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लक्ष्मीसागर वार्ष्णेय

सूची लक्ष्मीसागर वार्ष्णेय

लक्ष्मीसागर वार्ष्णेय १९१४ ई० अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश) आधुनिक युग हिन्दी साहित्य: नये सन्दर्भ, भारतेन्दु हरिश्चन्द्र और २०वीं शताब्दी, आधुनिक हिन्दी साहित्य की भूमिका, फोर्ट विलियम कॉलेज, हिन्दी साहित्य का इतिहास। भाषा सरल, सुबोध एवं शुद्ध खड़ीबोली, मुहावरेदार भाषा। शैली आलोचनात्मक, विवरणात्मक, विवेचनात्मक।.

2 संबंधों: हिन्दी गद्यकार, हिंदी साहित्य

हिन्दी गद्यकार

कोई विवरण नहीं।

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हिंदी साहित्य

चंद्रकांता का मुखपृष्ठ हिन्दी भारत और विश्व में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है। उसकी जड़ें प्राचीन भारत की संस्कृत भाषा में तलाशी जा सकती हैं। परंतु हिन्दी साहित्य की जड़ें मध्ययुगीन भारत की ब्रजभाषा, अवधी, मैथिली और मारवाड़ी जैसी भाषाओं के साहित्य में पाई जाती हैं। हिंदी में गद्य का विकास बहुत बाद में हुआ और इसने अपनी शुरुआत कविता के माध्यम से जो कि ज्यादातर लोकभाषा के साथ प्रयोग कर विकसित की गई।हिंदी का आरंभिक साहित्य अपभ्रंश में मिलता है। हिंदी में तीन प्रकार का साहित्य मिलता है। गद्य पद्य और चम्पू। हिंदी की पहली रचना कौन सी है इस विषय में विवाद है लेकिन ज़्यादातर साहित्यकार देवकीनन्दन खत्री द्वारा लिखे गये उपन्यास चंद्रकांता को हिन्दी की पहली प्रामाणिक गद्य रचना मानते हैं। .

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