लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
इंस्टॉल करें
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

यूटीसी+१३:००

सूची यूटीसी+१३:००

यूटीसी+१३:०० या (UTC+13:00) ग्रीनविच मीन समय से १३ घंटे आगे का समय मंडल है। इसे लिखने का तरीका है .

11 संबंधों: टोंगा, दिवालोक बचत समय, दक्षिणी ध्रुव, नव वर्ष, न्यूज़ीलैण्ड, फ़िजी, समोआ, सूर्य, किरिबाती, अन्तर्राष्ट्रीय तिथि रेखा, अंटार्कटिका

टोंगा

टोंगा, आधिकारिक रूप से टोंगा राजशाही, दक्षिण प्रशान्त महासागर में स्थित एक द्वीपमण्डल है, जिसमें १६९ द्वीप है, जिनमें से ३६ अबसासित हैं। राजशाही उत्तर-दक्षिण पंक्ति में लगभग ८०० किलोमीटर तक फैली हुई है। .

नई!!: यूटीसी+१३:०० और टोंगा · और देखें »

दिवालोक बचत समय

दिवालोक बचत समय (दि॰ब॰स॰, daylight saving time, डेलाईट सेविंग टाइम) या ग्रीष्मसमय (summer time, समर टाइम) कुछ देशों की उस प्रथा को कहते हैं जहाँ गर्मियों के मौसम में सुबह जल्दी होने वाली रौशनी का लाभ उठाने के लिए ग्रीष्म ऋतु में घड़ियों को आगे कर दिया जाता है। आमतौर पर दि॰ब॰स॰ में हर वर्ष में निर्धारित शुरूआती और अंतिम तिथियाँ तय करके प्रशासनिक आदेश द्वारा घड़ियों को एक घंटा आगे चलाया जाता है। इस से पूरे देश की दिनचर्या लगभग एक घंटे पहले शुरू होती है और एक घंटे पहले ख़त्म होती है, यानि रात को बत्तियाँ इत्यादि एक घंटा कम प्रयोग होती हैं और उर्जा की बचत होती है।, pp.

नई!!: यूटीसी+१३:०० और दिवालोक बचत समय · और देखें »

दक्षिणी ध्रुव

दक्षिणी ध्रुवदक्षिणी ध्रुव पृथ्वी का सबसे दक्षिणी छोर है। इसे अंटार्कटिका के नाम से भी जाना जाता है। तथ्यानुसार दो मुख्य दक्षिणी ध्रुव हैं, एक स्थिर और दूसरा जो घूमता है। चुम्बकीय उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव वहाँ होते है जहाँ पर कम्पास संकेत करता है। ये ध्रुव वर्ष प्रतिवर्ष घूमते रहते हैं। केवल कम्पास को देखकर ही लोग यह बता सकते हैं की वे इन ध्रुवों के निकट है। दक्षिणी ध्रुव से सारी दिशाएँ उत्तर में होती हैं, पर ध्रुवों के बिल्कुल निकट कम्पास भरोसेमंद नहीं है। भौगोलिक उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव वे ध्रुव हैं जिनपर पृथ्वी घूमती है, वहीं जिन्हें लोग एक ग्लोब पर देखते हैं कहाँ पर साती उत्तर/दक्षिण की रेखाएँ मिलती है। ये ध्रुव एक ही स्थान पर रहते है और यही वे ध्रुव होते हैं जब हम केवल उत्तरी या दक्षिणी ध्रुव कहते हैं। लोग कुछ विशेष तारों को देखकर ये बता सकते हैं कि वे इन ध्रुवों पर है। ध्रुवों पर एक तारा समान ऊँचाई पर चक्कर लगाता है और क्षितिज पर कबी भी अस्त नहीं होता। दक्षिणी ध्रुव पर पड़ने वाला महाद्वीप है अंटार्कटिका। यह बहुत ही ठंडा स्थान है। सर्दियों के दौरान कई सप्ताहों तक यहाँ सूर्योदय नहीं होता। और गर्मियों के दौरान, दिसंबर के अंत से मार्च के अंत तक सूर्यास्त नहीं होता। स्वयं ध्रुवीय बिन्दु पर भी छः महीने की सर्दियाँ होती हैं और इतने समय तक सूर्योदय नहीं होता। और जब सूर्योदय होता है तो, यह छः महीनों की लंबी गर्मियाँ आरंभ होती हैं, जब कोई व्यक्ति दिन के किसी भी समय खड़े होकर सूरज को क्षितिज के ऊपर घड़ी की उल्टी दिशा में अपने चारो ओर घूमते हुए देख सकता है। दक्षिणी ध्रुव पर पहुँचना कठिन है। उत्तरी ध्रुव के विपरीत, जोकि समुद्र और समतल समुद्री बर्फ से ढका होता है, दक्षिणी ध्रुव एक पर्वतीय महाद्वीप पर स्थित है। यह महाद्वीप है अंटार्कटिका। यह बर्फ की मोटी चादर से ढका है और अपने केंद्र पर तो १.५ किमी से भी मोटी बर्फ से। दक्षिणी ध्रुव बहुत ऊँचे स्थान पर है और बहुत वातमय (तूफ़ानी)। यह उन स्थानों से बहुत दूर है जहाँ पर वैज्ञानिकों की बस्तियाँ हैं और यहाँ जाने वाले जहाज़ों को प्रायः बर्फ़ीले समुद्री रास्ते से होकर जाना पड़ता है। तट पर पहुँचने के बाद भी भूमार्ग से यात्रा करने वाले खोजियों को ध्रुव तक पहुँचने के लिए १,६०० किलोमीटर से भी अधिक की यात्रा करनी पड़ती है। उन्हें तैरते हिमखंडों को पार करके बर्फ़ से ढकी भूमि और फ़िर सीधे खड़े पर्वतीय हिमनदों को जो टूटी, मुड़ी हुई समुद्र में गिरती बर्फ से ढके होते हैं और तेज़ जमाने वाली बर्फीली हवाओं वाले पठार को भी पार करना होता है। .

नई!!: यूटीसी+१३:०० और दक्षिणी ध्रुव · और देखें »

नव वर्ष

भारतीय नववर्ष की विशेषता   - ग्रंथो में लिखा है कि जिस दिन सृष्टि का चक्र प्रथम बार विधाता ने प्रवर्तित किया, उस दिन चैत्र शुदी १ रविवार था। हमारे लिए आने वाला संवत्सर २०७५ बहुत ही भाग्यशाली होगा, क़्योंकि इस वर्ष भी चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को रविवार है,   शुदी एवम  ‘शुक्ल पक्ष एक ही  है। चैत्र के महीने के शुक्ल पक्ष की प्रथम तिथि (प्रतिपद या प्रतिपदा) को सृष्टि का आरंभ हुआ था।हमारा नववर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को शरू होता है| इस दिन ग्रह और नक्षत्र मे परिवर्तन होता है | हिन्दी महीने की शुरूआत इसी दिन से होती है | पेड़-पोधों मे फूल,मंजर,कली इसी समय आना शुरू होते है,  वातावरण मे एक नया उल्लास होता है जो मन को आह्लादित कर देता है | जीवो में धर्म के प्रति आस्था बढ़ जाती है | इसी दिन ब्रह्मा जी  ने सृष्टि का निर्माण किया था | भगवान विष्णु जी का प्रथम अवतार भी इसी दिन हुआ था | नवरात्र की शुरुअात इसी दिन से होती है | जिसमे हमलोग उपवास एवं पवित्र रह कर नव वर्ष की शुरूआत करते है | परम पुरूष अपनी प्रकृति से मिलने जब आता है तो सदा चैत्र में ही आता है। इसीलिए सारी सृष्टि सबसे ज्यादा चैत्र में ही महक रही होती है। वैष्णव दर्शन में चैत्र मास भगवान नारायण का ही रूप है। चैत्र का आध्यात्मिक स्वरूप इतना उन्नत है कि इसने वैकुंठ में बसने वाले ईश्वर को भी धरती पर उतार दिया। न शीत न ग्रीष्म। पूरा पावन काल। ऎसे समय में सूर्य की चमकती किरणों की साक्षी में चरित्र और धर्म धरती पर स्वयं श्रीराम रूप धारण कर उतर आए,  श्रीराम का अवतार चैत्र शुक्ल नवमी को होता है। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि  के ठीक नवे दिन भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था | आर्यसमाज की स्थापना इसी दिन हुई थी | यह दिन कल्प, सृष्टि, युगादि का प्रारंभिक दिन है | संसारव्यापी निर्मलता और कोमलता के बीच प्रकट होता है हमारा अपना नया साल *  *विक्रम संवत्सर विक्रम संवत का संबंध हमारे कालचक्र से ही नहीं, बल्कि हमारे सुदीर्घ साहित्य और जीवन जीने की विविधता से भी है। कहीं धूल-धक्कड़ नहीं, कुत्सित कीच नहीं, बाहर-भीतर जमीन-आसमान सर्वत्र स्नानोपरांत मन जैसी शुद्धता। पता नहीं किस महामना ऋषि ने चैत्र के इस दिव्य भाव को समझा होगा और किसान को सबसे ज्यादा सुहाती इस चैत मेे ही काल गणना की शुरूआत मानी होगी। चैत्र मास का वैदिक नाम है-मधु मास। मधु मास अर्थात आनंद बांटती वसंत का मास। यह वसंत आ तो जाता है फाल्गुन में ही, पर पूरी तरह से व्यक्त होता है चैत्र में। सारी वनस्पति और सृष्टि प्रस्फुटित होती है,  पके मीठे अन्न के दानों में, आम की मन को लुभाती खुशबू में, गणगौर पूजती कन्याओं और सुहागिन नारियों के हाथ की हरी-हरी दूब में तथा वसंतदूत कोयल की गूंजती स्वर लहरी में। चारों ओर पकी फसल का दर्शन,  आत्मबल और उत्साह को जन्म देता है। खेतों में हलचल, फसलों की कटाई, हंसिए का मंगलमय खर-खर करता स्वर और खेतों में डांट-डपट-मजाक करती आवाजें। जरा दृष्टि फैलाइए, भारत के आभा मंडल के चारों ओर। चैत्र क्या आया मानो खेतों में हंसी-खुशी की रौनक छा गई। नई फसल घर मे आने का समय भी यही है | इस समय प्रकृति मे उष्णता बढ्ने लगती है, जिससे पेड़ -पौधे, जीव-जन्तु मे नव जीवन आ जाता है | लोग इतने मदमस्त हो जाते है कि आनंद में मंगलमय  गीत गुनगुनाने लगते है | गौर और गणेश कि पूजा भी इसी दिन से तीन दिन तक राजस्थान मे कि जाती है | चैत शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा के दिन सूर्योदय के समय जो वार होता है वह ही वर्ष में संवत्सर का राजा कहा जाता है,  मेषार्क प्रवेश के दिन जो वार होता है वही संवत्सर का मंत्री होता है इस दिन सूर्य मेष राशि मे होता है | नये साल के अवसर पर फ़्लोरिडा में आतिशबाज़ी का एक दृश्य। नव वर्ष एक उत्सव की तरह पूरे विश्व में अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग तिथियों तथा विधियों से मनाया जाता है। विभिन्न सम्प्रदायों के नव वर्ष समारोह भिन्न-भिन्न होते हैं और इसके महत्त्व की भी विभिन्न संस्कृतियों में परस्पर भिन्नता है। .

नई!!: यूटीसी+१३:०० और नव वर्ष · और देखें »

न्यूज़ीलैण्ड

न्यूज़ीलैंड प्रशान्त महासागर में ऑस्ट्रेलिया के पास स्थित देश है। ये दो बड़े द्वीपों से बना है। न्यूजीलैंड (माओरी भाषा में: Aotearoa आओटेआरोआ) दक्षिण पश्चिमि पेसिफ़िक ओशन में दो बड़े द्वीप और अन्य कई छोटे द्वीपों से बना एक देश है। न्यूजीलैंड के ४० लाख लोगों में से लगभग तीस लाख लोग उत्तरी द्वीप में रहते हैं और दस लाख लोग दक्षिणि द्वीप में। यह द्वीप दुनिया के सबसे बडे द्वीपों में गिने जाते हैं। अन्य द्वीपों में बहुत कम लोग रहतें हैं और वे बहुत छोटे हैं। इनमें मुख्य है.

नई!!: यूटीसी+१३:०० और न्यूज़ीलैण्ड · और देखें »

फ़िजी

फ़िजी जो कि आधिकारिक रूप से फ़िजी द्वीप समूह गणराज्य (फ़िजीयाई: Matanitu Tu-Vaka-i-koya ko Viti) के नाम से जाना जाता है, दक्षिण प्रशान्त महासागर के मेलानेशिया मे एक द्वीप देश है। यह न्यू ज़ीलैण्ड के नॉर्थ आईलैण्ड से करीब २००० किमी उत्तर-पूर्व मे स्थित है। इसके समीपवर्ती पड़ोसी राष्ट्रों मे पश्चिम की ओर वनुआतु, पूर्व में टोंगा और उत्तर मे तुवालु हैं। १७वीं और १८वीं शताब्दी के दौरान डच एवं अंग्रेजी खोजकर्तओं ने फ़िजी की खोज की थी। १९७० तक फ़िजी एक अंग्रेजी उपनिवेश था। प्रचुर मात्रा मे वन, खनिज एवं जलीय स्रोतों के कारण फ़िजी प्रशान्त महासागर के द्वीपों मे सबसे उन्नत राष्ट्र है। वर्तमान मे पर्यटन एवं चीनी का निर्यात इसके विदेशी मुद्रा के सबसे बड़े स्रोत हैं। यहाँ की मुद्रा फ़िजी डॉलर है। फ़िजी के अधिकांश द्वीप १५ करोड़ वर्ष पूर्व आरम्भ हुए ज्वालामुखीय गतिविधियों से गठित हुए। इस देश के द्वीपसमूह में कुल ३२२ द्वीप हैं, जिनमें से १०६ स्थायी रूप से बसे हुए हैं। इसके अतिरिक्त यहाँ लगभग ५०० क्षुद्र द्वीप हैं जो कुल मिला कर १८,३०० वर्ग किमी के क्षेत्रफल का निर्माण करते हैं। द्वीपसमूह के दो प्रमुख द्वीप विती लेवु और वनुआ लेवु हैं जिन पर देश की लगभग ८,५०,००० आबादी का ८७% निवास करती है। .

नई!!: यूटीसी+१३:०० और फ़िजी · और देखें »

समोआ

समोआ, यानि आदिवासी भील आधिकारिक रूप से स्वतंत्र समोआ राज्य, को पहले पश्चिमी समोआ और जर्मन समोआ के रूप में जाना जाता था, जो दक्षिणी प्रशांत महासागर के समोआई द्वीप के पश्चिमी भाग में एक शासित देश है। यह न्यूजीलैंड से 1962 में स्वतंत्र हुआ। समोआ के दो मुख्य द्वीपों में उपोलु और सवाई'इ, पोलीनेशिया में सबसे बड़े द्वीपों में एक, हैं। राजधानी शहर एपिया और फलेओलो अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा उपोलु के द्वीप पर स्थित हैं। 15 दिसम्बर 1976 को समोआ को संयुक्त राष्ट्र संघ में शामिल किया गया। समोआवासियों के समुद्री कार्य संबंधी योग्यता के कारण 20वीं सदी से पहले यूरोपीय खोजकर्ताओं द्वारा अमेरिकी समोआ सहित पूरे द्वीप समूह को नाविकों का द्वीप कहा जाता था। .

नई!!: यूटीसी+१३:०० और समोआ · और देखें »

सूर्य

सूर्य अथवा सूरज सौरमंडल के केन्द्र में स्थित एक तारा जिसके चारों तरफ पृथ्वी और सौरमंडल के अन्य अवयव घूमते हैं। सूर्य हमारे सौर मंडल का सबसे बड़ा पिंड है और उसका व्यास लगभग १३ लाख ९० हज़ार किलोमीटर है जो पृथ्वी से लगभग १०९ गुना अधिक है। ऊर्जा का यह शक्तिशाली भंडार मुख्य रूप से हाइड्रोजन और हीलियम गैसों का एक विशाल गोला है। परमाणु विलय की प्रक्रिया द्वारा सूर्य अपने केंद्र में ऊर्जा पैदा करता है। सूर्य से निकली ऊर्जा का छोटा सा भाग ही पृथ्वी पर पहुँचता है जिसमें से १५ प्रतिशत अंतरिक्ष में परावर्तित हो जाता है, ३० प्रतिशत पानी को भाप बनाने में काम आता है और बहुत सी ऊर्जा पेड़-पौधे समुद्र सोख लेते हैं। इसकी मजबूत गुरुत्वाकर्षण शक्ति विभिन्न कक्षाओं में घूमते हुए पृथ्वी और अन्य ग्रहों को इसकी तरफ खींच कर रखती है। सूर्य से पृथ्वी की औसत दूरी लगभग १४,९६,००,००० किलोमीटर या ९,२९,६०,००० मील है तथा सूर्य से पृथ्वी पर प्रकाश को आने में ८.३ मिनट का समय लगता है। इसी प्रकाशीय ऊर्जा से प्रकाश-संश्लेषण नामक एक महत्वपूर्ण जैव-रासायनिक अभिक्रिया होती है जो पृथ्वी पर जीवन का आधार है। यह पृथ्वी के जलवायु और मौसम को प्रभावित करता है। सूर्य की सतह का निर्माण हाइड्रोजन, हिलियम, लोहा, निकेल, ऑक्सीजन, सिलिकन, सल्फर, मैग्निसियम, कार्बन, नियोन, कैल्सियम, क्रोमियम तत्वों से हुआ है। इनमें से हाइड्रोजन सूर्य के सतह की मात्रा का ७४ % तथा हिलियम २४ % है। इस जलते हुए गैसीय पिंड को दूरदर्शी यंत्र से देखने पर इसकी सतह पर छोटे-बड़े धब्बे दिखलाई पड़ते हैं। इन्हें सौर कलंक कहा जाता है। ये कलंक अपने स्थान से सरकते हुए दिखाई पड़ते हैं। इससे वैज्ञानिकों ने निष्कर्ष निकाला है कि सूर्य पूरब से पश्चिम की ओर २७ दिनों में अपने अक्ष पर एक परिक्रमा करता है। जिस प्रकार पृथ्वी और अन्य ग्रह सूरज की परिक्रमा करते हैं उसी प्रकार सूरज भी आकाश गंगा के केन्द्र की परिक्रमा करता है। इसको परिक्रमा करनें में २२ से २५ करोड़ वर्ष लगते हैं, इसे एक निहारिका वर्ष भी कहते हैं। इसके परिक्रमा करने की गति २५१ किलोमीटर प्रति सेकेंड है। Barnhart, Robert K. (1995) The Barnhart Concise Dictionary of Etymology, page 776.

नई!!: यूटीसी+१३:०० और सूर्य · और देखें »

किरिबाती

किरिबाती, आधिकारिक तौर पर किरिबाती गणराज्य, मध्य उष्णकटिबंधीय प्रशांत महासागर में स्थित एक द्वीप देश है। यह ३५,००,००० वर्ग किलोमीटर (१३,५१,००० वर्ग मील) में बिखरे ३२ द्वीपों (एटॉल) और एक उठे हुए प्रवाल द्वीप से बना देश है। भूमध्य रेखा में विस्तारित इस देश के पूर्व से अंतरराष्ट्रीय तिथि रेखा गुजरती है। किरिबाती को स्थानीय जबान में "गिल्बेर्ट्स" कहा जाता है, जो मुख्य द्वीप श्रृंखला गिल्बर्ट द्वीप से ली गई है। किरिबाती 1979 में ब्रिटेन से स्वतंत्र हुआ। यह राष्ट्रमंडल, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष व विश्व बैंक का सदस्य है, १९९९ में यह देश संयुक्त राष्ट्र का पूर्ण सदस्य बन गया। श्रेणी:प्रशान्त महासागर के द्वीप श्रेणी:माइक्रोनेशिया श्रेणी:अविकसित देश श्रेणी:गणराज्य श्रेणी:अंग्रेज़ी भाषी देश श्रेणी:राष्ट्रमंडल का सदस्य श्रेणी:१९७९.

नई!!: यूटीसी+१३:०० और किरिबाती · और देखें »

अन्तर्राष्ट्रीय तिथि रेखा

१८० डिग्री देशान्तर पर अन्तर्राष्ट्रीय तिथि रेखा अन्तर्राष्ट्रीय तिथि रेखा प्रशान्त महासागर के बीचों-बीच १८० डिग्री याम्योत्तर पर उत्तर से दक्षिण की ओर खींची गई एक काल्पनिक रेखा है। इस रेखा पर तिथि का परिवर्तन होता है। इस रेखा का निर्धारण १८८४ में वाशिंगटन में संपन्न एक सम्मेलन में किया गया। जब कोई जलयान पश्चिम दिशा में यात्रा करता है, तो उसकी तिथि में एक दिन जोड़ दिया जाता हैं और यदि वह पूर्व की ओर यात्रा करता हैं तो एक दिन घटा दिया जाता हैं। एक देश के विभिन्न भागों या द्वीपों का समय एक समान रखने के लिए इस रेखा को आर्कटिक महासागर में ७५ डिग्री उत्तरी अक्षांश पर महाद्वीप से बचने के लिए पूर्व की ओर मोड़ बेरिंग जल सन्धि से निकाली गई। बेरिंग सागर में यह पाश्चिम की ओर मोड़ी गई हैं। फिजी द्वीप समूह तथा न्यूजीलैण्ड को दूर रखनें के लिए यह दक्षिण प्रशान्त महासागर में यह पूर्व की ओर मुड़ती है। रेखा, अन्तर्राष्ट्रीय तिथि.

नई!!: यूटीसी+१३:०० और अन्तर्राष्ट्रीय तिथि रेखा · और देखें »

अंटार्कटिका

अंटार्कटिका अंतरिक्ष से अंटार्कटिका का दृश्य। 230px लाम्बर्ट अजिमुथाल प्रोजेक्शन पर आधारित मानचित्र।दक्षिणी ध्रुव मध्य में है। अंटार्कटिका (या अन्टार्टिका) पृथ्वी का दक्षिणतम महाद्वीप है, जिसमें दक्षिणी ध्रुव अंतर्निहित है। यह दक्षिणी गोलार्द्ध के अंटार्कटिक क्षेत्र और लगभग पूरी तरह से अंटार्कटिक वृत के दक्षिण में स्थित है। यह चारों ओर से दक्षिणी महासागर से घिरा हुआ है। अपने 140 लाख वर्ग किलोमीटर (54 लाख वर्ग मील) क्षेत्रफल के साथ यह, एशिया, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका और दक्षिणी अमेरिका के बाद, पृथ्वी का पांचवां सबसे बड़ा महाद्वीप है, अंटार्कटिका का 98% भाग औसतन 1.6 किलोमीटर मोटी बर्फ से आच्छादित है। औसत रूप से अंटार्कटिका, विश्व का सबसे ठंडा, शुष्क और तेज हवाओं वाला महाद्वीप है और सभी महाद्वीपों की तुलना में इसका औसत उन्नयन सर्वाधिक है। अंटार्कटिका को एक रेगिस्तान माना जाता है, क्योंकि यहाँ का वार्षिक वर्षण केवल 200 मिमी (8 इंच) है और उसमे भी ज्यादातर तटीय क्षेत्रों में ही होता है। यहाँ का कोई स्थायी निवासी नहीं है लेकिन साल भर लगभग 1,000 से 5,000 लोग विभिन्न अनुसंधान केन्द्रों जो कि पूरे महाद्वीप पर फैले हैं, पर उपस्थित रहते हैं। यहाँ सिर्फ शीतानुकूलित पौधे और जीव ही जीवित, रह सकते हैं, जिनमें पेंगुइन, सील, निमेटोड, टार्डीग्रेड, पिस्सू, विभिन्न प्रकार के शैवाल और सूक्ष्मजीव के अलावा टुंड्रा वनस्पति भी शामिल hai हालांकि पूरे यूरोप में टेरा ऑस्ट्रेलिस (दक्षिणी भूमि) के बारे में विभिन्न मिथक और अटकलें सदियों से प्रचलित थे पर इस भूमि से पूरे विश्व का 1820 में परिचय कराने का श्रेय रूसी अभियान कर्ता मिखाइल पेट्रोविच लाज़ारेव और फैबियन गॉटलिएब वॉन बेलिंगशौसेन को जाता है। यह महाद्वीप अपनी विषम जलवायु परिस्थितियों, संसाधनों की कमी और मुख्य भूमियों से अलगाव के चलते 19 वीं शताब्दी में कमोबेश उपेक्षित रहा। महाद्वीप के लिए अंटार्कटिका नाम का पहले पहल औपचारिक प्रयोग 1890 में स्कॉटिश नक्शानवीस जॉन जॉर्ज बार्थोलोम्यू ने किया था। अंटार्कटिका नाम यूनानी यौगिक शब्द ανταρκτική एंटार्कटिके से आता है जो ανταρκτικός एंटार्कटिकोस का स्त्रीलिंग रूप है और जिसका अर्थ "उत्तर का विपरीत" है।" 1959 में बारह देशों ने अंटार्कटिक संधि पर हस्ताक्षर किए, आज तक छियालीस देशों ने इस संधि पर हस्ताक्षर किए हैं। संधि महाद्वीप पर सैन्य और खनिज खनन गतिविधियों को प्रतिबन्धित करने के साथ वैज्ञानिक अनुसंधान का समर्थन करती है और इस महाद्वीप के पारिस्थितिक क्षेत्र को बचाने के लिए प्रतिबद्ध है। विभिन्न अनुसंधान उद्देश्यों के साथ वर्तमान में कई देशों के लगभग 4,000 से अधिक वैज्ञानिक विभिन्न प्रयोग कर रहे हैं। .

नई!!: यूटीसी+१३:०० और अंटार्कटिका · और देखें »

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »