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युग्मज

सूची युग्मज

दो युग्मक कोशिकाएँ (gamete cells) लैंगिक प्रजनन के द्वारा संयुक्त होकर जिस कोशिका का निर्माण करतीं हैं उसे युग्मज या युग्मनज या गैमीट (zygote) या जाइकोसाइट (zygocyte) कहते हैं। बहुकोशिकीय प्राणियों में युग्मज ही भ्रूण का आदिरूप है। एककोशीय प्राणियों में युग्मज स्वयं विभक्त होकर नयी संताने उत्पन्न करता है जो प्रायः अर्धसूत्री विभाजन की प्रक्रिया द्वारा सम्पन्न होता है। .

5 संबंधों: भ्रूण, युग्मक, लैंगिक जनन, कोशिका, अर्धसूत्रण

भ्रूण

झुर्रीदार मेढक (राना रूगोसा) के भ्रूण (और एक बेंगची) भ्रूण (Embryo) प्राणी के विकास की प्रारंभिक अवस्था को कहते हैं। मानव में तीन मास की गर्भावस्था के पश्चात्‌ भ्रूण को गर्भ की संज्ञा दी जाती है। एक निषेचित अंडाणु जब फलोपिओन नालिका (fallopian tube) से गुजरता है तब उसका खंडीभवन (segmentation) होता हें तथा यह अवस्था मोरूला (morula) बन जाता हें। प्रथम तीन सप्ताह में ही प्रारंभिक जननस्तर (primary germ layers) प्रारंभिक जनन स्तर के तीन भाग होते हैं। बाहर का भाग बाह्यत्वचा (ectoderm), अंदर का भाग अंतस्त्वचा (endoderm) और दोनों के बीच का भाग मध्यस्तर (mesoderm) कहलाता है। इन्हीं से विभिन्न कार्य करनेवाले अंग विकसित होते हैं। भ्रुण अवस्था अष्टम सप्ताहश् के अंत तक रहती है। नाना आशयों तथा अंगों के निर्माण के साथ साथ भ्रूण में अत्यंत महत्वपूर्ण परिवर्तन होते हैं। इसके पश्चात्‌ तीसरे मास से गर्भ कहानेवाली अवस्था प्रसव तक होती है। भ्रूण अत्यंत प्रारंभिक अवस्था में अपना पोषण प्राथमिक अंडाणु के द्वारा लाए गए पोषक द्रव्यों से पाता है। इसके पश्चात्‌ ब्लास्टोसिस्ट गर्भाशय की ग्रंथियों तथा वपन की क्रिया में हुए ऊतकलयन के फलस्वरूप एकत्रित रक्त से पोषण लेता है। भ्रूणपट्ट (embryonic disc), उल्व (amnion), देहगुहा (coelom) तथा पीतक (yolk) थैली में भरे द्रव्य से पोषण लेता है। अंत में अपना तथा नाभि नाल के निर्माण के पश्चात्‌ माता के रक्तपरिवहन के भ्रूणरक्त का परिवहनसंबंध स्थापित होकर, भ्रूण का पोषण होता है। 270 दिन तक मातृ गर्भाशय में रहने के पश्चात प्रसव होता है और शिशु गर्भाशय से निकलता है। भ्रूण (अनियमित रूप से ग्रीक: बहुवचन lit. से आया शब्द है जिसका अर्थ होता है -"वह जो विकसित होता है", en से-"in"+bryin "फूलना, भरना; इसका सही लातिन रूप होगा embryum) अपने विकास के शुरूआती चरण में, प्रथम कोशिका विभाजन से लेकर जन्म, प्रसव या अंकुरण तक, एक बहुकोशिकीय डिप्लॉयड यूक्रायोट होता है। इंसानों में, इसे निषेचन के आठ सप्ताह तक (मतलब एलएमपी के 10वें सप्ताह तक) भ्रूण कहा जाता है और उसके बाद से भ्रूण की बजाय इसे गर्भस्थ शिशु (फेटस) कहा जता है। भ्रूण के विकास को एंब्रियोजेनेसिस कहा जाता है। जीवों में, जो यौन प्रजनन करते हैं, एक बार शुक्राणु अण्ड कोशिका को निषेचित कर लेता है, तो परिणाम स्वरूप एक कोशिका जन्म लेती है, जिसे जाइगोट कहते हैं, जिसमें दोनों अभिभावकों का आधा डीएनए होता है। पौधों, जानवरों और कुछ प्रोटिस्ट में समविभाजन के द्वारा एक बहुकोशिकीय जीव को पैदा करने के लिए जाइगोट विभाजित होना शुरू हो जाएगा.

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युग्मक

युग्मक युकैरियोटिक प्रकार की जनन कोशिका हैं। इनका निर्माण युग्मक जनन की क्रिया में माइटोसिस कोशिका विभाजन के फलस्वरुप होता है। पुरुषों की जनन कोशिका को शुक्राणु तथा स्त्रियों की जनन कोशिका को अंडाणु कहते हैं। श्रेणी:प्राणी विज्ञान.

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लैंगिक जनन

फूल, पौधों का जनन अंग प्रजनन की वह क्रिया जिसमें दो युग्मकों के मिलने से बनी रचना युग्मज (जाइगोट) द्वारा नये जीव की उत्पत्ति होती है, लैंगिक जनन (sexual reproduction) कहलाती है। यदि युग्मक समान आकृति वाले होते हैं तो उसे समयुग्मक कहते हैं। समयुग्मकों के संयोग को संयुग्मन कहते हैं। युग्मनज या तो सीधे पौधे को जन्म देता है या विरामी युग्मनज बन जाता है जिसे जाइगोस्पोर कहते हैं। इस प्रकार के लैंगिक जनन को 'समयुग्मी' कहते हैं। लैंगिक जनन की प्रक्रिया के दो मुख्य चरण हैं - अर्धसूत्री विभाजन तथा निषेचन (fertilization)। लैंगिक जनन की उत्पत्ति कैसे हुई, यह एक पहेली है। इस विषय में कई व्याख्याएँ प्रस्तुत की गईं हैं कि अलैंगिक जनन से लैंगिक जनन क्यों विकसित हुआ। .

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कोशिका

कोशिका कोशिका (Cell) सजीवों के शरीर की रचनात्मक और क्रियात्मक इकाई है और प्राय: स्वत: जनन की सामर्थ्य रखती है। यह विभिन्न पदार्थों का वह छोटे-से-छोटा संगठित रूप है जिसमें वे सभी क्रियाएँ होती हैं जिन्हें सामूहिक रूप से हम जीवन कहतें हैं। 'कोशिका' का अंग्रेजी शब्द सेल (Cell) लैटिन भाषा के 'शेलुला' शब्द से लिया गया है जिसका अर्थ 'एक छोटा कमरा' है। कुछ सजीव जैसे जीवाणुओं के शरीर एक ही कोशिका से बने होते हैं, उन्हें एककोशकीय जीव कहते हैं जबकि कुछ सजीव जैसे मनुष्य का शरीर अनेक कोशिकाओं से मिलकर बना होता है उन्हें बहुकोशकीय सजीव कहते हैं। कोशिका की खोज रॉबर्ट हूक ने १६६५ ई० में किया।"...

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अर्धसूत्रण

अर्धसूत्रण का विहंगावलोकन (overview) अर्धसूत्रण (Meiosis) एक विशेष प्रकार का कोशिका विभाजन है जो यूकैरिओट प्राणियों (eukaryotes) में लैंगिग जनन के लिये आवश्यक है। अर्धसूत्रण द्वारा युग्मक (gametes or spores) कोशिकाएँ पैदा होतीं हैं। सभी जन्तुओं तथा भूमि पर उगने वाले पौधों सहित अधिकांश जीवधारियों में युग्मकों को अण्ड कोशिका तथा शुक्राणु कोशिका कहते हैं। यद्यपि अर्धसूत्री कोशिका विभाजन की प्रक्रिया और समसूत्री कोशिका विभाजन की प्रक्रिया में बहुत कुछ समानताएँ हैं, किन्तु अर्धसूत्री विभाजन, समसूत्री विभाजन से दो महत्वपूर्ण पक्षों में अलग है-.

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

युग्मनज, जाइगोट

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