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मुंशी दयानारायण निगम

सूची मुंशी दयानारायण निगम

मुंशी दयानारायण निगम बीसवीं सदी के प्रारंभ में कानपुर से प्रकाशित होने वाली उर्दू पत्रिका ज़माना के संपादक थे। उन्होंने प्रेमचंद की पहली कहानी दुनिया का सबसे अनमोल रतन प्रकाशित की थी। नवाबराय के नाम से लिखने वाले लेखक को प्रेमचंद नाम भी मुंशी दयानारायण निगम ने दिया था। जन्म तथा शिक्षा मुंशी दयानारायण निगम का जन्म 22 मार्च, 1882 को उत्तर प्रदेश राज्य के कानपुर शहर में हुआ था। उन्होंने 'इलाहाबाद विश्वविद्यालय', उत्तर प्रदेश से शिक्षा पाई थी। निगम जी विद्वान् व्यक्तित्व के धनी थे। वे अंग्रेज़ी, उर्दू, फ़ारसी के साथ-साथ ये बंगला, गुजराती और मराठी भाषाओं के भी ज्ञाता थे। सम्पादक व समाज सुधारक दयानारायण निगम ने मासिक पत्र 'ज़माना' के माध्यम से 'उर्दू साहित्य' की अभूतपूर्व सेवा की। यद्यपि निगम जी राष्ट्रीय विचारों के व्यक्ति थे, किन्तु संघर्ष की राजनीति से वे प्राय: अलग ही रहे। समाज सुधार उनका प्रिय विषय था, और वे अंतर्जातीय और 'विधवा विवाह' पर बड़ा बल देते थे। कहते हैं कि उनके आग्रह पर ही मुंशी प्रेमचन्द एक विधवा स्त्री से विवाह करने के लिए तैयार हुए थे। मुंशी प्रेमचन्द की अधिकांश उर्दू रचनाएँ 'ज़माना' में ही छपती थीं। मोहम्मद इक़बाल की प्रसिद्ध रचना 'सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा' भी 'ज़माना' में ही पहली बार प्रकाशित हुई थी। श्रेणी:हिन्दी पत्रकार श्रेणी:प्रेमचंद.

4 संबंधों: दुनिया का सबसे अनमोल रतन, प्रेमचंद, कानपुर, उर्दू भाषा

दुनिया का सबसे अनमोल रतन

दुनिया का अनमोल रतन प्रेमचंद की पहली कहानी थी। यह कहानी कानपुर से प्रकाशित होने वाली उर्दू पत्रिका ज़माना में १९०७ में प्रकाशित हुई थी। यह कहानी बाद में प्रेमचंद के कहानी संग्रह सोज़े वतन में संकलित की गई थी। .

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प्रेमचंद

प्रेमचंद (३१ जुलाई १८८० – ८ अक्टूबर १९३६) हिन्दी और उर्दू के महानतम भारतीय लेखकों में से एक हैं। मूल नाम धनपत राय प्रेमचंद को नवाब राय और मुंशी प्रेमचंद के नाम से भी जाना जाता है। उपन्यास के क्षेत्र में उनके योगदान को देखकर बंगाल के विख्यात उपन्यासकार शरतचंद्र चट्टोपाध्याय ने उन्हें उपन्यास सम्राट कहकर संबोधित किया था। प्रेमचंद ने हिन्दी कहानी और उपन्यास की एक ऐसी परंपरा का विकास किया जिसने पूरी सदी के साहित्य का मार्गदर्शन किया। आगामी एक पूरी पीढ़ी को गहराई तक प्रभावित कर प्रेमचंद ने साहित्य की यथार्थवादी परंपरा की नींव रखी। उनका लेखन हिन्दी साहित्य की एक ऐसी विरासत है जिसके बिना हिन्दी के विकास का अध्ययन अधूरा होगा। वे एक संवेदनशील लेखक, सचेत नागरिक, कुशल वक्ता तथा सुधी (विद्वान) संपादक थे। बीसवीं शती के पूर्वार्द्ध में, जब हिन्दी में तकनीकी सुविधाओं का अभाव था, उनका योगदान अतुलनीय है। प्रेमचंद के बाद जिन लोगों ने साहित्‍य को सामाजिक सरोकारों और प्रगतिशील मूल्‍यों के साथ आगे बढ़ाने का काम किया, उनमें यशपाल से लेकर मुक्तिबोध तक शामिल हैं। .

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कानपुर

कानपुर भारतवर्ष के उत्तरी राज्य उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख औद्योगिक नगर है। यह नगर गंगा नदी के दक्षिण तट पर बसा हुआ है। प्रदेश की राजधानी लखनऊ से ८० किलोमीटर पश्चिम स्थित यहाँ नगर प्रदेश की औद्योगिक राजधानी के नाम से भी जाना जाता है। ऐतिहासिक और पौराणिक मान्यताओं के लिए चर्चित ब्रह्मावर्त (बिठूर) के उत्तर मध्य में स्थित ध्रुवटीला त्याग और तपस्या का संदेश दे रहा है। यहाँ की आबादी लगभग २७ लाख है। .

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उर्दू भाषा

उर्दू भाषा हिन्द आर्य भाषा है। उर्दू भाषा हिन्दुस्तानी भाषा की एक मानकीकृत रूप मानी जाती है। उर्दू में संस्कृत के तत्सम शब्द न्यून हैं और अरबी-फ़ारसी और संस्कृत से तद्भव शब्द अधिक हैं। ये मुख्यतः दक्षिण एशिया में बोली जाती है। यह भारत की शासकीय भाषाओं में से एक है, तथा पाकिस्तान की राष्ट्रभाषा है। इस के अतिरिक्त भारत के राज्य तेलंगाना, दिल्ली, बिहार और उत्तर प्रदेश की अतिरिक्त शासकीय भाषा है। .

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