लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
डाउनलोड
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

मूल आवृत्‍ति

सूची मूल आवृत्‍ति

'''तनी हुई डोरी का कम्पन''': मूल आवृत्ति (सबसे ऊपर) तथा ६ ओवर-टोन्स किसी आवर्ती वेवफॉर्म को फुर्रे श्रेणी के रूप में बदलने पर उसमें निहित सबसे कम आवृत्ति को उस वेवफॉर्म की मूल आवृत्ति (fundamental frequency) कहते हैं। एक दूसरे सन्दर्भ में, किसी तनी हुई डोरी या ड्रम से जो सबसे कम आवृत्ति की ध्वनि निकल सकती है, उसे उसकी मूल आवृत्ति कहते हैं। मूल आवृत्ति के पूर्णांक गुणकों को सन्नादी (हार्मोनिक्स) कहा जाता है। उदाहरण के लिये, यदि मूल आवृत्ति ४०० हर्ट्ज हो तो, प्रथम सन्नादी ८०० हर्ट्ज का तथा पाँचवाँ सन्नादी २००० हर्ट्ज का होगा। .

2 संबंधों: प्राकृतिक आवृत्‍ति, फ़ूर्ये श्रेणी

प्राकृतिक आवृत्‍ति

किसी बाहरी चलाने वाले बल या डैम्प करने वाले बल की अनुपस्थिति में कोई निकाय जिस आवृत्ति पर कम्पन करता है उसे उस निकाय की प्राकृतिक आवृत्ति (Natural frequency) कहते हैं। किसी भी प्रत्यास्थ वस्तु का स्वतंत्र कम्पन उसकी प्राकृतिक आवृत्ति पर ही होता है। स्वतंत्र कम्पन और प्रणोदित कंपन (forced vibration) से भिन्न है। प्रणोदित कम्पन की आवृत्ति लगाये गये वाह्य बल की आवृत्ति के बराबर होती है (प्राकृतिक आवृत्ति के बराबर नहीं)। किन्तु यदि लगाये गये वाह्य बल की आवृत्ति निकाय के प्राकृतिक आवृत्ति के बराबर (या बहुत पास) हो तो दोलन का आयाम कई गुना बढ़ जाता है। इसी को अनुनाद कहते हैं। .

नई!!: मूल आवृत्‍ति और प्राकृतिक आवृत्‍ति · और देखें »

फ़ूर्ये श्रेणी

फूर्ये श्रेणी के आरम्भिक एक, दो, तीन या चार पदों द्वारा वर्ग तरंग फलन (square wave function) का सन्निकटीकरण (approximation)। अधिक पद जोड़ने पर प्राप्त ग्राफ, वर्ग-तरंग के ग्राफ के अधिकाधिक निकट दिखने लगता है। गणित में फूर्ये श्रेणी (Fourier series) एक ऐसी अनन्त श्रेणी है जो f आवृत्ति वाले किसी आवर्ती फलन (periodic function) को f, 2f, 3f, आदि आवृत्तियों वाले ज्या और कोज्या फलनों के योग के रूप में प्रस्तुत करती है। इसका प्रयोगे सबसे पहले जोसेफ फ़ूर्ये (१७६८ - १८३०) ने धातु की प्लेटों में उष्मा प्रवाह एवं तापमान की गणना के लिये किया था। किन्तु बाद में इसका उपयोग अनेकानेक क्षेत्रों में हुआ और यह विश्लेषण का एक क्रान्तिकारी औजार साबित हुआ। इसकी सहायता से कठिन से कठिन फलन भी ज्या और कोज्या फलनों के योग के रूप में प्रकट किये जाते हैं जिससे इनसे सम्बन्धित गणितीय विश्लेषण अत्यन्त सरल हो जाते हैं। .

नई!!: मूल आवृत्‍ति और फ़ूर्ये श्रेणी · और देखें »

यहां पुनर्निर्देश करता है:

मूल आवृत्ति

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »