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प्राचीन रोम में धर्म

सूची प्राचीन रोम में धर्म

यूपीतेर- आकाश के देवता रोमन धर्म प्राचीन रोम नगर और इटली देश का सबसे मुख्य- और राजधर्म था। रोमन धर्म सामी धर्म बिलकुल नहीं था। वो एक भारोपीय (हिन्द-यूरोपीय) धर्म था। ये एक मूर्तिपूजक और बहुदेवतावादी धर्म था। इसमें एक अदृश्य ईश्वर की अवधारणा नहीं थी। ईसाई धर्म के राजधर्म बनने के बाद ईसाइयों ने इसपर प्रतिबंध लगा दिया। इसके बाद ये लुप्त हो गया। फिर भी, आज कल, कुछ यूरोपीय लोग सामी धर्म (यहूदी, ईसाई और ईस्लामी धर्म) छोड़ दिये और रोमन धर्म और दर्शन वापस चल चुके हैं। क्योंकि वे लोगों को लगता है कि रोमन धर्म ईसाई धर्म से अच्छा है और सहिष्णु भी। रोमन धर्म में कुछ बड़े, गहरे और मुक्त दर्शन हैं। रोमन लोग बहुत धार्मिक और आत्मिक लोग थे। इस धर्म के कई देवताओं के सम्तुल्य देवता प्राचीन यूनानी धर्म में, जर्मनिक धर्म, फ़ारसी धर्म और हिन्दू धर्म में मिलते हैं। इसका वजह है कि वे सब धर्म वैदिक और आर्य धर्म हैं। जैसे यूनानी, जर्मनिक, फ़ारसी और हिन्दू संस्कृति, रोमन संस्कृति और धर्म भारोपीय (हिन्द-यूरोपीय) ही थे। ये देवता और देवियाँ रोमन हैं। तुल्य हिन्दू देवता देवियाँ भी लेखे हुए हैं लेकिन 100% समान नहीं हैं। कुछ अलग भी है, मगर सच है कि रोमन ईश्वरीय परम्परा हिन्दु परम्परे से दूर नहीं है। रोमन और हिन्दू दोनों भारोपीय हैं, यानी बहन संस्कृतियाँ। .

24 संबंधों: पार्वती, प्यार, फ़्लोरा, बुध (बहुविकल्पी), भेड़, महादेवी वर्मा, मार्स, यम, यूनानी धर्म, रुद्र, रोम, शनि, सरस्वती, सांड, सूर्य, सूअर, हिन्दू धर्म, ईश्वर, ईसाई धर्म, वरुण (देव), गाय, इटली, इन्द्र, कार्तिकेय

पार्वती

पार्वती हिमनरेश हिमावन तथा मैनावती की पुत्री हैं, तथा भगवान शंकर की पत्नी हैं। उमा, गौरी भी पार्वती के ही नाम हैं। यह प्रकृति स्वरूपा हैं। पार्वती के जन्म का समाचार सुनकर देवर्षि नारद हिमनरेश के घर आये थे। हिमनरेश के पूछने पर देवर्षि नारद ने पार्वती के विषय में यह बताया कि तुम्हारी कन्या सभी सुलक्षणों से सम्पन्न है तथा इसका विवाह भगवान शंकर से होगा। किन्तु महादेव जी को पति के रूप में प्राप्त करने के लिये तुम्हारी पुत्री को घोर तपस्या करना होगा। बाद में इनके दो पुत्र कार्तिकेय तथा गणेश हुए। कई पुराणों में इनकी पुत्री अशोक सुंदरी का भी वर्णन है। .

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प्यार

चित्र:Drawn love hearts.svg| प्यार या प्रेम एक अहसास है। प्यार अनेक भावनाओं का, रवैयों का मिश्रण है जो पारस्परिक स्नेह से लेकर खुशी की ओर विस्तारित है। ये एक मज़बूत आकर्षण और निजी जुड़ाव की भावना है। ये किसी की दया, भावना और स्नेह प्रस्तुत करने का तरीका भी माना जा सकता है। खुद के प्रति, या किसी जानवर के प्रति, या किसी इन्सान के प्रति स्नेहपूर्वक कार्य करने या जताने को प्यार कह सकते हैं। कहते हैं कि अगर प्यार होता है तो हमारी ज़िन्दगी बदल जाती हैं। प्राचीन ग्रीकों ने चार तरह के प्यार को पहचाना है: रिश्तेदारी, दोस्ती, रोमानी इच्छा और दिव्य प्रेम। प्यार को अक्सर वासना के साथ तुलना की जाती है और पारस्परिक संबध के तौर पर रोमानी अधिस्वर के साथ तोला जाता है, प्यार दोस्ती यानी पक्की दोस्ती से भी तोला जाता हैं। आम तौर पर प्यार एक एहसास है जो एक इन्सान दूसरे इन्सान के प्रति महसूस करता है। अगर हम प्रेम की बात करें तो प्रेम जीवन है जिस तरह H+o2 .

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फ़्लोरा

फ़्लोरा (लातिनी:Flora; उच्चारण:फ़्लोरा) किसी क्षेत्र अथवा काल विशेष में पाए जाने वाले पौधों और वनस्पतियों के समूह को कहते हैं। आमतौर पर इसमें उस क्षेत्र में मानव द्वारा बाहर से लाकर स्थापित प्रजातियों को शामिल नहीं किया जाता। कभी कभी बैक्टीरिया और कवकों को भी फ़्लोरा में शामिल किया जाता है, जैसे gut flora अथवा skin flora जैसी शब्दावलियों में इसका प्रयोग। .

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बुध (बहुविकल्पी)

कोई विवरण नहीं।

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भेड़

भेड़ अर्जेंटीना में भेड़ों के झुंड भेड़ एक प्रकार का पालतू पशु है। इसे मांस, ऊन और दूध के लिए पाला जाता है। .

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महादेवी वर्मा

महादेवी वर्मा (२६ मार्च १९०७ — ११ सितंबर १९८७) हिन्दी की सर्वाधिक प्रतिभावान कवयित्रियों में से हैं। वे हिन्दी साहित्य में छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक मानी जाती हैं। आधुनिक हिन्दी की सबसे सशक्त कवयित्रियों में से एक होने के कारण उन्हें आधुनिक मीरा के नाम से भी जाना जाता है। कवि निराला ने उन्हें “हिन्दी के विशाल मन्दिर की सरस्वती” भी कहा है। महादेवी ने स्वतंत्रता के पहले का भारत भी देखा और उसके बाद का भी। वे उन कवियों में से एक हैं जिन्होंने व्यापक समाज में काम करते हुए भारत के भीतर विद्यमान हाहाकार, रुदन को देखा, परखा और करुण होकर अन्धकार को दूर करने वाली दृष्टि देने की कोशिश की। न केवल उनका काव्य बल्कि उनके सामाजसुधार के कार्य और महिलाओं के प्रति चेतना भावना भी इस दृष्टि से प्रभावित रहे। उन्होंने मन की पीड़ा को इतने स्नेह और शृंगार से सजाया कि दीपशिखा में वह जन-जन की पीड़ा के रूप में स्थापित हुई और उसने केवल पाठकों को ही नहीं समीक्षकों को भी गहराई तक प्रभावित किया। उन्होंने खड़ी बोली हिन्दी की कविता में उस कोमल शब्दावली का विकास किया जो अभी तक केवल बृजभाषा में ही संभव मानी जाती थी। इसके लिए उन्होंने अपने समय के अनुकूल संस्कृत और बांग्ला के कोमल शब्दों को चुनकर हिन्दी का जामा पहनाया। संगीत की जानकार होने के कारण उनके गीतों का नाद-सौंदर्य और पैनी उक्तियों की व्यंजना शैली अन्यत्र दुर्लभ है। उन्होंने अध्यापन से अपने कार्यजीवन की शुरूआत की और अंतिम समय तक वे प्रयाग महिला विद्यापीठ की प्रधानाचार्या बनी रहीं। उनका बाल-विवाह हुआ परंतु उन्होंने अविवाहित की भांति जीवन-यापन किया। प्रतिभावान कवयित्री और गद्य लेखिका महादेवी वर्मा साहित्य और संगीत में निपुण होने के साथ-साथ कुशल चित्रकार और सृजनात्मक अनुवादक भी थीं। उन्हें हिन्दी साहित्य के सभी महत्त्वपूर्ण पुरस्कार प्राप्त करने का गौरव प्राप्त है। भारत के साहित्य आकाश में महादेवी वर्मा का नाम ध्रुव तारे की भांति प्रकाशमान है। गत शताब्दी की सर्वाधिक लोकप्रिय महिला साहित्यकार के रूप में वे जीवन भर पूजनीय बनी रहीं। वर्ष २००७ उनकी जन्म शताब्दी के रूप में मनाया गया।२७ अप्रैल १९८२ को भारतीय साहित्य में अतुलनीय योगदान के लिए ज्ञानपीठ पुरस्कार से इन्हें सम्मानित किया गया था। गूगल ने इस दिवस की याद में वर्ष २०१८ में गूगल डूडल के माध्यम से मनाया । .

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मार्स

The Portrait of a Man as the God Mars मार्स (अंग्रेज़ी::en:Mars, लातिनी: Mars मार्स) प्राचीन रोमन धर्म के प्रमुख देवताओं में से एक थे। वो युद्ध के देवता थे और देवी वीनस के पति माने जाते थे। उनके समतुल्य प्राचीन यूनानी धर्म के देवता थे एरीस। मार्स के नाम पर ही माच महीने का नाम पड़ा है। श्रेणी:रोम के देवी-देवता श्रेणी:रोमन धर्म.

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यम

; महर्षि पतंजलि द्वारा योगसूत्र में वर्णित पाँच यम-.

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यूनानी धर्म

प्राचीन यूनानी धर्म (अथवा प्राचीन ग्रीक धर्म) प्राचीन यूनान (ग्रीस) देश का सबसे मुख्य- और राजधर्म था। ये एक मूर्तिपूजक और बहुदेवतावादी धर्म था। इसमें एक अदृश्य ईश्वर की अवधारणा नहीं थी। ईसाई धर्म के राजधर्म बनने के बाद ईसाइयों ने इसपर प्रतिबंध लगा दिया और इसके देवी-देवताओं को शैतान करार दिया। इसके बाद ये लुप्त हो गया। ग्रीक पौराणिक कथाएं, उन प्राचीन यूनानियों, उनके देवताओं, नायकों, दुनिया की प्रकृति, अनुष्ठान प्रथाओं के महत्व के विषय में संबंधित मिथकों और किंवदंतियों का आधार हैं। वे प्राचीन ग्रीस में धर्म का एक हिस्सा थीं आधुनिक विद्वानों ने इन मिथकों का अध्ययन कर प्राचीन ग्रीस, इसकी सभ्यता की धार्मिक और राजनीतिक संस्थाओं पर प्रकाश डाला है और लाभ मिथक बनाने की प्रकृति को समझने का प्रयास किया है। ग्रीक पौराणिक कथाएं कथा रूप मे भारी मात्रा में संग्रहीत हैं। इनका बड़ा संग्रह परोक्ष रूप मे फूलदानओं पर उकेरी कला कृतियों के रूप में, भित्तिचित्रों कि द्वारा दुनिया कि उत्पत्ति के विवरणओं, जीवन और देवताओं, देवी, नायकों, नायिकाओं और पौराणिक प्राणियों की एक विस्तृत विविधता के रोमांच की व्याख्या करने का प्रयास करतए है। इन कथनकों को शुरू में एक मौखिक काव्य परंपरा में फैलाया गया, आज ग्रीक मिथकों को ग्रीक साहित्य से मुख्य रूप से जाना जाता है। Iliad और ओडिसी दो महाकाव्य, प्राचीनतम ज्ञात यूनानी साहित्यिक स्रोत, ट्रोजन युद्ध के आसपास की घटनाओं पर ध्यान केंद्रित हैं। होमर के समकालीन हेसियड, Theogony के आक्ख्यान दुनिया की उत्पत्ति, दिव्य शासकों व उनके उत्तराधिका्रियों के, मानव युगों के बारे में मानवीय संकट के भययोग्य उद्गम और बलि प्रथाओं केविषय मे जानकारी देते हैं। मिथक होमेर के भजनों में भी संरक्षित हैं, इस काल के काव्य खण्डों में, गेय कविताओं में, पांचवीं शताब्दी ई.पू.

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रुद्र

रुद्र देवता वैदिक वाङ्मय में एक शक्तिशाली देवता माने गये हैं। ये ऋग्वेद में वर्णन की मात्रात्मक दृष्टि से गौण देवता के रूप में ही वर्णित हैं। ऋग्वेद में रुद्र की स्तुति 'बलवानों में सबसे अधिक बलवान' कहकर की गयी है। यजुर्वेद का रुद्राध्याय रुद्र देवता को समर्पित है। इसके अन्तर्गत आया हुआ मंत्र शैव सम्प्रदाय में भी बहुत महत्त्वपूर्ण माना जाता है। रुद्र को ही कल्याणकारी होने से शिव कहा गया है। वैदिक वाङ्मय में मुख्यतः एक ही रुद्र की बात कही गयी हैं; परन्तु पुराणों में एकादश रुद्र की मान्यता अत्यधिक प्रधान हो गयी है। .

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रोम

यह लेख इटली की राजधानी एवं प्राचीन नगर 'रोम' के बारे में है। इसी नाम के अन्य नगर संयुक्त राज्य अमरीका में भी है। स्तनधारियों की त्वचा पर पाए जाने वाले कोमल बाल (en:hair) के लिये बाल देखें। इसका पर्यायवाची शब्द रोयाँ या रोआँ (बहुवचन - रोएँ) है। ---- '''रोम''' नगर की स्थिति रोम (Rome) इटली देश की राजधानी है। .

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शनि

कोई विवरण नहीं।

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सरस्वती

कोई विवरण नहीं।

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सांड

साँड़ सांड या साँड़ गाय का नर पशु होता है। बैल इसका एक समानार्थक शब्द है। श्रेणी:जानवर.

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सूर्य

सूर्य अथवा सूरज सौरमंडल के केन्द्र में स्थित एक तारा जिसके चारों तरफ पृथ्वी और सौरमंडल के अन्य अवयव घूमते हैं। सूर्य हमारे सौर मंडल का सबसे बड़ा पिंड है और उसका व्यास लगभग १३ लाख ९० हज़ार किलोमीटर है जो पृथ्वी से लगभग १०९ गुना अधिक है। ऊर्जा का यह शक्तिशाली भंडार मुख्य रूप से हाइड्रोजन और हीलियम गैसों का एक विशाल गोला है। परमाणु विलय की प्रक्रिया द्वारा सूर्य अपने केंद्र में ऊर्जा पैदा करता है। सूर्य से निकली ऊर्जा का छोटा सा भाग ही पृथ्वी पर पहुँचता है जिसमें से १५ प्रतिशत अंतरिक्ष में परावर्तित हो जाता है, ३० प्रतिशत पानी को भाप बनाने में काम आता है और बहुत सी ऊर्जा पेड़-पौधे समुद्र सोख लेते हैं। इसकी मजबूत गुरुत्वाकर्षण शक्ति विभिन्न कक्षाओं में घूमते हुए पृथ्वी और अन्य ग्रहों को इसकी तरफ खींच कर रखती है। सूर्य से पृथ्वी की औसत दूरी लगभग १४,९६,००,००० किलोमीटर या ९,२९,६०,००० मील है तथा सूर्य से पृथ्वी पर प्रकाश को आने में ८.३ मिनट का समय लगता है। इसी प्रकाशीय ऊर्जा से प्रकाश-संश्लेषण नामक एक महत्वपूर्ण जैव-रासायनिक अभिक्रिया होती है जो पृथ्वी पर जीवन का आधार है। यह पृथ्वी के जलवायु और मौसम को प्रभावित करता है। सूर्य की सतह का निर्माण हाइड्रोजन, हिलियम, लोहा, निकेल, ऑक्सीजन, सिलिकन, सल्फर, मैग्निसियम, कार्बन, नियोन, कैल्सियम, क्रोमियम तत्वों से हुआ है। इनमें से हाइड्रोजन सूर्य के सतह की मात्रा का ७४ % तथा हिलियम २४ % है। इस जलते हुए गैसीय पिंड को दूरदर्शी यंत्र से देखने पर इसकी सतह पर छोटे-बड़े धब्बे दिखलाई पड़ते हैं। इन्हें सौर कलंक कहा जाता है। ये कलंक अपने स्थान से सरकते हुए दिखाई पड़ते हैं। इससे वैज्ञानिकों ने निष्कर्ष निकाला है कि सूर्य पूरब से पश्चिम की ओर २७ दिनों में अपने अक्ष पर एक परिक्रमा करता है। जिस प्रकार पृथ्वी और अन्य ग्रह सूरज की परिक्रमा करते हैं उसी प्रकार सूरज भी आकाश गंगा के केन्द्र की परिक्रमा करता है। इसको परिक्रमा करनें में २२ से २५ करोड़ वर्ष लगते हैं, इसे एक निहारिका वर्ष भी कहते हैं। इसके परिक्रमा करने की गति २५१ किलोमीटर प्रति सेकेंड है। Barnhart, Robert K. (1995) The Barnhart Concise Dictionary of Etymology, page 776.

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सूअर

सूकरी और उसका एक बच्चा सूअर (Pig) आर्टियोडेक्टिला गण (Order Artiodactyla) के सुइडी कुल (family Suidae) के जीव, जिनमें संसार के सभी जंगली और पालतू सूअर सम्मिलित हैं, इसके अंतर्गत आते हैं। इन खुर वाले प्राणियों की खाल बहुत मोटी होती है और इनके शरीर जो थोड़े बहुत बाल रहते हैं वे बहुत कड़े होते हैं। इनका थूथन आगे की ओऱ चपटा रहता है जिसके भीतर मुलायम हड्डी का एक चक्र सा रहता है जो थूथन को कड़ा बनाए रखता है। इसी थूथन के सहारे ये जमीन खोद डालते हैं और भारी-भारी पत्थरों को आसानी से उलट देते हैं। .

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हिन्दू धर्म

हिन्दू धर्म (संस्कृत: सनातन धर्म) एक धर्म (या, जीवन पद्धति) है जिसके अनुयायी अधिकांशतः भारत,नेपाल और मॉरिशस में बहुमत में हैं। इसे विश्व का प्राचीनतम धर्म कहा जाता है। इसे 'वैदिक सनातन वर्णाश्रम धर्म' भी कहते हैं जिसका अर्थ है कि इसकी उत्पत्ति मानव की उत्पत्ति से भी पहले से है। विद्वान लोग हिन्दू धर्म को भारत की विभिन्न संस्कृतियों एवं परम्पराओं का सम्मिश्रण मानते हैं जिसका कोई संस्थापक नहीं है। यह धर्म अपने अन्दर कई अलग-अलग उपासना पद्धतियाँ, मत, सम्प्रदाय और दर्शन समेटे हुए हैं। अनुयायियों की संख्या के आधार पर ये विश्व का तीसरा सबसे बड़ा धर्म है। संख्या के आधार पर इसके अधिकतर उपासक भारत में हैं और प्रतिशत के आधार पर नेपाल में हैं। हालाँकि इसमें कई देवी-देवताओं की पूजा की जाती है, लेकिन वास्तव में यह एकेश्वरवादी धर्म है। इसे सनातन धर्म अथवा वैदिक धर्म भी कहते हैं। इण्डोनेशिया में इस धर्म का औपचारिक नाम "हिन्दु आगम" है। हिन्दू केवल एक धर्म या सम्प्रदाय ही नहीं है अपितु जीवन जीने की एक पद्धति है। .

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ईश्वर

यह लेख पारलौकिक शक्ति ईश्वर के विषय में है। ईश्वर फ़िल्म के लिए ईश्वर (1989 फ़िल्म) देखें। यह लेख देवताओं के बारे में नहीं है। ---- परमेश्वर वह सर्वोच्च परालौकिक शक्ति है जिसे इस संसार का स्रष्टा और शासक माना जाता है। हिन्दी में परमेश्वर को भगवान, परमात्मा या परमेश्वर भी कहते हैं। अधिकतर धर्मों में परमेश्वर की परिकल्पना ब्रह्माण्ड की संरचना से जुडी हुई है। संस्कृत की ईश् धातु का अर्थ है- नियंत्रित करना और इस पर वरच् प्रत्यय लगाकर यह शब्द बना है। इस प्रकार मूल रूप में यह शब्द नियंता के रूप में प्रयुक्त हुआ है। इसी धातु से समानार्थी शब्द ईश व ईशिता बने हैं। .

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ईसाई धर्म

'''ईद्भास/क्रॉस''' - यह ईसाई धर्म का निशान है ईसाई धर्म (अन्य प्रचलित नाम:मसीही धर्म व क्रिश्चियन धर्म) एक इब्राहीमीChristianity's status as monotheistic is affirmed in, amongst other sources, the Catholic Encyclopedia (article ""); William F. Albright, From the Stone Age to Christianity; H. Richard Niebuhr; About.com,; Kirsch, God Against the Gods; Woodhead, An Introduction to Christianity; The Columbia Electronic Encyclopedia; The New Dictionary of Cultural Literacy,; New Dictionary of Theology,, pp.

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वरुण (देव)

वरुण हिन्दू धर्म के एक प्रमुख देवता हैं। प्राचीन वैदिक धर्म में उनका स्थान बहुत ही महत्त्वपूर्ण था पर वेदों में उसका रूप इतना अमूर्त हैं कि उसका प्राकृतिक चित्रण मुश्किल है। माना जाता है कि वरुण की स्थिति अन्य वैदिक देवताओं की अपेक्षा प्राचीन है, इसीलिए वैदिक युग में वरुण किसी प्राकृतिक उपादान का वाचक नहीं है। अग्नि व इंद्र की अपेक्षा वरुण को संबोधित सूक्तों की मात्रा बहुत कम है फिर भी उसका महत्व कम नहीं है। इंद्र को महान योद्धा के रूप में जाना जाता है तो वरुण को नैतिक शक्ति का महान पोषक माना गया है, वह ऋत (सत्य) का पोषक है। अधिकतर सूक्तों में वस्र्ण के प्रति उदात्त भक्ति की भावना दिखाई देती है। ऋग्वेद के अधिकतर सूक्तों में वरुण से किए गए पापों के लिए क्षमा प्रार्थना की गई हैं। वरुण को अन्य देवताओं जैसे इंद्र आदि के साथ भी वर्णित किया गया है। वरुण से संबंधित प्रार्थनाओं में भक्ति भावना की पराकाष्ठा दिखाई देती है। उदाहरण के लिए ऋग्वेद के सातवें मंडल में वस्र्ण के लिए सुंदर प्रार्थना गीत मिलते हैं। उनको "असुर" की उपाधी दी गयी थी, मतलब की वो "देव" देवताओं के समूह से अलग थे। उनके पास जादुई शक्ति मानी जाती थी, जिसका नाम था माया। उनको इतिहासकार मानते हैं कि असुर वरुण ही पारसी धर्म में "अहुरा मज़्दा" कहलाए। बाद की पौराणिक कथाओं में वरुण को मामूली जल-देव बना दिया गया। श्रेणी:हिन्दू धर्म श्रेणी:इन्द्र लोक के देवता.

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गाय

अभारतीय गाय जर्सीगाय गाय एक महत्त्वपूर्ण पालतू जानवर है जो संसार में प्राय: सर्वत्र पाई जाती है। इससे उत्तम किस्म का दूध प्राप्त होता है। हिन्दू, गाय को 'माता' (गौमाता) कहते हैं। इसके बछड़े बड़े होकर गाड़ी खींचते हैं एवं खेतों की जुताई करते हैं। भारत में वैदिक काल से ही गाय का विशेष महत्त्व रहा है। आरंभ में आदान प्रदान एवं विनिमय आदि के माध्यम के रूप में गाय उपयोग होता था और मनुष्य की समृद्धि की गणना उसकी गोसंख्या से की जाती थी। हिन्दू धार्मिक दृष्टि से भी गाय पवित्र मानी जाती रही है तथा उसकी हत्या महापातक पापों में की जाती है।; गाय व भैंस में गर्भ से संबन्धित जानकारी.

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इटली

इटली यूरोप महाद्वीप के दक्षिण में स्थित एक देश है जिसकी मुख्यभूमि एक प्रायद्वीप है। इटली के उत्तर में आल्प्स पर्वतमाला है जिसमें फ्रांस, स्विट्ज़रलैंड, ऑस्ट्रिया तथा स्लोवेनिया की सीमाएँ आकर लगती हैं। सिसली तथा सार्डिनिया, जो भूमध्य सागर के दो सबसे बड़े द्वीप हैं, इटली के ही अंग हैं। वेटिकन सिटी तथा सैन मरीनो इटली के अंतर्गत समाहित दो स्वतंत्र देश हैं। इटली, यूनान के बाद यूरोप का दूसरा का दूसरा प्राचीनतम राष्ट्र है। रोम की सभ्यता तथा इटली का इतिहास देश के प्राचीन वैभव तथा विकास का प्रतीक है। आधुनिक इटली 1861 ई. में राज्य के रूप में गठित हुआ था। देश की धीमी प्रगति, सामाजिक संगठन तथा राजनितिक उथल-पुथल इटली के 2,500 वर्ष के इतिहास से संबद्ध है। देश में पूर्वकाल में राजतंत्र था जिसका अंतिम राजघराना सेवाय था। जून, सन् 1946 से देश एक जनतांत्रिक राज्य में परिवर्तित हो गया। इटली की राजधानी रोम प्राचीन काल के एक शक्ति और प्रभाव से संपन्न रोमन साम्राज्य की राजधानी रहा है। ईसा के आसपास और उसके बाद रोमन साम्राज्य ने भूमध्य सागर के क्षेत्र में अपनी प्रभुता स्थापित की थी जिसके कारण यह संस्कृति और अन्य क्षेत्रों में आधुनिक यूरोप की आधारशिला के तौर पर माना जाता है। तथा मध्यपूर्व (जिसे भारतीय परिप्रेक्ष्य में मध्य-पश्च भी कह सकते हैं) के इतिहास में भी रोमन साम्राज्य ने अपना प्रभाव डाला था और उनसे प्रभावित भी हुआ था। आज के इटली की संस्कृति पर यवनों (ग्रीक) का भी प्रभाव पड़ा है। इटली की जनसंख्या २००८ में ५ करोड़ ९० लाख थी। देश का क्षेत्रफल ३लाख वर्ग किलोमीटर के आसपास है। १९९१ में यहाँ की सरकार के शीर्ष पदस्थ अधिकारियों में व्याप्त भ्रष्टाचार का पर्दाफाश हुआ जिसके बाद यहाँ की राजनैतिक सत्ता और प्रशासन में कई बदलाव आए हैं। रोम यहाँ की राजधानी है और अन्य प्रमुख नगरों में वेनिस, मिलान इत्यादि का नाम लिया जा सकता है। .

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इन्द्र

इन्द्र (या इंद्र) हिन्दू धर्म में सभी देवताओं के राजा का सबसे उच्च पद था जिसकी एक अलग ही चुनाव-पद्धति थी। इस चुनाव पद्धति के विषय में स्पष्ट वर्णन उपलब्ध नहीं है। वैदिक साहित्य में इन्द्र को सर्वोच्च महत्ता प्राप्त है लेकिन पौराणिक साहित्य में इनकी महत्ता निरन्तर क्षीण होती गयी और त्रिदेवों की श्रेष्ठता स्थापित हो गयी। .

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कार्तिकेय

कार्तिकेय या मुरुगन (तमिल: முருகன்), एक लोकप्रिय हिन्दु देव हैं और इनके अधिकतर भक्त तमिल हिन्दू हैं। इनकी पूजा मुख्यत: भारत के दक्षिणी राज्यों और विशेषकर तमिल नाडु में की जाती है इसके अतिरिक्त विश्व में जहाँ कहीं भी तमिल निवासी/प्रवासी रहते हैं जैसे कि श्रीलंका, मलेशिया, सिंगापुर आदि में भी यह पूजे जाते हैं। इनके छ: सबसे प्रसिद्ध मंदिर तमिल नाडु में स्थित हैं। तमिल इन्हें तमिल कडवुल यानि कि तमिलों के देवता कह कर संबोधित करते हैं। यह भारत के तमिल नाडु राज्य के रक्षक देव भी हैं। कार्तिकेय जी भगवान शिव और भगवती पार्वती के पुत्र हैं तथा सदैव बालक रूप ही रहते हैं। परंतु उनके इस बालक स्वरूप का भी एक रहस्य है। भगवान कार्तिकेय छ: बालकों के रूप में जन्मे थे तथा इनकी देखभाल कृतिका (सप्त ऋषि की पत्निया) ने की थी, इसीलिए उन्हें कार्तिकेय धातृ भी कहते हैं। .

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