नाटक हो माइम (मूकाभिनय) दोनो में ही ताल बेहद ज़रूरी है। वरना अभिनय के साथ - साथ कलाकार भी बेताला कहलाऐंगे। और कोई भी दर्षक हमारे अभिनय को नही देखेगा यानी अभिनय कोई भी हो तालबद्ध होना अतिआवष्यक है।.
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