लांस नायक आश कुमार गुरुंग
लांस नायक आश कुमार गुरुंग भारतीय सेना के दक्षिणी कमान (भारत) के ३५ वर्षीय सैनिक एवं नेपाल के निवासी थे और सेना में १५ वर्षो तक कार्यरत रहे। २५ मई २०१५ को सुबह ९:५० पर जब लांस नायक आश कुमार गुरुंग एक इन्टर -बतलियन पैट्रोल पार्टी के हिस्से के रूप में कुपवाड़ा के तंगधार सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास गश्त पर थे तो उनका सामना घसपैठ कर रही उग्रवादियों की टोली से हुआ। लांस नायक आश कुमार गुरुंग ने समय बर्बाद किये बिना आक्रामक तरीके से १५ मीटर आगे भाग कर अपनी ए के -४७ राइफल से फायर कर, एक आतंकवादी को घायल किया और दूसरे को रोका, जो पीछे भागने की कोशिश कर रहा था। बुरी तरह घायल होहे क बावजूद अपनी फायरिंग से दूसरे आतंकवादी को भी घायल किया और लड़ते लड़ते आईं साँस ली। बहादुरी के इस कारनामे में एक उग्रवादी मौके पर मारा गया और दूसरे ने नियंतरण रेखा के उस पार दम तोडा। बहादुरी और साहस की मिसाल के इन कारनामे को अंजाम देने के लिए अपना सर्वोच्चा बलिदान करने वाले लांस नायक आश कुमार गुरुंग को मरनोमारनोपरांत "सेना मैडल (वीरता) से सम्मानित किया गया। इनके मरणोपरांत इनके परिवार में इनकी धर्मपत्नी श्रीमती सीता गुरुंग और इनकी सुपुत्री आयुषा शामिल है। .
2 संबंधों: दक्षिणी कमान (भारत), दक्षिणी कमान अलंकरण समारोह 2017।
दक्षिणी कमान 18 9 5 से सक्रिय भारतीय सेना का गठन है। इसमें 1 9 61 के गोवा के भारतीय अनुबंध के दौरान, और 1 9 65 और 1 9 71 के भारत-पाकिस्तानी युद्धों के दौरान आधुनिक भारत में कई प्रिंसिपल राज्यों के एकीकरण के दौरान कार्रवाई हुई है। लेफ्टिनेंट जनरल पी.एम.
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दक्षिण कमान का अलंकरण सामारोह,भोपाल में 14 सितम्बर 2017 को आयोजित किया गया। लेफ्टिनेंट जनरल पी एम हैरिज़,जनरल ऑफिसर कमांडिंग - इन - चीफ, दक्षिणी कमान (भारत) ने 63 अधिकारी, जूनियर कमीशन अधिकारी एवं अन्य पदों को वीरता और विशिष्ट सेवा पुरस्कारों से सम्मानित किया। इन पुरस्कारों को वीरता अदम्य साहस और राष्ट्र के प्रति असाधरण कर्तव्यनिष्ठा प्रदर्शन करने के लिए दिया गया। .
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