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यदि और केवल यदि

सूची यदि और केवल यदि

↔ ⇔ ≡ प्रतीक चिह्न जोयदिदि को निरूपित करते हैं। तर्कशास्त्र और सम्बन्धित क्षेत्रों जैसे गणित और दर्शनशास्त्र में यदि और केवल यदि (संक्षिप्त यदिदि) कथनों के मध्य द्वि-प्रतिबंध तार्किक संयोजक है। .

4 संबंधों: तर्कशास्त्र, दर्शनशास्त्र, वॉलफ्रेम अल्फा, गणित

तर्कशास्त्र

तर्कशास्त्र शब्द अंग्रेजी 'लॉजिक' का अनुवाद है। प्राचीन भारतीय दर्शन में इस प्रकार के नामवाला कोई शास्त्र प्रसिद्ध नहीं है। भारतीय दर्शन में तर्कशास्त्र का जन्म स्वतंत्र शास्त्र के रूप में नहीं हुआ। अक्षपाद! गौतम या गौतम (३०० ई०) का न्यायसूत्र पहला ग्रंथ है, जिसमें तथाकथित तर्कशास्त्र की समस्याओं पर व्यवस्थित ढंग से विचार किया गया है। उक्त सूत्रों का एक बड़ा भाग इन समस्याओं पर विचार करता है, फिर भी उक्त ग्रंथ में यह विषय दर्शनपद्धति के अंग के रूप में निरूपित हुआ है। न्यायदर्शन में सोलह परीक्षणीय पदार्थों का उल्लेख है। इनमें सर्वप्रथम प्रमाण नाम का विषय या पदार्थ है। वस्तुतः भारतीय दर्शन में आज के तर्कशास्त्र का स्थानापन्न 'प्रमाणशास्त्र' कहा जा सकता है। किंतु प्रमाणशास्त्र की विषयवस्तु तर्कशास्त्र की अपेक्षा अधिक विस्तृत है। .

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दर्शनशास्त्र

दर्शनशास्त्र वह ज्ञान है जो परम् सत्य और प्रकृति के सिद्धांतों और उनके कारणों की विवेचना करता है। दर्शन यथार्थ की परख के लिये एक दृष्टिकोण है। दार्शनिक चिन्तन मूलतः जीवन की अर्थवत्ता की खोज का पर्याय है। वस्तुतः दर्शनशास्त्र स्वत्व, अर्थात प्रकृति तथा समाज और मानव चिंतन तथा संज्ञान की प्रक्रिया के सामान्य नियमों का विज्ञान है। दर्शनशास्त्र सामाजिक चेतना के रूपों में से एक है। दर्शन उस विद्या का नाम है जो सत्य एवं ज्ञान की खोज करता है। व्यापक अर्थ में दर्शन, तर्कपूर्ण, विधिपूर्वक एवं क्रमबद्ध विचार की कला है। इसका जन्म अनुभव एवं परिस्थिति के अनुसार होता है। यही कारण है कि संसार के भिन्न-भिन्न व्यक्तियों ने समय-समय पर अपने-अपने अनुभवों एवं परिस्थितियों के अनुसार भिन्न-भिन्न प्रकार के जीवन-दर्शन को अपनाया। भारतीय दर्शन का इतिहास अत्यन्त पुराना है किन्तु फिलॉसफ़ी (Philosophy) के अर्थों में दर्शनशास्त्र पद का प्रयोग सर्वप्रथम पाइथागोरस ने किया था। विशिष्ट अनुशासन और विज्ञान के रूप में दर्शन को प्लेटो ने विकसित किया था। उसकी उत्पत्ति दास-स्वामी समाज में एक ऐसे विज्ञान के रूप में हुई जिसने वस्तुगत जगत तथा स्वयं अपने विषय में मनुष्य के ज्ञान के सकल योग को ऐक्यबद्ध किया था। यह मानव इतिहास के आरंभिक सोपानों में ज्ञान के विकास के निम्न स्तर के कारण सर्वथा स्वाभाविक था। सामाजिक उत्पादन के विकास और वैज्ञानिक ज्ञान के संचय की प्रक्रिया में भिन्न भिन्न विज्ञान दर्शनशास्त्र से पृथक होते गये और दर्शनशास्त्र एक स्वतंत्र विज्ञान के रूप में विकसित होने लगा। जगत के विषय में सामान्य दृष्टिकोण का विस्तार करने तथा सामान्य आधारों व नियमों का करने, यथार्थ के विषय में चिंतन की तर्कबुद्धिपरक, तर्क तथा संज्ञान के सिद्धांत विकसित करने की आवश्यकता से दर्शनशास्त्र का एक विशिष्ट अनुशासन के रूप में जन्म हुआ। पृथक विज्ञान के रूप में दर्शन का आधारभूत प्रश्न स्वत्व के साथ चिंतन के, भूतद्रव्य के साथ चेतना के संबंध की समस्या है। .

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वॉलफ्रेम अल्फा

वॉलफ्रेम अल्फा एक गणकीय ज्ञान (कंम्प्यूटेशनल नॉलेज) सर्च इंजन है। इसका प्रयोग सटीक और संक्षिप्त सूचना प्राप्त करने के लिए किया जाता है। इसमें गूगल की तरह एक जानकारी की मांग देने पर प्रतिक्रिया स्वरूप ढेरों परिणाम जालपृष्ठ नहीं दिखाई देते बल्कि संक्षिप्त व सटीक जानकारी प्राप्त होती है।। हिन्दुस्तान लाइव। २२ जुलाई २०१०। अभिगमन तिथि:२५ जुलाई २०१० ये आधुनिक समय में अंतरजाल पर जानकारी प्राप्त करने का सरल माध्यम है। अंतरजाल पर किसी विषय से संबंधित जानकारी प्राप्त करने के लिए सामान्त: किसी सर्च इंजन जैसे गूगल या ऐल्टाविस्टा आदि का प्रयोग किया जाता है। इन सर्च इंजनों पर किसी एक विषय से जुड़ी जानकारी ढूढ़ने पर बहुत-सी समान दिखने वाली व उस समय अनावश्यक सूचनाओं का भंडार भी खुल जाता है। ऐसे में कई बार सही जानकारी ढूंढना मुश्किल हो जाता है। इसी समस्या के समाधान रूप में वॉलफ्रेम अल्फा का प्रयोग किया जा सकता है। इस जालस्थल की सबसे बड़ी विशेषता ये है की जब इसके सर्च बार में कोई शब्द अंकित करते हैं तो इसमें उस शब्द के अर्थ को अलग-अलग भागो में बांटा जाता है, जैसे एप्पल टाइप करने पर फ्रूट, कंपनी, सॉफ्टवेयर आदि के विकल्प आते हैं। तब उपरोक्ता को जो भी जानकारी चाहिए उसके विकल्प को चुनने पर वह सामने होती है। अभी तक ये हिन्दी भाषा में उपलब्ध नहीं है, किन्तु अंग्रेज़ी में अच्छा काम करता है। इस नवीन सर्च इंजन का प्रारूप और आकार ब्रिटिश भौतिक वैज्ञानिक प्रोफेसर स्टीफन वॉलफ्रेम ने मार्च २००९ को तैयार किया था। इसको आधिकारिक तौर पर सार्वजनिक रूप से १५ मई २००९ को लॉन्च किया गया। इस कंम्प्यूटेशनल नॉलेज सर्च इंजन को लॉन्च करने से पहले इसकी कार्यक्षमता की जांच की जा चुकी है। वैज्ञानिक एंड इंटरनेट एंटरप्रेन्योर नोव स्पीवेक द्वारा वॉलफ्रेम एल्फा की कार्यदक्षता का हर पहलू से निरीक्षण किया गया। पॉपुलर साइंस द्वारा इसे वर्ष २००९न के लिये सर्वोच्च कंप्यूटर इनोवेशन घोषित किया गया था। वॉलफ्रेम एल्फा साइट पर हर विषय से जुड़ी सही और सटीक जानकारी प्राप्त की जा सकती है। इसके अलावा पाकशास्त्र, सैर-सपाटे, संगीत, व्यापार, भौगोलिक व ऐतिहासिक आंकड़े जैसे विषयों के बारे में भी संक्षिप्त ज्ञान प्राप्त किया ज सकता है। इस जालस्थल में चिट्ठे (ब्लॉग), डाउनलोड, उदाहरण (एग्जैम्पल), समाचार (न्यूज) जैसे विकल्प भी उपलब्ध हैं। वॉलफ्रेम एल्फा में विकिपीडिया की तरह किसी विषय से जुड़ी विस्तृत जानकारी नहीं मिलती, पर उस विषय से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य आंकड़ों के रूप में मिल सकते हैं। इसको विकसित करने वाले डॉ॰ वॉलफ्रेम के अनुसार इसकी एक और विशेषता यह है कि इससे प्राप्त सूचनाओं की गुणवत्ता अधिक होगी। उपयोक्ताओं को उपलब्ध कराने से पहले विशेषज्ञों द्वारा सूचनाओं की जाँच की जाती है। उन्होंने इसके लिए एक हजार लोगों की टीम बनाई गई है। टीम में सभी क्षेत्रों के विशेषज्ञों को शामिल करने का प्रयास किया गया है।। हिन्दी मीडिया.इन। १३ मई २००९ .

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गणित

पुणे में आर्यभट की मूर्ति ४७६-५५० गणित ऐसी विद्याओं का समूह है जो संख्याओं, मात्राओं, परिमाणों, रूपों और उनके आपसी रिश्तों, गुण, स्वभाव इत्यादि का अध्ययन करती हैं। गणित एक अमूर्त या निराकार (abstract) और निगमनात्मक प्रणाली है। गणित की कई शाखाएँ हैं: अंकगणित, रेखागणित, त्रिकोणमिति, सांख्यिकी, बीजगणित, कलन, इत्यादि। गणित में अभ्यस्त व्यक्ति या खोज करने वाले वैज्ञानिक को गणितज्ञ कहते हैं। बीसवीं शताब्दी के प्रख्यात ब्रिटिश गणितज्ञ और दार्शनिक बर्टेंड रसेल के अनुसार ‘‘गणित को एक ऐसे विषय के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जिसमें हम जानते ही नहीं कि हम क्या कह रहे हैं, न ही हमें यह पता होता है कि जो हम कह रहे हैं वह सत्य भी है या नहीं।’’ गणित कुछ अमूर्त धारणाओं एवं नियमों का संकलन मात्र ही नहीं है, बल्कि दैनंदिन जीवन का मूलाधार है। .

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