लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
मुक्त
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

रेन्टजेनियम

सूची रेन्टजेनियम

रेन्टजेनियम (Roentgenium), जिसका रासायनिक प्रतीक Rg है, एक रासायनिक तत्व है। इसका परमाणु क्रमांक (एटोमिक नम्बर) १११ है। कोपरनिसियम प्रकृति में नहीं पाया जाता और यह केवल प्रयोगशाला में कृत्रिम रूप से निर्मित किया गया है। इसका नाभिक (न्यूक्लीयस) बहुत अस्थाई है जिसके कारणवश यह अत्यंत रेडियोधर्मी (रेडियोऐक्टिव) है और इसके सबसे स्थाई रूप - रेन्टजेनियम-२८१ (roentgenium-281) - का अर्धायु काल (हाफ़ लाइफ़) केवल २६ सैकिंड है। यह सबसे पहले १९९४ में बनाया गया था। यह यह आवर्त सारणी (पीरियोडिक टेबल) के डी (d) खण्ड में आता है और एक पारऐक्टिनाइड तत्व है। .

9 संबंधों: परमाणु नाभिक, परमाणु क्रमांक, पारऐक्टिनाइड, रासायनिक तत्व, रासायनिक प्रतीक, रेडियोसक्रियता, खण्ड (आवर्त सारणी), आवर्त सारणी, अर्धायु काल

परमाणु नाभिक

नाभिक, परमाणु के मध्य स्थित धनात्मक वैद्युत आवेश युक्त अत्यन्त ठोस क्षेत्र होता है। नाभिक, नाभिकीय कणों प्रोटॉन तथा न्यूट्रॉन से बने होते है। इस कण को नूक्लियान्स कहते है। प्रोटॉन व न्यूट्रॉन दोनो का द्रव्यमान लगभग बराबर होता है और दोनों का आंतरिक कोणीय संवेग (स्पिन) १/२ होता है। प्रोटॉन इकाई विद्युत आवेशयुक्त होता है जबकि न्यूट्रॉन अनावेशित होता है। प्रोटॉन और न्यूट्रॉन दोनो न्यूक्लिऑन कहलाते है। नाभिक का व्यास (10−15 मीटर)(हाइड्रोजन-नाभिक) से (10−14 मीटर)(युरेनियम) के दायरे में होता है। परमाणु का लगभग सारा द्रव्यमान नाभिक के कारण ही होता है, इलेक्ट्रान का योगदान लगभग नगण्य होता है। सामान्यतः नाभिक की पहचान परमाणु संख्या Z (प्रोटॉन की संख्या), न्यूट्रॉन संख्या N और द्रव्यमान संख्या A(प्रोटॉन की संख्या + न्यूट्रॉन संख्या) से होती है जहाँ A .

नई!!: रेन्टजेनियम और परमाणु नाभिक · और देखें »

परमाणु क्रमांक

रसायन विज्ञान एवं भौतिकी में सभी तत्वों का अलग-अलग परमाणु क्रमांक (atomic number) है जो एक तत्व को दूसरे तत्व से अलग करता है। किसी तत्व का परमाणु क्रमांक उसके तत्व के नाभिक में स्थित प्रोटॉनों की संख्या के बराबर होता है। इसे Z प्रतीक से प्रदर्शित किया जाता है। किसी आवेशरहित परमाणु पर एलेक्ट्रॉनों की संख्या भी परमाणु क्रमांक के बराबर होती है। रासायनिक तत्वों को उनके बढते हुए परमाणु क्रमांक के क्रम में विशेष रीति से सजाने से आवर्त सारणी का निर्माण होता है जिससे अनेक रासायनिक एवं भौतिक गुण स्वयं स्पष्ट हो जाते हैं।, American Institute of Physics .

नई!!: रेन्टजेनियम और परमाणु क्रमांक · और देखें »

पारऐक्टिनाइड

पारऐक्टिनाइड (Transactinide, ट्रान्सऐक्टिनाइड), जिन्हें महा-भारी तत्व (super-heavy elements, सूपर-हेवी तत्व) भी कहते हैं, रासायनिक तत्वों की आवर्त सारणी (पीरियोडिक टेबल) में ऐक्टिनाइड शृंखला के तुरंत बाद आने वाले तत्व होते हैं। इनके परमाणु क्रमांक (ऐटोमिक नम्बर) १०४ से ११८ होते हैं। कोई भी पारऐक्टिनाइड तत्व प्रकृति में नहीं मिलता और सभी केवल प्रयोगशाला में कृत्रिम रूप से बनाए गए हैं। सभी रेडियोधर्मी हैं और इस अस्थिरता के कारण इन्हें बनाते ही इनके परमाणु टूटने लगते हैं। इनमें से सबसे स्थाई १०४ के परमाणु क्रमांक वाला रदरफोर्डियम (Rf) है, जिसका अर्धायु काल (हाफ़-लाइफ़) केवल ११ मिनट है। .

नई!!: रेन्टजेनियम और पारऐक्टिनाइड · और देखें »

रासायनिक तत्व

रासायनिक तत्वों की आवर्त सारणी रासायनिक तत्व (या केवल तत्व) ऐसे उन शुद्ध पदार्थों को कहते हैं जो केवल एक ही तरह के परमाणुओं से बने होते हैं। या जो ऐसे परमाणुओं से बने होते हैं जिनके नाभिक में समान संख्या में प्रोटॉन होते हैं। सभी रासायनिक पदार्थ तत्वों से ही मिलकर बने होते हैं। हाइड्रोजन, नाइट्रोजन, आक्सीजन, तथा सिलिकॉन आदि कुछ तत्व हैं। सन २००७ तक कुल ११७ तत्व खोजे या पाये जा चुके हैं जिसमें से ९४ तत्व धरती पर प्राकृतिक रूप से विद्यमान हैं। कृत्रिम नाभिकीय अभिक्रियाओं के परिणामस्वरूप उच्च परमाणु क्रमांक वाले तत्व समय-समय पर खोजे जाते रहे हैं। .

नई!!: रेन्टजेनियम और रासायनिक तत्व · और देखें »

रासायनिक प्रतीक

रासायनिक तत्वों के नामों के संक्षिप्त रूपों को रासायनिक प्रतीक कहते हैं। उदाहरण के लिये, नीचे एक रासायनिक अभिक्रिया को प्रतीकात्मक रूप में अभिव्यक्त किया गया है। इसमें उ (H) उदजन (हाइड्रोजन) के लिये एवं जा (O) जारक (आक्सीजन) के लिये प्रयुक्त हुई है। तत्वों के विशिष्ट समस्थानिक दिखाने, उनके परमाणु भार दिखाने एवं उनके आयनन की अवस्था या आक्सीकरण अवस्था आदि दिखाने के लिये रासायनिक संकेतों के साथ 'उपलिपि' (सबस्क्रिप्ट) एवं 'अधिकलिपि' (सुपरस्क्रिप्ट) भी जोड़े जाते हैं। .

नई!!: रेन्टजेनियम और रासायनिक प्रतीक · और देखें »

रेडियोसक्रियता

अल्फा, बीटा और गामा विकिरण की भेदन क्षमता अलग-अलग होती है। रेडियोसक्रियता (रेडियोऐक्टिविटी / radioactivity) या रेडियोधर्मिता वह प्रकिया होती है जिसमें एक अस्थिर परमाणु अपने नाभिक (न्यूक्लियस) से आयनकारी विकिरण (ionizing radiation) के रूप में ऊर्जा फेंकता है। ऐसे पदार्थ जो स्वयं ही ऐसी ऊर्जा निकालते हों विकिरणशील या रेडियोधर्मी कहलाते हैं। यह विकिरण अल्फा कण (alpha particles), बीटा कण (beta particle), गामा किरण (gamma rays) और इलेक्ट्रॉनों के रूप में होती है। ऐसे पदार्थ जिनकी परमाण्विक नाभी स्थिर नहीं होती और जो निश्चित मात्रा में आवेशित कणों को छोड़ते हैं, रेडियोधर्मी (रेडियोऐक्टिव) कहलाते हैं। .

नई!!: रेन्टजेनियम और रेडियोसक्रियता · और देखें »

खण्ड (आवर्त सारणी)

आवर्त सारणी के खण्ड आवर्त सारणी (पीरियोडिक टेबल) में रासायनिक तत्वों के कुछ समूहों को कहते हैं। इस शब्द को प्रथम बार फ़्रेंच में चार्ल्स जैनेट ने प्रयोग किया था। एक खण्ड के सर्वोच्च-ऊर्जा प्रतिनिधि इलेक्ट्रॉन समान परमाणु ऑर्बिटल से होते हैं। अतः प्रत्येक खण्ड को उसके विशिष्ट ऑर्बिटल के नाम पर कहा जाता है.

नई!!: रेन्टजेनियम और खण्ड (आवर्त सारणी) · और देखें »

आवर्त सारणी

आवर्त सारणी (अथवा, तत्वों की आवर्त सारणी) रासायनिक तत्वों को उनकी संगत विशेषताओं के साथ एक सारणी के रूप में दर्शाने की एक व्यवस्था है। आवर्त सारणी में रासायनिक तत्त्व परमाणु क्रमांक के बढ़ते क्रम में सजाये गये हैं तथा आवर्त (पिरियड), प्राथमिक समूह, द्वितीयक समूह में वर्गीकृत किया गया है। वर्तमान आवर्त सारणी मैं ११८ ज्ञात तत्व सम्मिलित हैं। सबसे पहले रूसी रसायन-शास्त्री मेंडलीफ (सही उच्चारण- मेन्देलेयेव) ने सन १८६९ में आवर्त नियम प्रस्तुत किया और तत्वों को एक सारणी के रूप में प्रस्तुत किया। इसके कुछ महीनों बाद जर्मन वैज्ञानिक लोथर मेयर (1830-1895) ने भी स्वतन्त्र रूप से आवर्त सारणी का निर्माण किया। मेन्देलेयेव की सारणी से अल्फ्रेड वर्नर (Alfred Werner) ने आवर्त सारणी का वर्तमान स्वरूप निर्मित किया। सन १९५२ में कोस्टा रिका के वैज्ञानिक गिल चावेरी (scientist Gil Chaverri) ने आवर्त सारणी का एक नया रूप प्रस्तुत किया जो तत्वों के इलेक्ट्रानिक संरचना पर आधारित था। रसायन शास्त्रियों के लिये आवर्त सारणी अत्यन्त महत्वपूर्ण एवं उपयोगी है। इसके कारण कम तत्वों के गुणधर्मों को ही याद रखने से काम चल जाता है क्योंकि आवर्त सारणी में किसी समूह (उर्ध्वाधर पंक्ति) या किसी आवर्त (क्षैतिज पंक्ति) में गुणधर्म एक निश्चित क्रम से एवं तर्कसम्मत तरीके से बदलते हैं। नीचे आवर्त सारणी का आधुनिक रूप दिखाया गया है जिसमें १८ वर्ग तथा ७ आवर्त हैं- .

नई!!: रेन्टजेनियम और आवर्त सारणी · और देखें »

अर्धायु काल

अर्धायु काल, क्षय होते हुए किसी तत्त्व का वो काल होता है; जिसमें वो तत्त्व मूल मात्रा से आधा हो जाये। ये नाम पहले अस्थिर परमाणुओं (रेडियोधर्मी क्षय) के लिए प्रयोग किया जाता था, किन्तु अब इसे किसी भी निश्चित क्षय वाले तत्त्व के लिए प्रयोग किया जाता है। यह मूल शब्द १९०७ में अर्धायु काल के नाम से प्रयुक्त हुआ था, जिसे बाद में १९५० में घटा कर अर्धायु कर दिया गया। .

नई!!: रेन्टजेनियम और अर्धायु काल · और देखें »

यहां पुनर्निर्देश करता है:

रॉन्टजैनियम, रोएंटजीनियम

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »