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रोमानिया

सूची रोमानिया

रोमानिया (प्राचीन: Rumania (रूमानिया), Roumania (रौमानिया);România) काले सागर की सीमा पर, कर्पेथियन चाप के बाहर और इसके भीतर, निचले डेन्यूब पर, बाल्कन प्रायद्वीप के उत्तर में, दक्षिणपूर्वी और मध्य यूरोप में स्थित एक देश है.

48 संबंधों: चेकोस्लोवाकिया, डैन्यूब नदी, तुर्की, त्याग (1977 फ़िल्म), द्वितीय विश्व युद्घ, नाटो, नाज़ी जर्मनी, पश्चिमी यूरोप, पहला विश्व युद्ध, प्रलय, प्राधान्य, बन्दरगाह, बर्लिन, बुखारेस्ट, मध्य यूरोप, मध्ययुग, महमद द्वितीय, मास्को, मिस्र, मॉल्डोवा, यहूदी, युक्रेन, यूनान, यूरोप, यूरोपीय संघ, योहान वुल्फगांग फान गेटे, राष्ट्रीय मुक्ति मोर्चा, राजतन्त्र, रियासत, रूसी साम्राज्य, रोमन साम्राज्य, रोमा लोगों का इतिहास, रोमानियाई भाषा, शीतयुद्ध, सम्राट्, सर्बिया, सामंतवाद, साम्यवाद, हंगरी, होमो सेपियन्स, वर्साय की सन्धि, विश्व धरोहर स्थलों की सूची, विश्व बैंक, आक्रमण, इज़राइल, काला सागर, अरब, उस्मानी साम्राज्य

चेकोस्लोवाकिया

चेकोस्लोवाकिया मध्य यूरोप में स्थित एक देश हुआ करता था जो अक्टूबर १९१८ से १९९२ तक अस्तित्व में रहा। द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान १९३९ से १९४५ के एक अंतराल में इसका ज़बरदस्ती जर्मनी में विलय कर दिया गया इसलिए वास्तविकता में यह देश उस ज़माने में अस्तित्व में नहीं था, हालांकि औपचारिक रूप से मित्रपक्ष शक्तियाँ तब भी इसे मान्यता देती रहीं। १९४५ में सोवियत संघ ने इसके एक पूर्वी हिस्से को चेकोस्लोवाकिया से अलग करके अपने क्षेत्र का भाग बना लिया। शीत युद्ध काल में चेकोस्लोवाकिया पर साम्यवाद (कोम्युनिस्ट) शासन रहा और यह देश सोवियत संघ के नेतृत्व में गठित वारसा संधि के मित्रपक्ष में शामिल था। सोवियत संघ के टूटने पर १९९० में यहाँ भी साम्यवाद ख़त्म हो गया। धीरे-धीरे देश के दो मुख्य समुदायों - चेक और स्लोवाक - के बीच तनाव बढ़ता रहा और लगने लगा कि वे एक राष्ट्र में मिलकर नहीं रह पाएँगे। १९९२ में रायशुमारी (लोगों का विभाजन के प्रश्न पर सीधा मतदान) की गई और जनता ने देश को बांटने का फ़ैसला चुना। १ जनवरी १९९३ को देश बिना किसी हिंसा के दो अलग राष्ट्रों में बाँट गया जिन्हें चेक गणतंत्र और स्लोवाकिया के नामों से जाना जाता है। विश्व में अन्य देशों के हुए विभाजनों की तुलना में यह बंटवारा इतने कोमल और शांतिपूर्वक ढंग से हुए कि इस घटना को इतिहासकार और समीक्षक कभी-कभी 'मख़मली तलाक़' कहते हैं।, Craig Zelizer, Kumarian Press, 2009, ISBN 978-1-56549-286-8,...

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डैन्यूब नदी

डैन्यूब नदी के मार्ग का नक़्शा डैन्यूब नदी (अंग्रेज़ी: Danube, जर्मन: Donau) मध्य यूरोप में बहने वाली एक नदी है। यह जर्मनी के काले वन के पहाड़ों में स्थित दोनाउएशिंगन कस्बे के पास शुतु होती और और फिर दक्षिण-पूर्व को बहती है। अपनी २,८७२ किमी (१,७८५ मील) की लम्बाई में यह चार मध्य और पूर्वी यूरोपीय देशों की राजधानियों से गुज़रती है और फिर युक्रेन और रोमानिया में एक डेल्टा (नदीमुख) बनाकर कृष्ण सागर में मिल जाती है। डैन्यूब दस देशों से गुज़रती है या उनकी अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर स्थित है - जर्मनी, ऑस्ट्रिया, स्लोवेकिया, हंगरी, क्रोएशिया, सर्बिया, बुल्गारिया, मोल्दोवा, युक्रेन और रोमानिया। प्राचीन काल में कुछ अरसे के लिए यह रोमन साम्राज्य की सरहद होने के लिए भी प्रसिद्ध है। वोल्गा नदी के बाद डैन्यूब यूरोप की दूसरी सबसे लम्बी नदी है।, Jerome Delli Priscoli, Aaron T. Wolf, Cambridge University Press, 2009, ISBN 978-0-521-63216-4,...

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तुर्की

तुर्की (तुर्क भाषा: Türkiye उच्चारण: तुर्किया) यूरेशिया में स्थित एक देश है। इसकी राजधानी अंकारा है। इसकी मुख्य- और राजभाषा तुर्की भाषा है। ये दुनिया का अकेला मुस्लिम बहुमत वाला देश है जो कि धर्मनिर्पेक्ष है। ये एक लोकतान्त्रिक गणराज्य है। इसके एशियाई हिस्से को अनातोलिया और यूरोपीय हिस्से को थ्रेस कहते हैं। स्थिति: 39 डिग्री उत्तरी अक्षांश तथा 36 डिग्री पूर्वी देशान्तर। इसका कुछ भाग यूरोप में तथा अधिकांश भाग एशिया में पड़ता है अत: इसे यूरोप एवं एशिया के बीच का 'पुल' कहा जाता है। इजीयन सागर (Aegean sea) के पतले जलखंड के बीच में आ जाने से इस पुल के दो भाग हो जाते हैं, जिन्हें साधारणतया यूरोपीय टर्की तथा एशियाई टर्की कहते हैं। टर्की के ये दोनों भाग बॉसपोरस के जलडमरूमध्य, मारमारा सागर तथा डारडनेल्ज द्वारा एक दूसरे से अलग होते हैं। टर्की गणतंत्र का कुल क्षेत्रफल 2,96,185 वर्ग मील है जिसमें यूरोपीय टर्की (पूर्वी थ्रैस) का क्षेत्रफल 9,068 वर्ग मील तथा एशियाई टर्की (ऐनाटोलिआ) का क्षेत्रफल 2,87,117 वर्ग मील है। इसके अंतर्गत 451 दलदली स्थल तथा 3,256 खारे पानी की झीलें हैं। पूर्व में रूस और ईरान, दक्षिण की ओर इराक, सीरिया तथा भूमध्यसागर, पश्चिम में ग्रीस और बुल्गारिया और उत्तर में कालासागर इसकी राजनीतिक सीमा निर्धारित करते हैं। यूरोपीय टर्की - त्रिभुजाकर प्रायद्वीपी प्रदेश है जिसका शीर्षक पूर्व में बॉसपोरस के मुहाने पर है। उसके उत्तर तथा दक्षिण दोनों ओर पर्वतश्रेणियाँ फैली हुई हैं। मध्य में निचला मैदान मिलता है जिसमें होकर मारीत्सा और इरजिन नदियाँ बहती हैं। इसी भाग से होकर इस्तैस्म्यूल का संबंध पश्चिमी देशों से है। एशियाई टर्की - इसको हम तीन प्राकृतिक भागों में विभाजित कर सकते हैं: 1.

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त्याग (1977 फ़िल्म)

त्याग 1977 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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द्वितीय विश्व युद्घ

विश्व युद्ध II, अथवा द्वितीय विश्व युद्ध, (इसको संक्षेप में WWII या WW2 लिखते हैं), ये एक वैश्विक सैन्य संघर्ष था जिसमें, सभी महान शक्तियों समेत दुनिया के अधिकांश देश शामिल थे, जो दो परस्पर विरोधी सैन्य गठबन्धनों में संगठित थे: मित्र राष्ट्र एवं धुरी राष्ट्र.इस युद्ध में 10 करोड़ से ज्यादा सैन्य कर्मी शामिल थे, इस वजह से ये इतिहास का सबसे व्यापक युद्ध माना जाता है।"पूर्ण युद्ध" की अवस्था में, प्रमुख सहभागियों ने नागरिक और सैन्य संसाधनों के बीच के अंतर को मिटा कर युद्ध प्रयास की सेवा में अपनी पूरी औद्योगिक, आर्थिक और वैज्ञानिक क्षमताओं को झोक दिया। इसमें सात करोड़ से अधिक लोग मारे गए थे, जिनमें से अधिकांश साधारण नागरिक थे, इसलिए इसको मानव इतिहास का सबसे खूनी संघर्ष माना जाता है। युद्ध की शुरुआत को आम तौर पर 1 सितम्बर 1939 माना जाता है, जर्मनी के पोलैंड के ऊपर आक्रमण करने और परिणामस्वरूप ब्रिटिश साम्राज्य और राष्ट्रमंडल के अधिकांश देशों और फ्रांस द्वारा जर्मनी पर युद्ध की घोषणा के साथ.

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नाटो

नाटो गठबंधन का ध्वज उत्‍तरी एटलांटिक संधि संगठन (नार्थ एटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन (नाटो)) एक सैन्य गठबंधन है, जिसकी स्थापना ४ अप्रैल १९४९ को हुई। इसका मुख्यालय ब्रुसेल्स (बेल्जियम) में है। संगठन ने सामूहिक सुरक्षा की व्यवस्था बनाई है, जिसके तहत सदस्य राज्य बाहरी हमले की स्थिति में सहयोग करने के लिए सहमत होंगे। गठन के शुरुआत के कुछ वर्षों में यह संगठन एक राजनीतिक संगठन से अधिक नहीं था। लेकिन कोरियाई युद्ध ने सदस्य देशों को प्रेरक का काम किया और दो अमरीकी सर्वोच्च कमांडरों के दिशानिर्देशन में एक एकीकृत सैन्य संरचना निर्मित की गई। लॉर्ड इश्मे पहले नाटो महासचिव बने, जिनकी संगठन के उद्देश्य पर की गई टिप्पणी, "रुसियों को बाहर रखने, अमरीकियों को अंदर और जर्मनों को नीचे रखने" (के लिए गई है।) खासी चर्चित रही। यूरोपीय और अमरीका के बीच रिश्तों की तरह ही संगठन की ताकत घटती-बढ़ती रही। इन्हीं परिस्थितियों में फ्रांस स्वतंत्र परमाणु निवारक बनाते हुए नाटो की सैनिक संरचना से १९६६ से अलग हो गया। १९८९ में बर्लिन की दीवार के गिरने के बाद संगठन का पूर्व की तरफ बाल्कन हिस्सों में हुआ और वारसा संधि से जुड़े हुए अनेक देश १९९९ और २००४ में इस गठबंधन में शामिल हुए। १ अप्रैल २००९ को अल्बानिया और क्रोएशिया के प्रवेश के साथ गठबंधन की सदस्य संख्या बढ़कर २८ हो गई। संयुक्त राज्य अमेरिका में ११ सितंबर २००१ के आतंकवादी हमलों के बाद नाटो नई चुनौतियों का सामना करने के लिए नए सिरे से तैयारी कर रहा है, जिसके तहत अफ़ग़ानिस्तान में सैनिकों की और इराक में प्रशिक्षकों की तैनाती की गई है। बर्लिन प्लस समझौता नाटो और यूरोपीय संघ के बीच १६ दिसम्बर २००२ को बनाया का एक व्यापक पैकेज है, जिसमें यूरोपीय संघ को किसी अंतरराष्ट्रीय विवाद की स्थिति में कार्रवाई के लिए नाटो परिसंपत्तियों का उपयोग करने की छूट दी गई है, बशर्ते नाटो इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं करना चाहता हो। नाटो के सभी सदस्यों की संयुक्त सैन्य खर्च दुनिया के रक्षा व्यय का ७०% से अधिक है, जिसका संयुक्त राज्य अमेरिका अकेले दुनिया का कुल सैन्य खर्च का आधा हिस्सा खर्च करता है और ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और इटली १५ % खर्च करते हैं। .

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नाज़ी जर्मनी

नाज़ी जर्मनी, नाट्सी जर्मनी या तीसरा राइख (Drittes Reich, "द्रीत्तेस रय्ख़्") १९३३ और १९४५ के बीच जर्मनी के लिए इतिहासकारों द्वारा सामान्य नाम दिया गया है, जब जर्मनी पर अडोल्फ़ हिटलर के नेतृत्व वाली नेशनल सोशलिस्ट जर्मन कार्यकर्ता पार्टी (NSDAP) का एकछत्र राज्य था। इसके अतिरिक्त इसे - नाजीवादी जर्मनी (Das nazistische Deutschland "दस नत्सीस्तिशे दोय्च्लन्द्") तथा सहस्रवर्षीय साम्राज्य (Das Tausendjähriges Reich "दस थाउज़ेन्द्येरिगेस रय्ख़्") भी कहा जाता है। तृतीय साम्राज्य वैमार गणराज्य के बाद सत्ता में आया, जब 4 मार्च 1933 को राष्ट्रीय-समाजवादी जर्मन श्रमिकों की पार्टी ने (NSDAP "एन-एस-दे-आ-पे", Die Nationalsozialistische Deutsche Arbeiterpartei "दी नत्सिओनाल-सोत्सिअलीस्तिशे दोय्चे आर्बाय्तेर्पर्ताय") हिटलर के नेतृत्व में राजसत्ता हथिया ली। ३० जनवरी १९३३ को अडोल्फ़ हिटलर जर्मनी का चांसलर बना और जल्दी ही सारे विरोध को ख़त्म करके वह उस देश का इकलौता नेता बन बैठा। देश ने उसे फ़्युअरर (जर्मन भाषा में लीडर) कहकर पूजना शुरु कर दिया और सारी ताक़त उसके हाथ में सौंप दी। इतिहासकारों ने बड़ी सभाओं में उसके वाक्चातुर्य और कमरे में हुयी बैठकों में उसकी आँखों से होने वाले मंत्रमुग्ध लोगों का ज़ोर देकर बताया है। शनैः शनैः यह बात प्रचलन में आ गई कि फ़्युअरर का वचन विधि से भी ऊपर है। दरअसल यह मत लोगों के बीच हिटलर के मतप्रचालन (propaganda) मंत्री गॅबॅल्स ने रखा था जिसे प्रथम विश्वयुद्ध और वर्साय की संधि से सताई गई जनता ने दोनों हाथों से हड़प लिया। सरकार के शीर्षस्थ अधिकारी केवल हिटलर को रिपोर्ट देते थे और उसी की नीतियों का अनुसरण भी करते थे, हालांकि उनकी कार्यशैली में कुछ हद तक स्वायत्ता बरक़रार थी। .

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पश्चिमी यूरोप

पश्चिम यूरोप क्षेत्र में यूरोप महाद्वीप के पश्चिमी राष्ट्र आते हैं। लगभग १९४५-१९९१ तक चले शीत युद्ध के समय में प्रचलित एक अन्य परिभाषा के अनुसार पश्चिम यूरोपीय संघ से संबद्ध राष्ट्रों के क्षेत्र को पश्चिम यूरोप कहते थे, जो अब यूरोपीय संघ का ही भाग है। पश्चिमी यूरोपीय संघ १९४८ के समय असाम्यवादी यूरोपीय राष्ट्रों द्वारा संगठित एक सुरक्षात्मक संगठन था और ये ईस्टर्न ब्लॉक या वारसा संधि के विरुद्ध संगठित हुआ था। पशिमी यूरोप के राष्ट्र अत्यधिक आय वाले विकसित राष्ट्र हैं, जिनमें अधिकांश जनतांत्रिक सरकार द्वारा शासित हैं और मिश्रित अर्थ-व्यवस्था के संग नाटो एवं यूरोपीय संघ के भी सदस्य हैं। संयुक्त राष्ट्र सांख्यिकीय विभाग के अनुसार पश्चिमी यूरोप मात्र ९ राष्ट्रों का समूह है। .

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पहला विश्व युद्ध

पहला विश्व युद्ध 1914 से 1918 तक मुख्य तौर पर यूरोप में व्याप्त महायुद्ध को कहते हैं। यह महायुद्ध यूरोप, एशिया व अफ़्रीका तीन महाद्वीपों और समुंदर, धरती और आकाश में लड़ा गया। इसमें भाग लेने वाले देशों की संख्या, इसका क्षेत्र (जिसमें यह लड़ा गया) तथा इससे हुई क्षति के अभूतपूर्व आंकड़ों के कारण ही इसे विश्व युद्ध कहते हैं। पहला विश्व युद्ध लगभग 52 माह तक चला और उस समय की पीढ़ी के लिए यह जीवन की दृष्टि बदल देने वाला अनुभव था। क़रीब आधी दुनिया हिंसा की चपेट में चली गई और इस दौरान अंदाज़न एक करोड़ लोगों की जान गई और इससे दोगुने घायल हो गए। इसके अलावा बीमारियों और कुपोषण जैसी घटनाओं से भी लाखों लोग मरे। विश्व युद्ध ख़त्म होते-होते चार बड़े साम्राज्य रूस, जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी (हैप्सबर्ग) और उस्मानिया ढह गए। यूरोप की सीमाएँ फिर से निर्धारित हुई और अमेरिका निश्चित तौर पर एक 'महाशक्ति ' बन कर उभरा। .

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प्रलय

प्रलय का अर्थ होता है संसार का अपने मूल कारण प्रकृति में सर्वथा लीन हो जाना, सृष्टि का सर्वनाश, सृष्टि का जलमग्न हो जाना। पुराणों में काल को चार युगों में बाँटा गया है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार जब चार युग पूरे होते हैं तो प्रलय होती है। इस समय ब्रह्मा सो जाते हैं और जब जागते हैं तो संसार का पुनः निर्माण करते हैं और युग का आरम्भ होता है। प्रकृति का ब्रह्म में लीन (लय) हो जाना ही प्रलय है। संपूर्ण ब्रह्मांड ही प्रकृति कही गई हैं जो सबसे शक्तिशाली है। .

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प्राधान्य

जब किसी समूह का अन्य समूहों के उपर राजनीतिक, आर्थिक, वैचारिक या सामाजिक दबदबा मौजूद हो तो इसे प्राधान्य या वर्चस्व (Hegemony) कहते हैं। 'हेजीमोनी' शब्द का मूल अर्थ ग्रीस के कुछ नगर-राष्ट्रों का दूसरे पड़ोसी नगरों पर राजनीतिक दबदबा था। किन्तु अब इसका अनेकानेक सन्दर्भों में प्रयोग किया जाने लगा है। अन्तोनियो ग्राम्शी जैसे कुछ मार्क्सवादी सिद्धान्तकारों ने सांस्कृतिक बर्चस्व की बात की है। .

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बन्दरगाह

जापान का कोबे बन्दरगाह भारत के विशाखापत्तनम का बन्दरगाह एक प्राकृतिक बन्दरगाह है। बन्दरगाह (हार्बर) समुद्री जहाजों के ठहरने की जगह हैं। विश्व में कई विशाल व छोटे बंदरगाह हैं। .

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बर्लिन

ब्रांडेनबर्ग गेट, जर्मनी के एक मील का पत्थर बर्लिन टीवी टावर, शहर के लिए मील का पत्थर बर्लिन-मिटे के क्षितिज भालू मेरा साथी: बर् लन की शांती और स्वतंत्रता का प्रतीक बर्लिन जर्मनी की राजधानी और इसके 16 राज्यों में से एक है। यह बर्लिन-ब्रैन्डनबर्ग मेट्रोपोलिटन क्षेत्र के मध्य में, जर्मनी के उत्तर-पूर्वी भाग में स्थित है। इसकी जनसंख्या 34 लाख है। यह जर्मनी का सबसे बड़ा और यूरोपीय संघ का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। बर्लिन यूरोप की राजनीति, संस्कृति और विज्ञान का महत्त्वपूर्ण केन्द्र है। यूरोप के यातायात के लिए यह एक धुरी के समान है। यहाँ कई महत्त्वपूर्ण विश्वविद्यालय, संग्रहालय और शोध केन्द्र हैं। यह शहर बहुत तेजी से विकास कर रहा है और यहाँ के समारोह, उत्सव, अग्रणी कलाएँ, वास्तुशिल्प और रात्रि-जीवन काफी प्रसिद्ध हैं। बर्लिन 13वीं शताब्दी में स्थापित हुआ और इस क्षेत्र के कई राज्यों और साम्राज्यों की राजधानी रहा- प्रुशिया राज्य (1701 से), जर्मन साम्राज्य (1871-1918), वेइमार गणतंत्र (1919-1932) और तीसरी राइख (1933-1945).

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बुखारेस्ट

बुखारेस्ट (Bucureşti) रूमानिया की राजधानी एवं वहां का सबसे बडा वाणिज्यिक केंद्र है। यह रूमानिया के दक्षिण-पूर्व में दाम्बोवीता नदी के तट पर स्थित है जो पहले दाम्बोवीता सिटाडेल के नाम से मशहूर था। यूरोपीय मानको मे अनुसार बुखारेस्ट बहुत पुराना शहर नहीं है, इसका उल्लेख १४५९ से पूर्व कहीं नहीं मिलता है। पुराने बुखारेस्ट से १८६२ में रूमानिया की राजधानी बनने तक में अबतक इस शहर में बहुत परिवर्तन आ चुके है और आज यह अपने आप को रुमानियाई मीडिया, कला एवं संस्कृति के केन्द्र के रूप में स्थापित कर चुका है। इसकी स्थापत्य कला को साम्यवादी काल एवं आधुनिक यूरोप के सम्मिश्रण के रूप में देखा जा सकता है। दो विश्व युद्धों के बीच के समय में इस शहर की शानदार स्थापत्य कला की वजह से इसे "पूर्व का पेरिस" एवं "लघु पेरिस" (मिकुल पेरिस) जैसे नाम भी दिये गये हैं। यद्यपि इसके बहुत से ऐतिहासिक भवन विश्वयुद्ध, भूकंप इत्यादि में स्वाहा हो चुके हैं लेकिन अब भी कई शानदार ईमारतें अपना सिर ऊंचा किए खडी हैं। हाल के वर्षों में इस शहर ने काफी सांस्कृतिक एवं आर्थिक तरक्की की है।.

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मध्य यूरोप

मध्य यूरोप, यूरोप महाद्वीप का वह क्षेत्र है जो विभिन्न परिभाषाओं में बंधे पश्चिमी एवं पूर्वी भागों के बीच बसा है। यह शब्दावली कई बार बदली व सुधारी गई है, मुख्यतः शीत युद्ध के अंत में। अंतिम परिभाषा के अनुसार यूरोप को दो मुख्य भागों में बांटा गय है – पूर्वी एवं पश्चिमी और मध्य यूरोप को दोनों में आधा आधा बांटा गया है। File:Central Europe (Brockhaus).PNG| वर्ल्ड फ़ैक्टबुक (2009) ब्रिटैन्निका विश्वकोष तथा ब्रॉकहाउस एन्साय्क्लोपैडी (1998) के अनुसार File:Central-Europe-map2.png|कोलंबिया विश्वकोष (२००९) के अनुसार मध्य यूरोप File:CentralEurope.png|पी.जोन्स के अनुसार मध्य यूरोप .

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मध्ययुग

रोमन साम्राज्य के पतन के उपरांत, पाश्चात्य सभ्यता एक हजार वर्षों के लिये उस युग में प्रविष्ट हुई, जो साधारणतया मध्ययुग (मिडिल एजेज) के नाम से विख्यात है। ऐतिहासिक रीति से यह कहना कठिन है कि किस किस काल अथवा घटना से इस युग का प्रारंभ और अंत होता है। मोटे तौर से मध्ययुग का काल पश्चिमी यूरोप में पाँचवीं शताब्दी के प्रारंभ से पंद्रहवीं तक कहा जा सकता है। तथाकथित मध्ययुग में एकरूपता नहीं है और इसका विभाजन दो निश्चित एवं पृथक् युगों में किया जा सकता है। 11वीं शताब्दी के पहले का युग सतत संघर्षों, अनुशासनहीनता, तथा निरक्षरता के कारण 'अंधयुग' कहलाया, यद्यपि इसमें भी यूरोप को रूपांतरित करने के कदम उठाए गए। इस युग का प्रारंभ रोमन साम्राज्य के पश्यिमी यूरोप के प्रदेशों में, बर्बर गोथ फ्रैंक्स वैंडल तथा वरगंडियन के द्वारा स्थापित जर्मन साम्राज्य से होता है। यहाँ तक कि शक्तिशाली शार्लमेन (742-814) भी थोड़े ही समय के लिये व्यवस्था ला सका। शार्लमेन के प्रपौलों की कलह तथा उत्तरी स्लाव और सूरासेन के आक्रमणों से पश्चिमी यूरोप एक बार फिर उसी अराजकता को पहुँचा जो सातवीं और आठवीं शताब्दी में थी। अतएव सातवीं और आठवीं शताब्दी का ईसाई संसार, प्रथम शताब्दी के लगभग के ग्रीक रोम जगत् की अपेक्षा सभ्यता एवं संस्कृति की निम्न श्रेणी पर था। गृहनिर्माण विद्या के अतिरिक्त, शिक्षा, विज्ञान तथा कला किसी भी क्षेत्र में उन्नति नहीं हुई थी। फिर भी अंधयुग उतना अंध नहीं था, जितना बताया जाता है। ईसाई भिक्षु एवं पादरियों ने ज्ञानदीप को प्रज्वलित रखा। 11वीं शताब्दी के अंत से 15वीं शताब्दी तक के उत्तर मध्य युग में मानव प्रत्येक दिशा में उन्नतिशील रहा। राष्ट्रीय एकता की भावना इंग्लैंड में 11वीं शताब्दी में, तथा फ्रांस में 12वीं शताब्दी में आई। शार्लमैन के उत्तराधिकारियों की शिथिलता तथा ईसाई चर्च के अभ्युदय ने, पोप को ईसाई समाज का एकमात्र अधिष्टाता बनने का अवसर दिया। अतएव, पोप तथा रोमन सम्राट् की प्रतिस्पर्धा, पावन धर्मयुद्ध, विद्या का नियंत्रण तथा रोमन केथोलिक धर्म के अंतर्राष्ट्रीय स्वरूप इत्यादि में इस प्रतिद्वंद्विता का आभास मिलता है। 13वीं शताब्दी के अंत तक राष्ट्रीय राज्य इतने शक्तिशाली हो गए थे कि चर्च की शक्ति का ह्रास निश्चित प्रतीत होने लगा। नवीं शताब्दी से 14वीं शताब्दी तक, पश्चिमी यूरोप का भौतिक, राजनीतिक तथा सामाजिक आधार सामंतवाद था, जिसके उदय का कारण राजा की शक्तियों का क्षीण होना था। समाज का यह संगठन भूमिव्यवस्था के माध्यम से पैदा हुआ। भूमिपति सामंत को अपने राज्य के अंतर्गत सारी जनता का प्रत्यक्ष स्वामित्व प्राप्त था। मध्ययुग नागरिक जीवन के विकास के लिये उल्लेखनीय है। अधिकांश मध्ययुगीन नगर सामंतों की गढ़ियों, मठों तथा वाणिज्य केंद्रों के आस पास विकसित हुए। 12वीं तथा 13वीं शताब्दी में यूरोप में व्यापार की उन्नति हुई। इटली के नगर विशेषतया वेनिस तथा जेनोआ पूर्वी व्यापार के केंद्र बने। इनके द्वारा यूरोप में रूई, रेशम, बहुमूल्य रत्न, स्वर्ण तथा मसाले मँगाए जाते थे। पुरोहित तथा सामंत वर्ग के समानांतर ही व्यापारिक वर्ग का ख्याति प्राप्त करना मध्ययुग की विशेषताओं में है। इन्हीं में से आधुनिक मध्यवर्ग प्रस्फुटित हुआ। मध्ययुग की कला तथा बौद्धिक जीवन अपनी विशेष सफलताओं के लिये प्रसिद्ध है। मध्ययुग में लैटिन अंतरराष्ट्रीय भाषा थी, किंतु 11वीं शताब्दी के उपरांत वर्नाक्यूलर भाषाओं के उदय ने इस प्राचीन भाषा की प्राथमिकता को समाप्त कर दिया। विद्या पर से पादरियों का स्वामित्व भी शीघ्रता से समाप्त होने लगा। 12वीं और 13वीं शताब्दी से विश्वविद्यालयों का उदय हुआ। अरस्तू की रचनाओं के साथ साथ, कानून, दर्शन, तथा धर्मशास्त्रों का अध्ययन सर्वप्रिय होने लगा। किंतु वैज्ञानिक साहित्य का सर्वथा अभाव था। भवन-निर्माण-कला की प्रधानता थी, जैसा वैभवशाली चर्च, गिरजाघरों तथा नगर भवनों से स्पष्ट है। भवननिर्माण की रोमन पद्धति के स्थान पर गोथिक पद्धति विकसित हुई। आधुनिक युग की अधिकांश विशेषताएँ उत्तर मध्ययुग के प्रवाहों की प्रगाढ़ता है। .

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महमद द्वितीय

महमद द्वितीय फ़ातिह (محمد ثانى،; II.; उर्फ़ ، الفاتح) 1444 से 1446 और 1451 से 1481 तक उस्मानिया साम्राज्य के सुलतान रहे। उन्होंने क़रीब 21 साल की उम्र में क़ुस्तुंतुनिया पर फ़तह करके बाज़न्तीनी साम्राज्य को हमेशा के लिए ख़त्म कर दिया था। इस विशाल फ़तह के बाद उन्होंने "क़ैसर" (रोम के शासक) का ख़िताब प्राप्त किया। कई लोग मानते हैं कि सुलतान महमद द्वितीय ने ईसाई जगत के इस महत्वपूर्ण केंद्र और बाज़न्तीनी साम्राज्य के इस महानतम क़िले पर क़ब्ज़ा करके पैग़म्बर हज़रत मुहम्मद की इच्छा को पूरा कर दिखाया। कुछ हदीसों के अनुसार पैग़म्बर मुहम्मद ने अपनी ज़िंदगी में क़ुस्तुंतुनिया फ़तह की इच्छा का अभिव्यक्तिकरण करते हुए कहा कि उस के फ़ातिहों को जन्नत जाने का आशीर्वाद प्राप्त होंगे। क़ुस्तुंतुनिया पर क़ब्ज़ा करके सुलतान महमद ने इस्लाम की नामवर हस्तियों में एक प्रतिष्ठित शख़्सियत की हैसियत प्राप्त कर ली। महमद फ़ातिह ने एंज़, गलाता और कैफ़े के इलाक़ों को उस्मानिया साम्राज्य में सम्मिलित किया था जबकि बलग़राद की घेराबन्दी के दौरान वे बहुत ज़ख़्मी हुए। 1458 में उन्होंने पेलोपोनीज़ का अधिकतर हिस्सा और एक साल बाद सर्बिया पर क़ब्ज़ा कर लिया। 1461 में मास्रा और असफ़ंडर उस्मानिया साम्राज्य में सम्मिलित हुए। इसके साथ-साथ उन्होंने यूनानी तराबज़ोन साम्राज्य को ख़त्म कर दिया और 1462 में उन्होंने रोमानिया, याइची और मदीली को भी अपने साम्राज्य में सम्मिलित किया। .

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मास्को

thumb मास्को स्थित रेड स्केव्यर का एक दृश्य मास्को या मॉस्को (रूसी: Москва́ (मोस्कवा)), रूस की राजधानी एवं यूरोप का सबसे बडा शहर है, मॉस्को का शहरी क्षेत्र दुनिया के सबसे बडे शहरी क्षेत्रों में गिना जाता है। मास्को रूस की राजनैतिक, आर्थिक, धार्मिक, वित्तीय एवं शैक्षणिक गतिविधियों का केन्द्र माना जाता है। यह मोस्कवा नदी के तट पर बसा हुआ है। ऐतिहासिक रूप से यह पुराने सोवियत संघ एवं प्राचीन रूसी साम्राज्य की राजधानी भी रही है। मास्को को दुनिया के अरबपतियों का शहर भी कहा जाता है जहां दुनिया के सबसे ज्यादा अरबपति बसते हैं। २००७ में मास्को को लगातार दूसरी बार दुनिया का सबसे महंगा शहर भी घोषित किया गया था। .

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मिस्र

मिस्र (अरबी; مصر, अंग्रेजी:Egypt), आधिकारिक तौर पर मिस्र अरब गणराज्य, एक देश है जिसका अधिकांश हालांकि उत्तरी अफ्रीका में स्थित है जबकि इसका सिनाई प्रायद्वीप, दक्षिणपश्चिम एशिया में एक स्थल पुल बनाता है। इस प्रकार मिस्र एक अंतरमहाद्वीपीय देश है, तथा अफ्रीका, भूमध्य क्षेत्र, मध्य पूर्व और इस्लामी दुनिया की यह एक प्रमुख शक्ति है। इसका क्षेत्रफल 1010000 वर्ग किलोमीटर है और इसके उत्तर में भूमध्य सागर, पूर्वोत्तर में गाजा पट्टी और इस्राइल, पूर्व में लाल सागर, दक्षिण में सूडान और पश्चिम में लीबिया स्थित है। मिस्र, अफ्रीका और मध्य पूर्व के सबसे अधिक जनसंख्या वाले देशों में से एक है। इसकी अनुमानित 7.90 करोड़ जनसंख्या का अधिकतर हिस्सा नील नदी के किनारे वाले हिस्से में रहता है। नील नदी का यह क्षेत्र लगभग 40000 वर्ग किलोमीटर (15000 वर्ग मील) का है और पूरे देश का सिर्फ इसी क्षेत्र में कृषि योग्य भूमि पायी जाती है। सहारा मरुस्थल के एक बड़े हिस्से में विरल जनसंख्या निवास करती है। मिस्र के लगभग आधे निवासी शहरों में वास करते हैं जिनमें नील नदी के मुहाने के क्षेत्र में बसे सघन जनसंख्या वाले शहर जैसे कि काहिरा, सिकन्दरिया आदि प्रमुख हैं। मिस्र की मान्यता उसकी प्राचीन सभ्यता के लिए है। गीज़ा पिरामिड परिसर और महान स्फिंक्स जैसे प्रसिद्ध स्मारक यहीं स्थित है। मिस्र के प्राचीन खंडहर जैसे कि मेम्फिस, थेबिस, करनाक और राजाओं की घाटी जो लक्सर के बाहर स्थित हैं, पुरातात्विक अध्ययन का एक महत्वपूर्ण केंद्र हैं। यहां के शासक को फारो नाम से जाना जाता था। इस पदवी का प्रयोग ईसाई और इस्लाम काल के पूर्व काल में होता था। इसे फारोह भी लिखते हैं। फारो को मिस्र के देवता होरसका पुनर्जन्म माना जाता था। होरस द्यौ (आकाश) का देवता था और इसे सूर्य भी माना जाता था। मिस्र की कार्यशक्ति का लगभग 12% हिस्सा पर्यटन और लाल सागर रिवेरा में कार्यरत है। मध्य पूर्व में, मिस्र की अर्थव्यवस्था सबसे अधिक विकसित और विविध अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। पर्यटन, कृषि, उद्योग और सेवा जैसे क्षेत्रों का उत्पादन स्तर लगभग एक समान है। 2011 के शुरूआत में मिस्र उस क्रांति का गवाह बना, जिसके द्वारा मिस्र से होस्नी मुबारक नाम के तानाशाह के 30 साल के शासन का खात्मा हुआ। .

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मॉल्डोवा

मोल्दावा, आधिकारिक तौर पर मोल्दोवा गणराज्य, पूर्वी यूरोप में स्थित एक लैंडलाक देश है, जिसके पश्चिम में रोमानिया और उत्तर, पूर्व और दक्षिण में यूक्रेन स्थित है। पुराने समय में आज का मोल्दोवा दासिया का हिस्सा हुआ करता था, जिसके बाद यह रोमन साम्राज्य के अधीन आ गया। मध्य युग में आज के मोल्दोवा का अधिकांश हिस्सा मोल्दोवा राज्य का हिस्सा हुआ करता था। 1812 में इस राज्य के पूर्वी हिस्से पर रूसी साम्राज्य ने कब्जा कर लिया और नाम रखा गया बेस्साराबिया.

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यहूदी

यहूदी जाति 'यहूदी' का मौलिक अर्थ है- येरूशलेम के आसपास के 'यूदा' नामक प्रदेशें का निवासी। यह प्रदेश याकूब के पुत्र यूदा के वंश को मिला था। बाइबिल में 'यहूदी' के निम्नलिखित अर्थ मिलते हैं- याकूब का पुत्र यहूदा, उनका वंश, उनकर प्रदेश, कई अन्य व्यक्तियों के नाम। यूदा प्रदेश (Kingdom of Juda) के निवासी प्राचीन इजरायल के मुख्य ऐतिहासिक प्रतिनिधि बन गए थे, इस कारण समस्त इजरायली जाति के लिये यहूदी शब्द का प्रयोग होने लगा। इस जाति का मूल पुरूष अब्राहम थे, अत: वे 'इब्रानी' भी कहलाते हैं। याकूब का दूसरा नाम था इजरायल, इस कारण 'इब्रानी' और 'यहूदी' के अतिरक्ति उन्हें 'इजरायली' भी कहा जाता है। यहूदी धर्म को मानने वालों को यहूदी (en:Jew) कहा जाता है। यहूदियों का निवास स्थान पारंपरिक रूप से पश्चिम एशिया में आज के इसरायल को माना जाता है जिसका जन्म १९४७ के बाद हुआ। मध्यकाल में ये यूरोप के कई क्षेत्रों में रहने लगे जहाँ से उन्हें उन्नीसवीं सदी में निर्वासन झेलना पड़ा और धीरे-धीरे विस्थापित होकर वे आज मुख्यतः इसरायल तथा अमेरिका में रहते हैं। इसरायल को छोड़कर सभी देशों में वे एक अल्पसंख्यक समुदाय के रूप में रहते हैं। इन्का मुख्य काम व्यापार है। यहूदी धर्म को इसाई और इस्लाम धर्म का पूर्ववर्ती कहा जा सकता है। इन तीनों धर्मों को संयुक्त रूप से 'इब्राहिमी धर्म' भी कहते हैं। अल्लाह ने यहूदियों के बारे में पवित्र कुरान में कहा "ऐ बनी इसराइल मेरी उन नेअमतों को याद करो जो मैंने पहले तुम्हें दी और ये (भी तो सोचो) कि हमने तुमको सारे जहाँन के लोगों से बढ़ा दिया" (Sura 2-47) "और अपनी क़ौम से उन लोगों की हालत तो तुम बखू़बी जानते हो जो शम्बे (सनीचर) के दिन अपनी हद से गुज़र गए (कि बावजूद मुमानिअत शिकार खेलने निकले) तो हमने उन से कहा कि तुम राइन्दे गए बन्दर बन जाओ (और वह बन्दर हो गए)" (Sura2-65) "फिर तुममें से थोड़े आदमियों के सिवा (सब के सब) फिर गए और तुम लोग हो ही इक़रार से मुँह फेरने वाले.और (वह वक़्त याद करो) जब हमने तुम (तुम्हारे बुजुर्गों) से अहद लिया था कि आपस में खू़रेजि़याँ न करना और न अपने लोगों को शहर बदर करना तो तुम (तुम्हारे बुजुर्गों) ने इक़रार किया था और तुम भी उसकी गवाही देते हो .(कि हाँ ऐसा हुआ था) फिर वही लोग तो तुम हो कि आपस में एक दूसरे को क़त्ल करते हो और अपनों से एक जत्थे के नाहक़ और ज़बरदस्ती हिमायती बनकर दूसरे को शहर बदर करते हो (और लुत्फ़ तो ये हैं कि) अगर वही लोग क़ैदी बनकर तम्हारे पास (मदद माँगने) आए तो उनको तावान देकर छुड़ा लेते हो हालाँकि उनका निकालना ही तुम पर हराम किया गया था तो फिर क्या तुम (किताबे खु़दा की) बाज़ बातों पर ईमान रखते हो और बाज़ से इन्कार करते हो बस तुम में से जो लोग ऐसा करें उनकी सज़ा इसके सिवा और कुछ नहीं कि जि़न्दगी भर की रूसवाई हो और (आखि़रकार) क़यामत के दिन सख़्त अज़ाब की तरफ लौटा दिये जाए और जो कुछ तुम लोग करते हो खु़दा उससे ग़ाफि़ल नहीं है" (Sura 2-83,84,85) "और तुम्हारे पास मूसा तो वाज़ेए व रौशन मौजिज़े लेकर आ ही चुके थे फिर भी तुमने उनके बाद बछड़े को खु़दा बना ही लिया और उससे तुम अपने ही ऊपर ज़ुल्म करने वाले थे"(Sura2-92) "बनी इसराईल मेरी उन नेअमतों को याद करो जो मैंनं तुम को दी हैं और ये कि मैंने तुमको सारे जहाँन पर फज़ीलत दी " (Sura 2-122) "बेशक हम ने तौरेत नाजि़ल की जिसमें (लोगों की) हिदायत और नूर (ईमान) है उसी के मुताबिक़ ख़ुदा के फ़रमाबरदार बन्दे (अम्बियाए बनी इसराईल) यहूदियों को हुक्म देते रहे और अल्लाह वाले और उलेमाए (यहूद) भी किताबे ख़ुदा से (हुक्म देते थे) जिसके वह मुहाफि़ज़ बनाए गए थे और वह उसके गवाह भी थे बस (ऐ मुसलमानों) तुम लोगों से (ज़रा भी) न डरो (बल्कि) मुझ ही से डरो और मेरी आयतों के बदले में (दुनिया की दौलत जो दर हक़ीक़त बहुत थोड़ी क़ीमत है) न लो और (समझ लो कि) जो ख़्स ख़ुदा की नाजि़ल की हुयी (किताब) के मुताबिक़ हुक्म न दे तो ऐसे ही लोग काफि़र हैं" (Sura 5-44) "(ऐ रसूल) तुम कह दो कि मैं तुम्हें ख़ुदा के नज़दीक सज़ा में इससे कहीं बदतर ऐब बता दॅू (अच्छा लो सुनो) जिसपर ख़ुदा ने लानत की हो और उस पर ग़ज़ब ढाया हो और उनमें से किसी को (मसख़ करके) बन्दर और (किसी को) सूअर बना दिया हो और (ख़ुदा को छोड़कर) शैतान की परस्तिश की हो बस ये लोग दरजे में कहीं बदतर और राहे रास्त से भटक के सबसे ज़्यादा दूर जा पहँचे हैं " (Sura 5-60) "यहूद तो कहते हैं कि अज़ीज़ ख़़ुदा के बेटे हैं और नुसैरा कहते हैं कि मसीहा (ईसा) ख़़ुदा के बेटे हैं ये तो उनकी बात है और (वह ख़ुद) उन्हीं के मुँह से ये लोग भी उन्हीं काफि़रों की सी बातें बनाने लगे जो उनसे पहले गुज़र चुके हैं ख़़ुद उनको क़त्ल (तहस नहस) करके (देखो तो) कहाँ से कहाँ भटके जा रहे हैं" (Sura 9-30) "ऐ बनी इसराइल हमने तुमको तुम्हारे दुश्मन (के पंजे) से छुड़ाया और तुम से (कोहेतूर) के दाहिने तरफ का वायदा किया और हम ही ने तुम पर मन व सलवा नाजि़ल किया.और (फ़रमाया) कि हमने जो पाक व पाक़ीज़ा रोज़ी तुम्हें दे रखी है उसमें से खाओ (पियो) और उसमें (किसी कि़स्म की) शरारत न करो वरना तुम पर मेरा अज़ाब नाजि़ल हो जाएगा और (याद रखो कि) जिस पर मेरा ग़ज़ब नाजि़ल हुआ तो वह यक़ीनन गुमराह (हलाक) हुआ " (Sura 20-80,81) "और हमने बनी इसराईल को किताब (तौरेत) और हुकूमत और नबूवत अता की और उन्हें उम्दा उम्दा चीज़ें खाने को दीं और उनको सारे जहाँन पर फ़ज़ीलत दी.और उनको दीन की खुली हुई दलीलें इनायत की तो उन लोगों ने इल्म आ चुकने के बाद बस आपस की जि़द में एक दूसरे से एख़्तेलाफ़ किया कि ये लोग जिन बातों से एख़्तेलाफ़ कर रहें हैं क़यामत के दिन तुम्हारा परवरदिगार उनमें फैसला कर देगा" (Sura 45-16,17) .

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युक्रेन

युक्रेन पूर्वी यूरोप में स्थित एक देश है। इसकी सीमा पूर्व में रूस, उत्तर में बेलारूस, पोलैंड, स्लोवाकिया, पश्चिम में हंगरी, दक्षिणपश्चिम में रोमानिया और माल्दोवा और दक्षिण में काला सागर और अजोव सागर से मिलती है। देश की राजधानी होने के साथ-साथ सबसे बड़ा शहर भी कीव है। युक्रेन का आधुनिक इतिहास 9वीं शताब्दी से शुरू होता है, जब कीवियन रुस के नाम से एक बड़ा और शक्तिशाली राज्य बनकर यह खड़ा हुआ, लेकिन 12 वीं शताब्दी में यह महान उत्तरी लड़ाई के बाद क्षेत्रीय शक्तियों में विभाजित हो गया। 19वीं शताब्दी में इसका बड़ा हिस्सा रूसी साम्राज्य का और बाकी का हिस्सा आस्ट्रो-हंगेरियन नियंत्रण में आ गया। बीच के कुछ सालों के उथल-पुथल के बाद 1922 में सोवियत संघ के संस्थापक सदस्यों में से एक बना। 1945 में यूक्रेनियाई एसएसआर संयुक्त राष्ट्रसंघ का सह-संस्थापक सदस्य बना। सोवियत संघ के विघटन के बाद युक्रेन फिर से स्वतंत्र देश बना। .

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यूनान

यूनान यूरोप महाद्वीप में स्थित देश है। यहां के लोगों को यूनानी अथवा यवन कहते हैं। अंग्रेजी तथा अन्य पश्चिमी भाषाओं में इन्हें ग्रीक कहा जाता है। यह भूमध्य सागर के उत्तर पूर्व में स्थित द्वीपों का समूह है। प्राचीन यूनानी लोग इस द्वीप से अन्य कई क्षेत्रों में गए जहाँ वे आज भी अल्पसंख्यक के रूप में मौज़ूद है, जैसे - तुर्की, मिस्र, पश्चिमी यूरोप इत्यादि। यूनानी भाषा ने आधुनिक अंग्रेज़ी तथा अन्य यूरोपीय भाषाओं को कई शब्द दिये हैं। तकनीकी क्षेत्रों में इनकी श्रेष्ठता के कारण तकनीकी क्षेत्र के कई यूरोपीय शब्द ग्रीक भाषा के मूलों से बने हैं। इसके कारण ये अन्य भाषाओं में भी आ गए हैं।ग्रीस की महिलाएं देह व्यापार के धंधे में सबसे आगे है.

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यूरोप

यूरोप पृथ्वी पर स्थित सात महाद्वीपों में से एक महाद्वीप है। यूरोप, एशिया से पूरी तरह जुड़ा हुआ है। यूरोप और एशिया वस्तुतः यूरेशिया के खण्ड हैं और यूरोप यूरेशिया का सबसे पश्चिमी प्रायद्वीपीय खंड है। एशिया से यूरोप का विभाजन इसके पूर्व में स्थित यूराल पर्वत के जल विभाजक जैसे यूराल नदी, कैस्पियन सागर, कॉकस पर्वत शृंखला और दक्षिण पश्चिम में स्थित काले सागर के द्वारा होता है। यूरोप के उत्तर में आर्कटिक महासागर और अन्य जल निकाय, पश्चिम में अटलांटिक महासागर, दक्षिण में भूमध्य सागर और दक्षिण पश्चिम में काला सागर और इससे जुड़े जलमार्ग स्थित हैं। इस सबके बावजूद यूरोप की सीमायें बहुत हद तक काल्पनिक हैं और इसे एक महाद्वीप की संज्ञा देना भौगोलिक आधार पर कम, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक आधार पर अधिक है। ब्रिटेन, आयरलैंड और आइसलैंड जैसे देश एक द्वीप होते हुए भी यूरोप का हिस्सा हैं, पर ग्रीनलैंड उत्तरी अमरीका का हिस्सा है। रूस सांस्कृतिक दृष्टिकोण से यूरोप में ही माना जाता है, हालाँकि इसका सारा साइबेरियाई इलाका एशिया का हिस्सा है। आज ज़्यादातर यूरोपीय देशों के लोग दुनिया के सबसे ऊँचे जीवनस्तर का आनन्द लेते हैं। यूरोप पृष्ठ क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का दूसरा सबसे छोटा महाद्वीप है, इसका क्षेत्रफल के १०,१८०,००० वर्ग किलोमीटर (३,९३०,००० वर्ग मील) है जो पृथ्वी की सतह का २% और इसके भूमि क्षेत्र का लगभग ६.८% है। यूरोप के ५० देशों में, रूस क्षेत्रफल और आबादी दोनों में ही सबसे बड़ा है, जबकि वैटिकन नगर सबसे छोटा देश है। जनसंख्या के हिसाब से यूरोप एशिया और अफ्रीका के बाद तीसरा सबसे अधिक आबादी वाला महाद्वीप है, ७३.१ करोड़ की जनसंख्या के साथ यह विश्व की जनसंख्या में लगभग ११% का योगदान करता है, तथापि, संयुक्त राष्ट्र के अनुसार (मध्यम अनुमान), २०५० तक विश्व जनसंख्या में यूरोप का योगदान घटकर ७% पर आ सकता है। १९०० में, विश्व की जनसंख्या में यूरोप का हिस्सा लगभग 25% था। पुरातन काल में यूरोप, विशेष रूप से यूनान पश्चिमी संस्कृति का जन्मस्थान है। मध्य काल में इसी ने ईसाईयत का पोषण किया है। यूरोप ने १६ वीं सदी के बाद से वैश्विक मामलों में एक प्रमुख भूमिका अदा की है, विशेष रूप से उपनिवेशवाद की शुरुआत के बाद.

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यूरोपीय संघ

यूरोपियन संघ (यूरोपियन यूनियन) मुख्यत: यूरोप में स्थित 28 देशों का एक राजनैतिक एवं आर्थिक मंच है जिनमें आपस में प्रशासकीय साझेदारी होती है जो संघ के कई या सभी राष्ट्रो पर लागू होती है। इसका अभ्युदय 1957 में रोम की संधि द्वारा यूरोपिय आर्थिक परिषद के माध्यम से छह यूरोपिय देशों की आर्थिक भागीदारी से हुआ था। तब से इसमें सदस्य देशों की संख्या में लगातार बढोत्तरी होती रही और इसकी नीतियों में बहुत से परिवर्तन भी शामिल किये गये। 1993 में मास्त्रिख संधि द्वारा इसके आधुनिक वैधानिक स्वरूप की नींव रखी गयी। दिसम्बर 2007 में लिस्बन समझौता जिसके द्वारा इसमें और व्यापक सुधारों की प्रक्रिया 1 जनवरी 2008 से शुरु की गयी है। यूरोपिय संघ सदस्य राष्ट्रों को एकल बाजार के रूप में मान्यता देता है एवं इसके कानून सभी सदस्य राष्ट्रों पर लागू होता है जो सदस्य राष्ट्र के नागरिकों की चार तरह की स्वतंत्रताएँ सुनिश्चित करता है:- लोगों, सामान, सेवाएँ एवं पूँजी का स्वतंत्र आदान-प्रदान.

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योहान वुल्फगांग फान गेटे

गेटे योहान वुल्फगांग फान गेटे (Johann Wolfgang von Goethe) (२८ अगस्त १७४९ - २२ मार्च १८३२) जर्मनी के लेखक, दार्शनिक‎ और विचारक थे। उन्होने कविता, नाटक, धर्म, मानवता और विज्ञान जैसे विविध क्षेत्रों में कार्य किया। उनका लिखा नाटक फ़ाउस्ट (Faust) विश्व साहित्य में उच्च स्थान रखता है। गोथे की दूसरी रचनाओं में "सोरॉ ऑफ यंग वर्टर" शामिल है। गोथे जर्मनी के महानतम साहित्यिक हस्तियों में से एक माने जाते हैं, जिन्होंने अठारहवीं और उन्नीसवीं सदी में विमर क्लासिसिज्म (Weimar Classicism) नाम से विख्यात आंदोलन की शुरुआत की। वेमर आंदोलन बोध, संवेदना और रोमांटिज्म का मिलाजुला रूप है। जोहान वुल्फगांग गेटे उन्होने कालिदास के अभिज्ञान शाकुन्तलम् का जर्मन भाषा में अनुवाद किया। गेटे ने अभिज्ञान शाकुन्तलम् के बारे में कहा था- .

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राष्ट्रीय मुक्ति मोर्चा

राष्ट्रीय मुक्ति मोर्चा (Front de Liberation Nationale/جبهة التحرير الوطني) अल्जीरिया का एक राजनीतिक दल है। इस दल की स्थापना १९५४ में हुई थी। इस दल का युवा संगठन Union Nationale de la Jeunesse Algérienne है। २००२ के संसदीय चुनाव में इस दल को २ ६१८ ००३ मत (३५.३%, १९९ सीटें) मिले। २००४ के राष्ट्रपति चुनाव में इस दल का प्रत्याशी, Ali Benflis, को ६५३ ९५१ वोट (६.४%) मिले। .

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राजतन्त्र

राजतन्त्र (मोनार्की / monarchy) शासन की वह प्रणाली है जिसमें एक व्यक्ति (राजा) शासन का सर्वेसर्वा होता है। राजा, शासित जनता द्वारा चुना हुआ नहीं होता बल्कि वंशगत होता है या किसी दूसरे राजा को युद्ध में पराजित करके राजा बनता है। राजतन्त्र, संसार की सबसे पुरानी एवं स्वाभाविक शासन प्रणाली है। .

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रियासत

रियासत ब्रिटिश राज के दौरान हिन्दुस्तान में हिन्दू राजा-महाराजाओं व मुस्लिम शासकों जिन्हें आम बोलचाल की भाषा में नवाब कहा जाता था, के स्वामित्व में स्वतन्त्र इकाइयों को कहा जाता था। भारत १५ अगस्त,१९४७ को ब्रिटिश आधिपत्य से मुक्त हुआ। इससे पहले जब यहाँ की पूरी केन्द्रीय शासन व्यवस्था ब्रिटिश शासन के अधीन थी उस समय भी ऐसी बहुत सी इकाइयाँ (अथवा क्षेत्र) स्वतन्त्र रूप से स्थानीय राजाओं व नवाबों के अधीन थीं। उस समय इन क्षेत्रों को रियासत कहा जाता था। १५ अगस्त,१९४७ को स्वतन्त्रता से पूर्व हिन्दुस्तान में ५६५ रियासतें थीं। .

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रूसी साम्राज्य

सन् १८६६ में रूसी साम्राज्य (हरे रंग में) रूसी साम्राज्य (रूसी: Российская Империя, रोसिस्काया इम्पेरिया) सन् १७२१ से १९१७ तक की रूसी क्रांति तक अस्तित्व में रहने वाला एक साम्राज्य था। रूसी साम्राज्य से पहले रूस में रूसी त्सार-राज्य था और उसके बाद बहुत कम अवधि के लिए रूसी गणतंत्र चला और उसके उपरान्त सोवियत संघ स्थापित हुआ। रूसी साम्राज्य दुनिया के सब से बड़े साम्राज्यों में से एक था और केवल मंगोल और ब्रिटिश साम्राज्य ही क्षेत्रफल में उस से बड़े रहे हैं। सन् १८६६ में रूसी साम्राज्य पूर्वी यूरोप से लेकर सुदूर पूर्व एशिया तक और फिर समुद्र के पार उत्तर अमेरिका के कुछ इलाक़ों पर विस्तृत था। १८९७ में सामराज्य की जनसँख्या १२.५६ करोड़ थी।, Jane Burbank, David L. Ransel, Indiana University Press, 1998, ISBN 978-0-253-21241-2,...

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रोमन साम्राज्य

अपने महत्तम विस्तार पर 117 इस्वी में '''रोमन साम्राज्य''' रोमन साम्राज्य का उत्थान एवं पतन रोमन साम्राज्य (27 ई.पू. –- 476 (पश्चिम); 1453 (पूर्व)) यूरोप के रोम नगर में केन्द्रित एक साम्राज्य था। इस साम्राज्य का विस्तार पूरे दक्षिणी यूरोप के अलावे उत्तरी अफ्रीका और अनातोलिया के क्षेत्र थे। फारसी साम्राज्य इसका प्रतिद्वंदी था जो फ़ुरात नदी के पूर्व में स्थित था। रोमन साम्राज्य में अलग-अलग स्थानों पर लातिनी और यूनानी भाषाएँ बोली जाती थी और सन् १३० में इसने ईसाई धर्म को राजधर्म घोषित कर दिया था। यह विश्व के सबसे विशाल साम्राज्यों में से एक था। यूँ तो पाँचवी सदी के अन्त तक इस साम्राज्य का पतन हो गया था और इस्तांबुल (कॉन्स्टेन्टिनोपल) इसके पूर्वी शाखा की राजधानी बन गई थी पर सन् १४५३ में उस्मानों (ऑटोमन तुर्क) ने इसपर भी अधिकार कर लिया था। यह यूरोप के इतिहास और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण अंग है। .

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रोमा लोगों का इतिहास

रोमा लोग भारतीय उपमहाद्वीप के पश्चिमोत्तर क्षेत्र के मूल निवासी हैं। ६वीं एवं ११वीं शताब्दी के मध्य किसी समय इन लोगों ने मध्यपूर्व के राजदरबारों में काम करने के लिये उन्होने अपना मूल निवासस्थान छोड़ा होगा। श्रेणी:रोमा लोग.

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रोमानियाई भाषा

रोमानियाई या दाको-रोमानियाई एक रोमांस भाषा है, जिसे दुनियाभर में, विशेषतौर से रोमानिया और मोल्दोवा में, करीबन ढाई करोड़ लोग बोलते हैं। इसे रोमानिया, मोल्दोवा गणराज्य और सर्बिया के वोज्वूदिना स्वायत्त प्रांत में आधिकारिक दर्जा प्राप्त है। मोल्दोवा में इसे राजनैतिक कारणों से लिम्बा मोल्दोवेन्सका (मोल्दोवियाई) कहा जाता है। रोमानियाई भाषी पूरी दुनिया में, खासतौर से इटली, स्पेन, रूस, यूक्रेन, इजराइल, पुर्तगाल, युनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, फ्रांस और जर्मनी में फैली हुए हैं। श्रेणी:रोमानिया श्रेणी:रोमान्स भाषाएँ श्रेणी:हिन्द-यूरोपीय भाषाएँ.

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शीतयुद्ध

नाटो तथा वार्सा संधि के देश द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद के काल में संयुक्त राज्य अमेरिका और सोवियत रूस के बीच उत्पन्न तनाव की स्थिति को शीत युद्ध के नाम से जाना जाता है। कुछ इतिहासकारों द्वारा इसे 'शस्त्र सज्जित शान्ति' का नाम भी दिया गया है। द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन और रूस ने कंधे से कन्धा मिलाकर धूरी राष्ट्रों- जर्मनी, इटली और जापान के विरूद्ध संघर्ष किया था। किन्तु युद्ध समाप्त होते ही, एक ओर ब्रिटेन तथा संयुक्त राज्य अमेरिका तथा दूसरी ओर सोवियत संघ में तीव्र मतभेद उत्पन्न होने लगा। बहुत जल्द ही इन मतभेदों ने तनाव की भयंकर स्थिति उत्पन्न कर दी। रूस के नेतृत्व में साम्यवादी और अमेरिका के नेतृत्व में पूँजीवादी देश दो खेमों में बँट गये। इन दोनों पक्षों में आपसी टकराहट आमने सामने कभी नहीं हुई, पर ये दोनों गुट इस प्रकार का वातावरण बनाते रहे कि युद्ध का खतरा सदा सामने दिखाई पड़ता रहता था। बर्लिन संकट, कोरिया युद्ध, सोवियत रूस द्वारा आणविक परीक्षण, सैनिक संगठन, हिन्द चीन की समस्या, यू-2 विमान काण्ड, क्यूबा मिसाइल संकट कुछ ऐसी परिस्थितियाँ थीं जिन्होंने शीतयुद्ध की अग्नि को प्रज्वलित किया। सन् 1991 में सोवियत रूस के विघटन से उसकी शक्ति कम हो गयी और शीतयुद्ध की समाप्ति हो गयी। .

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सम्राट्

सम्राट् (या, सम्राज्) प्राचीन भारतीय राजाओं का एक पद था। स्त्री के लिए संगत पद सम्राज्ञी था। यह शब्द विभिन्न वैदिक देवताओं के विशेषण के रूप में भी प्रयुक्त हुआ है। .

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सर्बिया

सर्बिया का झंडा सर्बिया (सर्बियाई: या) एक देश है। .

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सामंतवाद

अपने प्रतिज्ञाओं के लिए रोलाण्ड शारलेमेन; चेनसन डे गेस्टे, c.14th.c. की एक पांडुलिपि से सामंतवाद (Feudalism / फ्युडलिज्म) मध्यकालीन युग में इंग्लैंड और यूरोप की प्रथा थी। इन सामंतों की कई श्रेणियाँ थीं जिनके शीर्ष स्थान में राजा होता था। उसके नीचे विभिन्न कोटि के सामंत होते थे और सबसे निम्न स्तर में किसान या दास होते थे। यह रक्षक और अधीनस्थ लोगों का संगठन था। राजा समस्त भूमि का स्वामी माना जाता था। सामंतगण राजा के प्रति स्वामिभक्ति बरतते थे, उसकी रक्षा के लिए सेना सुसज्जित करते थे और बदले में राजा से भूमि पाते थे। सामंतगण भूमि के क्रय-विक्रय के अधिकारी नहीं थे। प्रारंभिक काल में सामंतवाद ने स्थानीय सुरक्षा, कृषि और न्याय की समुचित व्यवस्था करके समाज की प्रशंसनीय सेवा की। कालांतर में व्यक्तिगत युद्ध एवं व्यक्तिगत स्वार्थ ही सामंतों का उद्देश्य बन गया। साधन-संपन्न नए शहरों के उत्थान, बारूद के आविष्कार, तथा स्थानीय राजभक्ति के स्थान पर राष्ट्रभक्ति के उदय के कारण सामंतशाही का लोप हो गया।.

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साम्यवाद

साम्यवाद, कार्ल मार्क्स और फ्रेडरिक एंगेल्स द्वारा प्रतिपादित तथा साम्यवादी घोषणापत्र में वर्णित समाजवाद की चरम परिणति है। साम्यवाद, सामाजिक-राजनीतिक दर्शन के अंतर्गत एक ऐसी विचारधारा के रूप में वर्णित है, जिसमें संरचनात्मक स्तर पर एक समतामूलक वर्गविहीन समाज की स्थापना की जाएगी। ऐतिहासिक और आर्थिक वर्चस्व के प्रतिमान ध्वस्त कर उत्पादन के साधनों पर समूचे समाज का स्वामित्व होगा। अधिकार और कर्तव्य में आत्मार्पित सामुदायिक सामंजस्य स्थापित होगा। स्वतंत्रता और समानता के सामाजिक राजनीतिक आदर्श एक दूसरे के पूरक सिद्ध होंगे। न्याय से कोई वंचित नहीं होगा और मानवता एक मात्र जाति होगी। श्रम की संस्कृति सर्वश्रेष्ठ और तकनीक का स्तर सर्वोच्च होगा। साम्यवाद सिद्धांततः अराजकता का पोषक हैं जहाँ राज्य की आवश्यकता समाप्त हो जाती है। मूलतः यह विचार समाजवाद की उन्नत अवस्था को अभिव्यक्त करता है। जहाँ समाजवाद में कर्तव्य और अधिकार के वितरण को 'हरेक से अपनी क्षमतानुसार, हरेक को कार्यानुसार' (From each according to her/his ability, to each according to her/his work) के सूत्र से नियमित किया जाता है, वहीं साम्यवाद में 'हरेक से क्षमतानुसार, हरेक को आवश्यकतानुसार' (From each according to her/his ability, to each according to her/his need) सिद्धांत का लागू किया जाता है। साम्यवाद निजी संपत्ति का पूर्ण प्रतिषेध करता है। .

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हंगरी

हंगरी (हंगेरियाई: Magyarország), आधिकारिक तौर पर हंगरी गणराज्य (हंगेरियाई: Magyar Köztársaság, शाब्दिक अर्थ "हंगरी गणराज्य"), मध्य यूरोप के पैनोनियन बेसिन में स्थित एक स्थल-रुद्ध देश है। इसके उत्तर में स्लोवाकिया, पूर्व में यूक्रेन और रोमानिया, दक्षिण में सर्बिया और क्रोएशिया, दक्षिण पश्चिम में स्लोवेनिया और पश्चिम में ऑस्ट्रिया स्थित है। इसकी राजधानी और सबसे बड़ा शहर बुडापेस्ट है। हंगरी, यूरोपीय संघ, नाटो, ओईसीडी और विसेग्राद समूह का सदस्य है और एक शेंगन राष्ट्र है। इसकी आधिकारिक भाषा हंगेरियाई है, जो फिन्नो-उग्रिक भाषा परिवार का हिस्सा है और यूरोप में सबसे व्यापक रूप से बोली जाने वाली गैर भारोपीय भाषा है। हंगरी दुनिया के तीस सबसे अधिक लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है और प्रति वर्ष लगभग 8.6 लाख पर्यटकों (2007 के आँकड़े) को आकर्षित करता है। देश में विश्व की सबसे बड़ी गर्म जल की गुफा प्रणाली स्थित है और गर्म जल की सबसे बड़ी झीलों में से एक हेविज़ झील यहीं पर स्थित है। इसके साथ मध्य यूरोप की सबसे बड़ी झील बलातोन झील भी यहीं पर है और यूरोप के सबसे बड़े प्राकृतिक घास के मैदान होर्टोबैगी भी हंगरी के अधिकार क्षेत्र में आते हैं। हंगरी की सरकार एक संसदीय गणतंत्र है, जिसे 1989 में स्थापित किया गया था। हंगरी की अर्थव्यवस्था एक उच्च-आय अर्थव्यवस्था है और कुछ क्षेत्रों में यह एक क्षेत्रीय अगुआ है। .

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होमो सेपियन्स

होमो सेपियन्स/आधुनिक मानव स्तनपायी सर्वाहारी प्रधान जंतुओं की एक जाति, जो बात करने, अमूर्त्त सोचने, ऊर्ध्व चलने तथा परिश्रम के साधन बनाने योग्य है। मनुष्य की तात्विक प्रवीणताएँ हैं: तापीय संसाधन के द्वारा खाना बनाना और कपडों का उपयोग। मनुष्य प्राणी जगत का सर्वाधिक विकसित जीव है। जैव विवर्तन के फलस्वरूप मनुष्य ने जीव के सर्वोत्तम गुणों को पाया है। मनुष्य अपने साथ-साथ प्राकृतिक परिवेश को भी अपने अनुकूल बनाने की क्षमता रखता है। अपने इसी गुण के कारण हम मनुष्यों नें प्रकृति के साथ काफी खिलवाड़ किया है। आधुनिक मानव अफ़्रीका में 2 लाख साल पहले, सबके पूर्वज अफ़्रीकी थे। होमो इरेक्टस के बाद विकास दो शाखाओं में विभक्त हो गया। पहली शाखा का निएंडरथल मानव में अंत हो गया और दूसरी शाखा क्रोमैग्नॉन मानव अवस्था से गुजरकर वर्तमान मनुष्य तक पहुंच पाई है। संपूर्ण मानव विकास मस्तिष्क की वृद्धि पर ही केंद्रित है। यद्यपि मस्तिष्क की वृद्धि स्तनी वर्ग के अन्य बहुत से जंतुसमूहों में भी हुई, तथापि कुछ अज्ञात कारणों से यह वृद्धि प्राइमेटों में सबसे अधिक हुई। संभवत: उनका वृक्षीय जीवन मस्तिष्क की वृद्धि के अन्य कारणों में से एक हो सकता है। .

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वर्साय की सन्धि

वर्साय की सन्धि का इंगलिश कवर पेज वर्साय की सन्धि प्रथम विश्व युद्घ के अन्त में जर्मनी और गठबन्धन देशों (ब्रिटेन, फ्रान्स, अमेरिका, रूस आदि) के बीच में हुई थी। प्रथम विश्वयुद्ध के बाद पराजित जर्मनी ने 28 जून 1919 के दिन वर्साय की सन्धि पर हस्ताक्षर किये। इसकी वजह से जर्मनी को अपनी भूमि के एक बड़े हिस्से से हाथ धोना पड़ा, दूसरे राज्यों पर कब्जा करने की पाबन्दी लगा दी गयी, उनकी सेना का आकार सीमित कर दिया गया और भारी क्षतिपूर्ति थोप दी गयी। वर्साय की सन्धि को जर्मनी पर जबरदस्ती थोपा गया था। इस कारण एडोल्फ हिटलर और अन्य जर्मन लोग इसे अपमानजनक मानते थे और इस तरह से यह सन्धि द्वितीय विश्वयुद्ध के कारणों में से एक थी। .

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विश्व धरोहर स्थलों की सूची

विश्व धरोहर स्थल वह स्थान है है जो संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) द्वारा विशेष सांस्कृतिक अथवा भौतिक महत्व के रूप में सूचीबद्ध किये गये हैं। विश्व धरोहर स्थलों की सूची के लिए देखें: .

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विश्व बैंक

कोई विवरण नहीं।

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आक्रमण

आक्रमण का अर्थ होता है धावा। .

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इज़राइल

इज़राइल राष्ट्र (इब्रानी:מְדִינַת יִשְׂרָאֵל, मेदिनत यिसरा'एल; دَوْلَةْ إِسْرَائِيل, दौलत इसरा'ईल) दक्षिण पश्चिम एशिया में स्थित एक देश है। यह दक्षिणपूर्व भूमध्य सागर के पूर्वी छोर पर स्थित है। इसके उत्तर में लेबनॉन, पूर्व में सीरिया और जॉर्डन तथा दक्षिण-पश्चिम में मिस्र है। मध्यपूर्व में स्थित यह देश विश्व राजनीति और इतिहास की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। इतिहास और प्राचीन ग्रंथों के अनुसार यहूदियों का मूल निवास रहे इस क्षेत्र का नाम ईसाइयत, इस्लाम और यहूदी धर्मों में प्रमुखता से लिया जाता है। यहूदी, मध्यपूर्व और यूरोप के कई क्षेत्रों में फैल गए थे। उन्नीसवी सदी के अन्त में तथा फ़िर बीसवीं सदी के पूर्वार्ध में यूरोप में यहूदियों के ऊपर किए गए अत्याचार के कारण यूरोपीय (तथा अन्य) यहूदी अपने क्षेत्रों से भाग कर येरूशलम और इसके आसपास के क्षेत्रों में आने लगे। सन् 1948 में आधुनिक इसरायल राष्ट्र की स्थापना हुई। यरूशलम इसरायल की राजधानी है पर अन्य महत्वपूर्ण शहरों में तेल अवीव का नाम प्रमुखता से लिया जा सकता है। यहाँ की प्रमुख भाषा इब्रानी (हिब्रू) है, जो दाहिने से बाँए लिखी जाती है। यहाँ के निवासियों को इसरायली कहा जाता है। .

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काला सागर

नासा के वर्ल्ड विंड ग्लोब सॉफ्टवेयर द्वारा कृष्ण सागर का दृश्य कृष्ण सागर या काला सागर एक महाद्वीपीय समुद्र है जो दक्षिण-पूर्वी यूरोप, कॉकेशस और अनातोलिया के प्रायद्वीप (तुर्की) से घिरा है। अंध महासागर में यह भूमध्य और एजियन सागरों और विभिन्न जलडमरूमध्यों के माध्यम से जुड़ा हुआ है। इसमें बोस्पोरस की जलसंयोगी मारमरा सागर का नाम उल्लेखनीय है। कृष्ण सागर, 436,400 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल का जलाशय है, जिसकी अधिकतम गहराई 2212 मीटर है। इसमें समाहित जल का आयतन लगभग 5,47,000 घन किमी है। कृष्ण सागर पश्चिम में बुल्गारिया, रोमानिया, उत्तर-पूर्व में रूस और यूक्रेन, दक्षिण में तुर्की के बीच स्थित है। इसके पूर्व में जॉर्जिया तथा कॉकेशस की पर्वतमालाएँ हैं जो इसे कैस्पियन सागर से अलग करती हैं। पूर्व से पश्चिम की सबसे अधिक लंबाई लगभग 1175 किमी है। '''कृष्ण सागर''' का क्रीमिया गणराज्य के एक गांव से दृश्य इस तट के साथ लगे महत्वपूर्ण शहरों में शामिल हैं: कॉस्टैंटा (306000 550000 के एक मेट्रो के साथ), इस्तांबुल (11372613), ओडेसा (1001000), मंगालिया (41153), बुर्गास (229250), वार्ना (357752 416000 के एक मेट्रो के साथ), खेरसॉन (358000), सेवास्टॉपॉल (379200), याल्टा (80552), कर्च (158165), नोवोरोसीस्क (281400), सोची (328809), सूखुमी (43700), नैवोदारी (34669), पोती (47149), बातुमी (121806), ट्रैबज़ॉन (275137), सैमसन (439000) ओर्दू (190143) और जोंगूल्दाक (104276).

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अरब

* अरब देश - मध्यपूर्व के देश जहाँ अरबी भाषा बोली जाती है।.

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उस्मानी साम्राज्य

उस्मानी सलतनत (१२९९ - १९२३) (या उस्मानी साम्राज्य या तुर्क साम्राज्य, उर्दू में सल्तनत-ए-उस्मानिया, उस्मानी तुर्कीयाई:دَوْلَتِ عَلِيّهٔ عُثمَانِیّه देव्लेत-इ-आलीय्ये-इ-ऑस्मानिय्ये) १२९९ में पश्चिमोत्तर अनातोलिया में स्थापित एक तुर्क राज्य था। महमद द्वितीय द्वारा १४९३ में क़ुस्तुंतुनिया जीतने के बाद यह एक साम्राज्य में बदल गया। प्रथम विश्वयुद्ध में १९१९ में पराजित होने पर इसका विभाजन करके इस पर अधिकार कर लिया गया। स्वतंत्रता के लिये संघर्ष के बाद २९ अक्तुबर सन् १९२३ में तुर्की गणराज्य की स्थापना पर इसे समाप्त माना जाता है। उस्मानी साम्राज्य सोलहवीं-सत्रहवीं शताब्दी में अपने चरम शक्ति पर था। अपनी शक्ति के चरमोत्कर्ष के समय यह एशिया, यूरोप तथा उत्तरी अफ़्रीका के हिस्सों में फैला हुआ था। यह साम्राज्य पश्चिमी तथा पूर्वी सभ्यताओं के लिए विचारों के आदान प्रदान के लिए एक सेतु की तरह था। इसने १४५३ में क़ुस्तुन्तुनिया (आधुनिक इस्ताम्बुल) को जीतकर बीज़ान्टिन साम्राज्य का अन्त कर दिया। इस्ताम्बुल बाद में इनकी राजधानी बनी रही। इस्ताम्बुल पर इसकी जीत ने यूरोप में पुनर्जागरण को प्रोत्साहित किया था। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

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