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राउरकेला

सूची राउरकेला

राउरकेला (ରାଉରେକଲା) भारत के ओडिशा राज्य के उत्तर-पश्चिमी किनारे पर स्थित एक शहर है। यह सुन्दरगढ़ जिला में आता है। यह एक उच्च खनिज क्षेत्र है। यह ओडिशा का तीसरा सबसे बड़ा शहर है। इस शहर को नदियाँ और पर्वतमाला घेरे हुए हैं। भारत में स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया के सबसे बड़े इस्पात कारखानों में से एक कारखाना यहां भी स्थित है। यहां राष्ट्रीय तकनीकी संस्थान, राउरकेला, भी स्थित है, जो कि भारत के NIT'sमें से एक है। .

6 संबंधों: भारत, भारतीय इस्पात प्राधिकरण, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, राउरकेला, सुन्दरगड़ जिला, ओडिशा

भारत

भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .

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भारतीय इस्पात प्राधिकरण

भारतीय इस्पात प्राधिकरण (अंग्रेज़ी:स्टील अथॉरिटी ऑफ़ इण्डिया लिमिटेड (सेल)) भारत की सर्वाधिक इस्पात उत्पादन करने वाली कम्पनी है। यह पूर्णतः एकीकृत लोहे और इस्पात का सामान तैयार करती है। कम्पनी में घरेलू निर्माण, इंजीनियरी, बिजली, रेलवे, मोटरगाड़ी और सुरक्षा उद्योगों तथा निर्यात बाजार में बिक्री के लिए मूल तथा विशेष, दोनों तरह के इस्पात तैयार किए जाते हैं। यह भारत सरकार की पूर्ण-स्वामित्व प्राधिकरण है। यह व्यापार के हिसाब से देश में सार्वजनिक क्षेत्र की सबसे बड़ी १० कम्पनियों में से एक है। सेल अनेक प्रकार के इस्पात के सामान का उत्पादन और उनकी बिक्री करती है। इनमें हॉट तथा कोल्ड रोल्ड शीटें और कॉयल, जस्ता चढ़ी शीट, वैद्युत शीट, संरचनाएँ, रेलवे उत्पाद, प्लेट बार और रॉड, स्टेनलेस स्टील तथा अन्य मिश्र धातु इस्पात शामिल हैं। सेल अपने पांच एकीकृत इस्पात कारखानों और तीन विशेष इस्पात कारखानों में लोहे और इस्पात का उत्पादन करती है। ये कारखाने देश के पूर्वी और केन्द्रीय क्षेत्र में स्थित हैं तथा इनके पास ही कच्चे माल के घरेलू स्रोत उपलब्ध हैं। इन स्रोतों में कंपनी की लौह अयस्क, चूना-पत्थर और डोलोमाइट खानें शामिल हैं। कंपनी को भारत का दूसरा सबसे बड़ा लौह अयस्क उत्पादक होने का श्रेय भी प्राप्त है। इसके पास देश में दूसरा सबसे बड़ा खानों का जाल है। कम्पनी के पास अपने लौह अयस्क, चूना-पत्थर और डोलोमाइट खानें हैं जो इस्पात निर्माण के लिए महत्वपूर्ण कच्चे माल हैं। इससे कम्पनी को प्रतियोगिता में लाभ मिल रहा है। सेल का अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार डिवीजन आईएसओ ९००१: २००० से प्रमाणित है। इसका कार्यालय नई दिल्ली में है और यह सेल के पांच एकीकृत इस्पात कारखानों से मृदुल इस्पात उत्पादों तथा कच्चे लोहे का निर्यात करता है। .

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राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान

राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (NIT) को पहले क्षेत्रीय इंजिनीयरिंग कालेज (आर ई सी) के नाम से जाना जाता था। सन् २००२ में भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इन १७ इंजिनीयरंग महाविद्यालयों का स्तर बढ़ाकर इनका नाम "राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान" कर दिया। भारत में तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षण के स्तर, विद्यार्थियों की गुणवत्ता तथा स्थापन (प्लेसमेन्ट) की दृष्टि से भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आई आई टी) के बाद इनका ही स्थान आता है। इस समय (सन् २००७) एन आई टी की संख्या ३० है। प्रारम्भ में सन् १९५९ और् सन् १९६५ के बीच चौदह आर ई सी की स्थापना हुई। वर्तमान समय में ३१ एन आई टी निम्नलिखित स्थानों पर स्थित हैं.

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राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, राउरकेला

राष्ट्रीय तकनीकी संस्थान, (एन.आई.टी) राउरकेला, भारत का प्रमुख राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान है। इसकी स्थापना १९६० में की गई थी तथा इसे २६ जून २००२ को राष्‍ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के रूप में स्तरोन्नत किया गया था। संस्थान में १८ विभाग हैं तथा यह रसायन इंजीनियरिंग, सिविल इंजीनियरिंग, विद्युत इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, धातुकर्मीय इंजीनियरिंग, खनन इंजीनियरिंग, एंप्‍लाइड इलैक्ट्रानिक्स तथा इस्ट्रूमेनटेशन इंजीनियरिंग, कम्प्यूटर साइंस, सिरेमिक इंजीनियरिंग और प्रबंधन, विषयों में अवर स्नातक के पाठयक्रम संचालित करता है। अवर स्नातक स्तर पाठयक्रमों में दाखिला क्षमता ४२० है। संस्थान ६ स्नातकोत्तर पाठयक्रम तथा तीन वर्षीय एमसीए भी संचालित करता है। यहाँ पर लड़कों हेतु छह तथा लड़कियों हेतु एक छात्रावास है। राश्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, राउरकेला राष्‍ट्रीय तकनीकी जनशक्ति सूचना केन्द्र, उड़ीसा का नोडल केन्द्र है। संस्थान ने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान का दर्जा प्राप्त करने के बाद वर्ष २००४-०५ में दाखिल छात्रों के लिए प्रथम सेमिस्टर के लिए आईआईटी की तर्ज पर शैक्षिक एवं मूल्यांकन प्रक्रिया को अपनाया है। एन आई टी राउरकेला का मुख्य भवन .

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सुन्दरगड़ जिला

सुन्दरगड़ भारतीय राज्य ओड़िशा का एक जिला है। जिले का मुख्यालय सुन्दरगड़ है। क्षेत्रफल - वर्ग कि.मी.

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ओडिशा

ओड़िशा, (ओड़िआ: ଓଡ଼ିଶା) जिसे पहले उड़ीसा के नाम से जाना जाता था, भारत के पूर्वी तट पर स्थित एक राज्य है। ओड़िशा उत्तर में झारखंड, उत्तर पूर्व में पश्चिम बंगाल दक्षिण में आंध्र प्रदेश और पश्चिम में छत्तीसगढ से घिरा है तथा पूर्व में बंगाल की खाड़ी है। यह उसी प्राचीन राष्ट्र कलिंग का आधुनिक नाम है जिसपर 261 ईसा पूर्व में मौर्य सम्राट अशोक ने आक्रमण किया था और युद्ध में हुये भयानक रक्तपात से व्यथित हो अंतत: बौद्ध धर्म अंगीकार किया था। आधुनिक ओड़िशा राज्य की स्थापना 1 अप्रैल 1936 को कटक के कनिका पैलेस में भारत के एक राज्य के रूप में हुई थी और इस नये राज्य के अधिकांश नागरिक ओड़िआ भाषी थे। राज्य में 1 अप्रैल को उत्कल दिवस (ओड़िशा दिवस) के रूप में मनाया जाता है। क्षेत्रफल के अनुसार ओड़िशा भारत का नौवां और जनसंख्या के हिसाब से ग्यारहवां सबसे बड़ा राज्य है। ओड़िआ भाषा राज्य की अधिकारिक और सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। भाषाई सर्वेक्षण के अनुसार ओड़िशा की 93.33% जनसंख्या ओड़िआ भाषी है। पाराद्वीप को छोड़कर राज्य की अपेक्षाकृत सपाट तटरेखा (लगभग 480 किमी लंबी) के कारण अच्छे बंदरगाहों का अभाव है। संकीर्ण और अपेक्षाकृत समतल तटीय पट्टी जिसमें महानदी का डेल्टा क्षेत्र शामिल है, राज्य की अधिकांश जनसंख्या का घर है। भौगोलिक लिहाज से इसके उत्तर में छोटानागपुर का पठार है जो अपेक्षाकृत कम उपजाऊ है लेकिन दक्षिण में महानदी, ब्राह्मणी, सालंदी और बैतरणी नदियों का उपजाऊ मैदान है। यह पूरा क्षेत्र मुख्य रूप से चावल उत्पादक क्षेत्र है। राज्य के आंतरिक भाग और कम आबादी वाले पहाड़ी क्षेत्र हैं। 1672 मीटर ऊँचा देवमाली, राज्य का सबसे ऊँचा स्थान है। ओड़िशा में तीव्र चक्रवात आते रहते हैं और सबसे तीव्र चक्रवात उष्णकटिबंधीय चक्रवात 05बी, 1 अक्टूबर 1999 को आया था, जिसके कारण जानमाल का गंभीर नुकसान हुआ और लगभग 10000 लोग मृत्यु का शिकार बन गये। ओड़िशा के संबलपुर के पास स्थित हीराकुंड बांध विश्व का सबसे लंबा मिट्टी का बांध है। ओड़िशा में कई लोकप्रिय पर्यटक स्थल स्थित हैं जिनमें, पुरी, कोणार्क और भुवनेश्वर सबसे प्रमुख हैं और जिन्हें पूर्वी भारत का सुनहरा त्रिकोण पुकारा जाता है। पुरी के जगन्नाथ मंदिर जिसकी रथयात्रा विश्व प्रसिद्ध है और कोणार्क के सूर्य मंदिर को देखने प्रतिवर्ष लाखों पर्यटक आते हैं। ब्रह्मपुर के पास जौगदा में स्थित अशोक का प्रसिद्ध शिलालेख और कटक का बारबाटी किला भारत के पुरातात्विक इतिहास में महत्वपूर्ण हैं। .

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