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मैरी १ (स्कॉटलैंड की रानी)

सूची मैरी १ (स्कॉटलैंड की रानी)

कोई विवरण नहीं।

39 संबंधों: एडिनबर्ग, एडिनबर्ग किला, एडवर्ड ६, इंग्लैंड का राजा, एडवर्ड IV, एलिज़ाबेथ प्रथम, डेनमार्क, नॉटिंघम, नॉर्थहैम्पटनशायर, प्रोटेस्टैंट, फ़्रान्स, फ़्रान्सीसी भाषा, फोथरिंघे किला, बपतिस्मा, बाल, बुनाई (निटिंग), भतीजी, मैरी १, इंग्लैंड की रानी, लिन्लिथगो, लिन्लिथगो महल, सारंगी, स्टर्लिंग, स्टर्लिंग किला, स्कॉट्लैण्ड, हेनरी स्टुअर्ट, लॉर्ड डार्न्ले, हेनरी ७, इंग्लैंड का राजा, होलीरूड महल, जेम्स पंचम, जेम्स प्रथम, जेम्स हेपबर्न, बोथवेल का चौथा अर्ल, घुड़सवारी, वेस्टमिंस्टर, वेस्ट्मिन्स्टर ऍबी, ग्रेगोरी कैलेंडर, ग्लासगो, इंग्लैंड के हेनरी अष्टम्, कैथरीन (फ्रांस की महारानी), कैथोलिक धर्म, कैथोलिक गिरजाघर, अवसाद

एडिनबर्ग

एडिनबर्ग या एडिनबर (Edinburgh,अंग्रेजी उच्चारण: / ए॑डिन्बर / Dùn Èideann डुन एडिऽन्न), स्कॉटलैंड की राजधानी, एवं ग्लासगो के बाद, स्कॉटलैंड का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। यह स्काॅटलैन्ड के लोथियन क्षेत्र में फ़ाॅर्थ के नदमुख के दक्षिणी तट पर स्थित है। वर्ष 2013 के हिसाब से,इस शहर की आबादी 5,00,000 के करीब है। 15वीं सदी से ही यह ऐतिहासिक शहर स्कॉटलैंड की राजधानी है। शुरुआत से ही स्काॅटियाई राजशाही के सारे महत्वपूर्ण प्रशासनिक भवन इसी शहर में ही स्थित हुआ करते थे, परंतू 1603 और 1707 के बीच, इंग्लैंड से विलय के पश्चात इस शहर की काफ़ी राजनैतिक ताकत लंदन चली गई। 1999 में स्कॉटिश संसद को स्वायत्त रूप से शाही धोषणा द्वारा स्थापित किया गया तब से यह शहर स्काॅटलैंड की संसद व स्काॅटलैंड में राजगद्दी का आसन है। स्कॉटलैंड का राष्ट्रीय संग्रहालय, स्कॉटलैंड का राष्ट्रीय पुस्तकालय और स्कॉटलैंड की अन्य महत्वपूर्ण सांस्कृतिक संस्थाओं के मुख्यालय व नेशनल गैलरी यहीं एडिनबर्ग में स्थित हैं। आर्थिक रूप से, यह यूके में लंदन के बाहर का सबसे बड़ा वित्तीय केंद्र है। एडिनबर्ग का इतिहास काफ़ी लम्बा है, एवं यहां कई ऐतिहासिक इमारतों को भी अच्छी तरह से संरक्षित देखे जा सकते हैं। एडिनबर्ग कासल, हाॅलीरूड पैलेस, सेंट जाइल्स कैथेड्रल और कई अन्य महत्वपूर्ण ऐतिहासिक इमारतें यहां स्थित हैं। एडिनबर्ग का ओल्ड टाउन और न्यू टाउन, यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल हैं। 2004 में, एडिनबर्ग विश्व साहित्य में पहला शहर बन गया। साथी यह ऐतिहासिक रूप से शिक्षा का भी एक विकसित केन्द्र रहा है, यहाँ स्थित, एडिनबर्ग विश्वविद्यालय, ब्रिटेन के सबसे पुराने विश्वविद्यालयों में से एक है, एवं यह अब भी दुनिया के शीर्ष सिक्षा संस्थानों में शामिल है। इसके अलावा एडिनबर्ग अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव और यहां आयोजित किये गए अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम भी विश्वविख्यात समारोहों में से एक है। लंडन के बाद ब्रिटेन में, एडिनबर्ग दूसरा सबसे बड़ा पर्यटन केन्द्र है। .

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एडिनबर्ग किला

एडिनबर्ग कासल(Edinburgh Castle, ब्रिटिश उच्चारण:एडिन्बर खास्ल्) अथवा एडिनबर्ग का किला, स्कॉटलैंड के एडिनबर्ग शहर के मध्य में कासल रॉक नामक पहाड़ी पर स्थित एक गिरीदुर्ग(पहाड़ी किला) है। ऐतिहासिक तौर पर, इस किले के स्थान पर कमसेकम १२वीं सदी से एक शाही किले के होने के प्रमाण हैं। यह किला सन् १६३३ तक शाही निवास के रूप में सत्यापित रहा था। १५वीं सदी से, इस किले की रिहाइशी महत्व घटने लगी और १७वीं सदी से इसे मुख्यतः एक सैन्य ठिकाने के रूप में इस्तेमाल किया जाने लगा। १९वीं सदी के बाद से इस किले के ऐतिहासिक महत्व के मद्देनज़र इसे स्कॉटलैंड के महत्वपूर्ण राष्ट्रीय धरोहर क्र रूप में देखा जाने लगा, और तत्पश्चात् इस किले पर अनेक पुनःस्थापन परियोजनाएँ चलाई गयीं। स्कॉटियाई राजशाही के सबसे अहम गढ़ों में से एक होने के कारण, इस किले का अनेक ऐतिहासिक युद्धों और मुठभेड़ों में अहम भूमिका रही है, जिनमे स्कॉटिश स्वतंत्रता युद्ध और १७४५ की जैकोबीयाइ जागरण शामिल हैं। इस किले पर किये गए शोधों से पता चलता है की इस किले के ११०० वर्षों के इतिहास में इस पर कमसेकम २६ मुहासरे लगाये गए थे। आज यह किला स्कॉटलैंड का सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। २०१३ में इस किले को देखने के लिए कुल १४ लाख आगंतुक आये थे। इस किले को एडिनबर्ग अंतर्राष्ट्रीय महोत्सव के एगींबुर्ग मिलिट्री टैटू के कार्यक्रम स्थल के रूप में उपयोग किया जाता है, जिसमे प्रत्येक वर्ष एडिनबर्ग, यूके तथा विदेशों से भी लाखों लोग आते हैं। इसकी ऐतिहारिक महत्ता और लोकप्रियता के मद्देनज़र इस किले को कई मायनों में एडिनबर्ग शहर तथा पूरे स्कॉटलैंड का प्रतीक भी माना जाता है। इस किले के प्रतिबिंब को एडिंबिरग नगर परिषद् तथा एडिनबर्ग विश्वविद्यालय के कुलांकों में भी देखा जा सकता है। किले के गिने-चुने भवन हैं जो १६वीं सदी से पूर्वतीथ हैं, क्योंकि लैंग के मुहासिरे के समय तोपों की गोलाबारी द्वारा इस किले के अधिकांश इमारतों को ध्वस्त कर दिया गया था। इस संदर्भ में सबसे विशिष्ट अपवादात्मक भवन सेंट मार्गारेट्स चैपल है, जोकि १२वीं साद से आबाद है, और इसे अक्सर एडिनबर्ग की सबसे पुरातन संरचना माना जाता है। इसके अलावा शाही महल और उसका "ग्रेट हॉल", दोनों हीं उस अवरोध से पूर्वतीथ हैं, हालांकि, ग्रेट हॉल के इंटीरियर्स मूल मध्य-विक्टोरियाइ काल से काफ़ी परिवर्तित हो चुके हैं। इसके अलावा यह किला, स्कॉटलैंड की राष्ट्रीय युद्ध स्मृति, राष्ट्रीय युद्ध संग्रहालय तथा स्कोटियाई राजपरिधानों की भी मेज़बानी करता है। आज भी इस किले के कुछ हिस्सों में ब्रिटिश सेना की उपस्थिति है, परंतु अब सेना की उपस्थिति केवल प्रशासनिक और पारंपरिक है। .

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एडवर्ड ६, इंग्लैंड का राजा

एडवर्ड षष्टम, Edward VI (12 अक्टूबर 1537 – 6 जुलाई 1553) 28 जनवरी 1547 से अपनी मृत्यु तक आयरलैंड और इंग्लैंड का राजा था। २० फरवरी को ९ वर्ष की उम्र में उसका राज्याभिषेक किया गया था। हेनरी ८ और जेन सीमोर का पुत्र एडवर्ड ट्यूडर राजवंश का तीसरा शासक सम्राट था। प्रोटेस्टैंट विचारों के तहत शिक्षित होने और बड़ा होने वाला भी वो इंग्लैंड का पहला राजा था। एक किशोर होने के नाते एडवर्ड के शासनकाल में उसका साम्राज्य वास्तव में एक राज अधिकारी द्वारा शासित होता था। राज्याधिकारियों की इस समिति के पहले अध्यक्ष उसके मामा एडवर्ड सीमोर (1547–1549), और बाद में जॉन डुडली थे। एडवर्ड का शासनकाल इंग्लैंड में आर्थिक और सामाजिक विसंगतियों के लिये याद किया जाता है जिसके परिणामस्वरूप 1549 में वहाँ दंगे और विद्रोह होने लगे थे। स्कॉटलैंड के साथ एक बहुत ही महंगी लड़ाई जो पहले तो सफल रही लेकिन बाद में समझौतों और सेनाओं को पीछे खींचने पर और पिता द्वारा विजित बोलोग्न को शांति की स्थापना के लिये वापस फ्रांस को देने पर खत्म हुई। गिरिजाघर का आधिकारिक रूप से प्रोटेस्टैंट गिरिजाघर के रूप में पहचाना जाना भी एडवर्ड के ही शासनकाल में हुआ जो धार्मिक कार्यों में बहुत रूचि लेता था। हालांकि उसके पिता हेनरी अष्टम ने रोमन कैथोलिक गिरिजाघर और अंग्रेजी गिरिजाघर के बीच संबंध विच्छेद करवा दिया था लेकिन उसने कभी भी वहाँ पर कैथोलिक मान्यताओं व समारोहों के प्रचलन को बंद नहीं करवाया था। एडवर्ड के राज में प्रोटेस्टैंट विचारधारा को आधिकारिक मान्यता दी गई, पादरियों को अनिवार्य ब्र्हमचर्य से मुक्ति और अनिवार्य सामूहिक प्रार्थनाओं की समाप्ति के नियम बनाए गये। इन सुधारों के निर्माता कैंटरबरी के शीर्ष पादरी थॉमस क्रैनमर थे जिनकी लिखी पुस्तक आम प्रार्थना की पुस्तक (बुक ऑफ़ कॉमन प्रेयर) का उपयोग आज भी किया जाता है। फरवरी 1553 में 15 की उम्र में एडवर्ड बीमार पड़ गया। जब ऐसा लगा की उसकी बीमारी गंभीर है और वो नहीं बचेगा तब तब उसने अपनी सलाहकार समिति के साथ मिलकर तीसरा उत्तराधिकार कानून में परिवर्तन करने के लिये "उत्तराधिकार के लिये इच्छापत्र" तैयार किया जिसमें मैरी के सत्ता ग्रहण करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया ताकि देश बापस कैथोलिक धर्म की ओर ना जाए। एडवर्ड ने अपनी बुआ मैरी ट्यूडर की नातिन लेडी जेन ग्रे, को अपना उत्तराधिकारी बना दिया और अपनी सौतेली बहनों मैरी १ और एलिज़ाबेथ प्रथम को उत्तराधिकार पंक्ति से हटा दिया। हालांकि एडवर्ड की मृत्यु के पश्चात इस फैसले को चुनौती दी गई और जेन को १३ दिनों के अंदर मैरी ने पदच्युत कर दिया। इसलिये जेन को नौ दिनों की रानी भी कहा जाता है। रानी के तौर पर मैरी ने एडवर्ड द्वारा किये गये सभी प्रोटेस्टैंट बदलावों को पलट दिया जो कि बाद में 1559 के एलिज़ाबेथ के धार्मिक समाधान (एलिज़बेथिअन रिलीज़ियस सेटलमेंट) का आधार बने। .

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एडवर्ड IV

एडवर्ड IV (28 अप्रैल 1442 - 9 अप्रैल 1483) 4 मार्च 1461 से 3 अक्टूबर 1470 तक, और फिर 11 अप्रैल 1471 से 1483 में अपनी मृत्यु तक इंग्लैंड का राजा था। .

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एलिज़ाबेथ प्रथम

एलिज़ाबेथ प्रथम (Elizabeth I, जन्म: ७ सितम्बर १५३३, मृत्यु: २४ मार्च १६०३) इंग्लैंड और आयरलैंड की महारानी थीं, जिनका शासनकाल १७ नवम्बर १५५८ से उनकी मौत तक चला। यह ब्रिटेन के ट्युडर राजवंश की पाँचवी और आख़री सम्राट थीं। इन्होनें कभी शादी नहीं की और न ही इनकी कोई संतान हुई इसलिए इन्हें "कुंवारी रानी" (virgin queen, वर्जिन क्वीन) के नाम से भी जाना जाता था। यह ब्रिटेन के सम्राट हेनरी अष्टम की बेटी होने के नाते जन्म पर एक राजकुमारी थीं, लेकिन इनके जन्म के ढाई साल बाद ही इनकी माता, ऐन बोलिन (Anne Boleyn) को मार दिया गया और इन्हें नाजायज़ घोषित कर दिया गया। १५५३ तक इनके सौतेले भाई एडवर्ड ६ के शासनकाल के बाद इनकी बहन मैरी १ ने शासन संभाला। मैरी के संतानरहित होने के बाद एलिज़ाबेथ ने १७ नवंबर १५५८ को अंग्रेजी सिंहासन की बागडोर संभाली। इन्होने अपने इर्द-गिर्द बहुत से समझदार व्यक्तियों को मंत्री-परिषद में रखा जिस से ब्रिटेन सुव्यवस्थित हुआ। इन्होनें इंग्लैंड में "इंग्लिश प्रोटेस्टैंट चर्च" की नींव रखी और स्वयं को उसका अध्यक्ष बना लिया। इस से वे ब्रिटेन की राजनैतिक नेता और धार्मिक नेता दोनों बन गई। इस से रोमन कैथोलिक शाखा का पोप नाराज़ हो गया। वह ब्रिटेन को धार्मिक मामलों में अपने अधीन एक कैथोलिक राष्ट्र मानता था। उसने १५७० में यह आदेश दिया की ब्रिटेन के नागरिकों को एलिज़ाबेथ से वफ़ादारी करने की कोई आवश्यकता नहीं है। इस से ब्रिटेन के कैथोलिक समुदाय से एलिज़ाबेथ के ख़िलाफ़ बहुत से हमले हुए और कई विद्रोह भड़के, लेकिन एलिज़ाबेथ अपने मंत्रियों की गुप्तचर सेवा की मदद से सत्ता पर बनी रहीं। १५८८ में पोप के आग्रह पर स्पेन (जो एक कैथोलिक राष्ट्र था) ने ब्रिटेन पर एक समुद्री जहाज़ों का बड़ा लेकर आक्रमण करने की कोशिश करी। इस आक्रमण को "स्पेनी अर्माडा" कहा जाता है। एलिज़ाबेथ की नौसेना ने उसे हरा दिया और यह जीत इंग्लैण्ड की सब से ऐतिहासिक जीतों में से एक मानी जाती है। एलिज़ाबेथ के शासनकाल को एलिज़ाबेथेन एरा यानी एलिज़ाबेथ का युग के नाम से भी जाना जाता है। वो अपने शासन में अपने पिता व भाई बहन के मुकाबले ज्यादा उदार थीं। उनकी बहन मैरी ने सैकणों प्रोटेस्टैंटों को मरवा दिया था जिसकी वजह से उसे खूनी मैरी के नाम से भी जाना जाता है। एलिज़ाबेथ ने ऐसा कोई काम नहीं किया। वह लोकप्रिय शासक के रूप में जानी जाती थीं। एलिज़ाबेथ के काल में ब्रिटिश साहित्य और नाटककार फले-फूले, जिनमें विलियम शेक्सपीयर और क्रिस्टोफ़र मार्लोवे के नाम सब से नुमाया हैं। उनके दौर में ब्रिटेन के नौसैनिक दूर-दूर खोज-यात्राओं में निकले। फ़्रांसिस ड्रेक ने उत्तर अमेरिका की यात्रा करी। माना जाता है कि उनके ४४ साल के राज से ब्रिटेन में एक शक्तिशाली राष्ट्रीय भावना फैल गई जिसने आगे चलकर ब्रिटेन को विश्व का सब से शक्तिशाली देश बनने में योगदान दिया। वह ऐसे समय में अपना सिंहासन बचाते हुए लंबे समय तक एक सफल शासन दे सकीं जब पड़ोसी राज्यों के शासक अंदरूनी विवादों में उलझे रहे और अपनी सत्ता गंवाते रहे, जैसे कि उनकी भतीजी व स्कॉटलैंड की रानी मैरी जिसे उन्होंने अपने खिलाफ षडयंत्र रचने के अपराध में १५६८ में मृत्युदंड दे दिया। कुछ इतिहासकार उन्हें चिड़चिड़ा व जल्द कोई फैसला ना ले पाने वाला शासक मानते हैं और उन्हें उनकी काबिलियत से ज्यादा भाग्यशाली बताते हैं। .

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डेनमार्क

डेनमार्क या डेनमार्क राजशाही (डैनिश: Danmark या Kongeriget Danmark) स्कैंडिनेविया, उत्तरी यूरोप में स्थित एक देश है। इसकी भूसीमा केवल जर्मनी से मिलती है, जबकी उत्तरी सागर और बाल्टिक सागर इसे स्वीडन से अलग करते हैं। यह देश जूटलैंड प्रायद्वीप पर हज़ारों द्वीपों में फैला हुआ है। डेनमार्क ने लंबे समय तक बाल्टिक सागर को जाने वाले मार्गों को नियंत्रित किया है और इस जलराशी को डैनिश खाड़ी के नाम से जाना जाता है। इसके छोटे आकार के विपरीत इसकी समुद्री सीमा बहुत लम्बी है लगभग ७,३१४ किमी। डेनमार्क अधिकांशतः एक समतल देश है और समुद्र तल से अधिकतम ऊँचाई वाला स्थान केवल १७० मीटर ऊँचा है। फ़रो द्वीप समूह और ग्रीनलैंड डेनमार्क के अधीनस्थ है। २००८ के वैश्विक शांति सूचकांक के अनुसार डेनमार्क, आइसलैंड के बाद विश्व का सबसे शांत देश है। २००८ के ही भ्रष्टाचार दृष्टिकोण सूचकांक के अनुसार यह विश्व के सबसे कम भ्रष्ट देशों में से है और न्यूज़ीलैंड और स्वीडन के साथ पहले स्थान पर है। मोनोक्ल पत्रिका के २००८ के एक सर्वेक्षण के अनुसार इसकी राजधानी कॉपनहेगन रहने योग्य सर्वाधिक उपयुक्त नगर है। वर्ष २००९ में देश की अनुमानित जनसंख्या ५५,१९,२५९ है। .

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नॉटिंघम

नॉटिंघम, यूनाइटेड किंगडम के इस्ट मिडलैंड्स क्षेत्र में स्थित एक शहर और एकात्मक प्राधिकरण इलाका है। यह नॉटिंघमशायर के सेरेमोनियल काउंटी में स्थित है और आठ सदस्यों के इंग्लिश कोर सिटीज ग्रुप का एक सदस्य है। हालांकि ऐतिहासिक दृष्टि से नॉटिंघम शहर की सीमा काफी कम है जो अपेक्षाकृत 288,700 की कम जनसंख्या है, व्यापक नॉटिंघम शहरी क्षेत्र की आबादी 667,000 है और यह यूनाइटेड किंगडम शहरी क्षेत्र का सातवां सबसे बड़ा क्षेत्र है और लिवरपूल और शेफील्ड के बीच में इसकी रैंकिंग की जाती है। यथा 2004 यूरोस्टेट के लार्जर अर्बन ज़ोन ने इस क्षेत्र की आबादी 825,600 सूचीबद्ध की.

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नॉर्थहैम्पटनशायर

नॉर्थहैम्पटनशायर (अंग्रेज़ी: Northamptonshire) एक इंग्लैंड का काउंटी है।.

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प्रोटेस्टैंट

प्रोटेस्टैंट ईसाई धर्म की एक शाखा है। इसका उदय सोलहवीं शताब्दी में प्रोटेस्टैंट सुधारवादी आन्दोलन के फलस्वरूप हुआ। यह धर्म रोमन कैथोलिक धर्म का घोर विरोधी है। इसकी प्रमुख मान्यता यह है कि धर्मशास्त्र (बाइबल) ही उद्घाटित सत्य (revealed truth.) का असली स्रोत है न कि परम्पराएं आदि। प्रोटेस्टैंट के विषय में यह प्राय: सुनने में आता है कि वह असंख्य संप्रदायों में विभक्त है किंतु वास्तव में समस्त प्रोटेस्टैंट के 94 प्रतिशत पाँच ही संप्रदायों में सम्मिलित हैं, अर्थात: लूथरन, कैलविनिस्ट, एंग्लिकन, बैप्टिस्ट और मेथोडिस्ट। .

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फ़्रान्स

फ़्रान्स,या फ्रांस (आधिकारिक तौर पर फ़्रान्स गणराज्य; फ़्रान्सीसी: République française) पश्चिम यूरोप में स्थित एक देश है किन्तु इसका कुछ भूभाग संसार के अन्य भागों में भी हैं। पेरिस इसकी राजधानी है। यह यूरोपीय संघ का सदस्य है। क्षेत्रफल की दृष्टि से यह यूरोप महाद्वीप का सबसे बड़ा देश है, जो उत्तर में बेल्जियम, लक्ज़मबर्ग, पूर्व में जर्मनी, स्विट्ज़रलैण्ड, इटली, दक्षिण-पश्चिम में स्पेन, पश्चिम में अटलांटिक महासागर, दक्षिण में भूमध्यसागर तथा उत्तर पश्चिम में इंग्लिश चैनल द्वारा घिरा है। इस प्रकार यह तीन ओर सागरों से घिरा है। सुरक्षा की दृष्टि से इसकी स्थिति उत्तम नहीं है। लौह युग के दौरान, अभी के महानगरीय फ्रांस को कैटलिक से आये गॉल्स ने अपना निवास स्थान बनाया। रोम ने 51 ईसा पूर्व में इस क्षेत्र पर कब्जा कर लिया गया। फ्रांस, गत मध्य युग में सौ वर्ष के युद्ध (1337 से 1453) में अपनी जीत के साथ राज्य निर्माण और राजनीतिक केंद्रीकरण को मजबूत करने के बाद एक प्रमुख यूरोपीय शक्ति के रूप में उभरा। पुनर्जागरण के दौरान, फ्रांसीसी संस्कृति विकसित हुई और एक वैश्विक औपनिवेशिक साम्राज्य स्थापित हुआ, जो 20 वीं सदी तक दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी थी। 16 वीं शताब्दी में यहाँ कैथोलिक और प्रोटेस्टैंट (ह्यूजेनॉट्स) के बीच धार्मिक नागरिक युद्धों का वर्चस्व रहा। फ्रांस, लुई चौदहवें के शासन में यूरोप की प्रमुख सांस्कृतिक, राजनीतिक और सैन्य शक्ति बन कर उभरा। 18 वीं शताब्दी के अंत में, फ्रेंच क्रांति ने पूर्ण राजशाही को उखाड़ दिया, और आधुनिक इतिहास के सबसे पुराने गणराज्यों में से एक को स्थापित किया, साथ ही मानव और नागरिकों के अधिकारों की घोषणा के प्रारूप का मसौदा तैयार किया, जोकि आज तक राष्ट्र के आदर्शों को व्यक्त करता है। 19वीं शताब्दी में नेपोलियन ने वहाँ की सत्ता हथियाँ कर पहले फ्रांसीसी साम्राज्य की स्थापना की, इसके बाद के नेपोलियन युद्धों ने ही वर्तमान यूरोप महाद्वीपीय के स्वरुप को आकार दिया। साम्राज्य के पतन के बाद, फ्रांस में 1870 में तृतीय फ्रांसीसी गणतंत्र की स्थापना हुई, हलाकि आने वाली सभी सरकार लचर अवस्था में ही रही। फ्रांस प्रथम विश्व युद्ध में एक प्रमुख भागीदार था, जहां वह विजयी हुआ, और द्वितीय विश्व युद्ध में मित्र राष्ट्र में से एक था, लेकिन 1940 में धुरी शक्तियों के कब्जे में आ गया। 1944 में अपनी मुक्ति के बाद, चौथे फ्रांसीसी गणतंत्र की स्थापना हुई जिसे बाद में अल्जीरिया युद्ध के दौरान पुनः भंग कर दिया गया। पांचवां फ्रांसीसी गणतंत्र, चार्ल्स डी गॉल के नेतृत्व में, 1958 में बनाई गई और आज भी यह कार्यरत है। अल्जीरिया और लगभग सभी अन्य उपनिवेश 1960 के दशक में स्वतंत्र हो गए पर फ्रांस के साथ इसके घनिष्ठ आर्थिक और सैन्य संबंध आज भी कायम हैं। फ्रांस लंबे समय से कला, विज्ञान और दर्शन का एक वैश्विक केंद्र रहा है। यहाँ पर यूरोप की चौथी सबसे ज्यादा सांस्कृतिक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल मौजूद है, और दुनिया में सबसे अधिक, सालाना लगभग 83 मिलियन विदेशी पर्यटकों की मेजबानी करता है। फ्रांस एक विकसित देश है जोकि जीडीपी में दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था तथा क्रय शक्ति समता में नौवीं सबसे बड़ा है। कुल घरेलू संपदा के संदर्भ में, यह दुनिया में चौथे स्थान पर है। फ्रांस का शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, जीवन प्रत्याशा और मानव विकास की अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में अच्छा प्रदर्शन है। फ्रांस, विश्व की महाशक्तियों में से एक है, वीटो का अधिकार और एक आधिकारिक परमाणु हथियार संपन्न देश के साथ ही यह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों में से एक है। यह यूरोपीय संघ और यूरोजोन का एक प्रमुख सदस्यीय राज्य है। यह समूह-8, उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो), आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी), विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) और ला फ्रैंकोफ़ोनी का भी सदस्य है। .

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फ़्रान्सीसी भाषा

फ़्रांसीसी भाषा (फ़्रांसीसी: français उच्चारण: फ़्रांसे) एक रोमांस भाषा है जो विश्वभर में लगभग ९ करोड़ लोगों द्वारा प्रथम भाषा के रूप में बोली जाती है। मूल रूप से इस भाषा को बोलने वाले अधिकांश लोग फ़्राँस में रहते हैं जहाँ इस भाषा का जन्म हुआ था। इस भाषा को बोलने वाले अन्य क्षेत्र ये हैं- अधिकांश कनाडा, बेल्जियम, स्विटज़रलैंड, अफ़्रीकी फ़्रेंकोफ़ोन, लक्ज़म्बर्ग और मोनाको। फ्रांसी भाषा १९ करोड़ लोगों द्वारा दूसरी भाषा के रूप में और अन्य २० करोड़ द्वारा अधिग्रहित भाषा के रूप में बोली जाती है। विश्व के ५४ देशों में इस भाषा को बोलने वालों की अच्छी भली संख्या है। फ़्रांसीसी रोमन साम्राज्य की लैटिन भाषा से निकली भाषा है, जैसे अन्य राष्ट्रीय भाषाएँ - पुर्तगाली, स्पैनिश, इटालियन, रोमानियन और अन्य अल्पसंख्यक भाषाएँ जैसे कैटेलान इत्यादि। इस भाषा के विकासक्रम में इसपर मूल रोमन गौल की कैल्टिक भाषाओं और बाद के रोमन फ़्रैकिश आक्रमणकारियों की जर्मनेक भाषा का प्रभाव पड़ा। यह २९ देशों में एक आधिकारिक भाषा है, जिनमें से अधिकांशतः ला फ़्रेंकोफ़ोनी नामक फ़्रांसीसी भाषी देशों के समुह से हैं। यह सयुंक्त राष्ट्र की सभी संस्थाओं की और अन्य बहुत से अंतर्राष्ट्रीय संगठनों की भी आधिकारिक भाषा है। यूरोपीय संघ के अनुसार, उसके २७ सदस्य राष्ट्रों के १२.९ करोड़ (४९,७१,९८,७४० का २६%) लोग फ़्रांसीसी बोल सकते हैं, किसमें से ६.५ करोड़ (१२%) मूलभाष्ई हैं और ६.९ करोड़ (१४%) इसे दूसरी भाषा के रूप में बोल सकते हैं, जो इसे अंग्रेज़ी और जर्मन के बाद संघ की तीसरी सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा बनाता है। इसके अतिरिक्त २० वीं शताब्दी के प्रारंभ में अंग्रेज़ी के अधिरोहण से पहले, फ़्रांसीसी यूरोपीय और औपनिवेशिक शक्तियों के मध्य कूटनीति और संवाद की प्रमुख भाषा थी और साथ ही साथ यूरोप के शिक्षित वर्ग की बोलचाल की भाषा भी थी। .

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फोथरिंघे किला

फोथरिंघे किला Fotheringay Castle नॉथहैंप्टनशायर के ओउंडल के बाज़ार व नगर.

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बपतिस्मा

ईसाईयत में, बपतिस्मा (ग्रीक शब्द βαπτίζω baptizo से: "डुबोना", "प्रक्षालन करना", अर्थात् "धार्मिक स्नान") जल के प्रयोग के साथ किया जाने वाला एक धार्मिक कृत्य है, जिसके द्वारा किसी व्यक्ति को चर्च की सदस्यता प्रदान की जाती है। स्वयं ईसा मसीह का बपतिस्मा किया गया था। प्रारंभिक ईसाईयों में उम्मीदवार (अथवा "बपतिस्माधारी (Baptizand)") को पूरी तरह या आंशिक रूप से डुबोना बपतिस्मा का सामान्य रूप था। हालांकि बपतिस्मा-दाता जॉन (John the Baptist) द्वारा अपने बपतिस्मा के लिये एक गहरी नदी का प्रयोग निमज्जन का सुझाव दिया गया है, लेकिन ईसाई बपतिस्मा के संबंध में तीसरी शताब्दी और उसके बाद के चित्रात्मक तथा पुरातात्विक प्रमाण यह सूचित करते हैं कि सामान्य रूप से उम्मीदवार को पानी में खड़ा रखा जाता था और उसके शरीर के ऊपरी भाग पर जल छिड़का जाता था। बपतिस्मा के अब प्रयोग किये जाने वाले अन्य सामान्य रूपों में माथे पर तीन बार जल छिड़कना शामिल है। सोलहवीं सदी में हल्द्रिच ज़्विंगली (Huldrych Zwingli) द्वारा इसकी आवश्यकता को नकारे जाने तक बपतिस्मा को मोक्ष-प्राप्ति के लिये कुछ हद तक आवश्यक समझा जाता था। चर्च के प्रारंभिक इतिहास में शहादत को "खून से बपतिस्मा" के रूप में पहचाना जाता था, ताकि जिन शहीदों का बपतिस्मा जल के द्वारा न किया गया हो, उन्हें बचाया जा सके.

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बाल

अपने सुन्दर बालों को पूरती हुई कन्या बाल (Hair) स्तनधारी प्राणियों के बाह्य चर्म का उद्वर्ध (outer growth) है। कीटों के शरीर पर जो तंतुमय उद्वर्ध होते हैं, उन्हें भी बाल कहते हैं। बाल कोमल से लेकर रुखड़ा, कड़ा (जैसे सूअर का) और नुकीला तक (जैसे साही का) होता है। प्रकृति ने ठंडे गर्म प्रभाव वाले क्षेत्रों में बसने बाले जीवों को बाल दिये हैं, जो जाडे की ॠतु में ठंड से रक्षा करते है और गर्मी में अधिक ताप से सिर की रक्षा करते हैं। जब शरीर से न सहने वाली गर्मी पडती है, तो शरीर से पसीना बहकर निकलता है, वह बालों के कारण गर्मी से जल्दी नहीं सूखता है, किसी कठोर वस्तु से अचानक हुए हमला से भी बाल बचाव करते है। बहुत से मानवेतर स्तनधारियों के शरीर पर मुलायम बाल पाये जाते हैं; इसे 'फर' कहते हैं। बाल की बनावट पक्षियों के परों या सरीसृप के शल्कों से बिल्कुल भिन्न होती है। स्तनधारियों में ह्वेल के शरीर पर सबसे कम बाल होता है। कुछ वयस्क ह्वेल के शरीर पर तो बाल बिल्कुल होता ही नहीं। मनुष्यों में सबसे घना बाल सिर पर होता है। बाल शरीर को सर्दी और गरमी से बचाता है। शरीर के अन्य भागों पर बड़े सूक्ष्म छोटे छोटे रोएँ होते है। पलकों, हथेली, तलवे तथा अँगुलियों और अँगूठों के नीचे के भाग पर बाल नहीं होते। प्रागैतिहासिक काल में मनुष्यों का शरीर झबरे बालों से ढँका रहता था। पर सभ्य मनुष्य के शरीर पर झबरे बाल नहीं होते। इसलिए वह वस्त्र धारण कर अपने शरीर की सर्दी और गरम से रक्षा करता है। मनुष्य के कुछ भागों में, हारमोन के स्राव बनने पर ही बाल उगते हैं, जैसे ओठों पर, काँखों में, लिंगोपरि भागों में इत्यादि। मनुष्यों के लिए बालों के अनेक उपयोग हैं। घोड़ों और बैलों के बाल गद्दों में भरे जाते हैं। कुछ बालों से वार्निश लेपने के बुरुश, दाँत साफ करने के बुरुश बनते हैं। छोटे-छोटे बाल सीमेंट में मिलाकर गृहनिर्माण में प्रयुक्त होते हैं। लंबे-लंबे बालों से कपड़े बुने जाते हैं। ऐसे कपड़े कोट बनाने में लाइनिंग के रूप में काम आते हैं। भेड़ों और कुछ बकरियों से ऊन प्राप्त होते हैं। इनका उपयोग कंबलों और ऊनी वस्त्रों के निर्माण में होता है। ऊँटों और कुछ किस्म के खरगोशों के बाल से भी कपड़े बुने जाते हैं। कुछ पशुओं के बाल बड़े कोमल होते हैं और समूर (फर) के रूप में व्यवहृत होते हैं। .

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बुनाई (निटिंग)

बुनाई धागा या सूत से कपड़ा बनाने या ऊन से स्वेटर आदि बनाने को निटिंग (knitting) कहते है। निटिंग में एक के बाद एक फंदे (लूप) लगाकर की जाती है। पुरानी पंक्ति के फंदों से नये फंदे निकालकर नयी पंक्ति तैयार की जाती है। सक्रिय फंदों को एक सलाई के सहारे बिगड़ने से रोके रखा जाता है और जब इनसे होकर नये फंदे लगा दिये जाते हैं तो सलाई निकाल ली जाती है। इसी प्रक्रिया से अन्ततः कपड़ा बन जाता है। निटिंग हाथ से की जाती है और मशीन से भी की जाती है। हाथ से निटिंग के अनेकानेक शैलियाँ एवं विधियाँ हैं। .

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भतीजी

भतीजी एक पारिवारिक रिश्ते के लिये इस्तेमाल होने वाला शब्द है। भाई/बहन की बेटी या पुत्री को भतीजी कहते हैं। पड़-भतीजी भतीजी/भतीजा के पुत्री को कहते हैं। .

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मैरी १, इंग्लैंड की रानी

मैरी प्रथम (18 फरवरी 1516 – 17 नवंबर 1558), इंग्लैंड और आयरलैंड की जुलाई 1553 से अपनी मृत्यु तक रानी थीं। अपने शासनकाल में प्रोटेस्टैंटों को दी गई मौत की जघन्य सजाओं ने उन्हें खूनी मैरी यानि "Bloody Mary" के नाम से भी बदनाम कर दिया। बचपन पार कर युवा होने वाली मैरी हेनरी अष्टम और उनकी पहली पत्नी एरागॉन की कैथरीन की एकमात्र संतान थीं। उनसे छोटे सौतेले भाई एडवर्ड ६ (हेनरी और जेन सेमोर के पुत्र) अपने पिता के बाद 1547 में अंग्रेजी सिंहासन के उत्तराधिकारी बने। 1553 में एडवर्ड के बीमार पड़ने पर उसने मैरी को धार्मिक मतभिन्नता की वजह से सिंहासन के उत्तराधिकार सूची से हटाने की कोशिश की। उसकी मृत्यु पर पहले उसकी बुआ लेडी जेन ग्रे को सर्वप्रथम रानी घोषित किया गया। मैरी ने पूर्वी एंग्लिया में एक सैन्य बल इकट्ठा किया और जेन को सफलतापूर्वक हटा दिया और जिसे अंतत: मौत की सजा दे दी गई। जेन के शासन के विवादत दावों साम्राज्ञी मटिल्डा के अलावा— इंग्लैंड की पहली रानी शासक थीं। 1554 में मैरी ने स्पेन के फिलिप २ से शादी करके 1556 में हैब्स्बर्ग स्पेन की पटरानी भी बनीं। ट्यूडर राजवंश के चौथे शासक के रूप में मैरी को इंग्लैंड में अपने सौतेले भाई और प्रोटेस्टैंट विचारों वाले एडवर्ड ६ के छोटे से शासनकाल के खत्म होने के बाद रोमन कैथोलिक धर्म की पुनर्स्थापना के लिये जाना जाता है। अपने पांच वर्षों के कार्यकाल के दौरान मैरी ने 280 प्रोटेस्टैंटों को जिंदा जलवा दिया। रोमन कैथोलिक धर्म का उनका पुनर्स्थापन उनकी सौतेली बहन और 1558 में उनकी मृत्यु के बाद इंग्लैंड पर राज करने वाली हेनरी व एन बोलिन की संतान एलिज़ाबेथ प्रथम ने पलट दिया। Waller, p. 16; Whitelock, p. 9 before Mary's birth, four previous pregnancies had resulted in a stillborn daughter and three short-lived or stillborn sons, including Henry, Duke of Cornwall.

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लिन्लिथगो

लिन्लिथगो (Gleann Iucha, Lithgae) स्कॉटलैंड के पश्चिमी लोथियन में स्थित एक शाही नगर है। यह पश्चिमी लोथियन का एक काउंटी है, और काउंटी का नाम लिन्लिथ्गोशायर इसके नाम पर है। यह एक प्राचीन नगर है जो इसके दो बेहद महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों लिन्लिथगो महल और लिन्लिथगो झील के दक्षिण व स्कॉटलैंड की यूनियन नहर के उत्तर में स्थित है। लिन्लिथगो के कुल पुजारी सेंट माइकल हैं और इसका ध्येय वाक्य है St.

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लिन्लिथगो महल

लिन्लिथगो महल के अवशेष एडिनबरा के पश्चिम में पर पड़ने वाले लिन्लिथगो शहर, पश्चिम लोथियन, स्कॉटलैंड में स्थित हैं। पंद्रहवीं व सोलहवीं शताब्दी में यह महल स्कॉटलैंड के राजाओं व शासकों का मुख्य घर रहा है। १६०३ में स्कॉटलैंड के शासकों के इंग्लैंड चले जाने के बाद इसका रख -रखाव किया जाता रहा लेकिन रहने के लिये इसका इस्तेमाल बहुत कम हुआ और इसे १७४६ में जला दिया गया। अब यह स्कॉटलैंड का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है जिसकी देखरेख हिस्टोरिक स्कॉटलैंड नामक संस्था करती है। .

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सारंगी

thumb सारंगी एक गायकी प्रधान भारतीय शास्त्रीय संगीत का वाद्य यंत्र है। प्राचीन काल में सारंगी घुमक्कड़ जातियों का वाद्य था। इसका प्राचीन नाम सारिंदा था, जो कालांतर में सारंगी हुआ। एक मत यह भी है कि यह नाम हिन्दी के सौ और रंग शब्दों से मिलकर बना है जिसका अर्थ सौ रंगों वाला होता है। इसे इस प्रकार देख सकते है, भारतीय शास्त्रीय संगीत के वाद्ययंत्रो में सौ प्रकार की धुनों को निकालने वाला यह एक वाद्ययंत्र है। सारंगी दो प्रकार की प्रयोग में लाई जाती हैं। एक सिंधी सारंगी व दुसरी गुजरातन सारंगी। सिंधी सारंगी थोड़ी बड़ी होती है, वहीं गुजरातन सारंगी थोड़ी छोटी होती है जिसे गुजरात में बनाया जाता है। सारंगी के भाग सारंगी के भाग सारंगी के भाग सारंगी वादक सारंगी वादक .

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स्टर्लिंग

स्टर्लिंग,(Stirling; Stirlin; Sruighlea) मध्य स्काॅटलैंड में स्थित एक एतिहासिक नगर है। २०११ की आधिकारिक जनगणना के अनुसार इसकी कुल जनसंख्या ९०,००० के करीब है। यह शहर स्टर्लिंग कासल और उसके मध्ययुगीन पुराने शहर के आसपास बसा है। यह स्टर्लिंग परिषद क्षेत्र का प्रशासनिक मुख्यालय एवं प्रमुख नगर है। पारम्परिक रूप से, यह स्टर्लिंगशायर काउण्टी का काउण्टी टाउन भी है। फ़ोर्थ नदी इसके पास से गुज़रती है, और यह उसके नदमुख से ३० मील, धारा-प्रतिकूल, स्थित है। यह स्काॅटलैंड के हाइलैंड्स् और लोऽलैंड्स् के बिलकुल सीमा पर स्थित है और इसे प्रायः "हाइलैण्ड्स के द्वार" एवं "हाइलैंण्स और लोऽलैंण्डस को साथ जोड़े रखने वाली कड़ी" के नाम से भी संबोधित किया जाता है। फ़ोर्थ के किनारे बसे होने एवं ऐतिहासिक तौर पर, फ़ोर्थ पर स्थित निकटतम् लांघाव होने के कारण यह वाइकिंग एवं रोमन समेत अनेक आक्रमणकारियों का आकर्षण रहा है। इन कई आक्रमणों की कहानियों में से एक कहानी "बीस्ट ऑफ़ स्टर्लिंग"(स्टर्लिंग का दानव) की है, जोकी एक भोड़िया था, जिसने हूंकार कर नगरवासियों को आ रहे वाइकिंग आक्रमणकारियों से सचेत कर दिया था। हमेशा से ही यह शहर, स्काॅटिश राजसत्ता के प्रमुख गढों रहे इस शहर को ११३० में राजा डेविड (प्रथम) द्वारा एक शाही बर्ग के रूप में घोशित किया गया था, जिस पद को १९७५ में हटा लिया गया। २००२ में इसे "नगर का पद" दे दिया गया था, जो अब भी है। किसी समय यह स्काॅटलैंड की राजधानी एवं स्काॅटिश राजशाही का गढ़ हुआ करता था। आज भी स्टर्लिंग कासल में उस युग की ईमारतों, जिनमें ग्रेट हाॅल व रेनेसा पैलस शामिल हैं, को देखा जा सकता है। चर्च ऑफ़ होली रूड यहाँ स्थित है, जहाँ २९ जुलाई १५६७ को राजा जेम्स शष्ठम् का राज्याभिशेख किया गया था .

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स्टर्लिंग किला

स्टर्लिंग क़िला, स्टर्लिंग में स्थित स्कॉटलैंड के सबसे महत्वपूर्ण व ऐतिहासिक इमारतों में से है। क़िला स्टर्लिंग सिल नामक भौगोलिक संरचना के हिस्से कैसल हिल यानी पहाडी किले के उपर स्थित है। इसके तीन तरफ खडी चट्टानें व खाईयाँ हैं जो इसे बेहद मजबूत सुरक्षा प्रदान करती हैं। इसकी सामरिक स्थिति जिसकी सुरक्षा १८९० तक फोर्थ नदी के नीचे की ओर बहने वाले तेज बहाव करते थे ने इसे १२वीं सदी से ही एक महत्वपूर्ण किलेनुमा शाही महल बना रखा था। इस क़िले की अधिकांश महत्वपूर्ण भवन १५वीं व १६वीं शताब्दी में निर्मित हैं। चौदहवीं शताब्दी के भी कुछ भवन बचे हैं जबकि नगर की दिशा वाले बाहरी दीवारें अट्ठारहवीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध की हैं। १५४२ में मैरी सहित स्कॉटलैंड के तमाम शासकों का यहाँ राज्याभिषेक हुआ।स्टर्लिंग क़िले को कम से कम ८ बार आक्रमण करके कब्जाया गया जिनमें से अधिकतर स्कॉटिश स्वतंत्रता संग्राम के समय हुए। अंतिम बार इसपर १७४६ में आक्रमण हुआ जब चार्ल्स एडवर्ड स्टुअर्ट ने इस पर कब्ज़ा करने का असफल प्रयास किया। स्टर्लिंग क़िला अब एक ऐतिहासिक धरोहर है और ऐतिहासिक स्कॉटलैंड नामक सरकारी संस्था द्वारा प्रबंधित पर्यटन स्थल है। .

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स्कॉट्लैण्ड

स्काटलैंड यूनाइटेड किंगडम का एक देश है। यह ग्रेट ब्रिटेन का उत्तरी भाग है। यह पहाड़ी देश है जिसका क्षेत्रफल ७८,८५० वर्ग किमी है। यह इंगलैंड के उत्तर में स्थित है। यहां की राजधानी एडिनबरा है। ग्लासगो यहाँ का सबसे बड़ा शहर है। स्कॉटलैण्ड की सीमा दक्षिण में इंग्लैंड से सटी है। इसके पूरब में उत्तरी सागर तथा दक्षिण-पश्चिम में नॉर्थ चैनेल और आयरिश सागर हैं। मुख्य भूमि के अलावा स्कॉटलैण्ड के अन्तर्गत ७९० से भी अधिक द्वीप हैं। यूँ तो स्कॉटलैंड यूनाइटेड किंगडम के अधीन एक राज्य है लेकिन यहाँ का अपना मंत्रिमंडल है। यहाँ की मुद्रा का रंग और उस पर बने चित्र भी लंदन के पौंड से कुछ अलग है। लेकिन उनकी मान्यता और मूल्य दोनों ही पौंड के समान है। यहाँ घूमने और लोगों से बात करने पर पता चलता है कि यहाँ के लोग इंग्लैंड सरकार से थोड़े से खफा रहते हैं। .

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हेनरी स्टुअर्ट, लॉर्ड डार्न्ले

हेनरी स्टुअर्ट या स्टुअर्ट, अल्बानी का ड्यूक (7 दिसम्बर 1545 – 10 फरवरी 1567), जिसकी १५६५ से पहले नाम की शैली लॉर्ड डॉर्न्ले थी, कर्को-फील्ड में १५६७ में अपनी हत्या से पहले तक स्कॉटलैंड का पटराजा था। वह मैथ्यु स्टीवर्ट, लेनॉक्स का चौथा अर्ल व उसकी पत्नी मार्गरेट डगलस का दूसरा बेटा था। डार्न्ले के नाना आर्किबाल्ड डगलस और नानी हेनरी सप्तम की बेटी मार्गरेट टुडोर थीं जो स्कॉटलैंड के जेम्स चतुर्थ की विधवा भी थीं। ऐसा माना जाता है कि हेनरी स्टुअर्ट का जन्म ७ दिसम्बर को हुआ था। वह स्कॉटलैंड की रानी मैरी १ का फुफेरा भाई व दूसरा पति और इंग्लैंड के राजा जेम्स १ का पिता था। जेम्स, एलिज़ाबेथ प्रथम के बाद इंग्लैंड व स्कॉटलैंड का संयुक्त राजा बना था।एलैने फिनी ग्रेग, 'Stewart, Henry, duke of Albany (1545/6–1567)', Oxford Dictionary of National Biography, ऑक्स्फोर्ड विश्वविद्यालय प्रेस, 2004; online edn, Jan 2008 .

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हेनरी ७, इंग्लैंड का राजा

हेनरी ७ एक ब्रिटेन का शासक था जिन्होंने ब्रिटेन पर शासन किया था। .

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होलीरूड महल

हॉलीरूड का महल, स्कॉटलैण्ड में ब्रिटिश राजपरिवार का आधिकारिक निवास स्थान है। एडिनबर्ग में रोयल माइल के दक्षिण में एडिनबर्ग किला के सामने स्थित यह होलीरूड स्कॉटिश शासकों का सोलहवीं सदी से ही निवास स्थान रहा है। महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय हर गर्मियों की शुरुवात में एक हफ्ता होलीरूड महल में बिताती हैं। .

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जेम्स पंचम

ब्रिटेन का शासक। .

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जेम्स प्रथम

जेम्स प्रथम (१५६६-१६२५) ग्रेट ब्रिटेन तथा आयरलैंड का शासक (१६०३-२५) था जो 'जेम्स षष्ठ' (१५२७-१६२५) के नाम से स्काटलैंड का शासक भी था। वह मेरी स्काट तथा उसके द्वितीय पति लार्ड डार्नले की एकमात्र संतान होने के साथ साथ हेनरी सप्तम की पुत्री मार्गरेट का पौत्र था। स्काटलैंड के शासक की स्थिति से उसने सांमतों की शक्ति को विघटित किया था। डेनमार्क की ऐन से उसने १५८९ ई॰ विवाह किया। १६०३ ई॰ में इंग्लैंड का शासक होने पर इंग्लैंड और स्काटलैंड दोनों राजसत्ताओं को एक किया। अत्यधिक विद्वान तथा कौशलहीन होने के कारण उसे क्रिसेन्डम के 'सबसे बुद्धिमान मूर्ख' की उपाधि मिली थी। राजा के दैवी अधिकार का कट्टर पोषक होने के कारण उसने एक चर्चप्रधान राज्य संचालन की नीति अपनाई। प्रारंभिक वर्षों में उसके प्रमुख सलाहकार सैलिसबरी का अर्ल तथा बकिंघम का ड्यूक थे। उसके शासन से राजा तथा संसद् के दीर्घकालीन संघर्ष का प्रारंभ होता है। उसके शासन में सब मिलाकर चार संसदें आयोजित हुईं। यद्यपि जेम्स विधान के अतिक्रमण करने का दोषी नहीं था पर वह उसकी प्रतिष्ठा का सही अनुमान नहीं लगा सकता था। संघर्ष के प्रमुख कारण धर्म, कर-व्यवस्था, वैदेशिक नीति थे। बिना पार्लिमेंट की स्वीकृति के जेम्स ने इम्पोजीशन्स नामक टैक्स लगाए। पार्लिमेंट ने राजा के मंत्रियों पर लगाया जानेवाला इम्पीचमेंट का प्राचीन अधिकार पुनर्जीवित किया। जेम्स की वैदेशिक नीति ने जिसका उद्देश्य स्पेन से मैत्रीपूर्ण व्यवहार तथा साधारण शांति स्थापित करना था, उस जनता को अप्रसन्न कर दिया जो तीस वर्षीय युद्ध में यह आशा करती थी कि जेम्स, पैलेटाइन के इलेक्टर फ्रेडरिक की, जो कि उसका दामाद था, सहायता करेगा। अपने पुत्र चार्ल्स का विवाह स्पेन की राजकुमारी से कराने में असफल होने पर जेम्स ने १६२४ ई॰ में स्पेन के विरुद्ध युद्ध की घोषणा की। जेम्स ने मध्यम श्रेणी की साहित्यिक रचनाएँ अपने पीछे छोड़ीं। श्रेणी:यूके का इतिहास.

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जेम्स हेपबर्न, बोथवेल का चौथा अर्ल

जेम्स हेपबर्न, ऑर्क्ने का ड्यूक (ल. 1534 – 14 अप्रैल 1578), जिसे उसके पैतृक नाम बोथवेल का अर्ल (सामंत) से ज्यादा जाना जाता है, १६वीं शताब्दी में स्कॉटलैंड का एक प्रमुख राजनैतिक व कुलीन व्यक्तियों में से एक था। जेम्स को स्कॉटलैंड की रानी मैरी १ के तीसरे पति के रूप में ज्यादा प्रसिद्धि मिली। जेम्स पर रानी के दूसरे पति की हत्या का आरोप लगा था जिससे मुक्त होने के बाद उसने रानी से शादी कर ली। .

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घुड़सवारी

घुड़सवारी करता एक युवक घुड़सवारी एक प्रकार की कला है, जिसमें व्यक्ति घोड़े पर बैठ कर सवारी करता है। इसमें उसे दिशा निर्देश देना और बिना गिरे उसकी सवारी करना ही इसमें एक कला का रूप लेता है। पहले जब गाड़ी आदि वाहन नहीं होते थे। तब मनुष्य इसी पर बैठ कर दूर दूर तक सवारी करता था। यह तेजी से भागता है, इस कारण किसी व्यक्ति को किसी स्थान पर जल्दी पहुँचना होता था तो वह इसी की सवारी करता था। .

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वेस्टमिंस्टर

वेस्टमिंस्टर (अंग्रेज़ी: Westminster) एक केन्द्रीय लंदन में सिटी ऑफ़ वेस्टमिंस्टर बरो का जिला है। यहां स्थित वेस्टमिंस्टर महल में लंदन का संसद भवन है।.

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वेस्ट्मिन्स्टर ऍबी

वेस्ट्मिन्स्टर ऍबी, (Westminster Abbey, सामान्य वर्तनी: वेस्टमिंस्टर ऐबी), जिसे पहले आधिकारिक रूप से अंग्रेज़ी में कॉलेजिएट चर्च ऑफ़ सेण्ट पीटर ऍट् वेस्ट्मिन्स्टर(वेस्टमिंस्टर में स्थित संत पीटर का कॉलेजिएट चर्च) का नाम दिया गया था, वेस्टमिंस्टर शहर, लंदन में स्थित एक विशाल, मुख्यत: गोथिक मठ व गिरिजाघर है। यह वेस्टमिंस्टर महल से पश्चिम में स्थित है। यह यूनाइटेड किंगडम के सबसे माननीय पूजा स्थलों में से एक है व ग्रेट ब्रिटेन के शाही परिवार के राज्याभिषेक का परम्परागत स्थल है। 1540 से 1556 तक इस मठ को कैथेड्रल का महत्व हासिल था। हालांकि 1560 से यह भवन मठ या कैथेड्रल नहीं रह गयी और सिर्फ़ शाही निजी संपत्ति ही कही जाती थी। "शाही निजी संपत्ति" – वो संपत्तियाँ थीं जो सीधे सम्राट के प्रति जवाबदेह थीं और सम्राट की जिम्मेदारी थीं। यह भवन वास्तविक मठ व गिरिजाघर है। 1080 में पहली बार सुलकार्ड द्वारा बताई गई परंपरा के अनुसार लंदन के थोर्नी द्वीप पर सातवीं शताब्दी में लंदन के पादरी मेलिटस के जमाने में एक गिरिजाघर का निर्माण हुआ था। वर्तमान गिरिजाघर का निर्माण सन् 1245 में हेनरी अष्टम के आदेश पर शुरु हुआ था।.

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ग्रेगोरी कैलेंडर

ग्रेगोरियन कैलेंडर (Gregorian calendar), दुनिया में लगभग हर जगह उपयोग किया जाने वाला कालदर्शक या तिथिपत्रक है। यह जूलियन कालदर्शक (Julian calendar) का रूपान्तरण है। इसे पोप ग्रेगोरी (Pope Gregory XIII) ने लागू किया था। इससे पहले जूलियन कालदर्शक प्रचलन में था, लेकिन उसमें अनेक त्रुटियाँ थीं, जिन्हें ग्रेगोरी कालदर्शक में दूर कर दिया गया। .

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ग्लासगो

स्काटलैंड का सब से बड़ा शहर ग्लासगो है। श्रेणी:स्कॉटलैण्ड के नगर.

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इंग्लैंड के हेनरी अष्टम्

हेनरी अष्टम (28 जून 1491-28 जनवरी 1547) 21 अप्रैल 1509 से अपनी मृत्यु तक इंग्लैंड के राजा थे। वे लॉर्ड ऑफ आयरलैंड (बाद में किंग ऑफ आयरलैंड) तथा फ्रांस के साम्राज्य के दावेदार थे। हेनरी ट्यूडर राजघराने के दूसरे राजा थे, जो कि अपने पिता हेनरी सप्तम के बाद इस पद पर आसीन हुए। अपने छः विवाहों के अलावा, हेनरी अष्टम चर्च ऑफ इंग्लैंड को रोमन कैथोलिक चर्च से पृथक करने में उनके द्वारा निभाई गई भूमिका के लिये भी जाने जाते हैं। रोम के साथ हेनरी के संघर्षों का परिणामस्वरूप पोप के प्रभुत्व से चर्च ऑफ इंग्लैंड का पृथक्करण हुआ और मठों का विघटन हो गया और उन्होंने स्वयं को चर्च ऑफ इंग्लैंड के सर्वोच्च प्रमुख (Supreme Head of the Church of England) के रूप में स्थापित कर लिया। उन्होंने धार्मिक आयोजनों व रस्मों को बदल दिया तथा मठों का दमन किया और साथ ही वे कैथलिक धर्मशास्त्र की मूल-शिक्षाओं के समर्थक बने रहे, यहां तक कि रोमन कैथलिक चर्च के साथ उनके निष्कासन के बाद भी। वेल्स ऐक्ट्स (Wales Acts) 1535-1542 के कानूनों के साथ हेनरी ने इंग्लैंड और वेल्स के वैधानिक मिलन का निर्देशन किया। अपनी युवावस्था में हेनरी एक आकर्षक और करिश्माई पुरुष थे, शिक्षित व परिपूर्ण.

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कैथरीन (फ्रांस की महारानी)

फ्रांस की महारानी कैथरीन कैथरीन (Catherine de' Medici) मूलत: इटालियन थी, जिसकी बचपन में माता-पिता के मर जाने के कारण शिक्षा दीक्षा एक मठ में हुई थी। राजनीतिक कारणों से 14 वर्ष की अवस्था में ही 1533 ई0 में उसका विवाह आर्लियन के डयूक से हुआ जो पीछे हेनरी द्वितीय के नाम से शासक हुए। जब दस बरस तक उसे कोई संतान नहीं हुई तो राजदरबार में तलाक की चर्चा होने लगी थी पर शीघ्र ही संतानवती होने पर बात दब गई। 1552 ई0 में जब हेनरी को मेत्स के युद्ध में जाना पड़ा तो सीमित अधिकारों के साथ वह राज की अभिभाविका बनाई गई और वह अपने बेटे फ्रैंसिस द्वितीय के शासक होने के बाद भी अभिभाविका बनी रही। 1560 में फ्रैंसिस की मृत्यु हो जाने पर अपने द्वितीय पुत्र चार्ल्स नवम की ऊनवयस्कता की अवधि में वह उसकी संरक्षिका (रीजेंट) रहीं और धर्मयुद्ध के बीस बरसों के बीच उसने अपना प्रभुत्व बनाए रखा आरंभ में उसने कैथोलिक और प्रोटेस्टेंटों के बीच हो रहे संघर्ष में अपने को तटस्थ बनाए रखने की चेष्टा की। पर स्वाभाव से कैथोलिक होने तथा शक्तिलिप्सा के कारण उसने प्रोटेस्टेंटों के शक्तिशाली होने से रोकने का प्रयास किया किंतु उन्हें अपने दाँवपेंच को बनाए रखने के लिये कुचला भी नहीं। किंतु उसकी कतरव्योंत की यह नीति सफल न हो सकी और एक के बादएक गृह-युद्ध होते गए। चार्ल्स की मृत्यु के पश्चात्‌ उसका प्रभाव घटता गया। 5 जनवरी 1589 को उसकी मृत्यु हुई। .

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कैथोलिक धर्म

"बिशप" नामक उच्च पद पर नियुक्त एक कैथोलिक पादरी स्पेन में चलती दो ननें कैथोलिक धर्म या रोमन कैथोलिक धर्म ईसाई धर्म की एक मुख्य शाखा है जिसके अनुयायी रोम के वैटिकन नगर में स्थित पोप को अपना धर्माध्यक्ष मानते हैं। ईसाई धर्म की दूसरी मुख्य शाखा प्रोटेस्टैंट कहलाती है और उसके अनुयायी पोप के धार्मिक नेतृत्व को नहीं स्वीकारते। कैथोलिकों और प्रोटेस्टैंटों की धार्मिक मान्यताओं में और भी बड़े अंतर हैं। .

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कैथोलिक गिरजाघर

कैथोलिक गिरजाघर, जिसे रोमन कैथोलिक गिरजाघर के रूप में भी जाना जाता है, दुनिया का सबसे बड़ा ईसाई गिरजाघर है, दावे के अनुसार इसके सौ करोड़ से अधिक सदस्य हैं।.

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अवसाद

अवसाद या डिप्रेशन का तात्पर्य मनोविज्ञान के क्षेत्र में मनोभावों संबंधी दुख से होता है। इसे रोग या सिंड्रोम की संज्ञा दी जाती है। आयुर्विज्ञान में कोई भी व्यक्ति डिप्रेस्ड की अवस्था में स्वयं को लाचार और निराश महसूस करता है। उस व्यक्ति-विशेष के लिए सुख, शांति, सफलता, खुशी यहाँ तक कि संबंध तक बेमानी हो जाते हैं। उसे सर्वत्र निराशा, तनाव, अशांति, अरुचि प्रतीत होती है। अवसाद के भौतिक कारण भी अनेक होते हैं। इनमें कुपोषण, आनुवांशिकता, हार्मोन, मौसम, तनाव, बीमारी, नशा, अप्रिय स्थितियों में लंबे समय तक रहना, पीठ में तकलीफ आदि प्रमुख हैं। इनके अतिरिक्त अवसाद के ९० प्रतिशत रोगियों में नींद की समस्या होती है। मनोविश्लेषकों के अनुसार अवसाद के कई कारण हो सकते हैं। यह मूलत: किसी व्यक्ति की सोच की बुनावट या उसके मूल व्यक्तित्व पर निर्भर करता है। अवसाद लाइलाज रोग नहीं है। इसके पीछे जैविक, आनुवांशिक और मनोसामाजिक कारण होते हैं। यही नहीं जैवरासायनिक असंतुलन के कारण भी अवसाद घेर सकता है। इसकी अधिकता के कारण रोगी आत्महत्या तक कर सकते हैं। इसलिए परिजनों को सजग रहना चाहिए और उनके परिवार का कोई सदस्य गुमसुम रहता है, अपना ज्यादातर समय अकेले में बिताता है, निराशावादी बातें करता है तो उसे तुरंत किसी अच्छे मनोचिकित्सक के पास ले जाएं। उसे अकेले में न रहने दें। हंसाने की कोशिश करें। मनोविश्लेषकों के अनुसार प्राकृतिक तौर पर महिलाएं पुरुषों की अपेक्षा अवसाद की शिकार कम बनती हैं, लेकिन अवांछित दबावों से वह इसकी शिकार हो सकती हैं। इस कारण प्रायः माना जाता है कि महिलाओं को अवसाद जल्दी आ घेरता है। इसके विपरीत पुरुष अक्सर अपनी अवसाद की अवस्था को स्वीकार करने से संकोच करते हैं। मोटे अनुमान के अनुसार दस पुरुषों में एक जबकि दस महिलाओं में हर पांच को अवसाद की आशंका रहती है। अवसाद का संबंध मस्तिष्क के उन्हीं क्षेत्रों द्वारा होता है, जहां से निद्रा चक्र और जागरण की अवस्था नियंत्रित होती है। अवसाद अक्सर दिमाग के न्यूरोट्रांसमीटर्स की कमी के कारण भी होता है। न्यूरोट्रांसमीटर्स दिमाग में पाए जाने वाले रसायन होते हैं जो दिमाग और शरीर के विभिन्न हिस्सों में तारतम्यता स्थापित करते हैं। इनकी कमी से भी शरीर की संचार व्यवस्था में कमी आती है और व्यक्ति में अवसाद के लक्षण दिखाई देते हैं। इस तरह का अवसाद आनुवांशिक होता है। अवसाद के कारण निर्णय लेने में अड़चन, आलस्य, सामान्य मनोरंजन की चीजों में अरुचि, नींद की कमी, चिड़चिड़ापन या कुंठा व्यक्ति में दिखाई पड़ते हैं। अवसाद के कारणों में इसका एक पूरक चिंता (एंग्ज़ायटी) भी है। इसके उपचार में योगासन में प्राणायाम बहुत सहायक सिद्ध हुआ है। कई बार अतिरिक्त चिड़चिड़ापन, अहंकार, कटुता या आक्रामकता अथवा नास्तिकता, अनास्था और अपराध अथवा एकांत की प्रवृत्ति पनपने लगती है या फिर व्यक्ति नशे की ओर उन्मुख होने लगता है। ऐसे में जरूरी है कि हम किसी मनोचिकित्सक से संपर्क करें। व्यक्ति को खुशहाल वातावरण दें। उसे अकेला न छोड़ें तथा छिन्द्रान्वेषण कतई न करें। उसकी रुचियों को प्रोत्साहित कर, उसमें आत्मविश्वास जगाएँ और कारण जानने का प्रयत्न करें। अमेरिका के कुछ वैज्ञानिकों ने गहन शोध के बाद यह दावा किया है कि यदि कोई व्यक्ति लगातार सकारात्मक सोच का अभ्यास करता है, तो वह उसके डिप्रेशन या अवसाद की स्थिति का एकमात्र इलाज हो सकता है। अमेरिकन एकेडमी ऑफ फैमेली फिजिशियन का कहना है कि लोगों को नकारात्मक नहीं सोचना चाहिए। न ही विफलता के भय को लेकर चिंतित होते रहना चाहिए। इनकी बजाय हमेशा सकारात्मक सोच दिमाग में रखना चाहिए जो होगा अच्छा होगा। घर में अन्य सदस्यों को अवसाद की बीमारी होने से भी यह परेशानी महिलाओं को जल्दी पकड़ती है। क्योंकि घर से लगाव पुरुषों के मुकाबले उन्हें ज्यादा होता है। इसके चलते कभी-कभी उनमें आत्महत्या की इच्छा जोर मारने लगती है। इसलिए पुरुषों के मुकाबले महिलाओं का अवसाद ज्यादा खतरनाक होता है। हालांकि मंदी और कॉम्पटीशन के दौर में डिप्रेशन अब युवाओं को भी अपना शिकार बनाने लगा है इसलिए कोशिश यह रखनी चाहिए कि आप खुशनुमा पलों की तलाश करें और सकारात्मक सोच रखें। इससे बचने के उपायों में व्यस्त रहकर मस्त रहना, अपने लिए समय निकालना, संतुलित आहार सेवन, अपने लिए समय निकालना और सामाजिक मेलजोल बढ़ाना मूल उपाय हैं। युवाओं में बढ़ता तनाव .

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