3 संबंधों: सातत्य, आंशिक अवकलज, कलन।
सातत्य
'सातत्य' शब्द का प्रयोग निम्नलिखित अर्थों में हो सकता है-.
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आंशिक अवकलज
गणित में, कई चरों के किसी फलन का आंशिक अवकलज उस फलन में आये हुए अन्य चरों को अपरिवर्ती मानते हुए तथा केवल किसी एक चर को परिवर्ती मानते हुए उसके सापेक्ष उस फलन के अवकलज के बराबर होता है। कोई फलन f(x, y,...), x, y, z आदि का फलन हो तो x के सापेक्ष उसका आंशिक अवकलज निकालने के लिये केवल x को परिवर्ती मानते हुए तथा y z आदि को अपरिवर्ती मानते हुए निकाला जायेगा। उदाहरण के लिये x2y3 का x के सापेक्ष आंशिक अवकलज 2xy3 होगा। किसी फलन f का आंशिक अवकलज विभिन्न संकेतों के द्वारा निरूपित किया जाता है जो निम्नलिखित हैं- .
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कलन
कलन (Calculus) गणित का प्रमुख क्षेत्र है जिसमें राशियों के परिवर्तन का गणितीय अध्ययन किया जाता है। इसकी दो मुख्य शाखाएँ हैं- अवकल गणित (डिफरेंशियल कैल्कुलस) तथा समाकलन गणित (इटीग्रल कैलकुलस)। कैलकुलस के ये दोनों शाखाएँ कलन के मूलभूत प्रमेय द्वारा परस्पर सम्बन्धित हैं। वर्तमान समय में विज्ञान, इंजीनियरी, अर्थशास्त्र आदि के क्षेत्र में कैल्कुलस का उपयोग किया जाता है। भारत में कैल्कुलस से सम्बन्धित कई कॉन्सेप्ट १४वीं शताब्दी में ही विकसित हो गये थे। किन्तु परम्परागत रूप से यही मान्यता है कि कैलकुलस का प्रयोग 17वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में आरंभ हुआ तथा आइजक न्यूटन तथा लैब्नीज इसके जनक थे। .