4 संबंधों: दन्त निष्कर्षण, दन्तचिकित्सा, दाँत दर्द, मूल नालिका।
दन्त निष्कर्षण
शल्य द्वारा दन्त निष्कर्षण का दृष्य जबड़ों से उखाड़कर दाँत को बाहर निकालना दन्त निष्कर्षण कहलाता है। दांत निकालने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। .
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दन्तचिकित्सा
दंतचिकित्सक दंतचिकित्सा (Dentistry) स्वास्थ्यसेवा की वह शाखा है, जिसका संबंध मुख के भीतरी भाग और दाँत आदि की आकृति, कार्यकरण, रक्षा तथा सुधार और इन अंगों तथा शरीर के अंत:संबंध से है। इसके अंतर्गत शरीर के रोगों के मुख संबंधी लक्षण, मुख के भीतर के रोग, घाव, विकृतियाँ, त्रुटियाँ, रोग अथवा दुर्घटनाओं से क्षतिग्रस्त दाँतों की मरम्मत और टूटे दाँतों के बदले कृत्रिम दाँत लगाना, ये सभी बातें आती हैं। इस प्रकार दंतचिकित्सा का क्षेत्र लगभग उतना ही बड़ा है, जितना नेत्र या त्वचाचिकित्सा का। इसका सामाजिक महत्व तथा सेवा करने का अवसर भी अधिक है। दंतचिकित्सक का व्यवसाय स्वतंत्र संगठित है और यह स्वास्थ्यसेवाओं का महत्वपूर्ण विभाग है। दंतचिकित्सा की कला और विज्ञान के लिये मुख की संरचना, दाँतों की उत्पत्ति विकास तथा कार्यकरण और इनके भीतर के अन्य अंगों और ऊतकों तथा उनके औषधीय, शल्य तथा यांत्रिक उपचार का समुचित ज्ञान आवश्यक है। .
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दाँत दर्द
दंतमज्जाशोथ जो दाँत दर्द का प्रमुख कारण है। दाँतों में या दांतों के आसपास होने वले दर्द को दाँत का दर्द या दन्तशूल (toothache) कहते हैं। .
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मूल नालिका
दाँतों के मूल में स्थित जगह को '''मूल नालिका''' (root canal) कहा जाता है। .