2 संबंधों: मोतियाबिंद शल्यक्रिया, कांचबिंदु।
मोतियाबिंद शल्यक्रिया
मानव आंख में मोतियाबिंद- एक स्लिट लैंप के साथ परीक्षण में देखा गया परिवर्द्धित दृश्य मोतियाबिंद शल्यक्रिया आंख के प्राकृतिक लेन्स (मणिभ लेन्स भी कहा जाता है) जिसमें अपारदर्शन विकसित हो गया है तथा जो मोतियाबिंद कहलाता है, उसे शल्यक्रिया द्वारा हटाने की क्रिया है। समय के साथ मणिभ लेन्स तंतुओं के चयापचयी परिवर्तनों के कारण मोतियाबिंद का विकास होता है और पारदर्शिता चली जाती है, जिसके कारण दृष्टि कम या नष्ट हो जाती है। कई मरीजों के प्रथम लक्षण हैं रात में प्रकाश तथा छोटे प्रकाश स्रोतों से तीव्र चमक, प्रकाश के कम स्तर पर गतिविधियों में कमी.
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कांचबिंदु
कांच बिंदु रोग (अंग्रेज़ी:ग्लूकोमा) या काला मोतिया नेत्र का रोग है। यह रोग तंत्र में गंभीर एवं निरंतर क्षति करते हुए धीरे-धीरे दृष्टि को समाप्त ही कर देता है। किसी वस्तु से प्रकाश की किरणें आंखों तक पहुंचती हैं, व उसकी छवि दृष्टि पटल पर बनाती हैं। दृष्टि पटल (रेटिना) से ये सूचना विद्युत तरंगों द्वारा मस्तिष्क तक नेत्र तंतुओं द्वारा पहुंचाई जाती है।। इंडिया डवलपमेंट गेटवे आंख में एक तरल पदार्थ भरा होता है। इससे लगातार एक तरल पदार्थ आंख के गोले को चिकना किए रहता है। यदि यह तरल पदार्थ रुक जाए तो अंतःनेत्र दाब (इंट्राऑक्यूलर प्रेशर) बढ़ जाता है।। हिन्दुस्तान लाइव। ११ मार्च,२०१०। १८ फ़रवरी २००९ कांच बिंदु में अंत:नेत्र पर दाब, प्रभावित आँखों की सहने की क्षमता से अधिक हो जाता है। इसके परिणामस्वरूप नेत्र तंतु को क्षति पहुँचती है जिससे दृष्टि चली जाती है। किसी वस्तु को देखते समय कांच बिंदु वाले व्यक्ति को केवल वस्तु का केन्द्र दिखाई देता है। समय बीतने के साथ स्थिति बद से बदतर होती जाती है, व व्यक्ति यह क्षमता भी खो देता है। सामान्यत:, लोग इस पर कदाचित ही ध्यान देते हैं जबतक कि काफी क्षति न हो गई हो। प्रायः ये रोग बिना किसी लक्षण के विकसित होता है व दोनों आँखों को एक साथ प्रभावित करता है। हालाँकि यह ४० वर्ष से अधिक आयु के वयस्कों के बीच में पाया जाता है, फिर भी कुछ मामलों में यह नवजात शिशुओं को भी प्रभावित कर सकता हैं। मधुमेह, आनुवांशिकता, उच्च रक्तचाप व हृदय रोग इस रोग के प्रमुख कारणों में से हैं।। वेब दुनिया .
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