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लग़मान प्रान्त

सूची लग़मान प्रान्त

लग़मान प्रान्त का एक नज़ारा लग़मान (पश्तो:, अंग्रेजी: Laghman) अफ़्ग़ानिस्तान का एक प्रांत है जो उस देश के पूर्व में स्थित है। इस प्रान्त का क्षेत्रफल ३,८४३ वर्ग किमी है और इसकी आबादी सन् २००८ में लगभग ३.८ लाख अनुमानित की गई थी।, Central Intelligence Agency (सी आइ ए), Accessed 27 दिसम्बर 2011 इस प्रान्त की राजधानी मेहतर लाम शहर है। इस प्रान्त में पश्तून लोगों की बहुसंख्या है और वे कुल जनसँख्या का ५८% हैं। यहाँ नूरिस्तानी लोग और पाशाई लोग भी रहते हैं और कम संख्या में फ़ारसी-भाषी ताजिक लोगों के भी समुदाय हैं। लग़मान में अरामाई भाषा में लिखी अशोक के आदेश वाली दो शिलाएँ भी मौजूद हैं।, Niharranjan Ray, Brajadulal Chattopadhyaya, Orient Blackswan, 2000, ISBN 978-81-250-1871-1,...

22 संबंधों: दरी फ़ारसी, नूरिस्तानी लोग, पठान, पश्तो भाषा, पाशाई भाषा, फ़ारसी भाषा, बौद्ध धर्म, महायान, मेहतर लाम, सबुक तिगिन, सिकंदर, सी आइ ए, हान चीनी, हिन्दू धर्म, ह्वेन त्सांग, जयपाल, ग़, आरामाईक, इस्लाम, अफ़ग़ानिस्तान, अशोक के अभिलेख, अंग्रेज़ी भाषा

दरी फ़ारसी

अंग्रेज़ी और दरी भाषाओँ में बामियान शहर का स्वागत चिह्न - सबसे ऊपर लिखा है 'बा शहर-ए-बास्तानी बामियान ख़ुश आमदीद' (बामियान के प्राचीन शहर में स्वागत) दरी या दरी फ़ारसी अफ़ग़ानिस्तान में प्रचलित आधुनिक फ़ारसी का एक रूप है। पश्तो के साथ-साथ यह अफ़ग़ानिस्तान की दो संवैधानिक राजभाषाओं में से एक है। यह अफ़ग़ानिस्तान के लगभग ५०% लोगों की मातृभाषा है और देश की सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा भी है। अफ़ग़ानिस्तान में अलग-अलग भाषाएँ बोलने वाले समुदायों के बीच में भी इसका सम्पर्क भाषा के रूप में इस्तेमाल होता है। ईरानी फ़ारसी और दरी फ़ारसी बोलने वाले एक दुसरे को आसानी से समझ पाते हैं और इनमें सिर्फ़ लहजे और कुछ शब्दों का अंतर है। बहुत से भाषावैज्ञानिकों के अनुसार दरी में पुरानी फ़ारसी के बहुत से ऐसे तत्व सुरक्षित हैं जो आधुनिक ईरानी फ़ारसी में खो गये हैं।, Shaista Wahab, Hippocrene Books, 2004, ISBN 978-0-7818-1012-8 .

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नूरिस्तानी लोग

एक नूरिस्तानी लड़की नूरिस्तानी समुदाय पूर्वी अफ़ग़ानिस्तान के नूरिस्तान इलाक़े में रहने वाली एक जाती है। नूरिस्तान के लोग अपने सुनहरे बालों, हरी-नीली आँखों और गोरे रंग के लिए जाने जाते हैं। उन्नीसवी सदी के अंत तक नूरिस्तानियों का धर्म हिन्दू धर्म से मिलता जुलता एक अति-प्राचीन हिन्द-ईरानी धर्म था और नूरिस्तान को इर्द-गिर्द के मुस्लिम इलाक़ों के लोग "काफ़िरिस्तान" के नाम से जानते थे। सैंकड़ों-हज़ारों वर्षों तक यहाँ के लोग स्वतन्त्र रहे और यहाँ तक कि पंद्रहवी सदी के आक्रमणकारी तैमुरलंग को भी हरा दिया। १८९० के दशक में अफ़ग़ानिस्तान के अमीर अब्दुर रहमान ख़ान ने इस इलाक़े पर हमलों के बाद इस पर क़ब्ज़ा कर लिया। इसके बाद यहाँ के लोगों को मजबूरन मुस्लिम बनाना पड़ा और इस क्षेत्र का नाम भी बदल कर नूरिस्तान कर दिया गया, जिसका अर्थ है "नूर" (यानि "रोशनी") का स्थान। यहाँ के लोगों के रीति-रिवाज और धार्मिक मान्यताओं में अभी भी उनके इस्लाम से पूर्व के धर्म के तत्व मिलते हैं। नूरिस्तान से लगे हुए पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिमी चित्राल इलाक़े के कलश लोग नूरिस्तानियों से मिलते-जुलते हैं, लेकिन वे उन्नीसवी सदी में ब्रिटिश साम्राज्य के अधीन भारत में आते थे, इसलिए वे अब्दुर रहमान ख़ान के हमलों से बचे रहे और उनमें से कई अभी भी अपने पूर्वजों के धर्म के अनुयायी हैं। अलग-अलग नूरिस्तानी और कलश क्षेत्रों में भाषा का भी अंतर है, लेकिन ये सारी भाषाएँ दार्दी भाषाओँ में ही गिनी जाती हैं। .

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पठान

अफ़्ग़ानिस्तान और पाकिस्तान के नक़्शे में पश्तून क्षेत्र (नारंगी रंग में) ख़ान अब्दुल ग़फ़्फ़ार ख़ान एक पश्तून थे अफ़्ग़ानिस्तान के ख़ोस्त प्रान्त में पश्तून बच्चे अमीर शेर अली ख़ान अपने पुत्र राजकुमार अब्दुल्लाह जान और सरदारों के साथ (सन् १८६९ ई में खींची गई) पश्तून, पख़्तून (पश्तो:, पश्ताना) या पठान (उर्दू) दक्षिण एशिया में बसने वाली एक लोक-जाति है। वे मुख्य रूप में अफ़्ग़ानिस्तान में हिन्दु कुश पर्वतों और पाकिस्तान में सिन्धु नदी के दरमियानी क्षेत्र में रहते हैं हालांकि पश्तून समुदाय अफ़्ग़ानिस्तान, पाकिस्तान और भारत के अन्य क्षेत्रों में भी रहते हैं। पश्तूनों की पहचान में पश्तो भाषा, पश्तूनवाली मर्यादा का पालन और किसी ज्ञात पश्तून क़बीले की सदस्यता शामिल हैं।, James William Spain, Mouton,...

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पश्तो भाषा

कोई विवरण नहीं।

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पाशाई भाषा

पूर्वी अफ़ग़ानिस्तान की एक पाशाई भाषीय लड़की पूर्वी अफ़ग़ानिस्तान का एक पाशाई भाषीय लड़का अफ़ग़ानिस्तान के ज़िलों का नक्शा - पाशाई भाषा पूर्वोत्तर में गुलाबी रंग वाले केवल चार ज़िलों में बोली जाती है पाशाई अफ़ग़ानिस्तान के पूर्वी नूरिस्तान, नंगरहार और कुनर राज्यों में बोली जाने वाली एक दार्दी भाषा है। अनुमान है के १९९८ में इसे २१६,८४२ लोग बोलते थे। पाशाई बोलने वालों को पाशाई समुदाय का सदस्य माना जाता है, जिसके अधिकतर लोग धर्म से मुसलमान हैं। २००३ से पहले पाशाई का कोई लिखित रूप नहीं था। बहुत से पाशाई बोलने वाले पश्तो भी बोलते हैं और उनमें साक्षरता का दर २५% है। .

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फ़ारसी भाषा

फ़ारसी, एक भाषा है जो ईरान, ताजिकिस्तान, अफ़गानिस्तान और उज़बेकिस्तान में बोली जाती है। यह ईरान, अफ़ग़ानिस्तान, ताजिकिस्तान की राजभाषा है और इसे ७.५ करोड़ लोग बोलते हैं। भाषाई परिवार के लिहाज़ से यह हिन्द यूरोपीय परिवार की हिन्द ईरानी (इंडो ईरानियन) शाखा की ईरानी उपशाखा का सदस्य है और हिन्दी की तरह इसमें क्रिया वाक्य के अंत में आती है। फ़ारसी संस्कृत से क़ाफ़ी मिलती-जुलती है और उर्दू (और हिन्दी) में इसके कई शब्द प्रयुक्त होते हैं। ये अरबी-फ़ारसी लिपि में लिखी जाती है। अंग्रेज़ों के आगमन से पहले भारतीय उपमहाद्वीप में फ़ारसी भाषा का प्रयोग दरबारी कामों तथा लेखन की भाषा के रूप में होता है। दरबार में प्रयुक्त होने के कारण ही अफ़गानिस्तान में इस दारी कहा जाता है। .

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बौद्ध धर्म

बौद्ध धर्म भारत की श्रमण परम्परा से निकला धर्म और महान दर्शन है। इसा पूर्व 6 वी शताब्धी में बौद्ध धर्म की स्थापना हुई है। बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध है। भगवान बुद्ध का जन्म 563 ईसा पूर्व में लुंबिनी, नेपाल और महापरिनिर्वाण 483 ईसा पूर्व कुशीनगर, भारत में हुआ था। उनके महापरिनिर्वाण के अगले पाँच शताब्दियों में, बौद्ध धर्म पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में फैला और अगले दो हजार वर्षों में मध्य, पूर्वी और दक्षिण-पूर्वी जम्बू महाद्वीप में भी फैल गया। आज, हालाँकि बौद्ध धर्म में चार प्रमुख सम्प्रदाय हैं: हीनयान/ थेरवाद, महायान, वज्रयान और नवयान, परन्तु बौद्ध धर्म एक ही है किन्तु सभी बौद्ध सम्प्रदाय बुद्ध के सिद्धान्त ही मानते है। बौद्ध धर्म दुनिया का चौथा सबसे बड़ा धर्म है।आज पूरे विश्व में लगभग ५४ करोड़ लोग बौद्ध धर्म के अनुयायी है, जो दुनिया की आबादी का ७वाँ हिस्सा है। आज चीन, जापान, वियतनाम, थाईलैण्ड, म्यान्मार, भूटान, श्रीलंका, कम्बोडिया, मंगोलिया, तिब्बत, लाओस, हांगकांग, ताइवान, मकाउ, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया एवं उत्तर कोरिया समेत कुल 18 देशों में बौद्ध धर्म 'प्रमुख धर्म' धर्म है। भारत, नेपाल, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, रूस, ब्रुनेई, मलेशिया आदि देशों में भी लाखों और करोडों बौद्ध हैं। .

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महायान

गन्धार से पहली सदी ईसवी में बनी महात्मा बुद्ध की मूर्ति महायान, वर्तमान काल में बौद्ध धर्म की दो प्रमुख शाखाओं में से एक है। दूसरी शाखा का नाम थेरवाद है। महायान बुद्ध धर्म भारत से आरम्भ होकर उत्तर की ओर बहुत से अन्य एशियाई देशों में फैल गया, जैसे कि चीन, जापान, कोरिया, ताइवान, तिब्बत, भूटान, मंगोलिया और सिंगापुर। महायान सम्प्रदाय कि आगे और उपशाखाएँ हैं, जैसे ज़ेन/चान, पवित्र भूमि, तियानताई, निचिरेन, शिन्गोन, तेन्दाई और तिब्बती बौद्ध धर्म।, Stuart Chandler, University of Hawaii Press, 2004, ISBN 978-0-8248-2746-5,...

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मेहतर लाम

मेहतर लाम या मिहतर लाम (पश्तो:, अंग्रेज़ी: Mihtarlam) दक्षिण-पूर्वी अफ़ग़ानिस्तान के लग़मान प्रान्त की राजधानी है। यह उस प्रान्त का इकलौता बड़ा क़स्बा है। .

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सबुक तिगिन

सुबुक तिगिन (फ़ारसी - ابو منصور سبکتگین, अबु मंसूर सबक़तग़िन) ख़ोरासान के गज़नवी साम्राज्य का स्थापक था और भारत पर अपने आक्रमणों के लिए प्रसिद्ध महमूद गज़नवी का पिता। अल्प तिगिन, सामानी साम्राज्य का एक सूबेदार था जो ख़ोरासान (उत्तरी अफ़गानिस्तान, पूर्वोत्तर ईरान और सटा हुआ मध्य-एशिया) के शासक के रूप में काम करता था। सुबुकतिगिन उसका गुलाम था। जब अल्प तिगिन ने सामानी शासकों के खिलाफ विद्रोह किया जो उसने सुबुकतिगिन को ग़ज़नी का प्रभारी बना दिया और अपनी बेटी की शादी उससे कर दी। सुबुकतिगिन ने अलप्तिगिन के दो परवर्ती शासकों के अन्दर भी एक ग़ुलाम के रूप में शासन का कार्यभार देखा और सन् 977 में वो ग़ज़नी का सुल्तान बना। सन् 997 में उसकी मृत्यु के बाद सुबुकतिगिन का छोटा बेटा ईस्माईल शासक बना पर उसके बड़े भाई महमूद ने ईस्माइल के ख़िलाफ़ विद्रोह कर दिया और ख़ुद ग़ज़नी का सुल्तान बन बैठा। श्रेणी:ग़ज़नवी साम्राज्य.

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सिकंदर

सिकंदर (Alexander) (356 ईपू से 323 ईपू) मकदूनियाँ, (मेसेडोनिया) का ग्रीक प्रशासक था। वह एलेक्ज़ेंडर तृतीय तथा एलेक्ज़ेंडर मेसेडोनियन नाम से भी जाना जाता है। इतिहास में वह कुशल और यशस्वी सेनापतियों में से एक माना गया है। अपनी मृत्यु तक वह उन सभी भूमि मे से लगभग आधी भूमि जीत चुका था, जिसकी जानकारी प्राचीन ग्रीक लोगों को थी(सत्य ये है की वह पृथ्वी के मात्र 5 प्रतीशत हिस्से को ही जीत पाया था) और उसके विजय रथ को रोकने में सबसे मुख्य भूमिका भारत के महान राजा पुरु (जिन्हे युनानी इतिहासकारों नें पोरस से सम्बोधित किया है।)और भारत के क्षेत्रीय सरदारो की थी, जिन्होंने सिकंदर की सेना में अपने पराक्रम के दम पर भारत के प्रति खौफ पैदा कर उसके हौसले पस्त कर दिये और उसे भारत से लौटने पर मजबूर कर दिया।। उसने अपने कार्यकाल में इरान, सीरिया, मिस्र, मसोपोटेमिया, फिनीशिया, जुदेआ, गाझा, बॅक्ट्रिया और भारत में पंजाब(जिसके राजा पुरु थे।) तक के प्रदेश पर विजय हासिल की थी परन्तु बाद में वो मगध की विशाल सेना से डर कर लौट गया ।।उल्लेखनीय है कि उपरोक्त क्षेत्र उस समय फ़ारसी साम्राज्य के अंग थे और फ़ारसी साम्राज्य सिकन्दर के अपने साम्राज्य से कोई 40 गुना बड़ा था। फारसी में उसे एस्कंदर-ए-मक्दुनी (मॅसेडोनिया का अलेक्ज़ेंडर, एस्कन्दर का अपभ्रंश सिकन्दर है) औऱ हिंदी में अलक्षेन्द्र कहा गया है। .

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सी आइ ए

सीआइए के मुख्यालय का प्रवेशद्वार सीआइए या सेन्ट्रल इन्टेलिजेन्स एजेन्सी (केन्द्रीय गुप्तचर संस्था) संयुक्त राज्य अमेरिका के संघीय सरकार के अन्दर कार्य करने वाली असैनिक (सिविल) गुप्तचर संस्था है। इसका मुख्य कार्य सार्वजनिक नीतिनिर्माताओं के मार्गदर्शन हेतु विश्व की सरकारों, औद्योगिक संगठनों (corporations) एवं व्यक्तियों के बारे में गुप्त सूचना एकत्रित करना एवं उसका विश्लेषण करना है .

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हान चीनी

चीन में विभिन्न जातियों का फैलाव - हान चीनी पूर्व की ओर गाढ़े ख़ाकी रंग में हैं हान चीनी (चीनी: 汉族, हानज़ू या हानरेन) चीन की एक जाति और समुदाय है। आबादी के हिसाब से यह विश्व की सब से बड़ी मानव जाति है। कुल मिलाकर दुनिया में १,३१,०१,५८,८५१ हान जाति के लोग हैं, यानी सन् २०१० में विश्व के लगभग २०% जीवित मनुष्य हान जाति के थे। चीन की जनसँख्या के ९२% लोग हान नसल के हैं। इसके अलावा हान लोग ताइवान में ९८% और सिंगापुर में ७८% होने के नाते उन देशों में भी बहुतायत में हैं। हज़ारों साल के इतिहास में बहुत सी अन्य जातियाँ और क़बीले समय के साथ हान जाति में मिलते चले गए जिस से वर्तमान हान समुदाय में बहुत सांस्कृतिक, सामाजिक और आनुवंशिकी (यानि जॅनॅटिक) विविधताएँ हैं।, Nature Publishing Group, 2004 .

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हिन्दू धर्म

हिन्दू धर्म (संस्कृत: सनातन धर्म) एक धर्म (या, जीवन पद्धति) है जिसके अनुयायी अधिकांशतः भारत,नेपाल और मॉरिशस में बहुमत में हैं। इसे विश्व का प्राचीनतम धर्म कहा जाता है। इसे 'वैदिक सनातन वर्णाश्रम धर्म' भी कहते हैं जिसका अर्थ है कि इसकी उत्पत्ति मानव की उत्पत्ति से भी पहले से है। विद्वान लोग हिन्दू धर्म को भारत की विभिन्न संस्कृतियों एवं परम्पराओं का सम्मिश्रण मानते हैं जिसका कोई संस्थापक नहीं है। यह धर्म अपने अन्दर कई अलग-अलग उपासना पद्धतियाँ, मत, सम्प्रदाय और दर्शन समेटे हुए हैं। अनुयायियों की संख्या के आधार पर ये विश्व का तीसरा सबसे बड़ा धर्म है। संख्या के आधार पर इसके अधिकतर उपासक भारत में हैं और प्रतिशत के आधार पर नेपाल में हैं। हालाँकि इसमें कई देवी-देवताओं की पूजा की जाती है, लेकिन वास्तव में यह एकेश्वरवादी धर्म है। इसे सनातन धर्म अथवा वैदिक धर्म भी कहते हैं। इण्डोनेशिया में इस धर्म का औपचारिक नाम "हिन्दु आगम" है। हिन्दू केवल एक धर्म या सम्प्रदाय ही नहीं है अपितु जीवन जीने की एक पद्धति है। .

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ह्वेन त्सांग

ह्वेन त्सांग का एक चित्र ह्वेन त्सांग एक प्रसिद्ध चीनी बौद्ध भिक्षु था। वह हर्षवर्द्धन के शासन काल में भारत आया था। वह भारत में 15 वर्षों तक रहा। उसने अपनी पुस्तक सी-यू-की में अपनी यात्रा तथा तत्कालीन भारत का विवरण दिया है। उसके वर्णनों से हर्षकालीन भारत की सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक तथा सांस्कृतिक अवस्था का परिचय मिलता है। .

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जयपाल

जयपाल काबुल में जाट राजवंश का प्रसिद्ध शासक था जिसने 964 से 1001 ई तक शासन किया। उसका राज्य लघमान से कश्मीर तक और सरहिंद से मुल्तान तक विस्तृत था। पेशावर इसके राज्य का केन्द्र था। वह हतपाल का पुत्र तथा आनन्दपाल का पिता था। बारी कोट के शिलालेख के अनुसार उसकी पदवी "परम भट्टरक महाराजाधिराज श्री जयपालदेव" थी। मुसलमानों का भारत में प्रथम प्रवेश जयपाल के काल में हुआ। 977 ई. में गजनी के सुबुक्तगीन ने उस पर आक्रमण कर कुछ स्थानों पर अधिकार कर लिया। जयपाल ने प्रतिरोध किया, किंतु पराजित होकर उसे संधि करनी पड़ी। अब पेशावर तक मुसलमानों का राज्य हो गया। दूसरी बार सुबुक्तगीन के पुत्र महमूद गजनवी ने जयपाल को पराजित किया। लगातार पराजयों से क्षुब्ध होकर इसने अपने पुत्र अनंगपाल को अपना उत्तराधिकारी बनाया और आग में जलकर आत्महत्या कर ली। .

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ग़

ग़ की ध्वनि सुनिए ग़ देवनागरी लिपि का एक वर्ण है। हिंदी-उर्दू के कई शब्दों में इसका प्रयोग होता है, जैसे कि ग़ायब, ग़ज़ल, ग़नीमत और ग़रीब। अन्तर्राष्ट्रीय ध्वन्यात्मक वर्णमाला में इसके उच्चारण को ɣ के चिह्न से लिखा जाता है और उर्दू में इसे غ लिखा जाता है, जिस अक्षर का नाम ग़ैन है। .

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आरामाईक

आरमेइक (Aramaic language) एक सेमिटिक भाषा है जो मध्यपूर्व और उसके उत्तरी-केन्द्रीय भाग में पिछले 3000 सालों से बोली जा रही है। यह कई प्राचीन यहूदी तथा इसाई ग्रंथों की भाषा है और माना जाता है कि ईसा मसीह की मातृभाषा आरामाईक ही थी। यह भाषा मृतप्राय हो गई है। सम्राट अशोक के कई शिलालेखों में अरामाईक लिपि (भाषा नहीं बल्कि केवल लिपि) का प्रयोग हुआ है। आरमेइक (भाषा), सेमेटिक अथवा सामी भाषा परिवार के उत्तर पश्चिम भाग की एक प्रसिद्ध भाषा है। आरमेइक मूल रूप से फिलस्तीन एवं सीरिया के उन प्रवासियों की भाषा थी और उत्तर में बढ़कर "आरम' अर्थात्‌ पहाड़ी प्रदेश में जाकर बस गए। आरमेइक की हिब्रू से बहुत अधिक समानता है। आरमेइक के प्राचीन अभिलेख दमिश्क के निकट ई.पू.

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इस्लाम

इस्लाम (अरबी: الإسلام) एक एकेश्वरवादी धर्म है, जो इसके अनुयायियों के अनुसार, अल्लाह के अंतिम रसूल और नबी, मुहम्मद द्वारा मनुष्यों तक पहुंचाई गई अंतिम ईश्वरीय पुस्तक क़ुरआन की शिक्षा पर आधारित है। कुरान अरबी भाषा में रची गई और इसी भाषा में विश्व की कुल जनसंख्या के 25% हिस्से, यानी लगभग 1.6 से 1.8 अरब लोगों, द्वारा पढ़ी जाती है; इनमें से (स्रोतों के अनुसार) लगभग 20 से 30 करोड़ लोगों की यह मातृभाषा है। हजरत मुहम्मद साहब के मुँह से कथित होकर लिखी जाने वाली पुस्तक और पुस्तक का पालन करने के निर्देश प्रदान करने वाली शरीयत ही दो ऐसे संसाधन हैं जो इस्लाम की जानकारी स्रोत को सही करार दिये जाते हैं। .

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अफ़ग़ानिस्तान

अफ़ग़ानिस्तान इस्लामी गणराज्य दक्षिणी मध्य एशिया में अवस्थित देश है, जो चारो ओर से जमीन से घिरा हुआ है। प्रायः इसकी गिनती मध्य एशिया के देशों में होती है पर देश में लगातार चल रहे संघर्षों ने इसे कभी मध्य पूर्व तो कभी दक्षिण एशिया से जोड़ दिया है। इसके पूर्व में पाकिस्तान, उत्तर पूर्व में भारत तथा चीन, उत्तर में ताजिकिस्तान, कज़ाकस्तान तथा तुर्कमेनिस्तान तथा पश्चिम में ईरान है। अफ़ग़ानिस्तान रेशम मार्ग और मानव प्रवास का8 एक प्राचीन केन्द्र बिन्दु रहा है। पुरातत्वविदों को मध्य पाषाण काल ​​के मानव बस्ती के साक्ष्य मिले हैं। इस क्षेत्र में नगरीय सभ्यता की शुरुआत 3000 से 2,000 ई.पू.

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अशोक के अभिलेख

अशोक के शिलालेख पूरे भारतीय उपमहाद्वीप और अफ़्ग़ानिस्तान में मिलें हैं ब्रिटिश संग्राहलय में छठे शिलालेख का एक हिस्सा अरामाई का द्विभाषीय शिलालेख सारनाथ के स्तम्भ पर ब्राह्मी लिपि में शिलालेख मौर्य राजवंश के सम्राट अशोक द्वारा प्रवर्तित कुल ३३ अभिलेख प्राप्त हुए हैं जिन्हें अशोक ने स्तंभों, चट्टानों और गुफ़ाओं की दीवारों में अपने २६९ ईसापूर्व से २३१ ईसापूर्व चलने वाले शासनकाल में खुदवाए। ये आधुनिक बंगलादेश, भारत, अफ़्ग़ानिस्तान, पाकिस्तान और नेपाल में जगह-जगह पर मिलते हैं और बौद्ध धर्म के अस्तित्व के सबसे प्राचीन प्रमाणों में से हैं। इन शिलालेखों के अनुसार अशोक के बौद्ध धर्म फैलाने के प्रयास भूमध्य सागर के क्षेत्र तक सक्रिय थे और सम्राट मिस्र और यूनान तक की राजनैतिक परिस्थितियों से भलीभाँति परिचित थे। इनमें बौद्ध धर्म की बारीकियों पर ज़ोर कम और मनुष्यों को आदर्श जीवन जीने की सीखें अधिक मिलती हैं। पूर्वी क्षेत्रों में यह आदेश प्राचीन मगधी भाषा में ब्राह्मी लिपि के प्रयोग से लिखे गए थे। पश्चिमी क्षेत्रों के शिलालेखों में खरोष्ठी लिपि का प्रयोग किया गया। एक शिलालेख में यूनानी भाषा प्रयोग की गई है, जबकि एक अन्य में यूनानी और अरामाई भाषा में द्विभाषीय आदेश दर्ज है। इन शिलालेखों में सम्राट अपने आप को "प्रियदर्शी" (प्राकृत में "पियदस्सी") और देवानाम्प्रिय (यानि देवों को प्रिय, प्राकृत में "देवानम्पिय") की उपाधि से बुलाते हैं। .

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अंग्रेज़ी भाषा

अंग्रेज़ी भाषा (अंग्रेज़ी: English हिन्दी उच्चारण: इंग्लिश) हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार में आती है और इस दृष्टि से हिंदी, उर्दू, फ़ारसी आदि के साथ इसका दूर का संबंध बनता है। ये इस परिवार की जर्मनिक शाखा में रखी जाती है। इसे दुनिया की सर्वप्रथम अन्तरराष्ट्रीय भाषा माना जाता है। ये दुनिया के कई देशों की मुख्य राजभाषा है और आज के दौर में कई देशों में (मुख्यतः भूतपूर्व ब्रिटिश उपनिवेशों में) विज्ञान, कम्प्यूटर, साहित्य, राजनीति और उच्च शिक्षा की भी मुख्य भाषा है। अंग्रेज़ी भाषा रोमन लिपि में लिखी जाती है। यह एक पश्चिम जर्मेनिक भाषा है जिसकी उत्पत्ति एंग्लो-सेक्सन इंग्लैंड में हुई थी। संयुक्त राज्य अमेरिका के 19 वीं शताब्दी के पूर्वार्ध और ब्रिटिश साम्राज्य के 18 वीं, 19 वीं और 20 वीं शताब्दी के सैन्य, वैज्ञानिक, राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक प्रभाव के परिणाम स्वरूप यह दुनिया के कई भागों में सामान्य (बोलचाल की) भाषा बन गई है। कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों और राष्ट्रमंडल देशों में बड़े पैमाने पर इसका इस्तेमाल एक द्वितीय भाषा और अधिकारिक भाषा के रूप में होता है। ऐतिहासिक दृष्टि से, अंग्रेजी भाषा की उत्पत्ति ५वीं शताब्दी की शुरुआत से इंग्लैंड में बसने वाले एंग्लो-सेक्सन लोगों द्वारा लायी गयी अनेक बोलियों, जिन्हें अब पुरानी अंग्रेजी कहा जाता है, से हुई है। वाइकिंग हमलावरों की प्राचीन नोर्स भाषा का अंग्रेजी भाषा पर गहरा प्रभाव पड़ा है। नॉर्मन विजय के बाद पुरानी अंग्रेजी का विकास मध्य अंग्रेजी के रूप में हुआ, इसके लिए नॉर्मन शब्दावली और वर्तनी के नियमों का भारी मात्र में उपयोग हुआ। वहां से आधुनिक अंग्रेजी का विकास हुआ और अभी भी इसमें अनेक भाषाओँ से विदेशी शब्दों को अपनाने और साथ ही साथ नए शब्दों को गढ़ने की प्रक्रिया निरंतर जारी है। एक बड़ी मात्र में अंग्रेजी के शब्दों, खासकर तकनीकी शब्दों, का गठन प्राचीन ग्रीक और लैटिन की जड़ों पर आधारित है। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

लघमान, लगमान

निवर्तमानआने वाली
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