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युन्नान

सूची युन्नान

(云南, Yunnan) जनवादी गणराज्य चीन के दक्षिणी भाग में स्थित एक प्रांत है। इस प्रान्त की राजधानी कुनमिंग है। युन्नान की सरहदें बर्मा, लाओस और वियतनाम से लगती हैं और यहाँ पर बहुत से ग़ैर-चीनी समुदाय रहते हैं, जैसे की यी लोग, झुआंग लोग और मियाओ लोग। युन्नान एक पहाड़ी इलाक़ा है और प्रान्त की अधिकतर आबादी उसके पूर्वी भाग में रहती है। वनस्पति-विज्ञान की दृष्टि से यह एक भरपूर क्षेत्र है - चीन में मिलने वाली ३०,००० वनस्पति पेड़-पौधों की जातियों में से १७,००० युन्नान में मिलती हैं। इस प्रान्त में ज़मीन के नीचे मिलने वाले अलूमिनियम, सीसे, जस्ते (ज़िंक), ताम्बे और त्रपु (टिन) के भण्डार चीन में सबसे बड़े हैं। यहाँ सैंकड़ों झरने-तालाब हैं और इस प्रान्त के बेहतरीन मौसम को 'सदाबहार' बुलाया गया है।, Kah Joon Liow, SilkRoad Networks Inc., 2004, ISBN 978-0-9733492-1-4,...

25 संबंधों: चीनी जनवादी गणराज्य, एल्युमिनियम, झुआंग लोग, ताम्र, तिब्बती-बर्मी भाषा-परिवार, त्रपु, द्वितीय विश्वयुद्ध, नानझाओ राज्य, प्रांत, पूर्वोत्तर भारत, भारतीय संख्या प्रणाली, मियाओ लोग, म्यान्मार, यी लोग, लाओस, लिजिआंग, युन्नान, सरलीकृत चीनी वर्ण, सीसा, हान चीनी, हुई लोग, जस्ता, जापान, वियतनाम, कुनमिंग, अमेरिकी डॉलर

चीनी जनवादी गणराज्य

चीनी जनवादी गणराज्य (चीनी: 中华人民共和国) जिसे प्रायः चीन नाम से भी सम्बोधित किया जाता है, पूर्वी एशिया में स्थित एक देश है। १.३ अरब निवासियों के साथ यह विश्व का सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश है और ९६,४१,१४४ वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ यह रूस और कनाडा के बाद विश्व का तीसरा सबसे बड़ा क्षेत्रफल वाला देश है। इतना विशाल क्षेत्रफल होने के कारण इसकी सीमा से लगते देशों की संख्या भी विश्व में सर्वाधिक (रूस के बराबर) है जो इस प्रकार है (उत्तर से दक्षिणावर्त्त): रूस, मंगोलिया, उत्तर कोरिया, वियतनाम, लाओस, म्यान्मार, भारत, भूटान, नेपाल, तिबत देश,पाकिस्तान, अफ़्गानिस्तान, ताजिकिस्तान, किर्गिस्तान और कज़ाख़िस्तान। उत्तर पूर्व में जापान और दक्षिण कोरिया मुख्य भूमि से दूरी पर स्थित हैं। चीनी जनवादी गणराज्य की स्थापना १ अक्टूबर, १९४९ को हुई थी, जब साम्यवादियों ने गृहयुद्ध में कुओमिन्तांग पर जीत प्राप्त की। कुओमिन्तांग की हार के बाद वे लोग ताइवान या चीनी गणराज्य को चले गए और मुख्यभूमि चीन पर साम्यवादी दल ने साम्यवादी गणराज्य की स्थापना की। लेकिन चीन, ताईवान को अपना स्वायत्त क्षेत्र कहता है जबकि ताइवान का प्रशासन स्वयं को स्वतन्त्र राष्ट्र कहता है। चीनी जनवादी गणराज्य और ताइवान दोनों अपने-अपने को चीन का वैध प्रतिनिधि कहते हैं। चीन विश्व की सबसे प्राचीन सभ्यताओं में से एक है जो अभी भी अस्तित्व में है। इसकी सभ्यता ५,००० वर्षों से अधिक भी पुरानी है। वर्तमान में यह एक "समाजवादी गणराज्य" है, जिसका नेतृत्व एक दल के हाथों में है, जिसका देश के २२ प्रान्तों, ५ स्वायत्तशासी क्षेत्रों, ४ नगरपालिकाओं और २ विशेष प्रशासनिक क्षेत्रों पर नियन्त्रण है। चीन विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और यह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य भी है। यह विश्व का सबसे बड़ा निर्यातक और दूसरा सबसे बड़ा आयातक है और एक मान्यता प्राप्त नाभिकीय महाशक्ति है। चीनी साम्यवादी दल के अधीन रहकर चीन में "समाजवादी बाज़ार अर्थव्यवस्था" को अपनाया जिसके अधीन पूंजीवाद और अधिकारवादी राजनैतिक नियन्त्रण सम्मित्लित है। विश्व के राजनैतिक, आर्थिक और सामाजिक ढाँचे में चीन को २१वीं सदी की अपरिहार्य महाशक्ति के रूप में माना और स्वीकृत किया जाता है। यहाँ की मुख्य भाषा चीनी है जिसका पाम्परिक तथा आधुनिक रूप दोनों रूपों में उपयोग किया जाता है। प्रमुख नगरों में बीजिंग (राजधानी), शंघाई (प्रमुख वित्तीय केन्द्र), हांगकांग, शेन्ज़ेन, ग्वांगझोउ इत्यादी हैं। .

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एल्युमिनियम

एलुमिनियम एक रासायनिक तत्व है जो धातुरूप में पाया जाता है। यह भूपर्पटी में सबसे अधिक मात्रा में पाई जाने वाली धातु है। एलुमिनियम का एक प्रमुख अयस्क है - बॉक्साईट। यह मुख्य रूप से अलुमिनियम ऑक्साईड, आयरन आक्साईड तथा कुछ अन्य अशुद्धियों से मिलकर बना होता है। बेयर प्रक्रम द्वारा इन अशुद्धियों को दूर कर दिया जाता है जिससे सिर्फ़ अलुमिना (Al2O3) बच जाता है। एलुमिना से विद्युत अपघटन द्वारा शुद्ध एलुमिनियम प्राप्त होता है। एलुमिनियम धातु विद्युत तथा ऊष्मा का चालक तथा काफ़ी हल्की होती है। इसके कारण इसका उपयोग हवाई जहाज के पुर्जों को बनाने में किया जाता है। भारत में जम्मू कश्मीर, मुंबई, कोल्हापुर, जबलपुर, रांची, सोनभद्र, बालाघाट तथा कटनी में बॉक्साईट के विशाल भंडार पाए जाते है। उड़ीसा स्थित नाल्को (NALCO) दुनिया की सबसे सस्ती अलुमिनियम बनाने वाली कम्पनी है। .

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झुआंग लोग

गुआंगशी प्रांत के लोंगझोऊ ज़िले की कुछ महिला झुआंग कलाकार पिंग आन, एक झुआंग गाँव झुआंग (झुआंग: Bouxcuengh, चीनी: 壮族, अंग्रेज़ी: Zhuang) दक्षिणी चीन में बसने वाली एक मानव जाति का नाम है। यह अधिकतर चीन के गुआंगशी प्रांत में रहते हैं, जिस वजह से उसे 'गुआंगशी झुआंग स्वशासित प्रदेश' (Guangxi Zhuang Autonomous Region) भी कहा जाता है। इसके आलावा झुआंग समुदाय युन्नान, गुआंगदोंग, गुइझोऊ और हूनान प्रान्तों में भी मिलते हैं। कुल मिलाकर दुनिया भर में झुआंग लोगों की आबादी १.८ करोड़ है। हान चीनी लोगों के बाद यह चीन का दूसरा सबसे बड़ा जातीय समुदाय है। झुआंग भाषाएँ ताई-कादाई भाषा-परिवार की सदस्य हैं - इस परिवार की भाषाएँ पूर्वोत्तर भारत में भी मिलती हैं। .

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ताम्र

तांबा (ताम्र) एक भौतिक तत्त्व है। इसका संकेत Cu (अंग्रेज़ी - Copper) है। इसकी परमाणु संख्या 29 और परमाणु भार 63.5 है। यह एक तन्य धातु है जिसका प्रयोग विद्युत के चालक के रूप में प्रधानता से किया जाता है। मानव सभ्यता के इतिहास में तांबे का एक प्रमुख स्थान है क्योंकि प्राचीन काल में मानव द्वारा सबसे पहले प्रयुक्त धातुओं और मिश्रधातुओं में तांबा और कांसे (जो कि तांबे और टिन से मिलकर बनता है) का नाम आता है। .

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तिब्बती-बर्मी भाषा-परिवार

बर्मा के भाषा-परिवार भारतीय उपमहाद्वीप के भाषा-परिवार चीन के भाषा-परिवार तिब्बती-बर्मी भाषा परिवार पूर्वी एशिया, दक्षिण-पूर्वी एशिया के पहाड़ी इलाक़ों और भारतीय उपमहाद्वीप में बोली जाने वाली लगभग ४०० भाषाओं का एक भाषा-परिवार है। इसका नाम इस परिवार की दो सब से ज़्यादा बोली जाने वाली भाषाओं पर रखा गया है - तिब्बती भाषा (जो ८० लाख से अधिक लोग बोलते हैं) और बर्मी भाषा (जो ३.२ करोड़ से अधिक लोग बोलते हैं)। यह भाषा-परिवार चीनी-तिब्बती भाषा परिवार की एक उपशाखा है, लेकिन चीनी भाषा और इन भाषाओँ में बहुत अंतर है।, Austin Hale, Walter de Gruyter, 1982, ISBN 978-90-279-3379-9 .

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त्रपु

एक भौतिक तत्त्व है। Image:TinOreUSGOV.jpg|Tin ore Image:tin-symbol.png|Alchemical symbol for tin Image:Jupiter symbol.png Image:Cín.PNG|Cín - Sn Image:Tin-2.jpg|Tin blob Image:Rhof-zinngiesser.ogv | opening of a tin casting workshop (in German) श्रेणी:टिन.

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द्वितीय विश्वयुद्ध

द्वितीय विश्वयुद्ध १९३९ से १९४५ तक चलने वाला विश्व-स्तरीय युद्ध था। लगभग ७० देशों की थल-जल-वायु सेनाएँ इस युद्ध में सम्मलित थीं। इस युद्ध में विश्व दो भागों मे बँटा हुआ था - मित्र राष्ट्र और धुरी राष्ट्र। इस युद्ध के दौरान पूर्ण युद्ध का मनोभाव प्रचलन में आया क्योंकि इस युद्ध में लिप्त सारी महाशक्तियों ने अपनी आर्थिक, औद्योगिक तथा वैज्ञानिक क्षमता इस युद्ध में झोंक दी थी। इस युद्ध में विभिन्न राष्ट्रों के लगभग १० करोड़ सैनिकों ने हिस्सा लिया, तथा यह मानव इतिहास का सबसे ज़्यादा घातक युद्ध साबित हुआ। इस महायुद्ध में ५ से ७ करोड़ व्यक्तियों की जानें गईं क्योंकि इसके महत्वपूर्ण घटनाक्रम में असैनिक नागरिकों का नरसंहार- जिसमें होलोकॉस्ट भी शामिल है- तथा परमाणु हथियारों का एकमात्र इस्तेमाल शामिल है (जिसकी वजह से युद्ध के अंत मे मित्र राष्ट्रों की जीत हुई)। इसी कारण यह मानव इतिहास का सबसे भयंकर युद्ध था। हालांकि जापान चीन से सन् १९३७ ई. से युद्ध की अवस्था में था किन्तु अमूमन दूसरे विश्व युद्ध की शुरुआत ०१ सितम्बर १९३९ में जानी जाती है जब जर्मनी ने पोलैंड पर हमला बोला और उसके बाद जब फ्रांस ने जर्मनी पर युद्ध की घोषणा कर दी तथा इंग्लैंड और अन्य राष्ट्रमंडल देशों ने भी इसका अनुमोदन किया। जर्मनी ने १९३९ में यूरोप में एक बड़ा साम्राज्य बनाने के उद्देश्य से पोलैंड पर हमला बोल दिया। १९३९ के अंत से १९४१ की शुरुआत तक, अभियान तथा संधि की एक शृंखला में जर्मनी ने महाद्वीपीय यूरोप का बड़ा भाग या तो अपने अधीन कर लिया था या उसे जीत लिया था। नाट्सी-सोवियत समझौते के तहत सोवियत रूस अपने छः पड़ोसी मुल्कों, जिसमें पोलैंड भी शामिल था, पर क़ाबिज़ हो गया। फ़्रांस की हार के बाद युनाइटेड किंगडम और अन्य राष्ट्रमंडल देश ही धुरी राष्ट्रों से संघर्ष कर रहे थे, जिसमें उत्तरी अफ़्रीका की लड़ाइयाँ तथा लम्बी चली अटलांटिक की लड़ाई शामिल थे। जून १९४१ में युरोपीय धुरी राष्ट्रों ने सोवियत संघ पर हमला बोल दिया और इसने मानव इतिहास में ज़मीनी युद्ध के सबसे बड़े रणक्षेत्र को जन्म दिया। दिसंबर १९४१ को जापानी साम्राज्य भी धुरी राष्ट्रों की तरफ़ से इस युद्ध में कूद गया। दरअसल जापान का उद्देश्य पूर्वी एशिया तथा इंडोचायना में अपना प्रभुत्व स्थापित करने का था। उसने प्रशान्त महासागर में युरोपीय देशों के आधिपत्य वाले क्षेत्रों तथा संयुक्त राज्य अमेरीका के पर्ल हार्बर पर हमला बोल दिया और जल्द ही पश्चिमी प्रशान्त पर क़ब्ज़ा बना लिया। सन् १९४२ में आगे बढ़ती धुरी सेना पर लगाम तब लगी जब पहले तो जापान सिलसिलेवार कई नौसैनिक झड़पें हारा, युरोपीय धुरी ताकतें उत्तरी अफ़्रीका में हारीं और निर्णायक मोड़ तब आया जब उनको स्तालिनग्राड में हार का मुँह देखना पड़ा। सन् १९४३ में जर्मनी पूर्वी युरोप में कई झड़पें हारा, इटली में मित्र राष्ट्रों ने आक्रमण बोल दिया तथा अमेरिका ने प्रशान्त महासागर में जीत दर्ज करनी शुरु कर दी जिसके कारणवश धुरी राष्ट्रों को सारे मोर्चों पर सामरिक दृश्टि से पीछे हटने की रणनीति अपनाने को मजबूर होना पड़ा। सन् १९४४ में जहाँ एक ओर पश्चिमी मित्र देशों ने जर्मनी द्वारा क़ब्ज़ा किए हुए फ़्रांस पर आक्रमण किया वहीं दूसरी ओर से सोवियत संघ ने अपनी खोई हुयी ज़मीन वापस छीनने के बाद जर्मनी तथा उसके सहयोगी राष्ट्रों पर हमला बोल दिया। सन् १९४५ के अप्रैल-मई में सोवियत और पोलैंड की सेनाओं ने बर्लिन पर क़ब्ज़ा कर लिया और युरोप में दूसरे विश्वयुद्ध का अन्त ८ मई १९४५ को तब हुआ जब जर्मनी ने बिना शर्त आत्मसमर्पण कर दिया। सन् १९४४ और १९४५ के दौरान अमेरिका ने कई जगहों पर जापानी नौसेना को शिकस्त दी और पश्चिमी प्रशान्त के कई द्वीपों में अपना क़ब्ज़ा बना लिया। जब जापानी द्वीपसमूह पर आक्रमण करने का समय क़रीब आया तो अमेरिका ने जापान में दो परमाणु बम गिरा दिये। १५ अगस्त १९४५ को एशिया में भी दूसरा विश्वयुद्ध समाप्त हो गया जब जापानी साम्राज्य ने आत्मसमर्पण करना स्वीकार कर लिया। .

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नानझाओ राज्य

८०० ईसवी में एशिया का नक्शा, जिसमें नानझाओ और उसके पड़ोसी राज्य दिखाए गए हैं नानझाओ राज्य (चीनी: 南詔, अंग्रेज़ी: Kingdom of Nanzhao) ६५३ ईसवी से ९०२ ईसवी तक चलना वाला एक राज्य था जिसका विस्तार आधुनिक दक्षिणी चीन और दक्षिण पूर्वी एशिया पर था। यदि संगठित रूप से देखा जाए तो यह राज्य ७३७ ईसवी में स्थापित हुआ। हालांकि इसमें कई जातियाँ रहती थी, इनमें सबसे प्रमुख बइ लोग थे, इसलिए इसे कभी-कभी बइ लोगों का राज्य भी समझा जाता है, हालांकि इस राज्य का सर्वोच्च सामाजिक तबका नोसू भाषा बोलता था, जो आधुनिक यी लोग बोलते हैं।, Joe Cummings, Robert Storey, Lonely Planet Publications, Page 705, 1991, ISBN 0-86442-123-0, Accessed 15 मई 2011 इस राज्य की शुरुआत अरहई झील के किनारे हुई और इसका शहरी क्षेत्र और राजधानी आधुनिक युन्नान प्रान्त के दाली शहर के पास स्थित था। .

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प्रांत

प्रान्त एक प्रादेशिक इकाई है, जो कि लगभग हमेशा ही एक देश या राज्य के अंतर्गत एक प्रशासकीय खंड होता है। .

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पूर्वोत्तर भारत

पूर्वोत्तर भारत से आशय भारत के सर्वाधिक पूर्वी क्षेत्रों से है जिसमें एक साथ जुड़े 'सात बहनों' के नाम से प्रसिद्ध राज्य, सिक्किम तथा उत्तरी बंगाल के कुछ भाग (दार्जीलिंग, जलपाईगुड़ी और कूच बिहार के जिले) शामिल हैं। पूर्वोत्तर भारत सांस्कृतिक दृष्टि से भारत के अन्य राज्यों से कुछ भिन्न है। भाषा की दृष्टि से यह क्षेत्र तिब्बती-बर्मी भाषाओँ के अधिक प्रचलन के कारण अलग से पहचाना जाता है। इस क्षेत्र में वह दृढ़ जातीय संस्कृति व्याप्त है जो संस्कृतीकरण के प्रभाव से बची रह गई थी। इसमें विशिष्ट श्रेणी के मान्यता प्राप्त आठ राज्य भी हैं। इन आठ राज्यों के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए 1971 में पूर्वोतर परिषद (नॉर्थ ईस्टर्न काउंसिल / NEC) का गठन एक केन्द्रीय संस्था के रूप में किया गया था। नॉर्थ ईस्टर्न डेवेलपमेंट फाइनेंस कारपोरेशन लिमिटेड (NEDFi) का गठन 9 अगस्त 1995 को किया गया था और उत्तरपूर्वीय क्षेत्र विकास मंत्रालय (DoNER) का गठन सितम्बर 2001 में किया गया था। उत्तरपूर्वीय राज्यों में सिक्किम 1947 में एक भारतीय संरक्षित राज्य और उसके बाद 1975 में एक पूर्ण राज्य बन गया। पश्चिम बंगाल में स्थित सिलीगुड़ी कॉरिडोर जिसकी औसत चौड़ाई 21 किलोमीटर से 40 किलोमीटर के बीच है, उत्तरपूर्वीय क्षेत्र को मुख्य भारतीय भू-भाग से जोड़ता है। इसकी सीमा का 2000 किलोमीटर से भी अधिक क्षेत्र अन्य देशों: नेपाल, चाइना, भूटान, बर्मा और बांग्लादेश के साथ लगती है। .

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भारतीय संख्या प्रणाली

भारतीय संख्या प्रणाली भारतीय उपमहाद्वीप की परम्परागत गिनने की प्रणाली है जो भारत, पाकिस्तान, बंगलादेश और नेपाल में आम इस्तेमाल होती है। जहाँ पश्चिमी प्रणाली में दशमलव के तीन स्थानों पर समूह बनते हैं वहाँ भारतीय प्रणाली में दो स्थानों पर बनते हैं। .

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मियाओ लोग

मियाओ स्त्रियाँ मियाओ (चीनी भाषा: 苗, अंग्रेज़ी: Miao) जनवादी गणराज्य चीन की सरकार द्वारा परिभाषित एक लोक-जाति है। ध्यान रहे कि यह एक चीनी भाषा का नाम है और वहाँ की सरकार ने चीन के दक्षिण में रहने वाले बहुत से समुदायों को मिलकर इस श्रेणी में डाल दिया है। बहुत से मियाओ लोग अपने-आप को यह पहचान नहीं देते और न ही मानते हैं कि वे मियाओ हैं। इसलिए मियाओ समुदायों के बारे में बात करते हुए यह ज़रूरी है कि यह भी साफ़ किया जाए की किस मियाओ उपजाति की बात हो रही है। बहुत से मियाओ कहलाने वाली जातियाँ चीन की सरहद के पार वियतनाम, बर्मा और थाईलैंड में भी रहती हैं। चीन में यह गुइझोऊ, हुनान, युन्नान, सिचुआन, गुआंगशी, हाइनान, गुआंगदोंग और हुबेई प्रान्तों में रहते हैं। मियाओ लोगों में भिन्न ह्मोंग (Hmong) नामक जातियाँ भी शामिल हैं।, Joana Breidenbach, Central European University Press, 2005, ISBN 978-963-7326-14-1,...

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म्यान्मार

म्यांमार यो ब्रह्मदेश दक्षिण एशिया का एक देश है। इसका आधुनिक बर्मी नाम 'मयन्मा' (မြန်မာ .

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यी लोग

यी लोग यी या लोलो (नोसू: ꆈꌠ, वियतनामी: Lô Lô, थाई: โล-โล, अंग्रेजी: Yi या Lolo) चीन, वियतनाम और थाईलैंड में बसने वाली एक मानव जाति है। विश्व भर में इनकी जनसँख्या लगभग ८० लाख अनुमानित की गई है। यी लोग तिब्बती-बर्मी भाषा-परिवार की यी भाषाएँ बोलते हैं, जिसका एक मानक रूप नोसू भाषा है और जो बर्मी भाषा से काफ़ी मिलती-जुलती हैं। अधिकतर यी लोग कृषि या गाय, भेड़ और बकरियों के मवेशी-पालन में लगे हुए हैं। कुछ शिकार से भी अपनी ज़रूरतें पूरी करते हैं। चीन में यह युन्नान, सिचुआन, गुइझोऊ और गुआंगशी प्रान्तों के देहाती इलाक़ों में बसते हैं।, Peter Hays Gries, Stanley Rosen, Psychology Press, 2004, ISBN 978-0-415-33205-7,...

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लाओस

लाओस (आधिकारिक रूप से लाओस जनवादी लोकतान्त्रिक गणतन्त्र) दक्षिण पूर्व एशिया में स्थित एक देश है। इसकी सीमाएं उत्तर पश्चिम में म्यान्मार और चीन से, पूर्व में कंबोडिया, दक्षिण में वियतनाम और पश्चिम में थाईलैंड से मिलती है। इसे हजार हाथियो की भूमि भी कहा जाता है। .

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लिजिआंग, युन्नान

लिजिआंग शहर का एक नज़ारा लिजिआंग (चीनी: 丽江市, अंग्रेज़ी: Lijiang) चीन के युन्नान प्रान्त के पश्चिमोत्तरी भाग में एक विभाग-स्तरीय शहर है। सन् २०१० में इसकी आबादी १२,४४,७६९ अनुमित की गई थी। यह युन्नान की सिचुआन प्रान्त के साथ लगी सरहद के पास है और चिंगहई-तिब्बत पठार और युन्नान-गुइझोऊ पठार के संगम पर स्थित है। यहाँ का मौसम बहुत अच्छा माना जाता है हालांकि कभी-कभार सर्दियों में तापमान शून्य से नीचे चला जाता है। लीजिंग में नाशी समुदाय के बहुत से लोग रहते हैं, जिनके अपने रीति-रिवाज हैं और जो किसी ज़माने में भारत-तिब्बत व्यापार में अहम भूमिका निभाते थे।, Simon Foster, Jen Lin-Liu, Sharon Owyang, Sherisse Pham, Beth Reiber, Lee Wing-sze, John Wiley & Sons, 2010, ISBN 978-0-470-52658-3,...

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सरलीकृत चीनी वर्ण

सरलीकृत चीनी वर्ण (सरलीकृत चीनी: 简体字; पारम्परिक चीनी: 簡體字) वे वर्ण है जो मुख्यभूमि चीन पर उपयोग के लिए मानकीकृत हैं। यह समकालीन चीनी लिखित भाषा के लिए प्रचलित बहुत से मानकीकृत वर्णसमूहो में से एक है। चीनी जनवादी गणराज्य की सरकार ने साक्षरता बढ़ाने के लिए इन वर्णो को मुद्रण में प्रोत्साहन दिया है। ये आधिकारिक रूप से चीनी जनवादी गणराज्य और सिंगापुर में प्रयुक्त होते हैं। पारम्परिक चीनी वर्ण मुख्यतः चीनी गणराज्य या ताइवान, हांगकांग और मकाउ में प्रयुक्त होते हैं। विदेशो में रहने वाले चीनी समुदाय पारम्परिक चीनी का उपयोग करते हैं लेकिन मुख्य भूमि चीन के अप्रवासी अधिकांशतः सरलीकृत चीनी का उपयोग करते हैं। .

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सीसा

विद्युत अपघटन द्वारा शुद्ध किया हुआ सीस; १ घन सेमी से घन के साथ (तुलना के लिए) सीस, सीसा या लेड (अंग्रेजी: Lead, संकेत: Pb लैटिन शब्द प्लंबम / Plumbum से) एक धातु एवं तत्त्व है। काटने पर यह नीलिमा लिए सफ़ेद होता है, लेकिन हवा का स्पर्श होने पर स्लेटी हो जाता है। इसे इमारतें बनाने, विद्युत कोषों, बंदूक की गोलियाँ और वजन बनाने में प्रयुक्त किया जाता है। यह सोल्डर में भी मौजूद होता है। यह सबसे घना स्थिर तत्त्व है। यह एक पोस्ट-ट्रांज़िशन धातु है। इसका परमाणु क्रमांक ८२, परमाणु भार २०७.२१, घनत्व ११.३६, गलनांक ३,२७.४ डिग्री सें., क्वथनांक १६२०डिग्री से.

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हान चीनी

चीन में विभिन्न जातियों का फैलाव - हान चीनी पूर्व की ओर गाढ़े ख़ाकी रंग में हैं हान चीनी (चीनी: 汉族, हानज़ू या हानरेन) चीन की एक जाति और समुदाय है। आबादी के हिसाब से यह विश्व की सब से बड़ी मानव जाति है। कुल मिलाकर दुनिया में १,३१,०१,५८,८५१ हान जाति के लोग हैं, यानी सन् २०१० में विश्व के लगभग २०% जीवित मनुष्य हान जाति के थे। चीन की जनसँख्या के ९२% लोग हान नसल के हैं। इसके अलावा हान लोग ताइवान में ९८% और सिंगापुर में ७८% होने के नाते उन देशों में भी बहुतायत में हैं। हज़ारों साल के इतिहास में बहुत सी अन्य जातियाँ और क़बीले समय के साथ हान जाति में मिलते चले गए जिस से वर्तमान हान समुदाय में बहुत सांस्कृतिक, सामाजिक और आनुवंशिकी (यानि जॅनॅटिक) विविधताएँ हैं।, Nature Publishing Group, 2004 .

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हुई लोग

कुछ हुई मुस्लिम लोग हुई लोग (चीनी भाषा: 回族, हुईज़ू; श्याओ'अरजिंग) चीन की सरकार द्वारा मान्य एक जाति है जिसके सदस्य मुख्य रूप से चीनी भाषा अपनी मातृभाषा के रूप में बोलने वाले मुस्लिम लोग हैं। इनमें से बहुत से लोग वे हैं जिनके पूर्वज रेशम मार्ग पर यात्री थे और चीन में आ बसे और जिन्होनें चीनी संस्कृति और भाषा अपना ली। हुई लोग सांस्कृतिक दृष्टि से और काफ़ी हद तक देखने में चीन के बहुसंख्यक हान चीनी समुदाय के सदस्यों से मिलते जुलते हैं, लेकिन इन्हें चीन में हान नहीं समझा जाता। यह भी ध्यान रहे कि यह चीन के अन्य मुस्लिम समुदायों, जैसे कि उइग़ुर लोग, से भी भिन्न समझे जाते हैं। हुई लोगों का खान-पान हान चीनियों से मिलता है, लेकिन इसमें कुछ भिन्नताएँ हैं, मसलन ये सूअर का मांस नहीं खाते जो वरना चीनी खाने में आम है।, Michael Dillon, Psychology Press, 1999, ISBN 978-0-7007-1026-3 .

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जस्ता

जस्ता या ज़िन्क एक रासायनिक तत्व है जो संक्रमण धातु समूह का एक सदस्य है। रासायनिक दृष्टि से इसके गुण मैगनीसियम से मिलते-जुलते हैं। मनुष्य जस्ते का प्रयोग प्राचीनकाल से करते आये हैं। कांसा, जो ताम्बे व जस्ते की मिश्र धातु है, १०वीं सदी ईसापूर्व से इस्तेमाल होने के चिन्ह छोड़ गया है। ९वीं शताब्दी ईपू से राजस्थान में शुद्ध जस्ता बनाये जाने के चिन्ह मिलते हैं और ६ठीं शताब्दी ईपू की एक जस्ते की खान भी राजस्थान में मिली है। लोहे पर जस्ता चढ़ाने से लोहा ज़ंग खाने से बचा रहता है और जस्ते का प्रयोग बैट्रियों में भी बहुत होता है। .

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जापान

जापान, एशिया महाद्वीप में स्थित देश है। जापान चार बड़े और अनेक छोटे द्वीपों का एक समूह है। ये द्वीप एशिया के पूर्व समुद्रतट, यानि प्रशांत महासागर में स्थित हैं। इसके निकटतम पड़ोसी चीन, कोरिया तथा रूस हैं। जापान में वहाँ का मूल निवासियों की जनसंख्या ९८.५% है। बाकी 0.5% कोरियाई, 0.4 % चाइनीज़ तथा 0.6% अन्य लोग है। जापानी अपने देश को निप्पॉन कहते हैं, जिसका मतलब सूर्योदय है। जापान की राजधानी टोक्यो है और उसके अन्य बड़े महानगर योकोहामा, ओसाका और क्योटो हैं। बौद्ध धर्म देश का प्रमुख धर्म है और जापान की जनसंख्या में 96% बौद्ध अनुयायी है। .

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वियतनाम

वियतनाम (आधिकारिक तौर पर वियतनाम समाजवादी गणराज्य) दक्षिणपूर्व एशिया के हिन्दचीन प्रायद्वीप के पूर्वी भाग में स्थित एक देश है। इसके उत्तर में चीन, उत्तर पश्चिम में लाओस, दक्षिण पश्चिम में कंबोडिया और पूर्व में दक्षिण चीन सागर स्थित है। २००८ में ८ करोड़ ६१ लाख की जनसंख्या के साथ वियतनाम दुनिया में १३वाँ सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है। बौद्ध धर्म यहां का प्रमुख धर्म है जो देश जनसंख्या का ८५% हिस्सा है। और बौद्ध जनसंख्या में ये दुनिया का तीसरा बड़ा देश है (चीन और जापान के बाद)। वियतनाम में आज करीब ७.५ करोड़ बौद्ध धर्म के अनुयायी है। .

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कुनमिंग

कुनमिंग के कुछ नज़ारे कुनमिंग (चीनी: 昆明, अंग्रेजी: Kunming) दक्षिण-पश्चिमी चीन के युन्नान प्रान्त की राजधानी और सबसे बड़ा शहर है। यह चीन की प्रशासन-प्रणाली में एक विभाग-स्तरीय (प्रीफ़ॅक्चर) शहर है। द्वितीय विश्वयुद्ध में कुनमिंग को भारत से प्रसिद्ध बर्मा सड़क (उर्फ़ 'लेडो रोड') द्वारा जोड़ा गया था जिसके ज़रिये सिपाही और जंग की सामग्री भारत से चीन पहुंचाई जाती थी। सन् २०१० की जनगणना के अनुसार कुनमिंग की आबादी ६४,३२,२१२ थी जिनमें से ३०,५५,००० इसके शहरी क्षेत्रों में बस रहे थे। यह शहर युन्नान-गुईझोऊ पठार के बीच में स्थित है और दिआन झील के उत्तरी छोर पर स्थित है। पूरा शहर मंदिरों, झीलों और छोटी पहाड़ियों से घिरा हुआ है। कुनमिंग अपने 'सदाबहार' मौसम के लिए मशहूर है और यहाँ सालभर हरियाली रहती है और फूल खिलते रहते हैं।, May-Lee Chai, Winberg Chai, Penguin, 2007, ISBN 978-0-452-28887-4,...

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अमेरिकी डॉलर

एक अमेरिकी डॉलर का नोट अमेरिकी डॉलर संयुक्त राज्य अमेरिका की राष्ट्रीय मुद्रा है। एक डॉलर में सौ सेंट होते हैं। पचास सेंट के सिक्के को आधा डॉलर कहा जाता है। पच्चीस सेंट के सिक्के को क्वार्टर कहते हैं। दस सेंट का सिक्का डाइम कहलाता है और पाँच सेंट के सिक्के को निकॅल कहते हैं। एक सेंट को पैनी के नाम से पुकारा जाता है। डॉलर के नोट १,५,१०,२०,५० और १०० डॉलर में मिलते है। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

युण्नान, युन्नान प्रान्त, युन्नान प्रांत, यून्नान

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