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योगी कथामृत

सूची योगी कथामृत

योगी कथामृत (Autobiography of a Yogi), परमहंस योगानन्द (5 जनवरी, 1893 - 7 मार्च, 1952) द्वारा रचित आत्मकथा है। योगानन्द का जन्म भारत के गोरखपुर में मुकुंद लाल घोष के रूप में हुआ था, एक बंगाली परिवार में। पुस्तक "आत्म-प्राप्ति" (self-realization) प्राप्त करने और पूर्व के आध्यात्मिक विचारों को प्राप्त करने के तरीकों का परिचय है, जो 1946 में केवल कुछ लोगों के लिए उपलब्ध था। लेखक का दावा है कि पुस्तक के लेखन को उन्नीसवीं सदी के गुरु, लाहिरी महाशय, द्वारा बहुत पहले भविष्यवाणी किया गया था। .

2 संबंधों: परमहंस योगानन्द, आत्मकथा

परमहंस योगानन्द

परमहंस योगानन्द (5 जनवरी 1893 – 7 मार्च 1952), बीसवीं सदी के एक आध्यात्मिक गुरू, योगी और संत थे। उन्होंने अपने अनुयायियों को क्रिया योग उपदेश दिया तथा पूरे विश्व में उसका प्रचार तथा प्रसार किया। योगानंद के अनुसार क्रिया योग ईश्वर से साक्षात्कार की एक प्रभावी विधि है, जिसके पालन से अपने जीवन को संवारा और ईश्वर की ओर अग्रसर हुआ जा सकता है। योगानन्द प्रथम भारतीय गुरु थे जिन्होने अपने जीवन के कार्य को पश्चिम में किया। योगानन्द ने १९२० में अमेरिका के लिए प्रस्थान किया। संपूर्ण अमेरिका में उन्होंने अनेक यात्रायें की। उन्होंने अपना जीवन व्याख्यान देने, लेखन तथा निरन्तर विश्व व्यापी कार्य को दिशा देने में लगाया। उनकी उत्कृष्ट आध्यात्मिक कृति योगी कथामृत (An Autobiography of a Yogi) की लाखों प्रतिया बिकीं और सर्वदा बिकने वाली आध्यात्मिक आत्मकथा रही हँ। .

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आत्मकथा

आत्मकथा हिंदी गद्य की एक विधा है जिसमें लेखक अपनी ही कथा स्मृतियों के आधार पर लिखता है। आत्मकथा में निष्पक्षता जरूरी है। इसे काल्पनिक बातों और घटनाओं से बचाना भी जरूरी है और रोचकता भी बनाए रखने की जरूरी है। .

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