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राष्‍ट्रीय पादप जीनोम अनुसंधान संस्‍थान

सूची राष्‍ट्रीय पादप जीनोम अनुसंधान संस्‍थान

राष्‍ट्रीय पादप जीनोम अनुसंधान संस्‍थान (National Institute of Plant Genome Research / NIPGR) भारत में पादप जीनोम अनुसंधान का एक अग्रणी संस्‍थान है। इसे पहले 'राष्‍ट्रीय पादप जीनोम अनुसंधान केन्‍द्र' कहा जाता था। इसकी स्‍थापना जैव प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार द्वारा भारत की आजादी के 50 वर्ष पूरे होने तथा प्रोफेसर जे सी बोस के जन्‍म वर्षगांठ के अवसर पर की गई थी। औपचारिक घोषणा 30 नवम्‍बर 1997 को की गई थी, इस संस्‍थान को पादप जीनोमिकी के लिए भारत के प्रमुख योगदानकर्ताओं में गिना जाता है। यह आशा है कि आने वाले वर्षों में एनआईपीजीआर के निरंतर प्रयासों से भारत कार्यात्‍मक, संरचनात्‍मक विकास और फसल पौधों सहित पादपों के अनुप्रयुक्‍त जीनोमिकी के क्षेत्र में सामग्री, ज्ञान और प्रौद्योगिकी का सबसे महत्‍वपूर्ण राष्‍ट्रीय और अंतरराष्‍ट्रीय संसाधन संस्‍थान के रूप में उभरेगा। जीनोमिकी अनुसंधान से प्राकृतिक विज्ञान की विभिन्‍न शाखाओं के बीच एक सेतु बनता है और इसके परिणामस्‍वरूप पिछले 2 दशकों में इसकी कई गुना वृद्धि हुई हैं। सभी जीव विज्ञान अनुसंधान जीनोमिकी से जुड़े हैं और इसके परिणामस्‍वरूप अनाज, शाक, फल, तंतु, पेय पदार्थ, जड़ी बूटी की दवाएं, भैषजिकी और औद्योगिक अणुओं के किफायती उत्‍पादन हेतु आवश्‍यकतानुसार नई फसलों का मार्ग बना है। भूख और कुपोषण के लिए विश्‍व भर में मौजूदा स्थिति और स्‍वस्‍थ जीवन के लिए इसकी आवश्‍यकता को देखते हुए एनआईपीजीआर का लक्ष्‍य जीनोमिकी अनुसंधान की मौजूदा गति से उत्‍पन्‍न इन आशाओं की उपलब्धि में योगदान देने का है। एनआईपीजीआर की स्‍थापना अनुसंधान, अनुसंधान को प्रोत्‍साहन और संबंधित करने, व्‍यक्तियों को प्रशिक्षण देने तथा पादप जीनोम के अभिज्ञात पक्षों में सूचना संसाधन के रूप में कार्य करने के लिए की गई थी ताकि यह एक अग्रणी पादप जीनोम संस्‍थान बन सके। अनुसंधान कार्यक्रम का लक्ष्‍य पादप जीनोम पर जीनों की व्‍यवस्‍था और खाद्य तथा औद्योगिक फसलों की उच्‍च उत्‍पादकता के लिए उन्‍नत किस्‍में तैयार करने के लिए जीनोम के साथ जीनों की संरचना, अभिव्‍यक्ति और कार्य को समझने में योगदान करना है ताकि उत्‍पादकता की गुणवत्ता बेहतर हो सके। एनआईपीजीआर की स्‍थापना अंतरराष्ट्रीय जीनोमिक अनुसंधान की तीव्र गति को देखते हुए चुनौतियों को पूरा करने के राष्‍ट्रीय प्रयास के एक भाग के रूप में इन फसलों की उपलब्धि में योगदान देने और दीर्घ अवधि आधार पर अवसरों का लाभ उठाने के लिए की गई थी। .

सामग्री की तालिका

  1. 1 संबंध: भारत

भारत

भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .

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