लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
मुक्त
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

रणजीतसिंहजी

सूची रणजीतसिंहजी

रणजीतसिंहजी विभाजी जडेजा (10 सितंबर, 1872 -- अप्रैल 1933) नवानगर के १०वें जाम साहब तथा प्रसिद्ध क्रिकेट खिलाड़ी थे। उनके अन्य प्रसिद्ध नाम हैं- 'नवानगर के जाम साहब', 'कुमार रणजीतसिंहजी', 'रणजी' और 'स्मिथ'। उनका शासन १९०७ से १९३३ तक चला था। वे एक बेहतरीन क्रिकेट खिलाड़ी और बल्लेबाज़ थे जिन्होंने भारतीय क्रिकेट के विकास में अहम भूमिका अदा की थी। वे अंग्रेज़ी क्रिकेट टीम के तरफ़ से खेलने वाले विख्यात क्रिकेट खिलाड़ी थे और इंग्लैंड क्रिकेट टीम के लिए टेस्ट मैच खेला करते थे। इसके अलावा, रणजी कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के लिये प्रथम श्रेणी क्रिकेट और काउंटी क्रिकेट में ससेक्स का प्रतिनिधित्व किया करते थे। रणजीतसिंहजी टीम में मूलतः दाएं हाथ के बल्लेबाज की भूमिका निभाया करते थे, तथा वह धीमी गेंदबाजी में भी सिद्धहस्त थे। उनकी गिनाती सभी समय के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में होती है। नेविल कार्डस ने उन्हें 'द मिडसमर नाइट्स ड्रीम ऑफ़ क्रिकेट' भी कहा था। अपनी बल्लेबाजी से उन्होंने क्रिकेट को एक नयी शैली दी तथा इस खेल में क्रांति ला दी थी। उनकी मृत्यु के बाद उनके सम्मान में, बीसीसीआई ने १९३४ में भारत के विभिन्न शहरों और क्षेत्रों के बीच खेली जा रही क्रिकेट सिरीज़ को 'रणजी ट्रॉफी' का नाम दिया। उनहोंने कई क्रिकेट अकादमियाँ भी खोली थी। रणजीतसिंहजी, १९३१ से १९३३ तक नरेंद्रमंडल के चांसलर भी रहे थे। उनके बाद, उनके भतीजे, दिग्विजयसिंहजी चांसलर बने। .

19 संबंधों: टेस्ट क्रिकेट, नरेन्द्रमण्डल, नवानगर, नवानगर रियासत, नवानगर के जाम साहब, प्रथम श्रेणी क्रिकेट, बल्लेबाज़, भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड, महाराजा रणजीत सिंह, रणजी ट्रॉफी, लेखक, ससेक्स काउंटी क्रिकेट क्लब, सिख साम्राज्य, जामनगर, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैण्ड, काउंटी चैम्पियनशिप, कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी क्रिकेट क्लब, कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय

टेस्ट क्रिकेट

टेस्ट क्रिकेट, क्रिकेट का सबसे लम्बा स्वरूप होता है। इसे खिलाड़ियों की खेल क्षमता की वास्तविक परीक्षा माना गया है, हालाँकि आजकल इस खेल का एकदिवसीय स्वरूप अधिक लोकप्रिय है। .

नई!!: रणजीतसिंहजी और टेस्ट क्रिकेट · और देखें »

नरेन्द्रमण्डल

नरेन्द्रमण्डल अथवा नरेशमण्डल(अन्य वर्तनीयां: "नरेन्द्र मंडल", "नरेंद्र मंडल" या "नरेश मंडल")(Chamber of Princes.; उच्चारण:"चेम्बर आॅफ़ प्रिन्सेज़") भारतवर्ष का एक पूर्व विधान मंडल था। यह ब्रिटिशकालीन भारत के विधान मंडल का एक उच्च व शाही सदन था। इसकी स्थापना सन 1920 में ब्रिटेन के राजा, सम्राट जौर्ज पंचम के शाही फ़रमान द्वारा हुई थी। इस्की स्थापना करने का मूल उद्देश्य ब्रिटिशकालीन भारत की रियासतों को एक विधानमण्डल रूपी मंच प्रदान करना था ताकी ब्रिटिश-संरक्षित रियासतों के साशक ब्रिटिश सरकार से अपनी आशाओं और आकांशाओं को प्रस्तुत कर सकें। इस्की बैठक "संसद भवन" के तीसरे कक्ष में होती थी जिसे अब "सांसदीय पुस्तकालय" में परिवर्तित कर दिया गया है। इस सदन को 1947 में ब्रिटिश राज के समापन के पश्चात भारत की स्वतंत्रता व गणराज्य की स्थापना के बाद विस्थापित कर दिया गया। .

नई!!: रणजीतसिंहजी और नरेन्द्रमण्डल · और देखें »

नवानगर

कोई विवरण नहीं।

नई!!: रणजीतसिंहजी और नवानगर · और देखें »

नवानगर रियासत

नवानगर, सौराष्ट्र के ऐतिहासिक हालार क्षेत्र में अवस्थित एक देसी राज्य था। यह कच्छ की खाड़ी के दक्षिणी तट पर स्थित था जिसके केन्द्र में वर्त्तमान जामनगर था। इसकी स्थापना सन १५४० ईस्वी में हुई थी, और यह राज्य भारत के स्वतन्त्र होने तक विद्यमान था। वर्ष १९४८ में, आधिकारिक रूप से भारतीय संघ में अधिग्रहित कर लिया गया। इसकी राजधानी नवानगर थी, जिसे वर्तमान समय में जामनगर के नाम से जाना जाता है। नवानगर रियासत के कुल भूभाग का क्षेत्रफल था और १९०१ की जनगणना के अनुसार इसकी कुल जनसंख्या ३,३६,७७९ थी। नवानगर राज्य पर, जडेजा गोत्र के हिन्दू राजपूत वंश का राज था, जिन्हें "जाम साहब" की उपाधि से संबोधित किया जाता था। नवानगर और कच्छ राज्य के राजकुटुंब एक ही वंश के थे। ब्रिटिश संरक्षणाधीन काल में नवानगर के जाम साहब को १५ तोपों की सलामी का सम्मान प्राप्त था। ब्रिटिश राज में नवानगर, बॉम्बे प्रेसिडेंसी के काठियावाड़ एजेंसी का हिस्सा था। नवानगर में एक मुक्‍ता मात्स्यकालय (मोती समुपयोजनागार) थी, जो नवानगर की धन का सबसे बड़ा स्रोत था। इसके अलावा, नवानगर राज्य ने भारत में क्रिकेट को प्रसिद्ध करने में अहन भूमिका थी, जिसका श्रेय जाम साहब रणजीतसिंहजी जडेजा को जाता है, जो स्वयं भी एक प्रसिद्ध क्रिकेट खिलाड़ी थे। रणजीतसिंहजी नवानगर के तमाम जाम साहबों में सबसे प्रसिद्ध थे, उन्हें विशेष तौर पर, भारत में क्रिकेट के विकास में उनके योगदान के लिए जाना जाता है। .

नई!!: रणजीतसिंहजी और नवानगर रियासत · और देखें »

नवानगर के जाम साहब

नवानगर रियासत का शाही कुलंक, जिसपर "''श्रीजामीजयति''"(''जाम की जय हो!'') का ध्येय प्रदर्शित है। नवानगर के महाराज जाम साहब, काठियावाड़, वर्त्तमान गुजरात राज्य में स्थित नवानगर रियासत के एकराटिय शाशक का पद था, जिन्हें जाम साहब के नाम से संबोधित किया जाता था। .

नई!!: रणजीतसिंहजी और नवानगर के जाम साहब · और देखें »

प्रथम श्रेणी क्रिकेट

प्रथम श्रेणी क्रिकेट तीन अथवा अधिक दिन का परिमित अवधि का क्रिकेट का एक प्रारूप है जिसमें दोनों टीमों के ग्यारह-ग्यारह खिलाड़ी खेलते हैं। इसमें दोनों टीमें पूर्ण पारियाँ खेलती हैं जबकी अभ्यास मैच में केवल एक पारी अथवा इच्छानुसार कम अधिक किया जा सकता है और इस प्रकार यह अभ्यास मैच से अलग है। टेस्ट क्रिकेट इसी का एक उच्चतम गुणवता वाला खेल है, यद्दपि प्रथम श्रेणी शब्द का उपयोग इसके घरेलू प्रतियोगिता होने की ओर इंगित करता है। .

नई!!: रणजीतसिंहजी और प्रथम श्रेणी क्रिकेट · और देखें »

बल्लेबाज़

क्रिकेट के खेल में गेंद को बल्ले से मारने वाले खिलाड़ी को बल्लेबाज़ कहा जाता है और यह क्रिया या कला बल्लेबाज़ी कहलाती है। जो खिलाड़ी गेंद पर प्रहार करते वक्त अपने बायें हाथ का मुख्यत: सहारा देता है, वह बायें हाथ का बल्लेबाज माना जाता है। इसके विपरीत जो खिलाड़ी गेंद पर प्रहार करते वक्त अपने दायें हाथ का मुख्यत: सहारा देता है, वह दायें हाथ का बल्लेबाज माना जाता है। .

नई!!: रणजीतसिंहजी और बल्लेबाज़ · और देखें »

भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने भारत में क्रिकेट के लिए राष्ट्रीय शासकिय निकाय है। बोर्ड के एक समाज, तमिलनाडु सोसायटी पंजीकरण अधिनियम के तहत पंजीकृत के रूप में दिसंबर 1928 में गठन किया गया था। यह राज्य क्रिकेट संघों के एक संघ है और राज्य संघों उनके प्रतिनिधियों जो बदले में बीसीसीआई अधिकारियों का चुनाव चुनाव। .

नई!!: रणजीतसिंहजी और भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड · और देखें »

महाराजा रणजीत सिंह

महाराजा रणजीत सिंह (पंजाबी: ਮਹਾਰਾਜਾ ਰਣਜੀਤ ਸਿੰਘ) (१७८०-१८३९) सिख साम्राज्य के राजा थे। वे शेर-ए पंजाब के नाम से प्रसिद्ध हैं। जाट सिक्ख महाराजा रणजीत एक ऐसी व्यक्ति थे, जिन्होंने न केवल पंजाब को एक सशक्त सूबे के रूप में एकजुट रखा, बल्कि अपने जीते-जी अंग्रेजों को अपने साम्राज्य के पास भी नहीं भटकने दिया। रणजीत सिंह का जन्म सन 1780 में गुजरांवाला (अब पाकिस्तान) जाट सिक्ख महाराजा महां सिंह के घर हुआ था। उन दिनों पंजाब पर सिखों और अफगानों का राज चलता था जिन्होंने पूरे इलाके को कई मिसलों में बांट रखा था। रणजीत के पिता महा सिंह सुकरचकिया मिसल के कमांडर थे। पश्चिमी पंजाब में स्थित इस इलाके का मुख्यालय गुजरांवाला में था। छोटी सी उम्र में चेचक की वजह से महाराजा रणजीत सिंह की एक आंख की रोशनी जाती रही। महज 12 वर्ष के थे जब पिता चल बसे और राजपाट का सारा बोझ इन्हीं के कंधों पर आ गया। 12 अप्रैल 1801 को रणजीत ने महाराजा की उपाधि ग्रहण की। गुरु नानक के एक वंशज ने उनकी ताजपोशी संपन्न कराई। उन्होंने लाहौर को अपनी राजधानी बनाया और सन 1802 में अमृतसर की ओर रूख किया। महाराजा रणजीत ने अफगानों के खिलाफ कई लड़ाइयां लड़ीं और उन्हें पश्चिमी पंजाब की ओर खदेड़ दिया। अब पेशावर समेत पश्तून क्षेत्र पर उन्हीं का अधिकार हो गया। यह पहला मौका था जब पश्तूनों पर किसी गैर मुस्लिम ने राज किया। उसके बाद उन्होंने पेशावर, जम्मू कश्मीर और आनंदपुर पर भी अधिकार कर लिया। पहली आधुनिक भारतीय सेना - "सिख खालसा सेना" गठित करने का श्रेय भी उन्हीं को जाता है। उनकी सरपरस्ती में पंजाब अब बहुत शक्तिशाली सूबा था। इसी ताकतवर सेना ने लंबे अर्से तक ब्रिटेन को पंजाब हड़पने से रोके रखा। एक ऐसा मौका भी आया जब पंजाब ही एकमात्र ऐसा सूबा था, जिस पर अंग्रेजों का कब्जा नहीं था। ब्रिटिश इतिहासकार जे टी व्हीलर के मुताबिक, अगर वह एक पीढ़ी पुराने होते, तो पूरे हिंदूस्तान को ही फतह कर लेते। महाराजा रणजीत खुद अनपढ़ थे, लेकिन उन्होंने अपने राज्य में शिक्षा और कला को बहुत प्रोत्साहन दिया। उन्होंने पंजाब में कानून एवं व्यवस्था कायम की और कभी भी किसी को मृत्युदण्ड नहीं दी। उनका सूबा धर्मनिरपेक्ष था उन्होंने हिंदुओं और सिखों से वसूले जाने वाले जजिया पर भी रोक लगाई। कभी भी किसी को सिख धर्म अपनाने के लिए विवश नहीं किया। उन्होंने अमृतसर के हरिमन्दिर साहिब गुरूद्वारे में संगमरमर लगवाया और सोना मढ़वाया, तभी से उसे स्वर्ण मंदिर कहा जाने लगा। बेशकीमती हीरा कोहिनूर महाराजा रणजीत सिंह के खजाने की रौनक था। सन 1839 में महाराजा रणजीत का निधन हो गया। उनकी समाधि लाहौर में बनवाई गई, जो आज भी वहां कायम है। उनकी मौत के साथ ही अंग्रेजों का पंजाब पर शिकंजा कसना शुरू हो गया। अंग्रेज-सिख युद्ध के बाद 30 मार्च 1849 में पंजाब ब्रिटिश साम्राज्य का अंग बना लिया गया और कोहिनूर महारानी विक्टोरिया के हुजूर में पेश कर दिया गया। .

नई!!: रणजीतसिंहजी और महाराजा रणजीत सिंह · और देखें »

रणजी ट्रॉफी

रणजी ट्रॉफी भारत की एक घरेलू क्रिकेट प्रतियोगिता है। रणजी ट्रॉफी में एक घरेलू प्रथम श्रेणी क्रिकेट चैम्पियनशिप क्षेत्रीय क्रिकेट संघों का प्रतिनिधित्व टीमों के बीच भारत में खेला जाता है। प्रतियोगिता वर्तमान में, 27 टीमों के होते भारत और दिल्ली (जो एक केंद्र शासित प्रदेश है) में 29 राज्यों में से 21 के साथ कम से कम एक प्रतिनिधित्व कर रही है।प्रतियोगिता पहले भारतीय क्रिकेटर हैं, जो इंग्लैंड और ससेक्स, रणजीतसिंहजी जो भी "रणजी" में जाना जाता था के लिए खेला के नाम पर है। .

नई!!: रणजीतसिंहजी और रणजी ट्रॉफी · और देखें »

लेखक

एक लेखक ही ओ इंसान है जो अपने लेखन के माध्यम से,अपनी संस्कृती,विचारधारा,इतिहास,और परंपरा को आगे के समाज को बताता है।दुनिया मे ऐसे कई लेखक है जिन्होंने अपने लेखन कार्य से समाज को एक नई दिशा दि है।तथा आदर्श जीवन जीने का तरीका बताया है।.

नई!!: रणजीतसिंहजी और लेखक · और देखें »

ससेक्स काउंटी क्रिकेट क्लब

ससेक्स काउंटी क्रिकेट क्लब.

नई!!: रणजीतसिंहजी और ससेक्स काउंटी क्रिकेट क्लब · और देखें »

सिख साम्राज्य

महाराजा रणजीत सिंह सिख साम्राज्य(ਸਿੱਖ ਸਲਤਨਤ; साधारण नाम खाल्सा राज) का उदय, उन्नीसवीं सदी की पहली अर्धशताब्दी में भारतीय उपमहाद्वीप के पश्चिमोत्तर में एक ताकतवर महाशक्ती के रूप में हुआ था। महाराज रणजीत सिंह के नेत्रित्व में उसने, स्वयं को पश्चिमोत्तर के सर्वश्रेष्ठ रणनायक के रूप में स्थापित किया था, जन्होंने खाल्सा के सिद्धांतों पर एक मज़बूत, धर्मनिर्पेक्ष हुक़ूमत की स्थापना की थी जिस की आधारभूमि पंजाब थी। सिख साम्राज्य की नींव, सन् १७९९ में रणजीत सिंह द्वारा, लाहौर-विजय पर पड़ी थी। उन्होंने छोटे सिख मिस्लों को एकत्रित कर एक ऐसे विशाल साम्राज्य के रूप में गठित किया था जो अपने चर्मोत्कर्ष पर पश्चिम में ख़ैबर दर्रे से लेकर पूर्व में पश्चिमी तिब्बत तक, तथा उत्तर में कश्मीर से लेकर दक्षिण में मिथान कोट तक फैला हुआ था। यह १७९९ से १८४९ तक अस्तित्व में रहा था। .

नई!!: रणजीतसिंहजी और सिख साम्राज्य · और देखें »

जामनगर

जामनगर गुजरात का एक शहर है। यह अरब सागर से लगा कच्छ की खाड़ी के दक्षिण में स्थित है। जामनगर में आधुनिकता व प्राचीनता का समावेश देखा जा सकता है। .

नई!!: रणजीतसिंहजी और जामनगर · और देखें »

ऑस्ट्रेलिया

ऑस्ट्रेलिया, सरकारी तौर पर ऑस्ट्रेलियाई राष्ट्रमंडल दक्षिणी गोलार्द्ध के महाद्वीप के अर्न्तगत एक देश है जो दुनिया का सबसे छोटा महाद्वीप भी है और दुनिया का सबसे बड़ा द्वीप भी, जिसमे तस्मानिया और कई अन्य द्वीप हिंद और प्रशांत महासागर में है। ऑस्ट्रेलिया एकमात्र ऐसी जगह है जिसे एक ही साथ महाद्वीप, एक राष्ट्र और एक द्वीप माना जाता है। पड़ोसी देश उत्तर में इंडोनेशिया, पूर्वी तिमोर और पापुआ न्यू गिनी, उत्तर पूर्व में सोलोमन द्वीप, वानुअतु और न्यू कैलेडोनिया और दक्षिणपूर्व में न्यूजीलैंड है। 18वी सदी के आदिकाल में जब यूरोपियन अवस्थापन प्रारंभ हुआ था उसके भी लगभग 40 हज़ार वर्ष पहले, ऑस्ट्रेलियाई महाद्वीप और तस्मानिया की खोज अलग-अलग देशो के करीब 250 स्वदेशी ऑस्ट्रेलियाईयो ने की थी। तत्कालिक उत्तर से मछुआरो के छिटपुट भ्रमण और होलैंडवासियो (Dutch) द्वारा 1606, में यूरोप की खोज के बाद,1770 में ऑस्ट्रेलिया के अर्द्वपूर्वी भाग पर अंग्रेजों (British) का कब्ज़ा हो गया और 26 जनवरी 1788 में इसका निपटारा "देश निकला" दण्डस्वरुप बने न्यू साउथ वेल्स नगर के रूप में हुआ। इन वर्षों में जनसंख्या में तीव्र गति से वृद्धि हुई और महाद्वीप का पता चला,19वी सदी के दौरान दूसरे पांच बड़े स्वयं-शासित शीर्ष नगर की स्थापना की गई। 1 जनवरी 1901 को, छ: नगर महासंघ हो गए और ऑस्ट्रेलियाई राष्ट्रमंडल का गठन हुआ। महासंघ के समय से लेकर ऑस्ट्रेलिया ने एक स्थायी उदार प्रजातांत्रिक राजनैतिक व्यवस्था का निर्वहन किया और प्रभुता संपन्न राष्ट्र बना रहा। जनसंख्या 21.7मिलियन (दस लाख) से थोडा ही ऊपर है, साथ ही लगभग 60% जनसंख्या मुख्य राज्यों सिडनी,मेलबर्न,ब्रिस्बेन,पर्थ और एडिलेड में केन्द्रित है। राष्ट्र की राजधानी केनबर्रा है जो ऑस्ट्रेलियाई प्रधान प्रदेश (ACT) में अवस्थित है। प्रौद्योगिक रूप से उन्नत और औद्योगिक ऑस्ट्रेलिया एक समृद्ध बहुसांस्कृतिक राष्ट्र है और इसका कई राष्ट्रों की तुलना में इन क्षत्रों में प्रदर्शन उत्कृष्ट रहा है जैसे स्वास्थ्य, आयु संभाव्यता, जीवन-स्तर, मानव विकास, जन शिक्षा, आर्थिक स्वतंत्रता और मूलभूत अधिकारों की रक्षा और राजनैतिक अधिकार.

नई!!: रणजीतसिंहजी और ऑस्ट्रेलिया · और देखें »

इंग्लैण्ड

इंग्लैण्ड (अंग्रेज़ी: England), ग्रेट ब्रिटेन नामक टापू के दक्षिणी भाग में स्थित एक देश है। इसका क्षेत्रफल 50,331 वर्ग मील है। यह यूनाइटेड किंगडम का सबसे बड़ा निर्वाचक देश है। इंग्लैंड के अलावा स्कॉटलैंड, वेल्स और उत्तर आयरलैंड भी यूनाइटेड किंगडम में शामिल हैं। यह यूरोप के उत्तर पश्चिम में अवस्थित है जो मुख्य भूमि से इंग्लिश चैनल द्वारा पृथकीकृत द्वीप का अंग है। इसकी राजभाषा अंग्रेज़ी है और यह विश्व के सबसे संपन्न तथा शक्तिशाली देशों में से एक है। इंग्लैंड के इतिहास में सबसे स्वर्णिम काल उसका औपनिवेशिक युग है। अठारहवीं सदी से लेकर बीसवीं सदी के मध्य तक ब्रिटिश साम्राज्य विश्व का सबसे बड़ा और शकितशाली साम्राज्य हुआ करता था जो कई महाद्वीपों में फैला हुआ था और कहा जाता था कि ब्रिटिश साम्राज्य में सूर्य कभी अस्त नहीं होता। उसी समय पूरे विश्व में अंग्रेज़ी भाषा ने अपनी छाप छोड़ी जिसकी वज़ह से यह आज भी विश्व के सबसे अधिक लोगों द्वारा बोले व समझे जाने वाली भाषा है। .

नई!!: रणजीतसिंहजी और इंग्लैण्ड · और देखें »

काउंटी चैम्पियनशिप

काउंटी चैम्पियनशिप इंग्लैंड और वेल्स में घरेलू प्रथम श्रेणी क्रिकेट प्रतियोगिता है। प्रतियोगिता में अठारह ऐतिहासिक काउंटियों के नाम पर रखे क्लब भाग लेते हैं। इंग्लैंड से सत्रह और वेल्स से एक क्लब होते हैं। यह 1890 से निरंतर चल रही प्रतियोगिता है (विश्वयुद्ध की अवधि को छोड़कर)। .

नई!!: रणजीतसिंहजी और काउंटी चैम्पियनशिप · और देखें »

कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी क्रिकेट क्लब

कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी क्रिकेट क्लब, जो पहली बार 1817 में दर्ज किया गया था, कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए प्रतिनिधि क्रिकेट क्लब है। प्रत्येक व्यक्तिगत मैच की परिस्थितियों के आधार पर, क्लब को हमेशा महत्वपूर्ण या प्रथम श्रेणी की स्थिति रखने के रूप में पहचाना जाता है: यानी, इसे 1817 से 1894 तक पर्याप्त स्रोतों द्वारा एक महत्वपूर्ण टीम के रूप में वर्गीकृत किया गया है; और 1895 से आधिकारिक प्रथम श्रेणी की टीम के रूप में। विश्वविद्यालय ने 1972 और 1974 में केवल लिस्ट ए क्रिकेट खेला। इसने शीर्ष-स्तरीय ट्वेंटी-20 क्रिकेट नहीं खेला है। कुछ 1,200 सदस्यों के साथ, फेनेर के घर मैच खेले जाते हैं। क्लब में दो पुरुषों की टीम (ब्लूज़ एंड द क्रुसेडर) और एक महिला टीम है जो हर सीजन में लगभग 100 दिन क्रिकेट खेलती है। कैम्ब्रिज और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी क्रिकेट क्लब के बीच उद्घाटन विश्वविद्यालय मैच 1827 में खेला गया था और मैच अब प्रत्येक सत्र में क्लब का एकमात्र प्रथम श्रेणी का मुकाबला है। क्लब ने कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी सेंटर ऑफ क्रिकेटिंग एक्सीलेंस के हिस्से के रूप में भी काम किया है जिसमें एंग्लिया रस्किन विश्वविद्यालय शामिल था। 2010 सीजन से पहले कैम्ब्रिज मैरीलेबोन क्रिकेट क्लब के रूप में इसे फिर से ब्रांडेड किया गया था जब इसका शासन इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड से एमसीसी में स्थानांतरित कर दिया गया था। ब्रिटिश और विश्वविद्यालय की दोनों टीमों ने ब्रिटिश विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में खेल प्रतियोगिताओं में भाग लिया। क्लब वार्षिक अंतर-कॉलेज 'कपर्स' क्रिकेट प्रतियोगिता की भी निगरानी करता है और प्रबंधन करता है। कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में क्रिकेट का सबसे पुराना संदर्भ 1710 में है। कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी टीम ने 1754 और 1755 में ईटन कॉलेज टीम के खिलाफ खेला, हालांकि वे मामूली मैच थे। यह ज्ञात नहीं है कि ईटन टीम मौजूद या पिछले विद्यार्थियों के थे। कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी ने कैम्ब्रिज टाउन क्लब के खिलाफ एक वार्षिक श्रृंखला शुरू की, जो 30 मई 1817 को मूल कैम्ब्रिजशेश काउंटी क्रिकेट क्लब में विकसित हुआ। यह इस खेल के साथ है कि दोनों टीमों ने पहले महत्वपूर्ण मैच स्थिति हासिल की। सभी कैम्ब्रिज टीम ऑक्सफोर्ड के साथ-साथ लेंट और ग्रीष्मकालीन शर्तों के दौरान अन्य मैचों के खिलाफ वार्षिक विश्वविद्यालय मैच खेलती हैं। पहली टीम चार दिवसीय विश्वविद्यालय मैच फाइनर और द पार्क में आयोजित होने के बीच अपनी पहली श्रेणी की स्थिति और वैकल्पिकता बरकरार रखती है। एक दिवसीय मैच लॉर्ड्स में उसी दिन खेला जाता है जब महिलाएं एकदिवसीय विश्वविद्यालय मैच होती हैं। क्रूसेडर प्रामाणिकताओं के साथ-साथ एक दिवसीय और ट्वेंटी-20 खेलों के खिलाफ तीन दिवसीय खेल खेलते हैं। .

नई!!: रणजीतसिंहजी और कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी क्रिकेट क्लब · और देखें »

कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय

कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय (औमतौर पर केंब्रिज) इंग्लैंड के कैम्ब्रिज शहर में स्थित एक विश्वविद्यालय है। यह अंग्रेजीभाषी देशों में दूसरा सबसे पुराना और यूरोप में चौथा सबसे पुराना विश्वविद्यालय है। वर्तमान समय में इसके साथ 31 कॉलेज, 100 विभाग, फैकल्टीज और सिंडिकेट और 6 स्कूल संबद्ध हैं। इसमें 17000 छात्र एनरोल हैं, जिनमें 120 विभिन्न देशों के 1000 अंतरराष्ट्रीय छात्र शामिल हैं। 1209 में शहरवासियों से हुए विवाद की वजह से आक्सफोर्ड को छोड़ निकले प्रबुद्धजनों के संगठन ने इस विश्वविद्यालय की नीव रखी थी। आक्सफोर्ड और केम्ब्रिज विश्वविद्यालय को संयुक्त रूप से आक्सब्रिज कहा जाता है। बिट्रिश संस्कृति और इतिहास में घुलेमिले दोनों विश्वविद्यालय के बीच प्रतिद्वंदिता का एक लंबा इतिहास है। अकादमिक तौर पर कैंब्रिज विश्वविद्यालय की गणना दुनिया के पांच सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों में की जाती है। वर्ष 2009 तक इस विश्वविद्यालय की फेरहिस्त में 85 नोबल पुरस्कार विजेता शामिल हैं। विश्वविद्यालय, कैम्ब्रिज.

नई!!: रणजीतसिंहजी और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय · और देखें »

यहां पुनर्निर्देश करता है:

रणजी

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »