकिन इसका भी कोई पक्का प्रमाण नहीं है।, Valerie Hansen, Kenneth Curtis, Kenneth R. Curtis, Cengage Learning, 2008, ISBN 978-0-618-07723-6,...

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हान ग्रंथ

मिंग राजवंश के दौरान छपी 'हान की किताब' की एक प्रति हान ग्रंथ, हान की किताब, हान शू या पूर्वकालीन हान राजवंश का इतिहास (चीनी: 前漢書, चिआन हानशू; अंग्रेज़ी: Book of Han) २०६ ईसापूर्व से २५ ईसवी तक पश्चिमी हान राजवंश के दौर के चीनी इतिहास के बारे में एक इतिहास-ग्रन्थ है। इसे बान बियाओ (班彪, Ban Biao), बान गू (班固, Ban Gu) और बान झाओ (班昭, Ban Zhao) नामक इतिहासकारों ने लिखा और यह सन् १११ ईसवी में पूरा हुआ।, Barbara Bennett Peterson, M.E. Sharpe, 2000, ISBN 978-0-7656-0504-7,...

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अंग्रेज़ी भाषा

अंग्रेज़ी भाषा (अंग्रेज़ी: English हिन्दी उच्चारण: इंग्लिश) हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार में आती है और इस दृष्टि से हिंदी, उर्दू, फ़ारसी आदि के साथ इसका दूर का संबंध बनता है। ये इस परिवार की जर्मनिक शाखा में रखी जाती है। इसे दुनिया की सर्वप्रथम अन्तरराष्ट्रीय भाषा माना जाता है। ये दुनिया के कई देशों की मुख्य राजभाषा है और आज के दौर में कई देशों में (मुख्यतः भूतपूर्व ब्रिटिश उपनिवेशों में) विज्ञान, कम्प्यूटर, साहित्य, राजनीति और उच्च शिक्षा की भी मुख्य भाषा है। अंग्रेज़ी भाषा रोमन लिपि में लिखी जाती है। यह एक पश्चिम जर्मेनिक भाषा है जिसकी उत्पत्ति एंग्लो-सेक्सन इंग्लैंड में हुई थी। संयुक्त राज्य अमेरिका के 19 वीं शताब्दी के पूर्वार्ध और ब्रिटिश साम्राज्य के 18 वीं, 19 वीं और 20 वीं शताब्दी के सैन्य, वैज्ञानिक, राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक प्रभाव के परिणाम स्वरूप यह दुनिया के कई भागों में सामान्य (बोलचाल की) भाषा बन गई है। कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों और राष्ट्रमंडल देशों में बड़े पैमाने पर इसका इस्तेमाल एक द्वितीय भाषा और अधिकारिक भाषा के रूप में होता है। ऐतिहासिक दृष्टि से, अंग्रेजी भाषा की उत्पत्ति ५वीं शताब्दी की शुरुआत से इंग्लैंड में बसने वाले एंग्लो-सेक्सन लोगों द्वारा लायी गयी अनेक बोलियों, जिन्हें अब पुरानी अंग्रेजी कहा जाता है, से हुई है। वाइकिंग हमलावरों की प्राचीन नोर्स भाषा का अंग्रेजी भाषा पर गहरा प्रभाव पड़ा है। नॉर्मन विजय के बाद पुरानी अंग्रेजी का विकास मध्य अंग्रेजी के रूप में हुआ, इसके लिए नॉर्मन शब्दावली और वर्तनी के नियमों का भारी मात्र में उपयोग हुआ। वहां से आधुनिक अंग्रेजी का विकास हुआ और अभी भी इसमें अनेक भाषाओँ से विदेशी शब्दों को अपनाने और साथ ही साथ नए शब्दों को गढ़ने की प्रक्रिया निरंतर जारी है। एक बड़ी मात्र में अंग्रेजी के शब्दों, खासकर तकनीकी शब्दों, का गठन प्राचीन ग्रीक और लैटिन की जड़ों पर आधारित है। .

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