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राकापोशी-हरामोश पर्वतमाला

सूची राकापोशी-हरामोश पर्वतमाला

राकापोशी-हरामोश पर्वतमाला (Rakaposhi-Haramosh Mountains) जम्मू और कश्मीर के काराकोरम पर्वतमाला की एक उपश्रेणी है। यह पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित बल्तिस्तान क्षेत्र के गिलगित ज़िले में स्थित है। इसके उत्तर में बरपु व चोगो लुंगमा हिमानियाँ (ग्लेशियर), पूर्व में शिगर नदी, दक्षिण में गिलगित व सिन्धु नदियाँ और पश्चिम में हुन्ज़ा नदी इसे घेरे हुए हैं।Jerzy Wala, Orographical Sketch Map of the Karakoram, Swiss Foundation for Alpine Research, Zurich, 1990.

16 संबंधों: दीरन, पाक अधिकृत कश्मीर, भूगोलीय निर्देशांक प्रणाली, मालूबितिंग, राकापोशी, सिन्धु नदी, स्थलाकृतिक उदग्रता, हरामोश, हिमानी, हुन्ज़ा नदी, जम्मू और कश्मीर, गिलगित नदी, गिलगित ज़िला, गिलगित-बल्तिस्तान, काराकोरम, के२

दीरन

दीरन (Diran) काराकोरम पर्वतमाला की राकापोशी-हरामोश पर्वतमाला नामक उपश्रेणी का दूसरा सबसे ऊँचा पर्वत है। यह विश्व का 93वाँ सर्वोच्च पर्वत है। प्रशासनिक रूप से यह पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बल्तिस्तान क्षेत्र के हुन्ज़ा-नगर ज़िले की नगर वादी में स्थित है। यह राकापोशी से पूर्व में खड़ा हुआ है। इस से होने वाले हिमस्खलन में हर वर्ष मृत्युएँ होती हैं। .

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पाक अधिकृत कश्मीर

भारतीय कश्मीर है और अकसाई चिन चीन के अधिकार में है। इस क्षेत्र का अधिकार चीन को पाकिस्तान द्वारा सौंपा गया था। पाक अधिकृत कश्मीर मूल कश्मीर का वह भाग है, जिस पर पाकिस्तान ने १९४७ में हमला कर अधिकार कर लिया था। यह भारत और पाकिस्तान के बीच विवादित क्षेत्र है। इसकी सीमाएं पाकिस्तानी पंजाब एवं उत्तर पश्चिमी सीमांत प्रांत से पश्चिम में, उत्तर पश्चिम में अफ़गानिस्तान के वाखान गलियारे से, चीन के ज़िन्जियांग उयघूर स्वायत्त क्षेत्र से उत्तर और भारतीय कश्मीर से पूर्व में लगती हैं। इस क्षेत्र के पूर्व कश्मीर राज्य के कुछ भाग, ट्रांस-काराकोरम ट्रैक्ट को पाकिस्तान द्वारा चीन को दे दिया गया था व शेष क्षेत्र को दो भागों में विलय किया गया था: उत्तरी क्षेत्र एवं आजाद कश्मीर। इस विषय पर पाकिस्तान और भारत के बीच १९४७ में युद्ध भी हुआ था। भारत द्वारा इस क्षेत्र को पाक अधिकृत कश्मीर (पी.ओ.के) कहा जाता है।रीडिफ, २३ मई २००६ संयुक्त राष्ट्र सहित अधिकांश अंतर्राष्ट्रीय संस्थाएं एम.एस.एफ़, एवं रेड क्रॉस द्वारा इस क्षेत्र को पाक-अधिकृत कश्मीर ही कहा जाता है। .

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भूगोलीय निर्देशांक प्रणाली

पृथ्वी के मानचित्र पर अक्षांश (क्षैतिज) व (देशांतर रेखाएं (लम्बवत), एकर्ट षष्टम प्रोजेक्शन; https://www.cia.gov/library/publications/the-world-factbook/graphics/ref_maps/pdf/political_world.pdf वृहत संस्करण (पीडीएफ़, ३.१२MB) भूगोलीय निर्देशांक प्रणाली (अंग्रेज़ी:जियोग्राफिक कोआर्डिनेट सिस्टम) एक प्रकार की निर्देशांक प्रणाली होती है, जिसके द्वारा पृथ्वी पर किसी भी स्थान की स्थिति तीन (३) निर्देशांकों के माध्यम से निश्चित की जा सकती है। ये गोलाकार निर्देशांक प्रणाली द्वारा दिये जाते हैं। पृथ्वी पूर्ण रूप से गोलाकार नहीं है, बल्कि एक अनियमित आकार की है, जो लगभग एक इलिप्सॉएड आकार बनाती है। इसके लिये इस प्रकार की निर्देशांक प्रणाली बनाना, जो पृथ्वी पर उपस्थित प्रत्येक बिन्दु के लिये अंकों के अद्वितीय मेल से बनने वाला स्पष्ट निर्देशांक प्रस्तुत करे, अपने आप में एक प्रकार की चुनौती था। .

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मालूबितिंग

मालूबितिंग (Malubiting), जो मालूबितिंग पश्चिम (Malubiting West) भी कहलाता है काराकोरम पर्वतमाला की राकापोशी-हरामोश पर्वतमाला नामक उपश्रेणी का दूसरा सबसे ऊँचा पर्वत है। यह विश्व का 58वाँ सर्वोच्च पर्वत है। प्रशासनिक रूप से यह पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बल्तिस्तान क्षेत्र के गिलगित ज़िले में स्थित है। यह राकापोशी से 40 किमी पूर्व-दक्षिणपूर्व और गिलगित शहर से 50 किमी पूर्व में खड़ा हुआ है। चोगो लुंगमा हिमानी (ग्लेशियर) मालूबितिंग की ढलानों पर ही आरम्भ होता है। .

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राकापोशी

राकापोशी (उर्दु:راکا پہشئ), पाक अधिकृत कश्मीर के गिलगित शहर से १०० किलोमीटर दूर स्थित नगर घाटी में स्थित एक 7788 मीटर (25550 फुट) ऊँचा पर्वत है। स्थानीय भाषा में 'राकापोशी' का अर्थ है - बर्फ से ढका हुआ। यह काराकोरम पर्वतश्रेणी में स्थित है। यह विश्व का 27वां सर्वोच्च पर्वत है। इस पर सबसे पहले चढ़ने वालों में दो ब्रिटिश पर्वतारोही माइक बैंक्स और टॉम पैटी हैं जिन्होने 1958 में, इस चोटी पर चढ़ने में सफलता पाई थी। राकापोशी को दुमानी (धुंध की माँ) भी कहते हैं। .

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सिन्धु नदी

पाकिस्तान में बहती सिन्घु सिन्धु नदी (Indus River) एशिया की सबसे लंबी नदियों में से एक है। यह पाकिस्तान, भारत (जम्मू और कश्मीर) और चीन (पश्चिमी तिब्बत) के माध्यम से बहती है। सिन्धु नदी का उद्गम स्थल, तिब्बत के मानसरोवर के निकट सिन-का-बाब नामक जलधारा माना जाता है। इस नदी की लंबाई प्रायः 2880 किलोमीटर है। यहां से यह नदी तिब्बत और कश्मीर के बीच बहती है। नंगा पर्वत के उत्तरी भाग से घूम कर यह दक्षिण पश्चिम में पाकिस्तान के बीच से गुजरती है और फिर जाकर अरब सागर में मिलती है। इस नदी का ज्यादातर अंश पाकिस्तान में प्रवाहित होता है। यह पाकिस्तान की सबसे लंबी नदी और राष्ट्रीय नदी है। सिंधु की पांच उपनदियां हैं। इनके नाम हैं: वितस्ता, चन्द्रभागा, ईरावती, विपासा एंव शतद्रु.

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स्थलाकृतिक उदग्रता

स्थलाकृति विज्ञान में उदग्रता पर्वतों के वर्गीकरण से संबंधित एक अवधारणा है। उदग्रता शब्द उदग्र से बना है जिसका अर्थ बाहर को निकला हुआ होता है। सामान्य रूप से इसे चोटी भी कहा जाता है। इसे अंग्रेजी मे प्रोमिनेंस, ऑटोनोमस हाइट, शोल्डर ड्रोप (अमेरिका में), प्राइम फैक्टर (यूरोप में) कहते हैं। श्रेणी:स्थलाकृति श्रेणी:भौतिक भूगोल श्रेणी:पर्वतारोहण.

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हरामोश

हरामोश (Haramosh), जो पर्वत 58 (Peak 58) भी कहलाता है, काराकोरम पर्वतमाला का एक पर्वत है जो विश्व का 67वाँ सर्वोच्च पर्वत भी है। यह राकापोशी के समीप स्थित है और काराकोरम की जिस उपश्रेणी में यह दोनों खड़े हैं उसे राकापोशी-हरामोश पर्वतमाला कहा जाता है। प्रशासनिक रूप से यह पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बल्तिस्तान क्षेत्र में है, जिसे भारत अपने जम्मू और कश्मीर राज्य का भाग मानता है। हरामोश गिलगित शहर से 65 किमी दूर सिन्धु नदी के उत्तरी किनारे पर खड़ा है। .

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हिमानी

काराकोरम की बाल्तोरो हिमानी हिमानी या हिमनद (अंग्रेज़ी Glacier) पृथ्वी की सतह पर विशाल आकार की गतिशील बर्फराशि को कहते है जो अपने भार के कारण पर्वतीय ढालों का अनुसरण करते हुए नीचे की ओर प्रवाहमान होती है। ध्यातव्य है कि यह हिमराशि सघन होती है और इसकी उत्पत्ति ऐसे इलाकों में होती है जहाँ हिमपात की मात्रा हिम के क्षय से अधिक होती है और प्रतिवर्ष कुछ मात्रा में हिम अधिशेष के रूप में बच जाता है। वर्ष दर वर्ष हिम के एकत्रण से निचली परतों के ऊपर दबाव पड़ता है और वे सघन हिम (Ice) के रूप में परिवर्तित हो जाती हैं। यही सघन हिमराशि अपने भार के कारण ढालों पर प्रवाहित होती है जिसे हिमनद कहते हैं। प्रायः यह हिमखंड नीचे आकर पिघलता है और पिघलने पर जल देता है। पृथ्वी पर ९९% हिमानियाँ ध्रुवों पर ध्रुवीय हिम चादर के रूप में हैं। इसके अलावा गैर-ध्रुवीय क्षेत्रों के हिमनदों को अल्पाइन हिमनद कहा जाता है और ये उन ऊंचे पर्वतों के सहारे पाए जाते हैं जिन पर वर्ष भर ऊपरी हिस्सा हिमाच्छादित रहता है। ये हिमानियाँ समेकित रूप से विश्व के मीठे पानी (freshwater) का सबसे बड़ा भण्डार हैं और पृथ्वी की धरातलीय सतह पर पानी के सबसे बड़े भण्डार भी हैं। हिमानियों द्वारा कई प्रकार के स्थलरूप भी निर्मित किये जाते हैं जिनमें प्लेस्टोसीन काल के व्यापक हिमाच्छादन के दौरान बने स्थलरूप प्रमुख हैं। इस काल में हिमानियों का विस्तार काफ़ी बड़े क्षेत्र में हुआ था और इस विस्तार के दौरान और बाद में इन हिमानियों के निवर्तन से बने स्थलरूप उन जगहों पर भी पाए जाते हैं जहाँ आज उष्ण या शीतोष्ण जलवायु पायी जाती है। वर्तमान समय में भी उन्नीसवी सदी के मध्य से ही हिमानियों का निवर्तन जारी है और कुछ विद्वान इसे प्लेस्टोसीन काल के हिम युग के समापन की प्रक्रिया के तौर पर भी मानते हैं। हिमानियों का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि ये जलवायु के दीर्घकालिक परिवर्तनों जैसे वर्षण, मेघाच्छादन, तापमान इत्यादी के प्रतिरूपों, से प्रभावित होते हैं और इसीलिए इन्हें जलवायु परिवर्तन और समुद्र तल परिवर्तन का बेहतर सूचक माना जाता है। .

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हुन्ज़ा नदी

हुन्ज़ा नदी या दरया-ए-हुन्ज़ा (Hunza river) पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बलतिस्तान क्षेत्र के हुन्ज़ा-नगर ज़िले का अहम दरिया है। बहुत ज़्यादा मिट्टी और चट्टानी ज़र्रों की आमेज़िश की वजह से ये बहुत गदला है। यह नदी किलिक नाले और ख़ुंजराब नाले नामक दो झरनों के संगम से बनती है और इसमें कई हिमानियाँ (ग्लेशियर) जल देती हैं। आगे इसी में नलतर नाला और गिलगित नदी मिलते हैं। अंत में यह सिन्धु नदी में मिल जाता है। ऐतिहासिक रेशम मार्ग इस दरिया के साथ चलता है। हुन्ज़ा नदी काराकोरम पर्वतों में इतनी पैनी दिवारों वाली तंग घाटी काटकर निकलती है कि कुछ समीक्षकों ने कहा है कि 'लगता है कि चट्टानें चाकू से काटी गई हों'।, Soren Arutyunyan, Electa Napoli, 1994,...

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जम्मू और कश्मीर

जम्मू और कश्मीर भारत के सबसे उत्तर में स्थित राज्य है। पाकिस्तान इसके उत्तरी इलाके ("पाक अधिकृत कश्मीर") या तथाकथित "आज़ाद कश्मीर" के हिस्सों पर क़ाबिज़ है, जबकि चीन ने अक्साई चिन पर कब्ज़ा किया हुआ है। भारत इन कब्ज़ों को अवैध मानता है जबकि पाकिस्तान भारतीय जम्मू और कश्मीर को एक विवादित क्षेत्र मानता है। राज्य की आधिकारिक भाषा उर्दू है। जम्मू नगर जम्मू प्रांत का सबसे बड़ा नगर तथा जम्मू-कश्मीर राज्य की जाड़े की राजधानी है। वहीं कश्मीर में स्थित श्रीनगर गर्मी के मौसम में राज्य की राजधानी रहती है। जम्मू और कश्मीर में जम्मू (पूंछ सहित), कश्मीर, लद्दाख, बल्तिस्तान एवं गिलगित के क्षेत्र सम्मिलित हैं। इस राज्य का पाकिस्तान अधिकृत भाग को लेकर क्षेत्रफल 2,22,236 वर्ग कि॰मी॰ एवं उसे 1,38,124 वर्ग कि॰मी॰ है। यहाँ के निवासियों अधिकांश मुसलमान हैं, किंतु उनकी रहन-सहन, रीति-रिवाज एवं संस्कृति पर हिंदू धर्म की पर्याप्त छाप है। कश्मीर के सीमांत क्षेत्र पाकिस्तान, अफगानिस्तान, सिंक्यांग तथा तिब्बत से मिले हुए हैं। कश्मीर भारत का महत्वपूर्ण राज्य है। .

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गिलगित नदी

गिलगित नदी (दरिया-ए-गिलगित), जो ग़िज़र नदी भी कहलाती है, पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बलतिस्तान क्षेत्र में बहने वाली एक नदी है। यह सिन्धु नदी की एक उपनदी है। गिलगित शहर इसी नदी के किनारे बसा हुआ है। गिलगित नदी १२,२०० फ़ुट (३,७०० मीटर) की ऊँचाई पर स्थित शन्दूर झील से शुरु होती है और आगे चलकर इसमें पहले दाई तरफ़ से ग़िज़र नदी और फिर बाई तरफ़ से हुन्ज़ा नदी मिलती है।, S.S. Negi, pp.

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गिलगित ज़िला

गिलगित ज़िला​ पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बलतिस्तान क्षेत्र का एक ज़िला है। इसकी राजधानी गिलगित शहर है। २०१० तक हुन्ज़ा-नगर ज़िला भी गिलगित ज़िले का हिस्सा हुआ करता था। .

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गिलगित-बल्तिस्तान

गिलगित-बल्तिस्तान (उर्दू:, बलती: གིལྒིཏ་བལྟིསྟན), पाक-अधिकृत कश्मीर के भीतर एक स्वायत्तशासी क्षेत्र है जिसे पहले उत्तरी क्षेत्र या शुमाली इलाक़े (शुमाली इलाक़ाजात) के नाम से जाना जाता था। यह पाकिस्तान की उत्तरतम राजनैतिक इकाई है। इसकी सीमायें पश्चिम में खैबर-पख़्तूनख्वा से, उत्तर में अफ़ग़ानिस्तान के वाख़ान गलियारे से, उत्तरपूर्व में चीन के शिन्जियांग प्रान्त से, दक्षिण में और दक्षिणपूर्व में भारतीय जम्मू व कश्मीर राज्य से लगती हैं। गिलगित-बल्तिस्तान का कुल क्षेत्रफल 72,971 वर्ग किमी (28,174 मील²) और अनुमानित जनसंख्या लगभग दस लाख है। इसका प्रशासनिक केन्द्र गिलगित शहर है, जिसकी जनसंख्या लगभग 2,50,000 है। 1970 में "उत्तरी क्षेत्र” नामक यह प्रशासनिक इकाई, गिलगित एजेंसी, लद्दाख़ वज़ारत का बल्तिस्तान ज़िला, हुन्ज़ा और नगर नामक राज्यों के विलय के पश्चात अस्तित्व में आई थी। पाकिस्तान इस क्षेत्र को विवादित कश्मीर के क्षेत्र से पृथक क्षेत्र मानता है जबकि भारत और यूरोपीय संघ के अनुसार यह कश्मीर के वृहत विवादित क्षेत्र का ही हिस्सा है। कश्मीर का यह वृहत क्षेत्र सन 1947 के बाद से ही भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद का विषय है। .

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काराकोरम

काराकोरम एक विशाल पर्वत श्रृंखला है जिसका विस्तार पाकिस्तान, भारत और चीन के क्रमश: गिलगित-बल्तिस्तान, लद्दाख़ और शिन्जियांग क्षेत्रों तक है। यह एशिया की विशाल पर्वतमालाओं में से एक है और हिमालय पर्वतमाला का एक हिस्सा है। काराकोरम किर्गिज़ भाषा का शब्द है जिस का मतलब है 'काली भुरभुरी मिट्टी'। विश्व के किसी भी स्थान की अपेक्षा, काराकोरम पर्वतमाला में पाँच मील से भी ऊँची सबसे अधिक चोटियों स्थित हैं (60 से ज़्यादा), जिनमें दुनिया की दूसरी सबसे ऊँची चोटी के2, (8611 मी / 28251 फुट) भी शामिल है। के2 की ऊँचाई विश्व के सर्वोच्च शिखर एवरेस्ट पर्वत (8848 मी / 29029 फुट) से सिर्फ 237 मीटर (778 फीट) कम है। काराकोरम श्रृंखला का विस्तार 500 किमी (311 मील) तक है और ध्रुवीय क्षेत्रों को छोड़कर दुनिया के सबसे अधिक हिमनद इसी इलाके में हैं। ध्रुवीय क्षेत्रों से बाहर सियाचिन ग्लेशियर 70 किमी और बिआफो ग्लेशियर 63 किमी की लंबाई के साथ दुनिया के दूसरे और तीसरे सबसे लंबे हिमनद हैं। काराकोरम, पूर्वोत्तर में तिब्बती पठार के किनारे और उत्तर में पामीर पर्वतों से घिरा है। काराकोरम की दक्षिणी सीमा, पश्चिम से पूर्व, गिलगित, सिंधु और श्योक नदियों से बनती है, जो इसे पश्चिमोत्तर हिमालय श्रृंखला के अंतिम किनारे से अलग कर दक्षिणपश्चिम दिशा में पाकिस्तान के मैदानी इलाकों की ओर बहती हैं। काराकोरम श्रृंखला का सब से ऊंचा पहाड़ के टू .

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के२

के२ (K2, के-टू) विश्व का दूसरा सबसे ऊँचा पर्वत है। यह पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बल्तिस्तान क्षेत्र चीन द्वारा नियंत्रित शिनजिआंग प्रदेश की सीमा पर काराकोरम पर्वतमाला की बाल्तोरो मुज़ताग़ उपश्रृंखला में स्थित है। 8,611 मीटर (28,251 फ़ुट) की ऊँचाई वाली यह चोटी माउंट एवरेस्ट के बाद पृथ्वी की दूसरी उच्चतम पर्वत चोटी है। .

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