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रामेसेस प्रथम

सूची रामेसेस प्रथम

रामेसेस या रामेसेस प्रथम (१२९२-१२९० ईसापूर्व) प्राचीन मिस्र के नविन साम्राज्य के उन्नीसवे वंश के प्रथम फैरो थे| रामेसेस अठारहवें वंश आखिरी फैरो होरेम्हेब का अमात्य था,निसंतान होने के कारण होरेम्हेब ने रामेसेस को अपना उत्तराधिकारी चुना| रामेसेस प्रथम ने केवल १७ माह तक ही राज किया जिसके बाद उसके पुत्र सेती प्रथम ने गद्दी संभाली| रामेसेस प्रथम ने अपने शासन काल में मिस्र में शांति स्थापित की और फिर उसके पुत्र सेती प्रथम और पोते रामेसेस द्वितीय मिस्र को उसके स्वर्णिम युग में ले गए| श्रेणी:प्राचीन मिस्र श्रेणी:फैरो श्रेणी:मिस्र के शासक.

7 संबंधों: फैरो, मिस्र साम्राज्य, मिस्र का अठारहवां वंश, मिस्र का उन्नीसवां वंश, रामेसेस द्वितीय, रामेसेस प्रथम, सेती प्रथम

फैरो

तृतीय वंश के द्जोज़र के बाद से, फैरो गणों को सामान्यतः नेमिस शिरोऽलंकरण, एक नकली दाढ़ी तथा एक अलंकृत घेरदार निचला वस्त्र पहने हुए दिखाया जाता था। फैरो प्राचीन मिस्र के शासकों के लिए आधुनिक चर्चाओं एवं इतिहास में प्रयोग किया जाने वाला शब्द है। पुरालेखों में यह उपाधि उन शासकों के लिए प्रयोग की जाती थी, जो धार्मिक और राजनैतिक दोनों ही तरह के नेता थे। यह वहाँ के नए राज्य के लिए, खासकर अट्ठारहवें वंश के लिए था। आधुनिक युग में इतिहासवेत्ताओं ने सरलीकरण के लिए इसे सभी कालों के शासकों के लिए प्रयोग करना शुरु कर दिया। इस शब्द का मूल भाषा में अर्थ था राजा का महल, किंतु मिस्री इतिहास में इसका अर्थ मिस्री शब्द न्स्व्त का पर्याय बन गया, जिसका अर्थ था शासक। हालाँकि शासक अधिकतर पुरुष ही थे, इन्हें न्स्व्त कहा जाता था, किंतु फैरो शब्द स्त्री शासकों के लिए भी प्रयोग हुआ है। आरंभ में शासक वर्ग को एक गौ देवी (बैट का पुत्र माना जाता था, जिसे बाद में हैथर भी कहा गया। समझा जाता था, कि इन्होंने गौमाता की गद्दी लेकर शासन संभाला है और ये देश पर शासन और धार्मिक कृत्य करेंगें। इस बात के भी साक्ष्य हैं, जब कुछ अंतराल पर कर्मकाण्डों के दौरान शासकों का बलिदान दिया गया। किंतु जल्दी ही एक चुने हुए सांड से उसकी पूर्ति कर दी गई। बाद की संस्कृति में शासकों को होरस का अवतार माना जाता था। होरस आकाश का देवता था। और मृत्यु होने पर ओसिरिस का अवतार माना जाता था। एक बार जब इसिज़ और ओसिरिज़ का मत चल निकला, तो फैरोगणों को भगवान ओसिरिज़ और मानव के बीच का सेतु माना जाने लगा और मृत्यु के बाद यह मान्यता हुई कि फैरो ओसोरिज़ में मिल जाते हैं। शाही वंश मातृवंशी था और किसी शाही स्त्री से जन्म या विवाह द्वारा रिश्ता ही शासक का पद दिला सकता था। शाही स्त्रियों की धार्मिक अनुष्ठानों तथा देश के शासन में प्रमुख भूमिका थी, जो कि कई बार फ़ैरो की सहयोगिनी भी बनीं। .

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मिस्र साम्राज्य

१५वीं शताब्दी ईसापूर्व में मिस्र साम्राज्य अपने सर्वाधिक विस्तृत रूप में था। प्राचीन मिस्र के इतिहास के १६वीं शताब्दी ई॰पू॰ से ११ शताब्दी ई॰पू॰ की अवधि को मिस्र का नवीन साम्राज्य या मिस्र साम्राज्य कहा जाता है। इस समय मिस्र के अठारहवें, उन्नीसवें और बीसवें राजवंश ने शासन किया। रेडियोकार्बन तिथि निर्धारण पद्धति से इस साम्राज्य का यथार्थ उद्भव १५७०–१५४४ ई॰पू॰ प्राप्त होता है। इस काल में मिस्र अपने वैभव और शक्ति के शिखर पर था। .

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मिस्र का अठारहवां वंश

मिस्र का अठारहवां वंश के शासकों की सूचि.

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मिस्र का उन्नीसवां वंश

मिस्र का उन्नीसवां वंश प्राचीन मिस्र का शक्तिशाली वंश था। इसकी स्थापना अमात्य रामेसेस प्रथम ने की थी, जिसे फैरो होरेम्हेब ने अपना उत्तराधिकारी चुना था। यह वंश रामेसेस द्वितीय और उसके विजयो के कारण जानी जाती है। .

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रामेसेस द्वितीय

रामेसेस द्वितीय या रामेसेस महान (१३०३-१२१३ ईसापूर्व) प्राचीन मिस्र के नविन राज्य के उन्नीसवे वंश का तीसरा फैरो था। रामेसेस अपनी युद्ध निति और कई सफल सैन्य अभियानों के लिए प्रसिद्ध है। रामेसेस मिस्र को अपने चरम तक ले गया था और कानन और नुबिया पर विजय प्राप्त कर उसे अपने अधीन किया था। रामेसेस १४ वर्ष की उम्र में मिस्र का उत्तराधिकारी और युवराज बना, अपने बचपन में ही वह मिस्र के सिंहासन पर बैठा और ६६ वर्ष तक ९० की उम्र तक शासन करता रहा जो की अब तक का सबसे लंबा शासन काल है। अपने शासन काल की शुरुआत में उसने पहले स्मारक और मंदिर बनाने और नगर बसाने पर ध्यान दिया। उसने पी रामेसेस नाम का नगर बसाया और फिर उसे अपनी नई राजधानी बनाई ताकि सीरिया पर हमला किया जा सके। रामेसेस प्राचीन मिस्र का सबसे प्रसिद्ध और शक्तिशाली फैरो था, साथ ही मिस्र का आखिरी महान फैरो भी| उसकी मृत्यु के बाद मिस्र कमजोर पड़ गया और फिर विदेशी साम्राज्यों का प्रांत बन गया। रामेसेस द्वितीय के प्रताप के कारण लोग पिछले सभी महान फैरो जैसे सेती प्रथम और ठुतोमोस तृतीय की वीरता को भूल गए। रामेसेस द्वितीय के बाद के फैरो उसे महान पुरखा कहते, वह तुथंखमुन के बाद मिस्र का सबसे प्रसिद्ध फैरो माना जाता है। .

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रामेसेस प्रथम

रामेसेस या रामेसेस प्रथम (१२९२-१२९० ईसापूर्व) प्राचीन मिस्र के नविन साम्राज्य के उन्नीसवे वंश के प्रथम फैरो थे| रामेसेस अठारहवें वंश आखिरी फैरो होरेम्हेब का अमात्य था,निसंतान होने के कारण होरेम्हेब ने रामेसेस को अपना उत्तराधिकारी चुना| रामेसेस प्रथम ने केवल १७ माह तक ही राज किया जिसके बाद उसके पुत्र सेती प्रथम ने गद्दी संभाली| रामेसेस प्रथम ने अपने शासन काल में मिस्र में शांति स्थापित की और फिर उसके पुत्र सेती प्रथम और पोते रामेसेस द्वितीय मिस्र को उसके स्वर्णिम युग में ले गए| श्रेणी:प्राचीन मिस्र श्रेणी:फैरो श्रेणी:मिस्र के शासक.

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सेती प्रथम

सेती प्रथम (१२९०-१२७९ ईसापूर्व) नविन साम्राज्य के उन्नीसवें वंश का दूसरा फैरो था और रामेसेस प्रथम का पुत्र था और रामेसेस महान का पिता था। उसके शासन काल पर कई इतिहासकारों की अलग अलग राय है। तोलेमैक काल के इतिहासकार मनेठो ने सेती को ५५ वर्ष का शासन काल दिया है जबकि आज के कई इतिहासकार ९ वर्ष और ११ वर्ष को सही मानते हैं। मध्यधरा के इतिहासकारों के अनुसार उसने मिस्र पे ११ वर्ष तक राज किया। 'सेती' का अर्थ है "देवता सेत का" जो यह संकेत करता है कि वह सेत का पूजक था।सेती का असली नाम था "सेती मेरेनपिताह" जिसका अर्थ था "देवता सेत का उपासक,देवता पिताह का प्रिय"। .

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