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श्री गुरु रामदास जी अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र

सूची श्री गुरु रामदास जी अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र

श्री गुरु रामदास जी अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र जिसे राजा सांसी अंतर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र भी कहा जाता था, अमृतसर में स्थित विमानक्षेत्र है। इसका ICAO कोडहै VIAR और IATA कोड है ATQ। यह एक नागरिक हवाई अड्डा है। यहां कस्टम्स विभाग उपस्थित हाँ है। इसका रनवे पेव्ड है। इसकी प्रणाली यांत्रिक है। इसकी उड़ान पट्टी की लंबाई 9100 फी.

7 संबंधों: ऐस्फाल्ट, पंजाब (भारत), भारत, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण, अमृतसर, IATA कोड, ICAO कोड

ऐस्फाल्ट

मृत सागर से प्राप्त प्राकृतिक ऐसफाल्ट सड़क निर्माण में अस्फाल्ट कंक्रीट की मूल पर्त ऐस्फाल्ट (अंग्रेजी: Asphalt) एक चिपचिपा, काला और गाढ़ा तरल या अर्ध-तरल पदार्थ होता है, जिसे कच्चे पैट्रोलियम से प्राप्त किया जाता है। यह प्राकृतिक रूप से भी मिलता है। पहले इसे अस्फाल्टम भी कहा जाता है। इसका प्रयोग सड़क निर्माण, उड़ान पट्टी निर्माण इत्यादि में होता है। 'अस्फाल्ट' शब्द एक यूनानी शब्द से निकला है जिसका अर्थ है दृढ़, अचल तथा सुरक्षित। पुरातन काल में अस्फाल्ट का प्रथम उपयोग विभिन्न प्रकार के दो पदार्थो को आपस में जोड़ने में, जैसे हाथीदाँत, सीप या रत्नों से बनी आँखों को मूर्तियों के चक्षु गह्वरों में बैठाने के लिए, किया जाता था। ज्ञात हुआ है कि संभवत: भारत में अस्फाल्ट का सर्वप्रथम उपयोग लगभग 3,000 वर्ष ई.पू.

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पंजाब (भारत)

पंजाब (पंजाबी: ਪੰਜਾਬ) उत्तर-पश्चिम भारत का एक राज्य है जो वृहद्तर पंजाब क्षेत्र का एक भाग है। इसका दूसरा भाग पाकिस्तान में है। पंजाब क्षेत्र के अन्य भाग (भारत के) हरियाणा और हिमाचल प्रदेश राज्यों में हैं। इसके पश्चिम में पाकिस्तानी पंजाब, उत्तर में जम्मू और कश्मीर, उत्तर-पूर्व में हिमाचल प्रदेश, दक्षिण और दक्षिण-पूर्व में हरियाणा, दक्षिण-पूर्व में केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ और दक्षिण-पश्चिम में राजस्थान राज्य हैं। राज्य की कुल जनसंख्या २,४२,८९,२९६ है एंव कुल क्षेत्रफल ५०,३६२ वर्ग किलोमीटर है। केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ पंजाब की राजधानी है जोकि हरियाणा राज्य की भी राजधानी है। पंजाब के प्रमुख नगरों में अमृतसर, लुधियाना, जालंधर, पटियाला और बठिंडा हैं। 1947 भारत का विभाजन के बाद बर्तानवी भारत के पंजाब सूबे को भारत और पाकिस्तान दरमियान विभाजन दिया गया था। 1966 में भारतीय पंजाब का विभाजन फिर से हो गया और नतीजे के तौर पर हरियाणा और हिमाचल प्रदेश वजूद में आए और पंजाब का मौजूदा राज बना। यह भारत का अकेला सूबा है जहाँ सिख बहुमत में हैं। युनानी लोग पंजाब को पैंटापोटाम्या नाम के साथ जानते थे जो कि पाँच इकठ्ठा होते दरियाओं का अंदरूनी डेल्टा है। पारसियों के पवित्र ग्रंथ अवैस्टा में पंजाब क्षेत्र को पुरातन हपता हेंदू या सप्त-सिंधु (सात दरियाओं की धरती) के साथ जोड़ा जाता है। बर्तानवी लोग इस को "हमारा प्रशिया" कह कर बुलाते थे। ऐतिहासिक तौर पर पंजाब युनानियों, मध्य एशियाईओं, अफ़ग़ानियों और ईरानियों के लिए भारतीय उपमहाद्वीप का प्रवेश-द्वार रहा है। कृषि पंजाब का सब से बड़ा उद्योग है; यह भारत का सब से बड़ा गेहूँ उत्पादक है। यहाँ के प्रमुख उद्योग हैं: वैज्ञानिक साज़ों सामान, कृषि, खेल और बिजली सम्बन्धित माल, सिलाई मशीनें, मशीन यंत्रों, स्टार्च, साइकिलों, खादों आदि का निर्माण, वित्तीय रोज़गार, सैर-सपाटा और देवदार के तेल और खंड का उत्पादन। पंजाब में भारत में से सब से अधिक इस्पात के लुढ़का हुआ मीलों के कारख़ाने हैं जो कि फ़तहगढ़ साहब की इस्पात नगरी मंडी गोबिन्दगढ़ में हैं। .

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भारत

भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .

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भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण

भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण एक संगठन / प्राधिकरण है, जो कि भारत सरकार के नागर विमानन मंत्रालय के अंतर्गत कार्यरत है। निगमित मुख्यालय राजीव गाँधी भवन सफदरजंग विमानक्षेत्र, नई दिल्ली में स्थित है। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (ए ए आई) कुल 125 विमानपत्तनों का प्रबंधन करता है जिसमें 11 अंतर्राष्ट्रीय विमानपत्तन, 8 सीमा शुल्क विमानपत्तन, 81 घरेलू विमानपत्तन तथा रक्षा वायु क्षेत्रों में 25 सिविल एंक्लेव शामिल हैं। सुरक्षित विमान प्रचालन हेतु भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण सभी विमानपत्तनों एवं 25 अन्य‍ स्थानों पर जमीनी अधिष्ठापनों के साथ संपूर्ण भारतीय वायु क्षेत्र एवं समीपवर्ती महासागरीय क्षेत्रों में वायु ट्रैफिक प्रबंधन सेवाएं (ए टी एम एस) भी प्रदान करता है। इलाहाबाद, अमृतसर, कालीकट, गुवाहाटी, जयपुर, त्रिवेंद्रम, कोलकाता एवं चेन्नई के विमानपत्तन, जो आज अंतर्राष्ट्रीय विमानपत्तन के रूप में स्थापित हैं, विदेशी अंतर्राष्ट्रीय एयरलाइनों द्धारा भी प्रचालन के लिए खुले हैं। कोयबंटूर, त्रिचुरापल्ली, वाराणसी एवं गया के हवाई अड्डों से अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों के अलावा राष्ट्रीय ध्‍वज वाहक भी प्रचालन करते हैं। केवल इतना ही नहीं अपितु आज आगरा, कोयबंटूर, जयपुर, लखनऊ, पटना आदि के विमानपत्तनों तक टूरिस्‍ट चार्टर भी जाते हैं। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने मुम्ब्ई, दिल्ली, हैदराबाद, बंगलौर एवं नागपुर के विमानपत्त्नों के उन्नयन के लिए तथा विश्वस्तरीय मानकों से बराबरी करने के लिए पर एक संयुक्त उद्यम भी स्थापित किया है। भारतीय भू क्षेत्र के ऊपर सभी प्रमुख वायुमार्ग वीओआर / डीवीओआर कवरेज (89 अधिष्ठापन) के साथ रडार द्धारा कवर्ड हैं (11 स्थानों पर 29 रडार अधिष्ठापन) जो दूरी मापन उपकरण के साथ सह-स्थित हैं (90 अधिष्ठापन)। 52 रनवे पर आईएलएस अधिष्ठापन की सुविधा है तथा इनमें से अधिकांश विमानपत्तनों पर नाइट लैंडिंग की सुविधाएं हैं और 15 विमानपत्तनों पर आटोमेटिक मैसेज स्विचिंग सिस्ट‍म लगा है। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण द्धारा कोलकाता एवं चेन्नई के वायु ट्रैफिक नियंत्रण केंद्रों पर देशज प्रौद्योगिकी का प्रयोग करके आटोमेटिक डिपेंडेंस सर्विलांस सिस्टम (ए डी एस एस) के सफल कार्यान्‍वयन ने भारत को दक्षिण पूर्व एशियाई क्षेत्र में इस उन्‍नत प्रौद्योगिकी का प्रयोग करने वाला पहला देश होने का गौरव प्रदान किया जिससे उपग्रह आधारित संचार प्रणाली का प्रयोग करके महासागरीय क्षेत्रों के ऊपर वायु ट्रैफिक का प्रभावी नियंत्रण संभव हुआ है। उपग्रह संचार लिंक के साथ रिमोट कंट्रोल्ड वी एच एफ कवरेज के प्रयोग ने हमारे ए टी एम एस को और मजबूती प्रदान की है। वी-सैट अधिष्‍ठापनों द्धारा 80 स्थाननों को जोड़ने से बड़े पैमाने पर वायु ट्रैफिक प्रबंधन में वृद्धि होगी और बदले में एयरक्राफ्ट के प्रचालन की सुरक्षा में वृद्धि होगी। इसके अलावा, हमारे वृहद एयरपोर्ट नेटवर्क पर प्रशासनिक एवं प्रचालनात्मक नियंत्रण संभव होगा। मुम्‍बई, दिल्‍ली एवं इलाहाबाद के विमानपत्तनों पर निष्पादन आधारित नेविगेशन (पीएनबी) प्रक्रिया पहले ही कार्यान्वित की जा चुकी है तथा अन्य विमानपत्तनों पर चरणबद्ध ढंग से इसको लागू करने की संभावना है। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने भारतीय अंतरिक्ष एवं अनुसंधान केंद्र (इसरो) के साथ प्रौद्योगिकीय सहयोग से गगन परियोजना शुरू की है जहां नेविगेशन के लिए उपग्रह आधारित प्रणाली का प्रयोग किया जाएगा। इस प्रकार जीपीएस से प्राप्‍त नेविगेशन के संकेतों को हवाई जहाजों की नेविगेशन संबंधी आवश्यकता को पूरा करने के लिए उन्नत किया जाएगा। प्रौद्योगिकी प्रदर्शन प्रणाली का पहला चरण फरवरी 2008 में पहले ही सफलतापूर्वक पूरा हो गया है। प्रचालनात्मक चरण में इस प्रणाली को स्‍तरोन्‍नत करने के लिए विकास टीम को सक्षम बनाया गया है। भारतीय विमानपत्त‍न प्राधिकरण ने दिल्ली एवं मुम्‍बई के विमानपत्‍तनों पर ग्राउंड बेस्ड ऑगमेंटेशन सिस्टम (जी बी ए एस) उपलब्ध् कराने की भी योजना बनाई है। यह जीबीएएस उपकरण हवाई जहाजों को श्रेणी-2 (वक्र एप्रोच) लैंडिंग सिगनल उपलब्ध कराने और इस प्रकार आगे चलकर लैंडिंग सिस्टम के विद्यमान उपकरण को प्रतिस्थापित करने में समर्थ होगा, जिसकी रनवे के प्रत्येक छोर पर जरूरत होती है। दिल्ली में अधिष्ठापित एडवांस्ड सर्फेस मूवमेंट गाइडेंस एंड कंट्रोल सिस्टम (ए एस एम जी सी एस) ने रनवे 28 के प्रचालन को कैट-3 ए स्तर से कैट-3 बी स्तर तक स्‍तरोन्‍नत किया है। कैट-3 ए सिस्‍टम 200 मीटर की विजिबिलिटी तक हवाई जहाजों की लैंडिंग को अनुमत करता है। तथापि, कैट-3 बी 200 मीटर से कम किंतु 50 मीटर से अधिक की विजिबिलिटी पर हवाई जहाजों की सुरक्षित लैंडिंग को अनुमत करेगा। ‘ग्राहकों की अपेक्षाएं’ पर अधिक बल के साथ भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के प्रयास को उस स्वतंत्र एजेंसी से उत्‍साहवर्धक प्रत्युत्तर मिला है जिसने 30 व्‍यस्‍त विमानपत्तनों पर ग्राहक संतुष्टि सर्वेक्षण संचालित किया है। इन सर्वेक्षणों ने हमें विमानपत्तनों के प्रयोक्‍ताओं द्धारा सुझाए गए पहलुओं पर सुधार करने में समर्थ बनाया है। विमानपत्तनों पर हमारे ‘व्यवसाय उत्तर पत्र’ के लिए रिसेप्टुकल लोकप्रिय हुए हैं; इन प्रत्‍युत्‍तरों ने हमें विमानपत्तनों के प्रयोक्ताओं की बदलती महत्‍वाकांक्षाओं को समझने में समर्थ बनाया है। सहस्राब्दि के पहले वर्ष के दौरान, भारतीय विमानपत्‍तन प्राधिकरण अपने प्रचालन को अधिक पारदर्शी बनाने तथा अधुनातन सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग करके ग्राहकों को तत्काल सूचना उपलब्ध कराने के लिए प्रयास कर रहा है। विशिष्ट प्रशिक्षण, कर्मचारी प्रत्‍युत्‍तर में सुधार तथा व्यावसायिक कौशल के उन्नयन पर फोकस स्‍पष्‍ट रूप से दिखाई दे रहा है। भारतीय विमानपत्त‍न प्राधिकरण के चार प्रशिक्षण स्थापनाओं अर्थात नागरिक विमानन प्रशिक्षण कॉलेज (सी ए टी सी), इलाहाबाद; राष्ट्रीय विमानन प्रबंधन एवं अनुसंधान संस्‍थान (एन आई ए एम ए आर), दिल्ली और दिल्ली एवं कोलकाता स्थि‍त अग्नि प्रशिक्षण केंद्र (एफ टी सी) के बारे में ऐसी अपेक्षा है कि वे पहले से अधिक व्‍यस्‍त रहेंगे। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने सीएटीसी, इलाहाबाद एवं हैदराबाद एयरपोर्ट पर प्रशिक्षण सुविधाओं को स्तरोन्नत करने की भी पहल की है। हाल ही में सीएटीसी पर एयरपोर्ट विजुअल सिमुलेटर (ए वी एस) उपलब्ध कराया गया है तथा सीएटीसी, इलाहाबाद एवं हैदराबाद एयरपोर्ट को गैर रडार प्रक्रियात्‍मक एटीसी सिमुलेटर उपकरण की आपूर्ति की जा रही है। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण की एक समर्पित उड़ान निरीक्षण यूनिट (एफ आई यू) है तथा इसके बेड़े में तीन हवाई जहाज हैं जो निरीक्षण में समर्थ अधुनातन एवं पूर्णत: स्‍वचालित उड़ान निरीक्षण प्रणाली से सुसज्जित हैं।.

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अमृतसर

अमृतसर (पंजाबी:ਅੰਮ੍ਰਿਤਸਰ) भारत के पंजाब राज्य का एक शहर है।http://amritsar.nic.in अमृतसर की आधिकारिक वैबसाईट अमृतसर पंजाब का सबसे महत्वपूर्ण और पवित्र शहर माना जाता है। पवित्र इसलिए माना जाता है क्योंकि सिक्खों का सबसे बड़ा गुरूद्वारा स्वर्ण मंदिर अमृतसर में ही है। ताजमहल के बाद सबसे ज्यादा पर्यटक अमृतसर के स्वर्ण मंदिर को ही देखने आते हैं। स्वर्ण मंदिर अमृतसर का दिल माना जाता है। यह गुरू रामदास का डेरा हुआ करता था। अमृतसर का इतिहास गौरवमयी है। यह अपनी संस्कृति और लड़ाइयों के लिए बहुत प्रसिद्ध रहा है। अमृतसर अनेक त्रासदियों और दर्दनाक घटनाओं का गवाह रहा है। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का सबसे बड़ा नरसंहार अमृतसर के जलियांवाला बाग में ही हुआ था। इसके बाद भारत पाकिस्तान के बीच जो बंटवारा हुआ उस समय भी अमृतसर में बड़ा हत्याकांड हुआ। यहीं नहीं अफगान और मुगल शासकों ने इसके ऊपर अनेक आक्रमण किए और इसको बर्बाद कर दिया। इसके बावजूद सिक्खों ने अपने दृढ संकल्प और मजबूत इच्छाशक्ति से दोबारा इसको बसाया। हालांकि अमृतसर में समय के साथ काफी बदलाव आए हैं लेकिन आज भी अमृतसर की गरिमा बरकरार है। .

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IATA कोड

यह कोड कई प्रकार के होते हैं:-.

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ICAO कोड

अन्तर्राष्ट्रीय नागर विमानन संगठन (ICAO) द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय विमानन के प्रयोग हेतु विभिन्न महत्त्वपूर्ण कोड सीमांकित किए गए हैं।.

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